वैयक्तिक वेतन- हिन्द भाषा, हिंदी टंकण एंव आशुलिपि की परीक्षाएँ उतीर्ण करने पर केंद्र सरकार के अधिकारियों/कर्मचारियों को 12 महीने की अवधि के लिए एक वेतन वृद्धि के बराबर का वैयक्तिक दिया जाता है|
(क) प्रबोध परीक्षा –वैयक्तिक वेतन केवल उन्हीं अराजपत्रित कर्मचारियों को दिया जाता है जिनके लिए प्रबोध पाठ्यक्रम अंतिम पाठ्यक्रम के रूप में निर्धारित किया गया है और जो इस परीक्षा को 55% या अधिक अंक लेकर उतीर्ण करते हैं| राजपत्रित अधिकारियों को प्रबोध परीक्षा उतीर्ण करने पर वैयक्तिक वेतन नहीं दिया जाता है|
(ख) प्रवीन परीक्षा- वैयक्तिक वेतन केवल उन्हीं अधिकारीयों/कर्मचारियों को दिया जाता है जिनके लिए प्रवीन पाठ्यक्रम अंतिम पाठ्यक्रम के रूप में निर्धारित किया गया है
(1) अराजपत्रित कर्मचारियों को 55% या अधिक अंक लेकर प्रवीन परीक्षा उतीर्ण करने पर|
(2) राजपत्रित अधिकारियों को 60% या अधिक अंक लेकर प्रवीन परीक्षा उतीर्ण करने पर|
(ग) प्रज्ञा परीक्षा - वैयक्तिक वेतन केवल उन्हीं अधिकारीयों/कर्मचारियों (राजपत्रित/ अराजपत्रित) को प्रज्ञा परीक्षा उतीर्ण करने पर दिया जाता है| जिनके लिए पाठ्यक्रम अंतिम पाठ्यक्रम के रूप में निर्धारित किया गया है
(घ) हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण- हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण की परीक्षा उतीर्ण करने वाले केंद्र सरकार के अराजपत्रित कर्मचारियों को एक वेतन वृद्धि के बराबर 12 महीने की अवधि के लिए वैयक्तिक दिया जाता है| इसके अतिरिक्त सहायक, अनुवादक, अवर श्रेणी लिपिक तथा प्रवर लेखा परीक्षक, जिनके लिए टंकण का प्रशिक्षण अनिवार्य नहीं है पर उपयोगी है को अवर श्रेणी लिपिकों को भांति ही उक्त वितीय प्रोत्साहन तथा अन्य सुविधाएँ इस सबंध में जारी की गई विभिन्न शर्तों के अधीन दी जाती हैं|
(ङ) हिंदी आशुलिपि –
(1) अराजपत्रित हिंदी भाषी आशुलिपिकों को हिंदी आशुलिपि की परीक्षा उतीर्ण करने पर 12 महीने के लिए एक वेतन वृद्धि, जो आगामी वेतन वृद्धि में मिल दी जाती है, के बराबर वैयक्तिक वेतन दिया जाता है|
(2) राजपत्रित आशुलिपिकों को 90% या अधिक अंक लेकर हिंदी आशुलिपि परीक्षा उतीर्ण करने पर वैयक्तिक वेतन दिया जाता है|
जिन आशुलिपिकों (राजपत्रित/अराजपत्रित दोनों) की मातृभाषा हिंदी नहीं है, उन्हें हिंदी आशुलिपि परीक्षा उतीर्ण करने पर दो वेतन वृद्धियों के बराबर वैयक्तिक वेतन दिया जाता है| ये वेतन वृद्धियां भावी वेतन वृद्धियों में मिलाई जाएँगी| ऐसे कर्मचारी पहले वर्ष दो वेतन वृद्धियों के बराबर और दूसरे वर्ष पहली वेतन वृद्धि को मिला दिए जाने पर केवल एक वेतन वृद्धि के बराबर वैयक्तिक वेतन प्राप्त कर सकते हैं|
टिप्पणी: जिस कर्मचारी को सेवाकालीन हिंदी प्रशिक्षण से छूट मिली हुई हो उस कर्मचारी को सम्बन्धित परीक्षा उतीर्ण करने पर किसी प्रकार के वित्तीय लाभ/प्रोत्साहन नहीं मिलेंगे|
2 नगद पुरस्कार- हिंदी प्रबोध, प्रवीन, प्राज्ञ, हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण और हिंदी आशुलिपि की परीक्षाएँ अच्छे अंकों से उतीर्ण करने पर पात्रता के अनुसार निम्नलिखित नकद पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं, जिनकी वर्तमान दरें निम्नानुसार हैं-
(1) प्रबोध
अंक प्राप्त करने पर
अंक प्राप्त करने पर
(2) प्रवीन
(1) 70 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर Rs.1800/-
(2) 60 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 70 प्रतिशत से कम Rs. 1200/-
अंक प्राप्त करने पर
(3) 55 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 60 प्रतिशत से कम Rs. 600/-
अंक प्राप्त करने पर
(3) प्राज्ञ
(1) 70 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर Rs.2400/-
(2) 60 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 70 प्रतिशत से कम Rs. 1600/-
अंक प्राप्त करने पर
(3) 55 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 60 प्रतिशत से कम Rs. 800/-
अंक प्राप्त करने पर
(4) हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण
(5) 97 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर Rs.2400/-
(6) 95 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 97 प्रतिशत से कम Rs. 1600/-
अंक प्राप्त करने पर
(7) 90 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 95 प्रतिशत से कम Rs. 800/-
अंक प्राप्त करने पर
(5) हिंदी आशुलिपि
(1) 95 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर Rs.2400/-
(2) 92 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 95 प्रतिशत से कम Rs. 1600/-
अंक प्राप्त करने पर
(3) 88 प्रतिशत या इससे अधिक परन्तु 92 प्रतिशत से कम Rs. 800/-
अंक प्राप्त करने पर
(6) निजी प्रयत्नों से हिंदी शिक्षण योजना की हिन्दीभाषा, हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण एवं हिंदी आशुलिपि की परीक्षाएँ उतीर्ण करने पर एकमुश्त पुरस्कार
1. हिंदी शिक्षण योजना की प्रबोध परीक्षा Rs. 1600/-
२. हिंदी शिक्षण योजना की प्रवीन परीक्षा Rs.1500/-
३. हिंदी शिक्षण योजना की प्राज्ञ परीक्षा Rs. 2400/-
४. हिंदी शिक्षण योजना की हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण परीक्षा Rs. 1600/-
५. हिंदी शिक्षण योजना की हिंदी आशुलिपि की परीक्षा Rs. 3000/-
जिन कर्मचारियों को हिंदी के सेवाकालीन प्रशिक्षण से छूट प्राप्त है उन्हें सम्बन्धित स्तर की हिंदी परीक्षा उतीर्ण करने पर नकद एंव एकमुश्त पुरस्कार देय होंगे|
हिंदी शिक्षण योजना द्वारा आयोजित हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण एवं हिंदी आशुलिपि परीक्षाएँ उतीर्ण करने पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय प्रोत्साहन तथा वैयक्तिक वेतन, नकद पुरस्कार से सम्बन्धित आदेश उन सभी कर्मचारियों पर भी लागू होंगें जो हिंदी शिक्षण योजना द्वारा आयोजित हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण एवं हिंदी आशुलिपि की परीक्षाएँ इलेक्ट्रॉनिक टापराइटर या कंप्यूटर का प्रयोग करके उतीर्ण करते हैं|
टिप्पणी:
1. एकमुश्त पुरस्कार प्रचालन कमर्चारियों के अतिरिक्त केवल उन्हीं कमर्चारियों को दिया जाएगा जो ऐसे स्थानों पर तैनात हैं जहाँ हिंदी शिक्षण योजना के प्रशिक्षण केंद्र नहीं है अथवा जहाँ सम्बन्धित पाठ्यक्रम के प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं है|
2. जो प्रशिक्षार्थी निजी प्रयत्नों से हिंदी शिक्षण योजना की हिन्ही भाषा, हिंदी शब्द संसाधन/हिंदी टंकण एवं हिंदी आशुलिपि परीक्षाएँ उतीर्ण करते हैं उनको एक मुश्त पुरस्कार के आलावा नकद पुरस्कार प्रदान करते समय निर्धारित किये गए प्रतिशत से पांच प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर भी नकद पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी|
II. अंग्रेजी के अतिरिक्त हिंदी में भी सरकारी काम-काज करने के लिए आशुलिपिकों तथा टंककों के प्रोत्साहन भत्ता
अंग्रेजी के अतिरिक्त हिंदी में भी सरकारी काम-काज करने के लिए आशुलिपिकों तथा टंककों के प्रोत्साहन भत्ता प्रतिमाह क्रमशः: 240/- रूपये व 160/- देने का प्रावधान है| (आदेश सं. 13034/12/2009-रा.भा.(नीति)
III. सरकारी कामकाज (टिप्पण/आलेखन) मूल रूप से हिंदी में करने के लिए प्रोत्साहन योजना
सरकारी काम मूल रूप से हिंदी में करने के लिए पुरस्कार राशि निम्न प्रकार है-
(क) केंद्र सरकार के प्रत्येक मत्रालय/विभाग/संम्बंध कार्यालय के लिए स्वतंत्र रूप से:
पहला पुरस्कार (2 पुरस्कार) : प्रत्येक 2000/-रुपये
दूसरा पुरस्कार (3 पुरस्कार) : प्रत्येक 1200/-रुपये
तीसरा पुरस्कार (5 पुरस्कार) : प्रत्येक 600/-रुपये
(ख) केंद्र सरकार के किसी विभाग के प्रत्येक अधीनस्थ कार्यालय के लिए स्वतंत्र रूप से:
पहला पुरस्कार (2 पुरस्कार) : प्रत्येक 1600/-रुपये
दूसरा पुरस्कार (3 पुरस्कार) : प्रत्येक 800/-रुपये
तीसरा पुरस्कार (5 पुरस्कार) : प्रत्येक 600/-रुपये
योजना के लिए मुख्य मार्गदर्शी निम्नावार हैं:-
IV अधिकरियों द्वारा हिंदी में डिक्टेशन देने के लिए प्रोत्साहन योजना
राजभाषा क्रीर्ति पुरस्कार योजना
इस योजना के अंतर्गत राजभाषा निति के सर्वश्रेष्ठ कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप राजभाषा के प्रयोग में बेहतर प्रगति दर्ज करने वाले मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के राजभाषा शील्ड देकर सम्मानित किया जाता है| पुरस्कारों के लिए मुल्यांकन सचिव, राजभाषा विभाग के अनुमोदन से गठित एक समिति द्वारा किया जाता है जिसमें विभाग के अधिकारियों के अतिरिक्त गैर सरकारी सदस्य भी शामिल किये जाते हैं|
श्रेणी |
विवरण |
पुरस्कार |
मंत्रालय/विभाग |
300 से कम स्टाफ संख्या वाले मत्रालय 300 से अधिक स्टाफ संख्या वाले मत्रालय |
03 शील्डे |
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम |
क क्षेत्र में स्थित उपक्रम ख क्षेत्र में स्थित उपक्रम ग क्षेत्र में स्थित उपक्रम |
03 शील्डे 03 शील्डे 03 शील्डे |
बोर्ड स्वायत्त निकाय, ट्रस्ट आदि |
क क्षेत्र में स्थित में बोर्ड आदि ख क्षेत्र में स्थित में बोर्ड आदि ग क्षेत्र में स्थित में बोर्ड आदि |
03 शील्डे 03 शील्डे 03 शील्डे |
राष्ट्रीयकृत बैंक |
क, ख, तथा ग क्षेत्र के लिए प्रथम तथा द्वितीय पुरस्कार |
06 शील्डे |
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति |
क, ख, तथा ग क्षेत्र में स्थित न.रा.का.स. को एक-एक पुरस्कार |
03 शील्डे |
गृह पत्रिका |
क, ख, तथा ग क्षेत्र के लिए प्रथम तथा द्वितीय पुरस्कार |
06 शील्डे |
उपरोक्त राजभाषा क्रीर्ति पुरस्कार योजना के ब्यौरे के लिए योजना का संकल्प (सं. 11034/48/2014-राज.भा. (नीति) दिनांक 25-03-2015) देखें|
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना
१. राजभाषा गौरव मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार योजना (केंद्र सरकार के कार्मिकों के लिए)
केन्द्रीय सरकार में सेवारत या सेवानिवृत्त कार्मिकों को हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए नगद पुरस्कार दिए जाते हैं| पुरस्कारों के लिए मुल्यांकन सचिव, राजभाषा विभाग के अनुमोदन से गठित एक समिति द्वारा किया जाता है जिसमें विभाग के अधिकरियों के अतिरिक्त गैर सरकारी सदस्य.विद्वान् भी शामिल किये जाते हैं| पुस्तक लेखन पुरस्कार की राशि निम्न प्रकार हैं
प्रथम पुरस्कार : 1,00,000 रु. प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
द्वितीय पुरस्कार 75,000 . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
तृतीय पुरस्कार 60,000. प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
प्रोत्साहन पुरस्कार 30,000. प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
२. राजभाषा गौरव ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार योजना (सभी नागरिकों के लिए)
यह योंजना आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की विभिन्न विधाओं पर हिंदी में मौलिक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है| इस योजना में देश का कोई भी नागरिक भाग ले सकता है| पुरस्कारों के लिए मूल्यांकन सचिव, राजभाषा विभाग के अनुमोदन से गठित एक समिति द्वारा किया जाता है जिसमें विभाग के अधिकरियों के अन्तिरिक्त गैर सरकारी सदस्य/विद्वान भी शामिल किये जाते हैं| योजना के अंतर्गत निम्नलिखित राशियों के 13 नगद पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान है:
प्रथम पुरस्कार (एक) दो लाख रु० . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
द्वितीय पुरस्कार (एक) एक लाख पच्चीस हजार रु० प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
तृतीय पुरस्कार (एक) पचत्तर हजार रु० . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
प्रोत्साहन पुरस्कार(दस) दस हजार रु० . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रत्येक को
राजभाषा गौरव उत्कृष्ट लेखों के लिए पुरस्कार योजना (केंद्र सरकार के कर्मिकों के लिए)
केंद्र की नीति के अनुसार सरकारी कामकाज में राजभाषा हिंदी का प्रयोग प्रेरणा, प्रोत्साहन एवं सदभावना को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की गई हैं| इसी के अंतर्गत केंद्र सरकार के अधिकरियों/कर्मचारियों द्वारा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित उत्कृष्ट लेखों के लेखकों हेतु एक पुरस्कार योजना शुरू की गई है| इस योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट लेख के लेखकों को दो वर्गों, हिंदी और हिंदीतर, में तीन-तीन पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं| हिंदी भाषी लेखकों को क्रमशः 20,000 रूपये, 18,000 रूपये एवं 15,000 रूपये तथा हिंदीतर भाषी लेखकों को 25,000 रूपये 22,000 रुपये एवं 20,000 रूपये नकद राशि का पुरस्कार दिया जाता है|
उपरोक्त राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना के ब्यौर के लिए योजना का संकल्प (सं 11034/48/2014-रा.भा.(नीति) दिनांक 25/03/2015) देखें|
IV “वर्ष” से अभिप्राय है: (१) योजना वर्ष अभिप्राय- वित्तीय वर्ष (२) प्रकाशन वर्ष अभिप्राय- कैलेंडर वर्ष
3. उद्देश्य: केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों इत्यादि में सरकारी कामकाज में तकनीकी विषयों पर भी कार्य किया जाता है| ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने में कठिनाई आती हैं क्योंकि तकनीकी विषयों पर पुस्तकों की कमी है| ऐसे विषयों पर सरकारी कामकाज में हिंदी शब्दावली से अनभिज्ञ होते हैं| इसका मुख्य कारण ज्ञान-विज्ञान के विषयों में पुस्तकों का कम उपलब्ध होना है| इस क्षेत्र में हिंदी में पुस्तक लेखन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजभाषा विभाग यह योजना चला रहा है|
4. पुरस्कार:
प्रथम पुरस्कार (एक) 2,00,000/- रु० (दो लाख रु०) . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
द्वितीय पुरस्कार (एक) 1,25,000/- रु० (एक लाख पच्चीस हजार रु०) प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
तृतीय पुरस्कार (एक) 75,000/- रु० (पचत्तर हजार रु०) . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
प्रोत्साहन पुरस्कार(दस) 10,000/- रु० (दस हजार रु०) . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रत्येक को
5. पात्रता
1. लेखक भारत का नागरिक होना चाहिए|
2. पुस्तक आधुनिक तकनीकी/विज्ञानं की विभिन्न विधाओं पर लिखी हो सकती है
उधारणार्थ-
6. समान्य शर्तें
1. प्रविष्ट उपर्युक्त पुरस्कार योजनाओं में से केवल एक योजना एक योजना के लिए ही भेजी जा सकती है| पुस्तक के एक से अधिक लेखक होने की स्थिति में प्रत्येक सहलेखक द्वारा अलग-अलग प्रोफार्मा भरा जाये|
2. योजना के अंतर्गत पुरस्कार के लिए वे पुस्तकें ही स्वीकार्य हैं जो लेखक की हिंदी में मौलिक रचना हों| अनुदित पुस्तकें स्वीकार्य नहीं हैं|
3.भारत के राजपत्र के भाग-1, खण्ड-1 में प्रकाशनार्थ भारत सरकार गृह मत्रालय (राजभाषा विभाग)
संकल्प
सं. 11034/48/2014- रा.भा. (नीति) : आधुनिक ज्ञान/विज्ञान विभिन्न विधाओं एंव राजभाषाओं हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मौलिक रूप से राजभाषा हिंदी में पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग द्वारा जारी संकल्प सं. 11/12013/2/85- रा.भा. (प) दिनांक 30/7/1986, सं. 11/12013/2000- रा. भा. (नी.2) दिनांक 8/8/2005 एवं का ज्ञापन सं. 11014/12/2013- रा.भा. (प) दिनांक 2/5/2013 (उत्कृष्ट लेखों के लिए) का अधिक्रमण करते हुए वित्तीय वर्ष 2015-16 से नई पुरस्कार योजना की शुरू की जाती है जिसका नाम “राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना” है| इसके तहत निम्नलिखित पुरस्कार योजनायें है:-
क) भारत के नागरिकों को हिंदी में ज्ञान विज्ञानं मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार |
ख) केंद्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार |
ग) केंद्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में उत्कृष्ट लेख के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार
(क): भारत के नागरिकों को हिंदी में ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना
7. प्रविष्ट भेजने की विधि:
(1) प्रविष्ट अनुलग्नक में दिए गए प्रपत्र के साथ भेजी जाएँ अन्यथा उन्हें स्वीकार नहीं किया जायेगा|
(2) कृपया प्रत्येक प्रविष्ट के साथ पुस्तक की तीन प्रतियाँ भेजें| पुस्तकें वापिस नहीं की जाएँगी|
(3) निर्धारित प्रपत्र भरकर प्रविष्ट विभाग द्वारा दी गई अंतिम तिथि तक पहुँच जानी चाहिए|
(4) एक लेखक एक योजना में केवल एक ही प्रविष्ट भेज सकता है|
8. पुस्तकों की मूल्यांकन प्रक्रिया:
पुस्तकों का मूल्यांकन राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारत मानदंडों के आधार पर राजभाषा बिभाग द्वारा गठित मूल्यांकन समिति द्वारा किया जायेगा| समिति की अध्यक्षता संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग द्वारा की जाएगी| समिति में आवश्कतानुसार सरकारी सदस्यों के अतिरिक्त गैर-सरकारी, प्रतिष्ठित विद्वानों/विशेषज्ञों भी शामिल किये जा सकते हैं जिसमें निम्नलिखित व्यक्ति होंगे:-
क. संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग – अध्यक्ष
ख. दो गैर-सरकारी व्यक्ति, जो राजभाषा
विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष नामित किये जायेंगें – सदस्य
ग. निदेशक/उप-निदेशक (कार्यान्वयन), राजभाषा विभाग – सदस्य-सचिव
(1) प्रविष्ट भेजने वाले लेखकों के निकट सम्बन्धि मूल्यांकन समिति में नहीं लिए जायेंगे|
(2) मूल्यांकन समिति को यह अधिकार होगा कि वह किसी पुस्तक के बारे में निर्णय देने से पहले सम्बन्धित विषय के विशेषज्ञ.विशेषज्ञों की राय प्राप्त कर लें|
(3) मूल्यांकन समिति मूल्यांकन के मानदंड स्वयं निर्धारित करेगी|
(4) पुरस्कार देने के बारे में सर्वसम्मति न होने की स्थिति में निर्णय बहुमत द्वारा किया जायेगा| यदि किसी निर्णय के बारे में पक्ष और विपक्ष में बराबर मत हो तो, अध्यक्ष को निर्णायक मत देने का अधिकार होगा|
(5) मूल्यांकन समिति के सरकारी सदस्यों को यात्रा भत्ता/दैनिक भत्ता उसी श्रोत से मिलेगा, जिस श्रोत से उन्हें वेतन मिलता है| समिति के गैर-सरकारी सदस्य भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किये गए और सम्बन्धित अवधि में लागू अनुदेशों के अधीन यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ता पाने के अधिकारी होंगे|
(6) मूल्यांकन समिति के विशेषज्ञ राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित मानदेय के भी अधिकारी होंगे|
(7) मूल्यांकन समिति की सिफारिशें पर निर्णय राजभाषा विभाग द्वारा किया जायेगा|
9. पुरस्कार के बारे में घोषणा और पुरस्कार वितरण
10. सामान्य सूचना:
11. योजना शिथिल करने का अधिकार ‘
जहाँ केंद्र सरकार की राय हो कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, वहाँ वह उसके लिए जो कारण हैं उन्हें लेखबद्ध करके, इन विनियमों के किसी उपबंध को आदेश द्वारा शिथिल कर सकेगी|
भारत के नागरिकों को हिंदी में ज्ञान-विज्ञानं मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव
पुरस्कार- वर्ष
(i) पूरा पता (पिन कोड सहित): -
(ii) दूरभाष:- फैक्स संख्या
(iii) मोबाइल फोन नं: -
(iv) ई-मेल: -
4.(i) प्रकाशक का नाम: -
(ii) प्रकाशक का पूरा पता: -
(iii) प्रकाशन का वर्ष: -
5.क्या पुस्तक को पूर्व में किसी सरकारी संगठन से पुरस्कार प्राप्त हुआ है: हाँ/नहीं
यदि हाँ, तो कृपया पूरा ब्यौरा दें: -
6. मैं यह प्रमाणित करता हूँ/करती हूँ कि: –
(i) मैं- पुत्र/पुत्री श्री- भारतीय नागरिक हूँ|
(ii) पुस्तक मेरे द्वारा मूल रूप से हिंदी में लिखी गई है|
(iii) मेरी पुस्तक को इस योजना के अंतर्गत प्रविष्ट करने से किसी अन्य व्यक्ति के कापीराइट का उलंघन नहीं होता हो और पुस्तक में दिए गए आंकड़ों एवं तथ्यों के लिए मैं स्वयं उत्तरदायी हूँ|
मैं वचन देता/देती हूँ कि मैं हिंदी में ज्ञान-विज्ञानं मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार योजना के उपबन्धों का पालन करुँगा/करूँगी|
स्थान:- लेखक/सहलेखक के हस्ताक्षर
दिनांक : -
नोट 1: जो लागू न हो, काट दें|
नोट 2: पुस्तक के एक से अधिक लेखक होने की स्थिति में प्रत्येक सहलेखक द्वारा उपर्युक्त प्रपत्र अलग-अलग भरा जाये|
(ख) केंद्र सरकार के कर्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार:
केंद्र सरकार में कार्यरत या सेवानिवृत्त कर्मिकों को हिंदी में पुस्तक लेखन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना वित्तीय वर्ष 205-16 से शुरू की जाती है जिसके अंतर्गत पुरस्कार राशि निम्न प्रकार होंगी:-
प्रथम पुरस्कार 1,00,000/- रु० (एक लाख रु०) . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
द्वितीय पुरस्कार 75,000/- रु० (पचहत्तर हजार रु०) प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
तृतीय पुरस्कार 60,000/- रु० (साठ हजार रु०) . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
प्रोत्साहन पुरस्कार 30,000/- रु० (तीस हजार रु०) . प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह
1. परिभाषाएं: इस योजना में, जम तक की सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो-
2. उद्देश्य: योजना का उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार
3. पात्रता:
4. सामान्य शर्तें:
5. प्रविष्ट भेजने की विधि:
6. पुस्तकों की मूल्यांकन प्रक्रिया:
पुस्तकों का मूल्यांकन राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारत मानदंडों के आधार पर उपलब्ध-प्रतिष्ठित विद्वानों/विशेषज्ञों की समिति द्वारा किया जायेगा| जिसमें निम्नलिखित व्यक्ति होंगे:-
क. संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग- अध्यक्ष
ख. दो गैर-सरकारी व्यक्ति, जो राजभाषा
विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष नामित किये जायेंगें – सदस्य
ग. निदेशक/उप-निदेशक (कार्यान्वयन), राजभाषा विभाग - सदस्य-सचिव
7. पुरस्कार के बारे मने घोषणा और पुरस्कार वितरण
1 पुरस्कार के बारे में निर्णय की सुचना सभी पुरस्कार विजेताओं को पत्र द्वारा भेजी जाएगी तथा विभाग की वेबसाइट पर भी रखी जाएगी|
2 पुरस्कार वितरण राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित तिथि को किया जायेगा|
8. सामान्य सूचना:
9. योजना शिथिल करने का अधिकार:
जहाँ केंद्र सरकार की राय हो कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, वहाँ वह उसके लिए जो कारण हैं उन्हें लेखबद्ध करके, इन विनियमों के किसी उपबंध को आदेश द्वारा शिथिल कर सकेगी|
केंद्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार- वर्ष
पूरा पता (पिन कोड सहित): -
दूरभाष :- फैक्स संख्या-
मोबाइल फोन नं: -
ई-मेल : -
प्रकाशक का नाम: -
प्रकाशक का पूरा पता : -
प्रकाशन का वर्ष: -
क्या पुस्तक को पूर्व में किसी सरकारी संगठन से पुरस्कार प्राप्त हुआ है: हाँ/नहीं
यदि हाँ, तो कृपया पूरा ब्यौरा दें : -
मैं यह प्रमाणित करता हूँ/करती हूँ कि –
मैं- पुत्र/पुत्री श्री - भारतीय नागरिक हूँ|
पुस्तक मेरे द्वारा मूल रूप से हिंदी में लिखी गई है|
मेरी पुस्तक को इस योजना के अंतर्गत प्रविष्ट करने से किसी अन्य व्यक्ति के कापीराइट का उलंघन नहीं होता हो और पुस्तक में दिए गए आंकड़ों एवं तथ्यों के लिए मैं स्वयं उत्तरदायी हूँ|
मैं वचन देता/देती हूँ कि मैं हिंदी में ज्ञान-विज्ञानं मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार योजना के उपबन्धों का पालन करुँगा/करूँगी|
स्थान:- लेखक/सहलेखक के हस्ताक्षर
दिनांक : -
नोट 1: जो लागू न हो, काट दें|
नोट 2: पुस्तक के एक से अधिक लेखक होने की स्थिति में प्रत्येक सहलेखक द्वारा उपर्युक्त प्रपत्र अलग-अलग भरा जाये|
ग) केंद्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में उत्कृष्ट लेख के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार|
राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय सरकार के अधिकरियों/कर्मचारियों द्वारा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हिंदी लेखों के लेखकों हेतु वर्ष 2013-14 में शुरू की गई पुरस्कार योजना का ज्ञापन. सं. 11014/12/2013-रा.भा.(प) दिनाक 2.5.2013 का अधिक्रमण करते हुए 2015-16 से नई पुरस्कार योजना जारी की जाती है| जिसका नाम हिंदी में उत्कृष्ट लेख के लिए “राजभाषा गौरव पुरस्कार” है|
योजना के अंतर्गत निम्नलिखित राशियों के 6 पुरस्कार दिए जायेगें:-
हिंदी भाषी हिंदीत्तर भाषी
प्रथम 20,000/-रु० (बीस हजार रूपये) 25,000/-रु० (पच्चीस हजार रूपये)
द्वितीय 18,000/-रु० (अठारह हजार रूपये) 22,000/-रु० (बाईस हजार रूपये)
तृतीय 15,000/-रु० (पंद्रह हजार रूपये) 20,000/-रु० (बीस हजार रूपये)
पात्रता:
(क) केंद्र सरकार के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त कार्मिक
(ख) उक्त लेख विभागीय अथवा किसी भी पत्र-पत्रिकाओं में वित्तीय वर्ष में प्रकाशित होने चाहिए|
(ग) मंत्रालय अपने स्तर पर अपने अधीनस्थ कार्यालय के कार्मिकों द्वारा प्रकाश्ति पत्रिकाओं के लेख वित्तीय वर्ष के आधार पर शामिल कर सकता है|
(घ) हिंदी भाषी लेखक उन अधिकरियों/कर्मचारियों का माना जायेगा जिनका घोषित निवास स्थान ‘क’ या ‘ख’ भाषाई क्षेत्र में स्थित हो|
(ङ) हिंदी भाषी लेखक उन अधिकरियों/कर्मचारियों का माना जायेगा जिनका घोषित निवास स्थान ‘ग’ क्षेत्र में स्थित हो|
(च) पुरस्कार वितरण के लिए नियत स्थान से बाहर से आये हुए पुरस्कार विजेताओं को आने-जाने के लिए रेल का द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित का किराया तथा भारत सरकार के नियमों के अनुसार दैनिक भत्ता दिया जायेगा| ठहरने की व्यवस्था स्वयं अपने खर्चे पर करनी होगी|
मूल्यांकन प्रक्रिया:
प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अपने स्तर पर तीन-तीन लेखों का चयन करेगा| इस चयन के लिए हिंदी प्रभारी संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में समिति क गठन किया जायेगा| मंत्रालय/विभाग इन चयनित लेखों को प्रपत्र में विवरण सहित राजभाषा विभाग को भेजेंगे| राजभाषा विभाग मंत्रालयों से प्राप्त लेखों को मूल्यांकन समिति द्वारा समीक्षा करवाकर तीन पुरस्कार प्रथम, द्वितीय, तथा तृतीय पुरस्कार के लिए चयन करेगा| पुरस्कार जीतने के बारे में सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के सेवा विवरणों में भी समुचित उल्लेखकर दिया जायेगा|
गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष संघ का राजकीय कार्य हिंदी में करने के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम जारी किया जाता है| वार्षिक कार्यक्रम के अनुपालन में हुई उपलब्धियां वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट के रूप में संसद के दोनों पटलों पर रखी जाती हैं| राजभाषा विभाग द्वारा तिमाही प्रगति रिपोर्ट एवं वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट एक वेब आधारित सूचना प्रणाली htt:/rajbhashaapr.gov.in द्वारा मंगवाई जाती है|
राजभाषा विभाग द्वारा मंत्रालयों/विभागों से प्राप्त रिपोर्ट की समीक्षा की जाती हैं| अधीनस्थ कार्यालयों की समीक्षा राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालयों द्वारा की जाती है\ इन रिपोटों के आधार पर विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न पुरस्कार योजनाओं के लिए पुरस्कार देने के लिए कार्यालयों का चयन किया जाता है|
केन्द्रीय सरकार के कार्यलयों/उपक्रमों/बैंकों/बीमा कम्पनियों/निगमों/बोर्डों आदि में संघ की राजभाषा नीति की कार्यान्वयन के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय के अधीन 08 क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय कार्यरत हैं जो क्षेत्रीय आधार पर संघ की राजभाषा नीति की कार्यान्वयन पर निगरानी रखते हैं| क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए अधिकारी प्रति माह 12 निरीक्षण का लक्ष्य निर्धारित हैं| क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा अपने क्षेत्राधिकार में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यलयों उपक्रमों, बैंकों, बीमा कम्पनियों, निगमों, बोर्डों, संगठनों आदि में संघ की राजभाषा नीति की कार्यान्वयन एवं राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए किये जा रहे मुख्य नीचे दिए गए हैं:-
राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए बनी समितियां
केद्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन की समीक्षा, मोनिटरिंग आदि करने के लिए अनेक समितियां गठित हैं जिनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हैं:-
केन्द्रीय हिंदी समिति
माननीय प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में केन्द्रीय हिंदी समिति का गठन केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में समन्यव स्थापित करने के आशय से वर्ष 1967 में हिंदी के व्यापक स्तर पर प्रचार तथा प्रगामी प्रयोगार्थ किया गया था| यह राजभाषा निति के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है| समिति में प्रधानमंत्री जी के अन्तिरिक्त 08 माननीय केन्द्रीय मंत्री (गृह मंत्री जी उपाध्यक्ष, गृह मंत्रालय में राजभाषा विभाग के प्रभारी मंत्री-सदस्य), 06 राज्यों के मुख्य मंत्री, 04 संसद सदस्य तथा हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओँ के 22 विद्वान्, कुल मिलकर 40 (चालीस) सदस्य हैं| इस समिति की अब तक 30 बैठकें हो चुकी हैं| इस समिति की पिछली (30वीं) बैठकें दिनांक 28/07/2011 प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित हुई थी| इस बैठक में लिए गए निर्णयों पर अनुवर्ती कारवाई की जा रही है|
केन्द्रीय हिंदी समिति का पुनर्गठन 14/06/2014 को अधिसूचित संकल्प द्वारा 3 वर्ष की अवधि के लिए किया गया है| इस समिति में निम्नलिखित सदस्य हैं-
हिंदी सलाहकार समिति
केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों में राजभाषा निति के सुचारू रूप से कार्यान्वयन के बारे में सलाह देने के उद्देश्य से सम्बन्धित के मंत्रालयों/विभागों के मत्री की अध्यक्षता में वर्तमान में 54 के मंत्रालयों/विभागों में हिंदी सलाहकार समितियां गठित हैं| इस समिति की वर्ष में कम से कम 02 बैठकें आयोजित करना अपेक्षित हैं|
केन्द्रीय राज्भ्षा कार्यान्वयन समिति – केंद्र सरकार के के मंत्रालयों/विभागों में राजभाषा अधिनियम, 1963 और राजभाषा नियम 1976 के उपबंधों के अनुसार सरकारी प्रयोजनों के लिए हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग, केंद्र सरकार के कमचारियों के प्रशिक्षण तथा राजभाषा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गए अनुदेशों के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए तथा उसके अनुपालन में पाई गई कमियों को दूर करने के उपाय सुझाने के उद्देश्य से सचिव, के मंत्रालयों/विभागों में राजभाषा हिंदी का कार्य देख रहे प्रभारी अधिकारी (संयुक्त सचिव स्तर) समिति के पदेन सदस्य होते हिन्| इसकी वर्ष में एक बैठक आयोजित करना अपेक्षित हैं| अभी तक इसकी 37 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं|
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां
राजभाषा हिंदी के प्रयोग से सम्बन्धित अनुदेशों के कार्यान्वयन और इसमें बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए देश के विभिन्न नगरों में अभी तक 385 नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां गठित हैं| नगर विशेष में स्थित केन्द्रीय कार्यालयों आदि के विभागध्यक्ष इन समितियों के सदस्य होते हैं और उनमें से वरिष्ठतम अधिकारी इन समितियों के अध्यक्ष नामित किये जाते हैं| प्रत्येक समिति की वर्ष में 2 बैठकें आयोजित करना अपेक्षित है| नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों की सूची के लिए क्लिक करें|
विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समितियां
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों आदि में विभागी राजभाषा कार्यान्वयन समितियां गठित हैं| मंत्रालयों/विभागों में इन समितियों में संयुक्त सचिव स्तर अथवा ऊपर के अधिकारी अध्यक्ष होते हैं तथा विभिन्न प्रभागों के अधिकारी इनमें सदस्य होते हैं| इसकी बैठकें तीन माह में एक बार आयोजित होती हैं| बैठकों में तिमाही प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की जाती हैं तथा कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उपाय किये जाते हैं|
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में यह उपबंधित है कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी| अनुच्छेद 342 में यह भी उपबंधित है कि संघ के शासकीय कार्यों के लिए अंग्रेज भाषा का प्रयोग संविधान के प्रारंभ से 15 वर्ष की अवधि (अर्थात् 25 जनवरी, 1965) तक किया जाता रहेगा| अनुच्छेद 343 में संसद को यह उपबंधित करने की शक्ति दी है कि वह विधि द्वारा शासकीय प्रयोजन के लिए 25 जनवरी, 1965 के बाद भी अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखवा सकेगी| तदनुसार, राजभाषा अधिनियम, 1963 (1967 में संशोधित) की धारा 3(2) 25 जनवरी, 1965 के बाद भी शासकीय कार्य में अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखने की व्यवस्था की गई है| इस अधिनियम में यह भी निर्धारित किया गया है कि हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओँ का प्रयोग कतिपय विनिद्रिष्ट प्रयोजनों के लिए अनिवार्यतः किया जायेगा जैसे संकल्प, सामान्य आदेश, नियम, अधिसूचना, प्रशासनिक व अन्य प्रतिवेदन, प्रेस विज्ञप्तियां, संसद के किसी सदन या सदनों के समक्ष रखे जाने वाले प्रशासनिक तथा अन्य प्रतिवेदन और शासकीय कागज-पत्र, संविदा, करार, अनुज्ञप्ति, अनुज्ञा पत्र, निविदा सूचना और निविदा प्रपत्र आदि|
अनुच्छेद120 संसद की भाषा
अनुच्छेद 345 राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं
अनुच्छेद346 एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा
अनुच्छेद348 उच्चतम और उच्च न्यायलय के लिए प्रयोग की भाषा
अनुच्छेद 351 हिंदी भाषा के विकास के लिए निदेश
राजभाषा अधिनियम, 1963
राजभाषा नियम, 1976
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क क्षेत्र |
ख क्षेत्र |
ग क्षेत्र |
हिंदी में मूल पत्राचार |
क क्षेत्र से क क्षेत्र को 100% |
ख क्षेत्र से क क्षेत्र को 90% |
ग क्षेत्र से क क्षेत्र को 55% |
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क क्षेत्र से ख क्षेत्र को 100% |
ख क्षेत्र से ख क्षेत्र को 90% |
ग क्षेत्र से ख क्षेत्र को 55% |
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क क्षेत्र से ग क्षेत्र को 65% |
ख क्षेत्र से ग क्षेत्र को 55% |
ग क्षेत्र से ग क्षेत्र को 55% |
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क क्षेत्र से क व ख क्षेत्र के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/व्यक्ति 100% |
ख क्षेत्र से क व ख क्षेत्र के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/व्यक्ति 100% |
ग क्षेत्र से क व ख क्षेत्र के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/व्यक्ति 85% |
राजभाषा संकल्प-1968
राजभाषा नीति की मुख्य बातें
स्रोत:- भारत सरकार का राजभाषा विभाग|
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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