स्पीड क्लियरिंग का आशय है स्थानीय समाशोधन के माध्यम से बाहरी चेकों (ऐसी बैंक शाखा का चेक जो स्थानीय न हो) का संग्रहण। यह कोर बैंकिंग समर्थित बाहरी (गैर स्थानीय) बैंक शाखाओं के चेकों के संग्रहण की सुविधा उपलब्ध कराती है, बशर्ते उस बैंक की स्थानीय शाखा नेटवर्क समर्थित हो।
अभी तक बाहरी चेकों के संग्रहण के लिए चेक को प्रस्तुतीकरण केंद्र से (वह शहर जहां चेक प्रस्तुत किया गया है) अदाकर्ता केंद्र (वह शहर जहां चेक देय है) को भेजना पड़ता था जिसके चलते चेकों की वसूली में लगने वाला समय बढ़ जाता था। स्पीड क्लियरिंग का उद्देश्य है कि बाहरी चेकों की वसूली में लगने वाले समय को कम किया जाए।
एक व्यक्ति अपने बाहरी बैंक शाखा के चेक को अपने बैंक में जमा करता है। इस बैंक शाखा को प्रस्तुतकर्ता शाखा कहा जाता है। चेक को संग्रहण हेतु उस शहर भेजा जाता है जहां यह देय/आहरित है और जिसे गंतव्य केंद्र या अदाकर्ता केंद्र कहा जाता है। गंतव्य केंद्र में संग्रहण की सुविधा उपलब्ध कराने वाली शाखा को संग्रहणकर्ता शाखा कहा जाता है। चेक की प्राप्ति हो जाने पर संग्रहणकर्ता शाखा इसे अदाकर्ता शाखा अथवा गंतव्य शाखा में स्थानीय समाशोधन के लिए भेजती है। एक बार चेक का भुगतान हो जाने के बाद संग्रहणकर्ता शाखा प्रस्तुतकर्ता शाखा को प्राप्त हुआ धन प्रेषित कर देती है। संग्रहणकर्ता शाखा से चेक की वसूली पर्ची प्राप्त होने पर ग्राहक के खाते में धन जमा करा दिया जाता है, संक्षेप में यह संग्रहण की प्रक्रिया है। जब एक चेक को बैंक द्वारा संग्रहण के आधार पर स्वीकार किया जाता है तब यह ग्राहक के खाते में तभी जमा किया जाता है जब इसकी वसूली कर ली जाती है।
वैकल्पिक रूप से संग्रहण की व्यवस्था के न होने पर प्रस्तुतकर्ता शाखा चेक को भुगतान के लिए सीधे गंतव्य शाखा को भेजेगी। गंतव्य शाखा से धन प्राप्त करने के बाद, प्रस्तुतकर्ता शाखा ग्राहक के खाते में पैसा जमा करा देती है।
संग्रहण के आधार पर बाहरी चेक के भुगतान के लिए, अदाकर्ता केंद्र और संग्रहण की व्यवस्था के आधार पर सामान्यतया लगभग एक सप्ताह से तीन सप्ताह का समय लगता है।
66 प्रमुख केन्द्रों में स्थानीय चेक समाशोधनों में, समाशोधन गृहों में चेकों का प्रसंस्करण मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्नीशन (एमआईसीआर) तकनीक का प्रयोग करके मशीनों द्वारा की जाती है।
स्थानीय समाशोधन केवल उन चेकों का निपटान करता है जो स्थानीय समाशोधन गृह के अधिकारक्षेत्र में आहरित किए गए हैं। सामान्यतया समाशोधन गृह और प्रतिभागी शाखाओं के बीच की दूरी को स्थानीय परिवहन और संपर्क सुविधाओं के आधार पर परिभाषित किया जाता है क्योंकि चेक को समाशोधन गृह से लाना ले जाना पड़ता है। उदाहरणार्थ मुंबई में स्थानीय समाशोधन हेतु चेक के संबंध में प्रस्तुतकर्ता और अदाकर्ता दोनों ही शाखाओं को मुंबई के समाशोधन गृह के क्षेत्राधिकार के भीतर ही होना चाहिए।
बैंकों ने कोर बैंकिंग सोल्यूशन (सीबीएस) लागू करके अपनी शाखाओं को एक ही नेटवर्क के अंदर शामिल कर लिया है। सीबीएस के अंतर्गत चेक का भुगतान किसी भी केंद्र में किया जा सकता है जिससे चेक को अदाकर्ता शाखा में भेजने की आवश्यकता नहीं रह जाती है। स्पीड क्लियरिंग में एमआईसीआर समाशोधन के साथ-साथ सीबीएस के भी फायदे जुड़े हैं।
अदाकर्ता बैंक की बाहरी सीबीएस शाखाओं में आहारित चेक को स्पीड क्लियरिंग प्रबंध के अंतर्गत स्थानीय समाशोधन के अंतर्गत संसाधित किया जा सकता है यदि अदाकर्ता बैंक की शाखा स्थानीय रूप से उपलब्ध है।
आज की तिथि के अनुसार स्थानीय चेकों को टी+1 कार्य दिवस के आधार पर संसाधित किया जाता है और ग्राहकों को निधियों के आहरण पर टी+1 अथवा 2 आधार पर लाभ मिलता है। ‘टी’का आशय है लेनदेन का दिवस अर्थात समाशोधन गृह में चेक को प्रस्तुत किए जाने की तिथि। इसलिए स्पीड क्लियरिंग के अंतर्गत बाहरी चेकों का भुगतान भी टी+1 अथवा 2 आधार पर ही किया जाएगा।
स्पीड क्लियरिंग केन्द्रों की सूची निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है:
स्पीड क्लियरिंग केन्द्रों की सूची
वर्तमान में प्रस्तुतकर्ता शाखाओं को स्पीड क्लियरिंग के माध्यम से प्रस्तुत 1 लाख रुपये से अधिक के चेकों के लिए प्रति चेक 150 रुपये से अनधिक का प्रभार (सेवाकर एवं सभी दूसरे शुल्क सहित) लेने की अनुमति है। 1 लाख रुपये मूल्य तक के चेकों के लिए कोई भी प्रभार देय नहीं हैं। 01 अप्रैल 2011 से बचत खाता ग्राहकों से 1 लाख रुपये तक की राशि के लिए कोई भी प्रभार नहीं देना होगा। बैंक अन्य प्रकार के खातों के संबंध किसी भी मूल्य के लिए एवं बचत खातों के ग्राहकों के लिए 1 लाख रुपये से अधिक मूल्य हेतु संग्रहण प्रभार निर्धारित करने के लिए मुक्त होंगे। निर्धारित प्रभारों को तर्कसंगत होना चाहिए एवं उन्हें लागत जमा आधार पर ही निर्धारित किया जाना चाहिए न कि लिखत के मूल्य के प्रतिशत के रूप में मनमाने ढंग से।
संग्रहण के आधार पर बाहरी चेक के संग्रहण में अदाकर्ता केंद्र के आधार पर लगभग एक से तीन सप्ताह का समय लगता है। स्पीड क्लियरिंग के अंतर्गत यह टी+1 अथवा 2 आधार पर समाशोधित हो जाएगा अर्थात 48 घंटों के भीतर। इसके अतिरिक्त ग्राहकों को स्पीड क्लियरिंग के अंतर्गत बाहरी चेकों (1 लाख रुपये मूल्य तक के चेक) के संग्रहण के लिए कोई भी सेवा प्रभार नहीं देना होता है जबकि संग्रहण आधार पर की गई चेक वसूली के लिए प्रभार देना होता है।
ग्राहकों को शाखा के सीबीएस समर्थित होने की जानकारी देने के लिए कुछ बैंक चेक के पन्नों पर सीबीएस का स्टैम्प लगा देते हैं या मुद्रित करवा देते हैं। चेक के पन्नों पर मुद्रित खाता संख्या (यदि खाता संख्या 10 अंकों से अधिक है तो) शाखा के सीबीएस समर्थित होने का संकेत देती है। इसके अलावा ग्राहक भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध स्पीड क्लियरिंग समर्थित बैंक शाखाओं की सूची भी देख सकते हैं: http://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=2016
सीबीएस समर्थित बैंक शाखाओं पर आहरित सभी लेनदेन कोडों के लिखत (सरकारी लिखतों को छोडकर) स्पीड क्लियरिंग में प्रस्तुत किए जाने के पात्र हैं।
दावा अस्वीकरण : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को स्पीड क्लियरिंग के माध्यम से बाहरी चेकों के संग्रहण के संबंध में ग्राहकों की सामान्य जानकारी के लिए तैयार किया गया है। ग्राहक और अधिक जानकारी पाने के लिए अपनी बैंक शाखाओं से संपर्क कर सकते हैं।
स्त्रोत: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया
अंतिम बार संशोधित : 2/13/2023
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