पेट्रोल, डीजल और गैस की लगातार बढ़ती खपत और घरेलू बाजार में इनके लगातार बढ़ते दामों की समस्या के समाधान के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों के फलस्वरूप यदि अंधेरे में रहने वाले किसी छोटे से गांव में सौर ऊर्जा जैसे वैकल्पिक स्त्रोत से वहां रोशनी की व्यवस्था कर दी जाए, तो वहां के ग्रामवासियों के लिए इससे मिली खुशी को व्यक्त करना मुश्किल होगा। सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे मुरैना जिले के एक हजार की आबादी वाले ग्राम एेंती के ग्रामवासियों की स्थिति ऐसी ही है।
गैर पारंपरिक ऊर्जा के संरक्षण के लिए वैकल्पिक सौर ऊर्जा के उपयोग से इस गांव के लोगों का जीवन बदल गया है। इस गांव में पांच स्थानों पर सौर ऊर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट और पन्द्रह परिवारों के घरों में प्रकाश व्यवस्था है। पहले अंधेरे के कारण इस गांव के पास के जंगल से हिंसक पशुओं के द्वारा ग्रामीणों के मवेशी ले जाने का खतरा बना रहता था। लोगों को अंधेरे में घरों से बाहर निकलने में भय लगता था लेकिन रोशनी की व्यवस्था हो जाने के बाद जंगली जानवरों के आने का खतरा समाप्त हो गया है।
सूरज की रोशनी से बनी बिजली से गांववालों की सामाजिक व आर्थिक दिनचर्या ही बदल गई है। घरेलू वाले परिवारों के घरों में बच्चे रात में पढ़ाई-लिखाई करते हैं। परिवार के सदस्य पंखे की हवा लेते हैं और टेलीविजन का लुत्फ उठाते हैं। बच्चे सी.डी.भी चलाते हैं। ये परिवार सौर ऊर्जा का रात-दिन इस्तेमाल करते हैं। सौर ऊर्जा से सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि लोग रात्रि में गांव में बेखौफ चहल-कदमी भी कर लेते हैं और फिर जहां-तहां बैठकर चौपाल भी लगा लेते हैं। महिलाओं और बच्चों को भी अब रात में आने-जाने में कोई खौफ नहीं रहता।
फोटोवोल्टिक प्रणाली से संचालित सौर फोटोवोल्टिक प्रणालियां सूर्य के प्रकाश को बिजली में बदल देती हैं। सौर ऊर्जा की यह व्यवस्था प्रति स्ट्रीट लाइट तेईस हजार रूपये और प्रति होमलाइट साढ़े सात हजार रूपये व्यय कर की गई है। यह व्यवस्था ऊर्जा विकास निगम ने ऊर्जा किरण योजना के तहत की है। इन प्रणालियों में सूर्य के प्रकाश से इतनी बिजली बन जाती है कि यदि तीन दिन तक सूर्य के दर्शन न भी हों, तो इनसे रोशनी बराबर होती रहती है। इन प्रणालियों से स्ट्रीट लाइट शाम होते ही स्वत: रोशन हो जाती हैं और दिन निकलते ही खुद व खुद बुझ जाती हैं।
गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों में सौर ऊर्जा एक सस्ता, माकूल व टिकाऊ स्त्रोत है तथा ग्रामवासियों की सौर ऊर्जा क्षेत्र में दिलचस्पी बढ़ी है। अपने घर में सौर ऊर्जा का लाभ ले रहे श्री रामसहाय कुशवाह का कहना है कि इस प्रौद्योगिकी और सौर ऊर्जा के प्रसार से हम बिजली की मौजूदा मांग कम कर सकते हैं। सोलर लाइट प्रौद्योगिकी के जरिए ऊर्जा के लिहाज से हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं और कई गांवों को अंधेरे से मुक्ति दिला सकते हैं।
स्त्रोत : जनसंपर्क विभाग,मध्यप्रदेश सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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