देश में आयुर्वेद, सिद्ध तथा यूनानी एवं होम्योपैथिक (एएसयू और एच) औषधियों को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार विनियमित किया जाता है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति - 1983 व 2002, राष्ट्रीय आयुष नीति - 2002 तथा मानकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण, अनुसंधान एवं विकास तथा उपभोक्ता की सुरक्षा की रणनीतियों पर आधारित है। सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में पारम्परिक भारतीय और होम्योपैथिक औषधियों की वृद्धि एवं विकास की उम्मीद जनता को सुरक्षित, प्रभावी और गुणवत्तायुक्त औषधियां सुलभ कराने के उद्देश्य में शामिल है। राष्ट्रीय परिस्थितियों और मानकीकरण एवं गुणवत्ता नियन्त्रण, अनुसंधान एवं विकास, स्वास्थ्य वितरण प्रणाली में एकीकरण तथा औषधीय कच्चे उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र उभरते हुए वैश्विक विकास एएसयू औषधियों को समाविष्ट कर रहे हैं।
एएसयू औषधियों के निर्माण और बिक्री के लिए औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, और नियमों के प्रावधानों को लागू करने के लिए राज्य अनुज्ञापन प्राधिकारी उत्तरदायी है। विनियामक तंत्र को मजबूत बनाने तथा गुणवत्ता नियंत्रण की निगरानी के लिए, एएसयू और एच औषधों के लिए एक व्यापक आधारवाली केंद्रीय औषधि नियंत्रक की स्थापना की कार्यवाही शुरू की गई है। इससें एएसयू औषधों के गुणवत्ता मानकों को लागू करने और अनुचित दवाओं के खतरनाक प्रभावों से सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए विनियामक प्राधिकारियों के गतिशील केंद्र राज्य संबंधों के विकास में सहायता मिलेगी। वर्तमान में एएसयू एवं हो. औषधियों के विनियम के लिए केंद्रीय एजेंसियों में आयुष विभाग, औषधि महानियंत्रक, भारतीय चिकित्सा भेषजसंहिता आयोग, भेषजसंहिता समितियां, भेषजसंहिता प्रयोगशालाएं, एएसयू औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड और औषध सलाहकार समिति शामिल हैं। केंद्र सरकार के प्रशासक के रूप में आयुष विभाग, एएसयू औषधियों के लिए विनियामक प्रावधानों की व्यवस्था करता है तथा इसके प्रवर्तन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है जिसके लिए निर्धारित योग्यता वाले अनुज्ञप्ति प्राधिकारियों को नियुक्त किया जाता है।
देश में राज्य प्राधिकारियों दवारा अनुज्ञप्ति प्राप्त एएसयू एवं हो. औषधियों की 8896 विनिर्माण इकाइयां हैं। अनुज्ञप्ति के बिना औषधियों के वाणिज्यिक उत्पाद की अनुमति नहीं है। विनिर्माण अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के लिए उत्तम विनिर्माण पद्धतियों का अनुपालन अनिवार्य है। भेषजसंहिता में निर्धारित गुणवत्ता की पहचान, औषधियों की शुद्धता व क्षमता, भारी धातुओं की अनुमत सीमा, कीटनाशक अवशिष्ट और भेषजसंहिता में यथा विनिर्धारित रोगाणुस्थ मिश्रणों का अनुपालन अनिवार्य है। अनुज्ञप्ति प्राधिकारियों के लिए अनुज्ञप्ति और गुणवत्ता नियंत्रण मामलों पर विचार करने तथा निष्पक्ष निर्णय लेने के लिए औषध निरीक्षक, तकनीकी समितियां तथा औषध परीक्षण प्रयोगशालाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
राज्यों को उनके एएसयू एवं हो. औषधि विनियामक तंत्र को मजबूत बनाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के क्रम में, तदर्थ वित्तीय समिति (एसएफसी) के अनुमोदन से 9वीं योजना के अंत में 40.00 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एएसयू एवं हो. औषधियों की गुणवत्ता नियंत्रण के लिए केंद्रीय प्रायोजित स्कीम को लागू किया गया। अभी 29 औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं में से 29 राजन्यीय औषध परीक्षण प्रयोगशालाओं वाले दो राज्यों यथा दिल्ली और पंजाब ने अनुदान वापिस कर दिया है और आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी की 46 राज्य फार्मेसियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई है। उपरोक्त उद्देश्यों के लिए राज्यों को सहायता उपलब्ध कराने के अलावा, आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी विनिर्माणकारी इकाइयों को उत्तम विनिर्माण पद्धतियों के अनुरूप बनाने के लिए पश्चसिरा सब्सिडी का प्रावधान किया गया। प्रवर्तन तंत्र से दूरी और उत्तम विनिर्माण पद्धतियों के घटक नगण्य ही रहे हैं। राज्य औषध प्रवर्तन तंत्र की मजबूती के लिए केवल 30 राज्यों ने सहायता प्राप्त की और आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी की 67 इकाईयों को उत्तम विनिर्माण पद्धति के अनुरूप बनने के लिए सहायता प्रदान की गई है।
1.1 राज्य सरकार एएसयू एवं हो. फार्मेसियों तथा औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं की क्षमता बढाना।
1.2 एएसयू एवं हो. विनियम ढांचे का सुदृढ़ीकरण।
1.3 एएसयू एवं हो. औषधियों की गुणवत्ता में सुधार करना ताकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनका निर्यात किया जा सके।
क. राज्यों/सरकारी एएसयू एवं हो. फार्मेसियों/राज्य सरकार की एएसयू एवं हो. सहकारी समितियां, राज्य सरकार के एएसयू एवं हो. सार्वजनिक उपक्रमों को अनुदान सहायता।
ख. आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी (एएसयू एवं एच) औषधि की राज्य औषध परीक्षण प्रयोगशालाओं को अनुदान सहायता।
ग. एएसयू एण्ड एच औषध नियंत्रण ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए अनुदान सहायता।
घ. एएसयू एवं एच औषध के प्रलेखन, प्रकाशन तथा राज्यों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण सामग्री के प्रसार हेतु राज्य अनुज्ञप्ति प्राधिकरण को अनुदान सहायता।
सूचना, शिक्षा व संचार क्रियाकलाप
स्कोम का प्रशासन एवं निगरानी तंत्र
1. जिस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में स्कीम क्रियान्वित है उसे इस स्कीम की निगरानी में शमिल किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए समिति के निम्नलिखित सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए.-
क) राज्य सरकार/औषध नियंत्रक आयुष का एक प्रतिनिधि।
ख) आयुष विभाग से औषध कार्यों को देखने वाले संयुक्त सलाहकार (आयु) स्तर का एक प्रतिनिधि।
2 निगरानी समिति छमाही आधार पर विभाग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। किसी भी मामले में निगरानी दौर में निगरानी समिति के कम से कम 2 सदस्य होंगे।
क्र.सं. |
घटक |
निधियन का तरीका |
अनिवार्य |
||
1. |
नई राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान - भवन और उपकरण (एकमुश्त) |
35000 लाख (अर्थात 500 लाख रुपये का 70%) |
नई राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान – जनशक्ति, अभिकर्मकों, रसायन आदि (आवर्ती) |
150.00 लाख (अर्थात 500 लाख रुपये का 30%) |
|
2. |
नई राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान - भवन और उपकरण (एकमुश्त) |
150.00 लाख (अर्थात 500 लाख रुपये का 30%)
|
नई राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान - जनशक्ति, अभिकर्मकों, रसायन आदि (आवर्ती) |
150.00 लाख (अर्थात 500 लाख रुपये का 30% क्योंकि आवर्ती अनुदान पहले प्राप्त नहीं किया गया) |
|
3 |
एएसयू एवं एच औषधों की नई राज्य परीक्षण औषध प्रयोगशालाओं को सहायता अनुदान - भवन और उपकरण(एकमुश्त) |
320.00 लाख (अर्थात 400 लाख का 80%)
|
एएसयू एवं एच औषधों की नई राज्य परीक्षण औषध प्रयोगशालाओं को सहायता अनुदान- जनशक्ति, अभिकर्मकों, रसायन आदि (आवर्ती) |
80.00 लाख (अर्थात 400 लाख का 20%)
|
|
4. |
एएसयू एवं एच औषधों की मौजूदा राज्य परीक्षण औषध प्रयोगशालाओं को सहायता अनुदान - भवन और उपकरण (एकमुश्त) |
70.00 लाख (अर्थात 320 लाख रुपए में से पहले प्रदान किए कए 250 लाख रुपए घटे) |
एएसयू एवं एच औषधों की मौजूदा राज्य औषध परीक्षण प्रयोगशालाओं को सहायता अनुदान - जनशक्ति, अभिकर्मकों, रसायन आदि (आवर्ती)
|
80.00 लाख (अर्थात 400 लाख का 20% क्योंकि आवर्ती अनुदान पहले प्रदान नहीं किए गए। |
|
5. |
एएसयू एवं एच. औषध नियंत्रण ढांचे के सुदृढीकरण के लिए सहायतानुदान - अग्रिम |
20.00 लाख रुपए प्रति एकांश पहली किस्त के रूप में |
एएसयू एवं एच. औषध नियंत्रण ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए सहायतानुदान - शेष |
30.00 लाख रुपए शेष क्योंकि दूसरी किस्त अगले वर्ष अदा की जाएगी |
|
6. |
एएसयू एवं एच. औषधों के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को राज्यों के लिए गुणवत्तायुक्त नियंत्रण सामग्री के प्रलेखन, प्रकाशन और प्रसार हेतु सहायतानुदान |
8.00 लाख रुपए प्रति वर्ष
|
7. |
राज्य औषध परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए तकनीकी जनशक्ति सहायता |
25.00 लाख, प्रति वर्ष, 2 वर्ष के लिए प्रतिवर्ष प्रति प्रयोगशाला |
8. |
औषधों का गुणवत्ता परीक्षण
|
असम को छोड़कर पूर्वोत्तर राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों में 500 सर्वेक्षण/सांविधिक नमूनों के परीक्षण के लिए 5.00 लाख प्रति वर्ष |
अन्य राज्यों को 1500 औषध नमूनों के परीक्षण हेतु 15.00 लाख प्रति वर्ष |
1. एएसयू एवं एच औषधियों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारी फार्मेसियों की क्षमता बढ़ाने के लिए यह घटक प्रदान किया जाता है। भारत सरकार ने आयुर्वेद, सिद्ध व यूनानी तथा होम्योपैथी औषधियों के लिए उत्तम विनिर्माण पद्धतियां अधिसूचित की है। ग्राहकों के लिए उत्तम गुणवत्तायुक्त औषधियों के उत्पादन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। भेषजियों पर जीएमपी आवश्यकताओं की लागू करना कानूनी बाध्यकारिता है। ये आवश्यकताएं निम्नलिखित हैं-
(i) कच्चे माल का प्रापण और भण्डारण
(ii) विनिमार्ण प्रक्रिया क्षेत्र
(iii) गुणवत्ता नियंत्रण खण्ड
(iv) तैयार माल का अण्डार
(v) कार्यालय
(vi) अस्वीकृत मालाओषधि का भण्डार
(vi) औषधियों की विभिन्न श्रेणियों के विनिर्माण के लिए विभिन्न खण्ड
(viii) अन्य क्रियाकलाप
2. इसी प्रकार, औषधियों का स्वच्छ वातावरण में तथा किफायती तरीके से विनिर्माण करने के लिए विशेष उपकरण की पहचान की गई है। औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम नियम के तहत जीएमपी के क्रियान्वयन के लिए आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होम्योपैथिक औषधि विनिर्माण इकाईयों की मौजूदा अवसंरचना में सुधार की आवश्यकता होगी। राज्य सरकारों को इस घटक के तहत उपकरण सुदृढ़ बनाने के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
भवन
कार्यालय
क. कच्चे माल का स्टोर।
ख. पेकिग सामग्री का स्टोर।
ग. तैयार माला का स्टोर।
घ. अस्वीकृत माल स्टोर।
ड. अभिलेख अनुभाग।
च. फार्माकोग्नोस्टिकल, पादप रसायान, सूक्ष्म जैविकीय परीक्षण तथा अन्य सम्बंधित सुविधाओं के लिए – गुणवत्ता नियंत्रण अनुभाग
छ. भण्डारण सुविधायें
ज . विनिर्माण क्षेत्र
विनिर्माण अनुभाग
क. अंजन/पिस्ती अनुभाग।
ख. चूर्ण अनुभाग।
ग. टेबलेट अनुभाग।
घ. कुपी पक्व/फर्नेस/बॉयलर अनुभाग।
ङ. कैप्सूल अनुभाग।
झ. अश्व/अरिष्ट अनुभाग।
ज. अश्चयोत्तम/नेत्र मलहम अनुभाग।
ट. खमीर अनुभाग।
ठ. काजल/भंजन अनुभाग।
ड.अन्य
गुणवत्ता नियंत्रण अनुभाग
अपेक्षित क्षेत्र = 10,000 वर्ग फीट से 20,000 वर्ग फीट।
राज्य संचालित भेषजी का उपरोक्त दर्शाए गए क्षेत्र में निर्माण स्थान होना चाहिए। उनको स्कीम में मौजूदा बुनियादी ढांचे और नवीकरण/विस्तार का प्रस्ताव स्पष्ट रूप से करना चाहिए।
फार्मेसी उपकरणों का विवरण निम्नलिखित हैं-
एएसयू एवं एच औषधियों हेतु एक फार्मेसी के लिए अपेक्षित उपकरणों की सूची
1. खरल/मोटरयुक्त खरल |
28. ग्रेविटी फिल्टर लिक्विड फिलिंग टैंक, टैप के साथ |
2. जेनेरटर |
29. ग्रेविटि लिक्विड फिलिग मशीन |
3. बॉल मिल सीव |
30. पी.पी. कोपिंग मशीन |
4.शिफ्टर |
31. फर्मेंटेशन टैंक कंटेनर |
5. ग्राईडर |
32. डिस्टिलेशन प्लांट |
6.डिसेंटीग्रेटर |
33. मेसर्सन टैंक |
7. पुलवराइजर |
34. होट एयर ओवेन |
8. पाउडर मिक्सर |
35. ट्यूब फिलिंग इक्युपमेंट |
9. बॉल मिल |
36. ऑप्टोक्लेव (होरीजॉटल) |
10. मास मिकसर |
37. हमेरिंग मशीन नं. II. |
11.स्टेनलेस स्टील ट्रे |
38. जूस मशीन |
12. ड्रायर |
39. मल्टी पंच/टेबलेट मशीन |
13. ग्रानुलेटर ड्रायर |
40. वायल सीलिंग मशीन |
14. टेबलेट कंप्रेसिंग मशीन और सुगर कोटिंग |
41. बॉटल केप सिलिग मशीन |
15. भाट्ट |
42. हाइड्रोलिकली ऑपरेटेड पॉल्लेट ट्रक्स |
16. इलेक्ट्रिक मफल् फ्यूरेंस |
43. डस्ट एक्सट्रेक्शन इक्यूपमेंट |
17. एरंड/एज रनर |
44.वेट ग्राइंडर |
18.एयर कंडीशनर |
45. रेजुबल फाइबर बोर्ड कंटेनर रिंग सिल समेत |
19. दे-हुमिदिफियर |
46. इंस्टेंट बॉयलर फॉर स्ट्रीम जेनेरेशन |
20. हाइड्रोमीटर (डिजिटल) |
47. वेजिंग मशीन |
21. कैप्सूल फिलिंग मशीन |
48. ऑटोमेटिक वाटर फिलिंग यूनिट (बॉटल वाशिंग, ग्राइंड ऑटोमेटिक फिलिंग, कैपसूल सीलिंग, लेबल पेस्टिंग) - एप्रोक्सिमेट केपिसिटी 1 लाख बॉटल प्रति दिन। |
22. केमिकलम बैलेंस |
49. फर्मेटेशन यूनिट - ऑटोमेटिक टेंपरेचर एंड एचपी कंट्रोल, इस्टीमेशन ऑफ अल्कोहॉल (2000 4000 कैपिसिटी) |
23. ट्यूब फिलिंग मशीन |
50. स्टीम बॉयलर यूनिट |
24. ओइंटमेंट मिक्सर |
51. हाई स्पीड लेबोरेटरी टेबलेट कंटेनिग मशीन |
25. टिकटम प्रेस |
52. कैप्सूल फिलिंग मशीन (सेमी-ऑटोमेटिक) |
26. बॉटल वाशिंग मशीन |
53. फर्मेंटेशन टैंक (2000-5000 लीटर) 20 |
27. फिल्टर प्रेस |
54. डबल बॉल स्टोम जैकेट, बॉयलिंग पेंट - 5 |
55.फार्मेसी सम्बन्धी अन्य चीजें |
क्र.सं. |
घटक |
निधियन का तरीका |
1. |
नई राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान - भवन और उपकरण (एकमुश्त) |
350.00 लाख(अर्थात 500 लाख रुपये का 70%) |
नई राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान - जनशक्ति, अभिकर्मकों, रसायन आदि (आवर्ती) |
150.00 लाख (अर्थात 500 लाख रुपये का 30%) |
|
2. |
मौजूदा राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान - भवन और उपकरण (एकमुश्त) |
150.00 लाख (अर्थात 500 लाख रुपये का 30%) |
नई राज्य सरकार एएसयू एवं एच भेषजियों/राज्य सरकार एएसयू एवं एच सहकारी समितियों, राज्य सरकार एएसयू एवं एच, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सहायता अनुदान - जनशक्ति, अभिकर्मकों, रसायन आदि (आवर्ती)
|
150.00 लाख (अर्थात 500 लाख रुपये का 30% क्योंकि आवर्ती अनुदान पहले मुहैया नहीं किया गया) |
कार्यशील पूंजी
केंद्रीय सरकार सहायता की मदद से जैसे ही भवन/उपकरण प्राप्त हो जायेंगे, राज्य/संघ राज्य सरकारें उच्च उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिए इकाई बनाने हेतु कार्यशील पूंजी व कच्चामाल इत्यादि प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगी I
जनशक्ति
अतिरिक्त मशीनरी चलाने के लिए मानव श्रम लागत वहन करने हेतु राज्य/संघ राज्य सरकार सुनिश्चित करेंगें I
1. राज्य सरकार/ संघ राज्य क्षेत्र/ विश्वविद्यालय/संस्थान पात्र होंगें I आवेदक भारत सरकार से सहायता प्राप्त करने के पश्चात् अपने संसाधनों से योजना जारी रखने के लिए वचन देंगें I
2. आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होमियोपैथी सहकारी समितियां/निगम, सरकार के बड़े हिस्से वाली भेषजीय इकाईयां भी पात्र होंगी, बर्शते उनकी अनुशंसा राज्य/संघ राज्य सरकार करें I इस तरह के मामले में निधियां सीधे संस्थान को जारी की जायेगी I
3. जिन संशोधित स्कीम के अनुसार अतिरिक्त राशि के लिए पात्र होंगे,बर्शते उन्होंने 2.00 करोड़ के पूर्व प्राप्त अनुदान के पूर्ण उपयोग कर लिया हो और पूरी उत्पादन क्षमता हासिल कर ली हो I
स्रोत: आयुष मंत्रालय, भारत सरकार
राष्ट्रीय आयुष मिशन के विस्तृत दिशानिर्देश के लिए इस लिंक पर जाएँ
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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