आतिशबाजी का प्रदर्शन - क्या करें और क्या न करें
यह भाग बाल स्वास्थ्य के अंतर्गत दमा की जानकारी बताते हुए दमा के आम कारक,जोखिम,लक्षण,निदान,निवारण के साथ उसकी चिकित्सा के बारे में बताता है।
इस भाग में दृष्टि क्षतिग्रस्त बच्चों के लिए मार्गदर्शिका की सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है।
नवजात शिशु को दूध पिलाने के लिए महिलाओं को विशेष प्रकार के कपड़ों की आवश्यकता होती है अब ऐसे कपड़े जो नवजात शिशु को दूध पिलाने के लिए काफी कंफर्ट होते हैं मार्केट में मिलने लगे हैं आपको ऐसे नर्सिंग ड्रेस खरीदने के लिए कुछ सावधानियां रखने की आवश्यकता होती है
इस भाग में एक वेब आधारित सॉफ्टवेयर साधन के बारे में जानकारी दी गई है जो मानसिक रुप से पिछड़े लोगों का मूल्यांकन करने में सक्षम है।
बच्चों में होने वाली पोलियो की बीमारी के बारे में अधिक जानकारी दी गयी है|
इस भाग में पोलियो बीमारी के कारण एवं उपायों का उल्लेख किया गया है।
प्रतिरक्षण बचपन के रोग और विकलांगता की रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण और कम लागत वाली रणनीति है। यह भाग प्रतिरक्षण की उपयोगिता और विश्वस्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत के लिए दी अनुशंसाओं के बारे में जानकारी देता है।
इस लेख में किस प्रकार बच्चे का अच्छा और सही शारीरिक और मानसिक विकास हो, इसकी जानकारी दी गयी है|
इस लेख में बच्चों को होने वाली आम बीमारियों का उल्लेख है, साथ ही किये जाने वाले सभी उपाय भी बताये गए है|
इस पृष्ठ में बच्चों की दस्त रोग से होने वाली मौतों से बचाव के उपाय बताये गए हैं।
बच्चों का विकास एक जटिल एवं सतत प्रक्रिया है। उन्हें एक खास आयु में कार्य-विशेष करने में सक्षम होना चाहिए। ये विकासात्मक मील के पत्थर कहलाते हैं। एक माता या पिता होने के नाते, यह समझना महत्वपूर्ण है कि कोई भी दो बच्चे समान रूप से विकसित नहीं होते।
बाल स्वास्थ्य का अर्थ गर्भधारण से जन्म और उसके बाद पांच साल की उम्र तक देखभाल है। पांच साल की उम्र के बाद बच्चों के स्वास्थ्य पर स्कूल स्वास्थ्य प्रोग्रामर टीम नजर रखती है। मातृ शिशु स्वास्थ्य के स्वास्थ्य कार्यकर्ता स्कूल स्वास्थ्य टीम के सदस्य हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं।
इस पूरे भाग में यह बताया गया है की बाल्यावस्था (2-12 वर्ष तक) जीवनकालिक विकास की महत्वपूर्ण अवस्था है, एवं इससे सम्बंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध की गयी है|
इस भाग में बच्चों में होने वाले रोग और उनके प्रतिरक्षण के उपायों का उल्लेख किया गया है|
इस पृष्ठ में शिशु तथा बाल पोषण पर राष्ट्रीय दिशा-निर्देश की जानकारी उपलब्ध कराई गयी है I
इस पूरे भाग में शिशु के जन्म से लेकर 2 वर्षों तक छोटे से छोटे शारीरिक विकास की विस्तृत जानकारी दी गयी है |
इस भाग में बच्चाें के शुरु की गई टोल फ्री टेली काउंसलिंग के बारे में जानकारी दी गई है।
इस पृष्ठ में स्तनपान एक स्वास्थ्यवर्द्धक और जीवनरक्षक पहल की जानकारी दी गयी है I
इस भाग में बाल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रक्रिया स्तनपान एवं उससे होने वाले पोषण की जानकारी दी गई है।