ओडिशा में ई-शासन पहल
(ओडिशा का भूमि-रिकॉर्ड का वेब-पोर्टल)
भूलेख एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो भूमि दस्तावेज (रिकॉर्ड) की ऑनलाइन जानकारी देता है। यह शुरुआत ओडिशा सरकार के भूमि अभिलेख व निरीक्षण विभाग के निदेशक ने की है। यह सॉफ्टवेयर अभिलेखों के अधिकतम रख-रखाव को निश्चित करता है तथा अधिकार के अभिलेख की समुचित प्रति जमीन के मालिकों को राज्यवार स्तर पर मुहैया कराता है।
मौजूद सेवाएं-
देखें भूलेख के बारे में ज्यादा जानने के लिए।
ओडिशा के लोगों के लिए अब जनोपयोगी फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध हैं जो ओडिशा सरकार के प्रयास से शुरु हुए वेबसाइट पर मौजूद हैं। नागरिक पीडीएफ प्रारूप में 166 अलग तरह के फॉर्म यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं। पोर्टल में इन विभागों से संबंधित फॉर्म उपलब्ध हैं- वाणिज्य व परिवहन, खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता मामले, सामान्य प्रशासन, गृह, उद्योग, विधि, जन शिकायत व पेंशन प्रशासन, राजस्व व आपदा प्रबंधन, उत्पाद, ग्रामीण विकास, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसूचित जाति व जनजाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, पर्यटन व संस्कृति औऱ महिला एवं बाल विकास विभाग।
देखें फॉर्म डाउनलोड करने के बारे में ज्यादा जानने के लिए।
ई-शिशु ओडिशा में प्राथमिक शिक्षा योजना द्वारा लागू की गई परियोजना है। यह पूरे देश में अपनी तरह का अकेला कार्यक्रम है। परियोजना के दो हिस्से हैं-
सीटीएस 14 साल से कम उम्र के सभी बच्चों का समन्वित डाटाबेस है। इसमें उनकी सामाजिक-आर्थिक सूचना के साथ ही जनसांख्यिकीय विवरण भी उपलब्ध होता है।आईएमआईएस, सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी 14 अंतर्वेशन का ऑनलाइन निरीक्षण करता है।
मुख्य तत्व-
देखें ई-शिशु के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए।
एकीकृत परिवहन सूचना प्रबंधन व्यवस्था
वाणिज्य और परिवहन विभाग ने इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम इस नाम का एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है ताकि विभाग की प्रक्रिया स्व-चालित बनाई जा सके। यह परियोजना अधिकांश सड़क परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के कार्यालयों और जाँच द्वारों में लागू कर दी गई है और दूसरे कार्यालयों में भी इसे दोहराया जा रहा है।
इस सॉफ्टवेयर से ये प्रक्रियाएँ कंप्यूटरीकृत हो गई हैं-
विभाग द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन प्रपत्र उपलब्ध कराने के लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है।
देखें आईटीआईएमएस के बारे में अधिक जानकारी के लिए।
(ओडिशा रजिस्ट्रेशन इंफार्मेशन सिस्टम)
ओआरआईएस –ओडिशा सरकार के राजस्व विभाग द्वारा शुरू की गई एक कंप्यूटरीकृत व्यवस्था है। इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कागजातों के अनुमोदन (एनडोर्समेंट), इनकम्बरेंस और डीड के कंप्यूटरीकृत पंजीकरण में किया जाता है। राजस्व विभाग का पंजीकरण विभाग इसी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से जी2सी और जी2जी सेवाएँ भी ऑनलाइन उपलब्ध कराता है।
निम्नांकित जी2सी सेवाएँ इस वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है-
देखें ओआरआईएस के बारे में ज्यादा जानने के लिए।
ई-ग्राम, गाँवों के बारे में सूचना पाने का जरिया है जिसकी शुरुआत जिलाधीश और डीआरडीए (गंजम्, ओडिशा) के सक्रिय सहयोग से हुई है। इसके माध्यम से 22 प्रखंडों के बारे में सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध कराई है। यह राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के निकनेट, बेहरामपुर और डीआरडीए के सहयोग से उपलब्ध कराई गई है।
यह प्रवेशद्वार विकास योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा और इसी तरह के अन्य उपायों पर सूचनाएँ मुहैया कराता है। यह सूचना राज्य मुख्यालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों के अलावा आम जनता तक भी उपलब्ध है।
मुख्य बातें-
ई-साक्षरता, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का एक पहल है। इससे सचिवालय में अति उन्नत प्रशिक्षण सुविधा हासिल हुई है ताकि कर्मचारियों को सूचना प्रौद्योगिकी के बारे में मूलभूत जानकारी दी जा सके। इसके माध्यम से सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण हरेक स्तर पर दिया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम सालों भर पूर्व नियोजित कार्यक्रम के मुताबिक चलता रहता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ हैं-
ओडिशा में प्रदान की जा रही अन्य ई-शासन सेवाओं का जानने के लिए देखें-
http://negp.gov.in/service/finalservices.php?st=-2:19&cat=-2:1
स्त्रोत:
अंतिम बार संशोधित : 3/4/2020
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