भारत-नेपाल धन प्रेषण सुविधा भारत से नेपाल के लिए निधि अंतरण करने की एक सीमा-पार (क्रॉस बॉर्डर) योजना है। भारत-नेपाल धन प्रेषण योजना एनईएफटी प्रणाली के तहत उपलब्ध एक सुविधा है। भारत से नेपाल के लिए निधि अंतरण की सुविधा के लिए एनईएफटी प्रणाली में एक विशेष लेन-देन कोड (नं.51) आबंटित किया गया है। कोई धनप्रेषक भारत के किसी भी एनईएफटी सक्षम शाखा से नेपाल के लिए 50,000 भारतीय रुपए तक धन भेज सकता है। लाभार्थी को यह राशि नेपाली रुपए में मिलेगी । एनईएफटी प्रणाली और एनईएफटी सक्षम शाखाओं के बारे में विस्तृत जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/scripts/neft.aspx. पर उपलब्ध है।
नहीं, यह अनिवार्य आवश्यकता नहीं है। भारत-नेपाल धनप्रेषण सुविधा योजना के तहत भारत में कोई अकस्मात ग्राहक भी नेपाल में लाभार्थी को निधि भेजने के लिए 50,000 रूपए तक नकद जमा कर सकता है।
नहीं, यह भी अनिवार्य नहीं है। हालांकि, यदि लाभार्थी का नेपाल के किसी बैंक शाखा में खाता है जिसमें निधि क्रेडिट की जा सके, तब यह आदर्श स्थिति होगी। नेपाल में, भारत-नेपाल धनप्रेषण सुविधा योजना नेपाल एसबीआइ लिमिटेड (एनएसबीएल) द्वारा संचालित की जाती है। यदि लाभार्थी नेपाल के ऐसे किसी स्थान या क्षेत्र में रहता है जहां बैंक शाखा की सुविधा नहीं है, तो इस प्रयोजन के लिए एनएसबीएल ने नेपाल में एक निधि अंतरण कंपनी (नाम: प्रभु मनी ट्रांसफर) के साथ समझौता किया है जो लाभार्थी तक नकदी (नेपाली रुपए में) पहुंचाने की व्यवस्था करेगा।
यदि धन भेजने वाले ग्राहक का भारत के किसी बैंक शाखा में खाता है तब किसी अतिरिक्त सूचना, दस्तावेज या पहचान की आवश्यकता नहीं है। यदि ऐसा नहीं है तो धनप्रेषक को पहचान प्रमाण के लिए पासपोर्ट / स्थायी खाता संख्या (पैन) / ड्राइविंग लाइसेंस / टेलीफोन बिल / उसके नियोक्ता द्वारा फोटो एवं अन्य विवरण सहित जारी पहचान प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होगे। यह सूचना एनईएफटी प्रणाली में अपने ग्राहक को जाने (केवायसी) आवश्यकता के भाग के रूप में दर्ज की जाएगी। नेपाल में हिताधिकारी का पूरा पता और टेलीफोन / मोबाइल संख्या की सूचना भी अपेक्षित होगी।
इस योजना के तहत भारत से नेपाल निधि अंतरित करने के लिए भारत की किसी भी एनईएफटी सक्षम शाखा से धन प्रेषण की शुरूआात की जा सकती है और आज की तारीख में ये शाखाएं लगभग 75,400 हैं। एनईएफटी प्रणाली में भाग लेने वाली बैंक शाखाओं की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/scripts/neft.aspx पर उपलब्ध है।
भारत में, एनईएफटी प्रणाली में प्रारंभिक बैंक शाखा से लेन-देन भारतीय स्टेट बैंक की निर्धारित शाखा में अंतरित होता है। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक उस दिन प्राप्त ऐसे सभी धन प्रेषण सूचना एक जगह जुटाता है। दिन के अंत में धनप्रेषण सूचना सुरक्षित रूप में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नेपाल एसबीआई बैंक लिमिटेड (एनएसबीएल) को भेजी जाती है। इसके बाद, यदि लाभार्थी का खाता विवरण उपलब्ध है तो एनएसबीएल लाभार्थी के बैंक खाते में राशि जमा करने की व्यवस्था करता है। ऐसा न होने पर, एनएसबीएल प्राधिकृत निधि अंतरण कंपनी (प्रभु मनी ट्रांसफर) के जरिए लाभार्थी को नकद रूप में निधि प्रदान करता है। लाभार्थी को निधि अंतरण कंपनी की स्थानीय शाखा से संपर्क करना होगा और वहां उसे यूनिक टीरएफ (जिसे ट्रांसैक्शन रिफरंस नम्बर भी कहा जाता है और जो एनईएफटी प्रणाली में विशेष रूप से किसी लेन-देन की पहचान करता है, इसे धनप्रेषक से प्राप्त किया जा सकता है) तथा अपनी पहचान साबित करने के लिए कोई फोटो पहचान पद्ध (सामान्यतया नेपाल नागरिकता प्रमाणपत्र) प्रस्तुत करना होगा।
यदि लाभार्थी लेन-देन की तारीख से एक सप्ताह के भीतर निधि अंतरण कंपनी से संपर्क नहीं करता तो निधि अंतरण कंपनी मूल धनप्रेषक को निधि लौटाने की व्यवस्था करेगी।
एनएसबीएल और प्रभु मनी ट्रांसफर के स्थान और पते भारत-नेपाल धनप्रेषण सुविधा योजना के क्रियाविधि दिशानिर्देश में उपलब्ध हैं। भारत-नेपाल धनप्रेषण सुविधा योजना की क्रियाविधि दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/content/pdfs/84489.pdf. पर उपलब्ध है।
एनईएफटी प्रणाली के जरिए धन प्रेषण की राशि भारत की मूल बैंक शाखा में वापिस अंतरित कर दी जाएगी और तब बैंक शाखा धनप्रेषक को धनप्रेषण राशि वापिस लौटने के बारे में सूचित करेगा। यदि बैंक शाखा में धनप्रेषक के खाते से राशि भेजी गयी हो तो लौटायी गयी राशि उसके खाते में जमा कर दी जाएगी। यदि किसी अकस्मात ग्राहक द्वारा नकद जमा के जरिए राशि भेजी गयी हो तो धनप्रेषक को जमा की गयी नकद राशि की वापसी के लिए धनप्रेषण के प्रमाण का साक्ष्य (धनप्रेषण आवेदन पत्र का अद्यपन्ना) प्रस्तुत करना होगा।
चूंकि यह सुविधा भारत में प्रवासी नेपाल श्रमिकों के लिए बनायी गयी है, इसलिए भारत-नेपाल धनप्रेषण योजना के तहत निधि अंतरण के लिए रियायती दर पर शुल्क निर्धारित किया गया है। शुल्क निम्न प्रकार हैं:
(क) भारत में मूल बैंक शाखा- अधिकतम 5 रुपए प्रति लेन-देन।
(ख) भारत में भारतीय स्टेट बैंक - 20 रुपए प्रति लेन-देन यदि लाभार्थी का नेपाल एसबीआइ लिमिटेड (एनएसबीएल) में खाता हो।
(ग) भारतीय स्टेट बैंक एनएसबीएल के साथ यह राशि बराबर रूप में बांटता है। एनएसबीएल लाभार्थी के खाते में राशि जमा करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा।
(घ) यदि लाभार्थी का एनएसबीएल में खाता नहीं है, तब 5,000 रुपए तक के धनप्रेषण के लिए 50 रूपए की दर से और 5,000 रुपए से ऊपर के धनप्रेषण के लिए 75 रुपए की अतिरिक्त राशि का शुल्क लिया जाएगा।
इस प्रकार, यह शुल्क लेन-देन कि राशि और लाभार्थी के खाते में राशि जमा करने के तरीके पर निर्भर करते हुए न्यूनतम 25 रुपए और अधिकतम 100 रुपए होगा।
मूल बैंक शाखाओं को सूचित किया गया है कि वे अब बताए गये ढांचे के अनुसार धनप्रेषक से समूचा शुल्क वसूल करें और अपना हिस्सा (5 रुपए) रखने के बाद उपयुक्त राशि भारतीय स्टेट बैंक को दे दें।
हां। इस योजना के तहत भारत में धनप्रेषण शुरु करने वाला एक वर्ष में अधिकतम 12 बार धनप्रेषण कर सकता है।
हिताधिकारी के खाते में राशि जमा न होने या जमा होने में विलंब से संबंधित या किसी अन्य प्रकार की शिकायतों के लिए संबंधित बैंक (मूल बैंक और / या भारतीय स्टेट बैंक) के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संपर्क किया जा सकता है। बैंकों के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केंद्रों के विवरण संबंधित बैंकों की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। ये विवरण भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/scripts/neft.aspx पर भी उपलब्ध है।
यदि संतोषजनक रूप से मामले का निपटान नहीं होता है, तब भारतीय रिज़र्व बैंक, राष्ट्रीय समाशोधन कक्ष, मुंबई के एनईएफटी हेल्प डेस्क (या भारतीय रिज़र्व बैंक के ग्राहक सुविधा केंद्र) से ई-मेल के जरिए अथवा महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, राष्ट्रीय समाशोधन केंद्र, प्रथम तल, फ्री प्रेस हाऊस, नरीमन प्वाइंट, मुंबई-400021 को पत्र लिखकर संपर्क किया जा सकता है।
स्त्रोत: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया
अंतिम बार संशोधित : 10/9/2019
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