अगर आपको कोई ऑपरेशन कराने की आवशयकता है या आपको कोई गंभीर रोग है तो पहले यह पता करें कि क्या अस्पताल में रहे बिना उसका उपचार सम्भव है। अगर केवल अस्पताल में रह कर ही आपकी देखभाल हो सकती है तो निम्नलिखित सलाह से लाभ हो सकता है :
कभी-कभी किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का हल केवल ऑप्रेशन से ही हो सकता है। अनेक ऑप्रेशन में डॉक्टर शरीर की अंदरूनी समस्यों के ठीक करने के लिए या शरीर की क्रिया प्रणाली को ठीक करने के लयी त्वचा को कटते हैं। नीचे महिलाओं पर किये जाने वाले कुछ सामान्य ऑप्रेशनों का वर्णन किया जा रहा है।
गर्भाशय की सफाई – खुरच कर या वैक्यूम को खींचकर कभी कभी गर्भाशय की आतंरिक भित्ति का, गर्भपात के दौरान या उसके पश्चात, निकालना आवश्यक हो जाता है ताकि योनि से असामान्य रक्त प्रवाह का करण पता लगया जा सकें।
ऑप्रेशन द्वारा जन्म ( सिजेरियन सेक्शन या सी सेक्सन ) – जब किसी जटिलता के कारण किसी महिला का नवजात शिशु के लिए सामान्य प्रसव व जन्म खतरनाक हो तो महिला के पेट को थोडा सा काट कर बच्चे को जन्मा जाता है। सी-सेक्शन वैसे तो आम तौर पर आवशयक व जान बचाने वाले सिद्ध होते हैं परन्तु अकसर वे डॉक्टर के फायदे के इए किये जाते हैं , न कि महिला के लिए।
बंधीकरण – इस ऑप्रेशन में महिला की फैलोपियन नलिकाओं को काट कर उसके सिरों को बन्ध दिया जाता है। इसके कारण महिला का अंडा गर्भाशय तक नहीं पहुँच पता है और परिणामस्वरूप पुरुष के वीर्य में उपस्थित शुक्राणु उसे गर्भवती नहीं बना सकते हैं।
गर्भाशय निकालना (हिस्टोक्टोमी) : यह एक बड़ा ऑप्रेशन है और तभी होना चाहिए जब आपकी समस्या का कोई अन्य समाधान न बचा हो पूछिए की क्या इस ऑप्रेशन में आपके अंडाशय छोड़े जा सकेंगे या नहीं ?
स्तन निकालना (मेस्टेक्टोमी) – यह एक बड़ा ऑपरेशन है जिसकी स्तन के कैंसर के उपचार में आवशयकता पड़ सकती है।
आपातस्थिति में तब आपको रक्त चढ़ाया जा सकता है जब आपका काफी खून बह गया हो। इससे आपकी जान बच सकती है। लेकिन अगर चढ़ाये जाने वाले खून की ठीक से जाँच नहीं कर ली गई हो तो एक हिपेटाइटिस तथा एच० आई० वी० / एड्स जैसे उन रोगों के संचरण का माध्यम बन सकता है जो खून में फैलता है।
अगर आपको ऐसा ऑपरेशन करना पड़ा रहा है जिसके बारे में आपको पहले से ही पता है तो देखिये कि क्या ऐसा संभव है कि आप स्वयं अपना खून पहले से ही दे कर उसे अस्पताल में संगृहीत करा सकें। तत्पश्चात अगर आपको उसी आवशयकता पड़े तो आप वही खून वापस चढ़ा सकती हैं। अगर आप खून संगृहीत नहीं करवा सकती हैं तो अपने किसी मित्र या संबंधी को अपने साथ अस्पताल आने को कहें। ऐसी स्थिति में सुनिश्चित करें कि ऐसी महिला का हिपेटाइटिस व एच० आई० वी० परिक्षण किए गया है और न ही उसका, और न ही उसके पति का पिछले तीन महीनों में कोई नया यौन साथी बना है। उसके खून की यह निश्चित करने के लिए भी जाँच होनी चाहिए की वह आपको चढ़ाये जाने के लिए अनुकूल है।
अगर आपको किसी अनजान व्यक्ति का खून चढ़ाया जाता है और अस्पताल इस खून का एच० आई० वी० के लिए परिक्षण नहीं करता है तो आपको संक्रमित होने का खतरा है। रक्त केवल प्रमाणित ब्लडबैंक से ही लें। अपने जान पहचान के परिवार जनों, सम्बन्धियों जैसे स्वेच्छिक दाताओं से खून लेना ही अधिक अच्छा है।
अस्पताल छोड़ने से पहले पूछिए कि-
जख्म को साफ़ रखने के लिए क्या करना है ?
अगर दर्द हो तो क्या करना है ?
आपको कितने दिनों तक आराम करना है ?
फिर से सहवास कब कर सकती हैं ? (अगर आपको इसे पूछने में शर्म आती है तो डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारी आपके पति से बात कर सकते हैं।)
नर्म, कम तेज भोजन खाईये जो पचाने में आसान हो।
जितना हो सके, आराम करें। अगर आप घर पर हैं तो अपने घर के सदस्यों से रोजमर्रा का कार्य सम्भालने को कहें। अपनी देखभाल में लगाए गए कुछ दिन आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ में बहुत फायदेमंद होंगे।
संक्रमण के लक्षण पर गौर फरमायें : ऑपरेशन के जख्म से मवाद निकलना था वहां लाली होना, दुर्गन्ध आना, बुखार हो जाना या दर्द का बढ़ जाना संक्रमण के लक्षण को सकते हैं। तुरंत किसी स्वास्थ्यकर्मी से सम्पर्क करें।
अगर आपके पेट का ऑपरेशन हुआ है : तो जख्म वाले भाग पर दबाव डालने से बचें। जब कभी आप खांसें या हिले-डुले तो किसी मुड़े हुए कपड़े, कम्बल या तकिए को जख्म पर हलके से दबाकर रखें।
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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