कैसे प्राप्त करें बेहतर देखभाल ?
जब आप किसी स्वास्थ्य से पीड़ित हों तो आपको कई निर्णय लेने पड़ते हैं । इनमें से एक निर्णय लेने पड़ते हैं । इनमे से एक निर्णय होता है कि क्या आप किसी स्वास्थ्यकर्मी से परमर्श करना चाहेंगी और आपको किस प्रकार का स्वास्थ्यकर्मी चाहिए । अगर किसी समस्या के उपचार के लिए एक से अधिक तरीके हैं तो निर्णय करने से पहले आपको हर तरीके के लाभ व हानियों/ जोखिमों के बारे में विचार करना होगा । आप सर्वोतम निर्णय ले सकेंगी तथा सर्वोतम देखभाल प्राप्त कर सकेंगी अगर आप आपनी स्वास्थ्य समस्या के निराकरण के लिए अपने डॉक्टर नर्स या स्वास्थ्य कर्मचारी के साथ सक्रिय रूप से कार्य कर सकें ।
अपने स्वस्थ्य के बारे में सर्वोतम रूप से तभी भाग ले सकेंगी अगर आप इसके लिए तैयार हैं । जब आप चिकित्सा सहायता प्राप्त करें तो आप को यह पता होना चाहिये कि आप क्या आशा कर सकती हैं ।
स्वास्थ्य सेवा तंत्र का उपयोग करने से पहले, जितना अधिक हो सके, अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करें । इस पुस्तक को पढ़ने से आपको अपनी स्वास्थ्य समस्या और उसके संभावित कारणों को जानने में सहायता मिलेगी । स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में सोचने के लिए कृपया देखें “ स्वास्थ्य समस्यों का समाधान “
जो डॉक्टर, नर्स या स्वास्थ्य कर्मचारी आपको देखता है, उसे आपकी वर्त्तमान स्वास्थ्य समस्या तथा आपके पूर्व स्वास्थ्य के बारे में पूछना चाहिए । चाहे आपको थोड़ी से परेशानी की क्यों न हो, उसे पूरी जानकारी दें ताकि पूछने वाले को आपकी स्वास्थ्य समस्या के विषय में अधिकाधिक समझ हो सके । अगर आप कोई दवा ले रही हैं जिसमें एस्प्रीन तथा एंटीबायटिक्स भी शामिल हैं, तो उसके विषय में अवश्य बताएं । आपको भी अपनी समस्या से सम्बंधित प्रश्न पूछने का अवसर मिलना चाहिए । यह महत्वपूर्ण है कि जितने चाहें, उतने प्रश्न पूछें ताकि अपनी समस्या के समाधान के लिए अच्छा निर्णय ले सकें । अगर इन प्रश्नों का उत्तर पहले ही नहीं मिल पाया है तो आप शायद ये प्रशन पूछना चाहे :
बहुत से डॉक्टर्स या नर्सों को अच्छी तरह से जानकारी देने की आदत नहीं होती है या उनके पास आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए समय नहीं हो । इस पर कोई समझौता न करें । द्रढ़ता परन्तु सम्मानपूर्वक यह सब पूछें । जब तक आपको पूरी तरह से समझ न आ जाए, आपके प्रश्नों का उत्तर देना उनका कर्त्तव्य है । अगर आपको समझने में दिक्कत हो रही है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बेवकूफ हैं । यह इसलिए हो रहा है क्योंकि वे आपको ठीक से समझा नहीं रहे हैं ।
यह जानने के लिए कि आपकी समस्या क्या है और यह कितनी गंभीर हैं, आपको चेक उप कराने की आवश्यकता पड़ सकती है । अधिकतर परीक्षणों में समस्याग्रस्त अंग या भाग को देखने, महसूस करने व सुनने की आवशयकता होती है । अगर आपको किसी प्रकार की चिंता, शर्म या डर लग रहा हो तो किसी मित्र या महिला स्वास्थ्य कर्मचारी को चेक-उप के दौरान अपने साथ रखें ।
परीक्षणों में किसी स्वास्थ्य समस्या के विषय में अधिक जानकारी मिलती है । अनेक परीक्षणों में पेशाब, मल या खांसी द्वारा निकाला गया बलगम थोड़ी से मात्रा में लेकर प्रयोगशाला में भेजा जाता है या फिर आपकी उंगली या बांह में से थोडा सा रक्त सुई के द्वारा निकाला जाता है । अन्य सामान्य परीक्षणों में ये सम्मिलित हैं :
एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड का प्रयोग करके आपके शरीर के भीतर का परिक्षण करना । एक्स-रे का प्रयोग टूटी हड्डियों, फेफड़ों के संक्रमण तथा कुछ कैंसरों के निदान के लिए ही किया जाता है । प्रयत्न करिए की गर्भावस्था के दौरान आप एक्स-रे न करवाए । गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ बच्चे के परिक्षण के लिए अल्ट्रासाउंड का प्रयोग किया जा सकता है परन्तु हमेशा आवशयक नहीं होता है। आपको अधिकार है कि आप अनाव्शय्क परिणामों के लिए “नहीं “ कह सकती हैं।
कोई भी परिक्षण करवाने से पहले उसके खर्चों की चर्चा अवश्य करें। डॉक्टर, नर्स या स्वास्थ्य कर्मचारी से यह स्पष्ट करने को कहें कि उन्हें उस परिक्षण से क्या मालूम होगा और अगर वह परिक्षण नहीं करवाया गया तो क्या होगा ?
अनके रोगों को चिकित्सकीय सेवा प्राप्त करने में काफी चिंता होती है, यहाँ तक कि उन रोगों के लिए भी जो गंभीर नहीं है । और जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसके लिए अपनी देख भाल की मांग करना और भी कठिन हो जाता है । ऐसे में कोई मित्र पड़ोसी या परिवारजन साथ तो इससे काफी सहायता मिलती है। ऐसा साथी –
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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