‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना की शुरुआत कैसे हुई?
‘स्टैंड अप इंडिया’ की घोषणा माननीय प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2015 को की गई थी। इसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/ महिला उद्यमियों द्वारा लगाए गए नए (ग्रीन-फील्ड) उद्यमों के लिए बैंक वित्त को बढ़ावा देना है। यह योजना अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की 1.25 लाख शाखाओं के देश-व्यापी नेटवर्क के माध्यम से परिचालित की जाएगी।
‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना का उद्देश्य क्या है?
‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना का उद्देश्य नए उद्यम स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक उधारकर्ता व महिला उधारकर्ता को रु. 10 लाख से रु. 1 करोड़ के बीच प्रति बैंक शाखा कम से कम एक बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना है। यह उद्यम विनिर्माण, सेवा अथवा व्यापार के क्षेत्र में हो सकते हैं। गैर-वैयक्तिक उद्यमों के मामले में शेयरधारिता और नियंत्रक हिताधिकार का कम से कम 51% या तो किसी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति द्वारा अथवा किसी महिला उद्यमिता द्वारा धारित होना चाहिए।
‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना के अंतर्गत ऋण का उद्देश्य क्या है?
यह योजना विनिर्माण,व्यापार अथवा सेवा क्षेत्र में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला उद्यमी द्वारा नए उद्यम स्थापित करने के लिए है।
10 लाख तक की ऋण-आवश्यकता वाली योजनाएं कौन-कौन-सी हैं?
10 लाख से कम के ऋणों के लिए बैंक अपनी मौजूदा योजनाओं के अंतर्गत ऋण प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, मुद्रा लि. भी बैंकों के माध्यम से 10 लाख तक के ऋणों के लिए 3 योजनाएँ- शिशु/किशोर/तरुण परिचालित करता है। और अधिक विवरणों के लिए क्लिक करें।
स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत लक्ष्य ग्राहक कौन हैं/ ऋण के लिए किस प्रकार के ग्राहक पात्र हैं?
नए उद्यमों की स्थापना हेतु स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/अथवा महिला उद्यमी पात्र हैं। खास तौर से विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्र की परियोजनाएँ इस योजना के अंतर्गत कवरेज के लिए पात्र होंगी।
स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत ऋण का स्वरूप क्या होगा?
10 लाख से 100 लाख तक के संमिश्र ऋण (सावधि ऋण और कार्यशील पूँजी सहित) पात्र होंगे, जिनमें परियोजना लागत का 75% तक शामिल होगा।
स्टैंड अप इंडिया के अंतर्गत ऋण का आकार क्या होगा?
10 लाख और 100 लाख तक के समिश्र ऋण (सावधि ऋण और कार्यशील पूँजी सहित) पात्र होंगे।
स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत ब्याज दर कितनी लगाई जाती है?
ब्याज-दर उस श्रेणी (रेटिंग श्रेणी) के लिए बैंक द्वारा प्रभारित की जा रही निम्नतम ब्याज दर होगी, जो आधार दर (एमसीएलआर+3%+अवधि प्रीमियम) से अधिक नहीं होगी।
स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत प्रतिभूति संबंधी आवश्यकता क्या होगी?
ऋण से अर्जित प्राथमिक आस्ति पर बंधक/दृष्टिबंधक के अलावा ऋण संपार्श्विक प्रतिभूति अथवा स्टैंड अप इंडिया ऋण हेतु ऋण गारंटी निधि योजना (सीजीएसएसआई) से भी प्रतिभूत हो सकता है, जिसका निर्णय बैंक करेंगे।
योजना के अंतर्गत ऋण प्रदान करने के लिए कौन-कौन-सी संस्थाएँ पात्र हैं?
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की देश भर में स्थित सभी शाखाएँ।
योजना के अंतर्गत वापिसी अवधि क्या है?
संमिश्र योजना के अंतर्गत चुकौती अवधि गतिविधि के स्वरूप और बैंक ऋण से खरीदी गई आस्तियों के उपयोगी जीवन के अनुरूप निर्धारित की जाएगी, किन्तु वह 7 वर्ष से अधिक नहीं होगी, और अधिकतम 18 महीने का ऋण-स्थगन होगा।
स्टैंड अप इंडिया ऋण हेतु ऋण गारंटी निधि योजना (सीजीएसएसआई) की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
पात्रता- राष्ट्रीय ऋण गारंटी न्यासी कंपनी (एनसीजीटीसी) के साथ करार निष्पादित करने के पश्चात् पात्र ऋणदात्री संस्था(ओं) द्वारा किसी पात्र उधारकर्ता को प्रदान किए गए रु. 10 लाख से अधिक और रु. 100 लाख तक के स्टैंड अप इंडिया ऋण।
गारंटी शुल्क- मंजूर की गई ऋण सुविधा (जिसमें सावधि ऋण और/अथवा कार्यशील पूँजी सुविधा शामिल है) पर जोखिम आधारित गारंटी शुल्क
गारंटी प्राप्त कर रही पात्र संस्था द्वारा गारंटी शुल्क का भुगतान न्यास को पहले ही (अपफ्रंट) अदा करना होगा। बैंक और उधारकर्ता इस शुल्क को समझौते के आधार पर वहन करेंगे।
स्टैंड अप इंडिया योजना स्माइल योजना के किस प्रकार अलग है?
स्माइल योजना मौजूदा और नई इकाइयों के लिए मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत 25 चिह्नित क्षेत्रों में लगाई जा रही परियोजनाओं में निवेश के लिए केवल सिडबी के माध्यम से परिचालित की जा रही है। इसमें सहायता अर्ध-ईक्विटी और सावधि ऋण के रूप में अपेक्षाकृत सुलभ शर्तों पर दी जाती है, और नई इकाइयों के लिए सावधि ऋण का न्यूनतम आकार रु. 50 लाख रखा जाता है। स्टैंड अप इंडिया योजना का परिचालन देश भर की 1.25 लाख बैंक शाखाओं के माध्यम से प्रस्तावित है। इसमें खास तौर से अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/महिलाओं को रु. 10 लाख से अधिक और रु. 100 लाख तक के ऋण दिए जाएँगे, ताकि वे नए उद्यम (ग्रीन-फील्ड) लगा सकें।
स्टैंड अप इंडिया योजना किस प्रकार स्टार्ट अप इंडिया योजना से अलग है?
स्टैंड अप इंडिया योजना का उद्देश्य भारत की बैंक-शाखाओं के माध्यम से नए उद्यम स्थापित करने में अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/महिलाओं को मदद करना है, जबकि स्टार्ट अप इंडिया योजना का लक्ष्य नवोन्मेषितापूर्ण एवं प्रौद्योगिकी-आधारित नए/मौजूदा उद्यमों को बढ़ावा देना है।
योजना के अन्य लाभ क्या होंगे?
स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए सिडबी द्वारा तैयार किया गया वेब पोर्टल संभावित उधारकर्ताओं को ऋण हेतु बैंकों से जोड़ने के साथ-साथ, प्रशिक्षण, कौशल विकास, मेंटरिंग, परियोजना रिपोर्ट निर्माण, आवेदन पत्र भरने,वर्कशेड/उपयोगिता सहायता सेवा, सब्सिडी योजनाओँ वाली एजेंसियों आदि के माध्यम से हैंड होल्डिंग सहायता भी मुहैया कराता है।
योजना के अंतर्गत लाभग्राही को चिह्नित करने की प्रणाली क्या है?
लाभग्राही बैंक में चलकर आनेवाली ग्राहक,ऑनलाइन आवेदक अथवा ऐसी विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों के प्रशिक्षु हो सकते हैं जो रोजगारपरक प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, वित्तीय प्रशिक्षण आदि प्रदान करती हैं।
मैं एक गृहिणी हूँ। मैंने ब्यूटीशियन का कोर्स किया है। मैं अपना ब्यूटी पार्लर खोलना चाहती हूँ। क्या मुझे इस योजना में ऋण मिलेगा?
स्टैंड अप इंडिया महिलाओं के लिए बनी विशेष योजना है। अतः आप इस योजना के अंतर्गत अपनी आवश्यकतानुसार ऋण-सुविधा प्राप्त कर सकती हैं, बशर्तें समिश्र ऋण की राशि रु. 10 लाख से रु. 100 लाख के बीच हो। और अधिक जानकारी के लिए आप अपनी निकटतम बैंक-शाखा से संपर्क कर सकती हैं या स्टैंड अप इंडिया पोर्टल देख सकती हैं।
मैं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी का हूं और अभी बेरोजगार हूंI मैं अपना स्वयं का व्यरवसाय शुरू करना चाहता हूं। क्या मुझे इस योजना के अंतर्गत ऋण मिल सकता है ?
नई परियोजना लगाने हेतु 10 लाख से 100 लाख तक के संमिश्र ऋण स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत शामिल किए जाने हेतु पात्र हैं, बशर्ते वे योजना के अंतर्गत अन्या अपेक्षाओं को पूर्ण करते हों। अधिक विवरण हेतु कृपया अपनी निकटतम बैंक शाखा से संपर्क करें अथवा स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल देखें ।
मार्गदर्शक सहायता क्या है ?
किसी भी नए उद्यमी को बैंक की अपेक्षाओं के अनुसार ऋण आवेदन भरने संबंधी प्रशिक्षण से लेकर आगे तक, उसका स्वयं का व्यवसाय उद्यम स्थासपित करने में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यह पोर्टल विशिष्ट विशेषज्ञता रखने वाली विभिन्न एजेंसियों से जुड़ने हेतु इस संबंध में कदम दर कदम मार्गदर्शन उपलब्धि कराता है। जैसे कौशल केन्द्र,परामर्श सहायता, उद्यमिता विकास कार्यक्रम केंद्र, जिला उद्योग केंद्र आदि के पते एवं संपर्क नंबर सहित।
मुझे मार्गदर्शक सहायता किस प्रकार मिल सकती है ?
आप पोर्टल को देख सकते हैं अथवा अपने निकटतम संयोजन केंद्र से सहायता प्राप्तस कर सकते हैं, ताकि आपको आवश्यक मार्गदर्शक सहायता की प्रकृति की पहचान की जा सके। मोटे तौर पर मार्गदर्शक सहायता को विशेषज्ञता के 7 क्षेत्रों में विभक्त किया गया है,जो हैं:कौशल उन्न्यन (व्यायवसायिक), वित्तीेय साक्षरता प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, परामर्श प्रदान करना, परियोजना रिपोर्ट तैयार करना, ऋण आवेदन भरना, जिला उद्योग केंद्रों से वर्कशेड्स एवं सब्सिडी सहायता हेतु मार्जिन राशि।
क्या मुझे प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु भुगतान करना है?यदि हां, तो कितना ।
हां। प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु आपको एजेंसी को सीधे ही उनके लागू शुल्क ढांचे के अनुसार भुगतान करना होगा।
क्या मुझे पोर्टल पर पंजीकरण हेतु भुगतान करना है ।
पोर्टल पर पंजीकरण नि:शुल्क है ।
यदि मेरा प्रस्तापव मंजूर नहीं होता है,तो मु्झे क्यों करना चाहिए ?
आपका प्रस्तास के मंजूर न होने के कारण जानने हेतु कृपया अपने अधिमान्य बैंकर (आपके द्वारा चयनित) से संपर्क करें तथा उसके आधार पर सुधारात्मक कार्रवाई करें,ताकि प्रस्ताव ऋण प्राप्त करने योग्य हो सके ।
यदि मेरे पास समानांतर प्रतिभूति है, तो क्याे स्टैंड अप इंडिया के अंतर्गत ऋण हेतु मुझे अनिवार्य रूप से ऋण गारंटी कवर के विकल्प का चयन करना होगा ?
नहीं। केवल ऋण गारंटी कवर के माध्यस से ही ऋण की प्रतिभूति बनाने के संबंध में कोई बाध्यता नहीं है। आप ऋण को समानांतर प्रतिभूति के माध्यम से भी प्रतिभूत कर सकते हैं। कृपया इस संबंध में अपने बैंकर से चर्चा कर लें ।
स्त्रोत : स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल।
अंतिम बार संशोधित : 5/1/2023
इस पृष्ठ में अदरक की वैज्ञानिक खेती की विस्तृत जान...
इस पृष्ठ में अनुसूचित जाति कल्याण से सम्बंधित अनुस...
इस भाग में अस्पताल जाने की स्थितियों में किन बातों...
इस भाग में अधिक फसलोत्पादन के लिए लवणग्रस्त मृदा स...