भारत के पास विश्व में सर्वाधिक पशुधन है। हमारे देश में पूरे विश्व की लगभग 57.3 प्रतिशत भैंस और 14.7 प्रतिशत पशु हैं। भारतीय डेयरी उद्योग का देश की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान है और राशि की दृष्टि से यह योगदान चावल से ज्यादा है। वर्ष 2011-12 में दुग्ध उत्पादों का मूल्य रु० 3,05,484 करोड़ रहा। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2011-12) की समाप्ति पर देश में कुल दुग्ध उत्पादन 127.9 मिलियन टन प्रति वर्ष रहा और इसकी मांग वर्ष 2020 तक 180 मिलियन टन हो जाने की संभावना है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के तत्वावधान में वर्ष 1970 में डेयरी क्षेत्र के आधुनिकीकरण तथा डेयरी सहकारिताओं की मदद से 4 मेट्रो शहरों में दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए “आपरेशन फ्लड” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। वर्ष 1996-97 के अंत में तक 264 जिलों में 74383 ग्राम दुग्ध उत्पादक सहकारिताओं का गठन किया गया था और इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिदिन औसतन 12.26 मिलियन लीटर दूध की अधिप्राप्ति की जा रही थी। इसके बाद, ग्रामीण आय को बढ़ाने के लिए “टेक्नोलॉजी मिशन ऑन डेयरी डेवलपमेंट” को प्रारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने एवं परिचालन लागत घटाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी की अपनाना था और इस प्रकार दुग्ध और दुग्ध उत्पादों की ज्यादा से ज्यादा उपलब्धता सुनिश्चित करना था।
वर्ष 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के साथ ही, डेयरी क्षेत्र को भी लाइसेंस मुक्त कर दिया गया था। भारत सरकार ने 09 जून 1992 को दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद आदेश (एमएमपीओ) जारी किया था, जिसे वर्ष 2002 में संशोधित किया गया था। इसके अनुसार, डेयरी इकाइयों को केवल स्वच्छता तथा स्वास्थ्यकर पहलुओं के बारे में अनुमति प्राप्त करनी है। खाद्य सुरक्षा और मानक (लाइसेन्सिंग एवं रजिस्ट्रेशन ऑफ फ़ूड बिजनेस), विनिमय 2011 लागू होने के बाद, 05 अगस्त 2011 से डेयरी प्रसंस्करण इकाइयों सहित सभी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां इस अधिनियम के दायरे में आ गई हैं, हालाँकि, भारत सर्वाधिक दूध उत्पादित करने वाला देश है, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन कम है। वर्तमान में, संगठित डेयरी क्षेत्र (सहकारी एवं निजी) देश में कुल दूध उत्पादन का 24 से 28 प्रतिशत भाग ही उत्पादित कर पर रहे हैं। इस प्रकार, घरेलू खपत और निर्यात के लिए अधिप्राप्ति, प्रसंस्करण और दूध के उत्पादों के विनिर्माण में वृद्धि की काफी गुंजाइश बनती है। एकत्र किये जाने वाले दुध की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है और यह विभिन्न प्रकार के मूल्य-संवर्धित उत्पादों के निर्माण/विपणन में रुकावट डालने वाला कारक है। आज भी देश का काफी हिस्सा संगठित दूध अधिप्राप्ति के दयारे में नहीं है।
उत्पादन और प्रसंस्करण के क्षेत्र में सार्थक कदम उठाने के बाद, अब अधिप्राप्ति-क्षमता में वृद्धि और गुणवत्ता हेतु दूध की जाँच करके दूध की गुणवत्ता बढ़ाने का समय आ गया है। भारत में दूध का मूल्य वसा के प्रतिशत कुछ सीमा तक सॉलिड नॉट फैट (एस एन एफ) पर निर्मर है। वसा का निर्धारण बुटीरोमिटर विधि पर आधारित है, जो कि दूध एकत्र करने वाले केन्द्रों/दुग्ध सहकारिताओं में अपनाई जाने वाली सबसे ज्यादा पुरानी प्रोधोगिकी है। वर्ष 1980 से, अनेक समितियाँ दूध में वसा के प्रतिशत की जाँच के लिए मिल्को टेस्टर्स को इस्तेमाल में ला रही हैं, क्योंकि इस तरीके से ऊपर बताये गए तरीके की तुलना में ज्यादा तेजी से काम किया जा सकता है। हाल ही में, दुग्ध एकत्रीकरण केद्रों/सहकारी समितियों ने ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन स्टेशन (पीसी आधारित मिल्क कलेक्शन स्टेशन), स्मार्ट ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन स्टेशन और ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केद्र का संस्थापन प्रारंभ कर दिया है, जो कि दूध का वजन, वसा की मात्रा माप करके कृषकों को (हर बार) मुद्रित भुगतान पर्ची दे देती हैं। इन प्रणालियों में 10 दिन/मासिक/वार्षिक आधार पर आंकड़े (डेटा) रखने की सुविधा है और जरुरत पड़ने पर, इनसे प्रत्येक बारी का समेकित सारांश मुद्रित करके दिया जा सकता है। ये मशीनें एक घंटें में 120 से 150 बार तक दुध एकत्र करने का काम कर सकती है। मिल्को टेस्टर्स की जगह अब दूध विशलेषक (मिल्क एनालाइजर) को काम में लाया जा रहा है।
निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्रों में विभिन्न प्रकार के उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है-
सम्भावित क्षेत्र-सहकारी और निजी क्षेत्र में ज्यादातर दूध प्रसंस्करण संयत्रों ने अपने अधिप्राप्ति नेटवर्क में ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केद्रों को प्रारंभ कर दिया है। उन समितियों/दूध एकत्रीकरण केद्रों में इन स्टेशनों के लिए वित्तपोषण किया जा सकता है, जहाँ प्रतिदिन दूध की अधिप्राप्ति 350 लीटर से अधिक है।
लाभार्थी: ये इकाइयां कोऑपरेटिव मिल्क यूनियन की मिल्क कोऑपरेटिव समितियों अथवा निजी डेयरी के दुग्ध एकत्रीकरण केन्द्रों द्वारा स्थापित की जा सकती है। विकल्पत:, व्यक्तियों को संगठित क्षेत्र के साथ गठबंधन करके इन स्टेशनों को स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सकता है।
(क) वसा की माप:0-13% (ख) मापन क्षमता:120 से 150 परिचालन प्रति घंटा
(ग)पावर सप्लाई; एसी 220 से 240 वाट 50HZ
मिल्क विश्लेषक के मामले में, वसा की मात्रा, सॉलिड नॉट फैट (एस एन एफ) की मात्रा 3 से 15 प्रतिशत तथा पानी की मात्रा और दूसरे अन्य पैरामीटरों की भी माप की जाएगी।
(क) उपकरण आपूर्तिकर्ता: उपकरणों की आपूर्ति कई एंजेंसियों द्वारा की जाती है: इनके नाम निम्नवत हैं-
आईडीएमसी, आनन्द (गुजरात) डीएसके मिल्कोट्रोनिक्स, पुणे (महाराष्ट्र), कामधेनु, अहमदाबाद (गुजरात), डोडिया, हिम्मतनगर (गुजरात), प्राम्प्ट (PROMPT), बड़ौदा (गुजरात), आपटेल, आनंद गुजरात), कैपिटल इलेक्ट्रोनिक्स, आनन्द (गुजरात), आरईआईएल, जयपुर (राजस्थान) यह सूची केवल निदर्शी है, उपयुक्त प्रणाली (सिस्टम) किसी भी प्रतिष्ठित एजेंसी से खरीदी जा सकती है
प्रत्येक दूध आपूर्त करनेवाले किसान को संग्रह केन्द्र द्वारा दुग्ध प्रसंस्करण इकाई के परामर्श से एक विशिष्ट संख्या/कार्ड दिया जायेगा। किसान जब दूध आपूर्त करने के लिए आता है तो पहचान के लिए उसका नंबर या कार्ड इस्तेमाल किया जायेगा। नंबर फीड करने के बाद, नमूना विश्लेषण के लिए एकत्र किया जायेगा। इसके साथ ही उसका दूध जब कंटेनर में डाला जायेगा वह स्वचालित रूप से तौला जायेगा और वसा की मात्रा और दूध की मात्रा पर आधारित दर का हिसाब करके भुगतान पर्ची मुद्रित की जाएगी। एक दूध विश्लेषक की सेवा उपयोग हो पाने की स्थिति में विश्लेषण के अन्य मापदंडों का इस्तेमाल किया जायेगा और इन मानकों के आधार पर दूध की मात्रा और दर का हिसाब करते हुए इसे प्रदर्शित किया जायेगा। कुछ निर्माताओं के पास मोबाइल दूध संग्रह इकाइयां हैं, इन उपकरणों की वाहन पर लगाया जा सकता है और दूध को विभिन्न स्थानों से अधिप्राप्त किया जा सकता है
ऑटोमेटिक दूध संग्रहण यूनिट (AMCUs) के लाभ
तकनीक सहयोग
चूँकि यह यूनिट एक समन्वित है, परियोजना के लिए कोई तकनीकी सहयोग की परिकल्पना नहीं की गई है, हालांकि दुग्ध संघों/निजी डेयरी संयंत्र संग्रहण केन्द्रों की स्थापना ओंर दूध की खरीद में सोसाइटियों और दुग्ध संग्रहण केन्द्रों का मार्गदर्शन करेंगे तथा संचालन और अनुरक्षण में कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। व्यक्तिगत ऑटोमेटिक दूध संग्रहण यूनिट के मामले में बिक्री के बाद की सेवा के लिए आपूर्तिकर्ताओं के साथ आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए।
पूंजी लागत
पूंजी लगात भी विनिर्देशों और निर्माताओं के साथ बदलती रहती है। हालाँकि, निर्माताओं द्वारा की गई जानकारी और क्षेत्रों से प्राप्त सूचना के आधार बैटरी की लागत सहित एक औसत इकाई लागत 1.25 लाख मानी गई है:
यह माना गया है कि ऑटोमेटिक दूध संग्रहण यूनिट मौजूदा संग्रह केंद्र की इमारत में ही कार्य कर सकेगा इसलिए ऑटोमेटिक दूध संग्रहण यूनिट की सिविल लागत पर विचार नहीं किया गया 1. अनुबंध-1 मैं प्रस्तुत विभिन्न तकनीकी आर्थिक मापदंडों के आधार पर इस परियोजना की आर्थिकी तैयारी की गई है और इसे अनुबंध II मैं प्रस्तुत किया है। व्यव की मदों में कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में बचत, स्टेशनरी, रसायनों और डिटर्जेट और नमूना दूध की बचत, कांच के बने पदार्थ पर होने वाले खर्च में बचत तथा उपयोग्य वस्तुएं, मरम्मत और अनुरक्षण आदि व्यव शामिल हैं।
वित्तीय विश्लेषण
मॉडल के लिए नकदी प्रवाह विश्लेषण, लाभ लागत अनुपात (बीसीआर), निवल वर्तमान मूल्य (एनपीडब्लू) और आंतरिक प्रतिफल दर (आईआरआर) आदि को शामिल करते हुए अनुबध III मैं प्रस्तुत किया गया है। विचाराधीन मॉडल के लिए, बीसीआर 1.41:1 एनपीडब्ल्यू 76,800 रूपये और आईआरआर 49% है। पूरे बैक ऋण किसी भी छूट अवधि के बिना सात साल में चुकौती योग्य हो सकता है। इसलिए मॉडल परियोजना के लिए चुकौती की अवधि सात साल निर्धारित की गई है (अनुबंध IV)
वित्तीय सहायता
ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्रों को राष्ट्रीय बैक द्वारा पुनर्वित्त प्रदान के लिए विचार किया जायेगा। इसलिए अभी सहभागी बैंक परियोजना की तकनीकी व्यवहार्यता, वित्तीय व्यवहार्यता और बैंकिंग व्यवहार्यता (bankability) के आधार पर इस गतिविधि के वित्तपोषण पर विचार कर सकते हैं।
ऋण प्रदान करने की शर्तें
1. मार्जिन राशि: दूध सहकारी समिति या दूध संग्रहण केन्द्र को सामान्य रूप से परियोजना लागत का 25% अपने स्वयं के संसाधनों से पूरा करना चाहिए।
२. ब्याज दर: ब्याज दर वित्तपोषक बैंक द्वारा निर्धारित की जाएगी। हालाँकि आर्थिकी तैयार करने के लिए ब्याज दर 13.5% प्रति वर्ष मानी जाती है।
सुरक्षा
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा यथा निर्धारित।
बीमा
वित्तीयपोषक बैंक यह सुनिश्चित करें कि दूध समिति/संग्रहण केद्र परिसम्पति के लिए पर्याप्त बीमा सुरक्षा लेता है।
चुकौती अवधि
सृजित समग्र अधिशेष के आधार पर चुकौती अवधि किसी भी छूट अवधि के बिना 7 साल तक हो सकती है।
विशेष नियम और शर्तें
परियोजना की विशेष नियमों और शर्तों को अनुबध V में दिया गया है।
इकाई लागत और तकनीकी आर्थिकी मापदंड
क्रसं |
विवरण |
राशि रूपये में |
क. |
इकाई लागत, बैंक ऋण और मार्जिन राशि |
|
१ |
ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्र की लागत (रु.) |
125000 |
2 |
मार्जिन राशि (रु०) |
31250 |
3 |
बैंक ऋण (रु०) |
93750 |
|
|
|
ख |
आय मापदंड |
|
1 |
अधिप्राप्ति दूध की मात्रा (लीटर/दिन) |
400 |
2 |
दूध के नमूनों की संख्या/दिन |
200 |
3 |
संरक्षित नमूना दूध की मात्रा (नमूना प्रति मिलीलीटर) |
10 |
4 |
नमूना दूध की बिक्री @ 10ml/नमूना दूध (लीटर/ माह |
60 |
5 |
नमूना दूध की बिक्री मूल्य (रु०/लीटर) |
24 |
6. |
कमर्चारियों पर होने वाले खर्चे में बचत (रु०/माह) |
2500 |
7 |
स्टेशनरी में बचत (रु०/माह) |
250 |
8 |
कांच के बर्तनों पर होने वाले खर्च में बचत (रु०/नमूना/दिन) |
0.05 |
9. |
रसायन एवं डिटर्जेट पर बचत |
0.1 |
ग |
व्यव मापदंड |
|
1. |
मरम्मत और अनुरक्षण (रु०/माह) |
1500 |
घ |
अन्य |
|
1 |
ऑटोमेटिक दूध संग्रहण यूनिट पर मुल्याह्रास(%) |
15 |
2 |
ब्याज दर (%) |
13.5 |
3 |
चुकौती अवधि (वर्ष) |
7 |
आय और व्यव - ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्र
(रु० लाख में)
क्रसं |
विवरण |
वर्ष |
|
|
|
|
|
|
|
|
I |
II |
III |
IV |
V |
VI |
VII |
1 |
अधिप्राप्ति दूध की मात्रा (लीटर/दिन) |
400 |
400 |
400 |
400 |
400 |
400 |
400 |
2. |
दूध के नमूनों की संख्या प्रतिदिन |
200 |
200 |
200 |
200 |
200 |
200 |
200 |
3 |
संरक्षित नमूना दूध की मात्रा (लीटर/दिन) |
2 |
2 |
2 |
2 |
2 |
2 |
2 |
क |
आय |
|
|
|
|
|
|
|
i |
नमूना दूध की बिक्री |
0.1752 |
0.1752 |
0.1752 |
0.1752 |
0.1752 |
0.1752 |
0.1752 |
ii |
कमर्चारियों पर होने वाले खर्चे में बचत |
0.3 |
0.3 |
0.3 |
0.3 |
0.3 |
0.3 |
0.3 |
iii |
स्टेशनरी में |
0.03 |
0.03 |
0.03 |
0.03 |
0.03 |
0.03 |
0.03 |
|
बचत |
|
|
|
|
|
|
|
iv |
कांच के बर्तनों पर होने वाले खर्च में बचत |
0.0365 |
0.0365 |
0.0365 |
0.0365 |
0.0365 |
0.0365 |
0.0365 |
v |
रसायन एवं डिटर्जेट पर बचत |
0.073 |
0.073 |
0.073 |
0.073 |
0.073 |
0.073 |
0.073 |
|
कुल आय (क) |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
ख |
व्यव |
|
|
|
|
|
|
|
i) |
मरम्मत और अनुरक्षण |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
|
कुल व्यव (B) |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
C |
समग्र अधिशेष (क-ख) |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
वित्तीय विश्लेषण- लाभ लागत विश्लेषण, निवल वर्तमान मूल्य और आंतरिक प्रतिफल दर
(रु० लाख में)
क्रसं |
विवरण |
वर्ष |
|
|
|
|
|
|
|
|
I |
II |
III |
IV |
V |
VI |
VII |
1 |
पूंजी लागत |
1.25 |
|
|
|
|
|
|
2 |
आवर्तो लागत |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
3 |
कुल लागत |
1.43 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
0.18 |
4 |
लाभ |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
5 |
ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्र पर मूल्यह्रास |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 .125 |
6 |
कुल लाभ |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.6147 |
0.7397 |
7 |
निविल लाभ |
-0.8153 |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
0.4347 |
0.5597 |
8 |
डीएफ @ 15% |
0.87 |
0.756 |
0.658 |
0.572 |
0.497 |
0.432 |
0.376 |
9 |
पीडब्ल्यूसी @ 15% DF |
1.2441 |
0.13608 |
0.11844 |
0.10296 |
0.08946 |
0.07776 |
0.06768 |
10 |
पीडब्ल्यूसी @ 15% डीएफ |
0.534789 |
0.464713 |
0.404473 |
0.351608 |
0.305506 |
0.26555 |
0.2781272 |
11 |
निवल वर्तमान मूल्य@ 15% डीएफ |
0.76828 |
|
|
|
|
|
|
12 |
लाभ लागत अनुपात @ 15% डीएफ |
1.41:1 |
|
|
|
|
|
|
13 |
आंतरिक प्रतिफल दर |
49% |
|
|
|
|
|
|
अनुबंध –IV
चुकौती अनुसूची- ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्र
(रु० लाख में)
वर्ष |
बैंक बकाया ऋण |
|
समग्र अधिशेष |
ब्याज का भुगतान @ 13.5% p.a |
मूलधन की चुकौती |
कुल व्यव |
सोसाइटी संग्रहण केन्द्र को उपलब्ध निवल प्रतिफल |
डीएससी आर |
|
वर्ष के प्रारंभ में |
वर्ष के अंत में |
|
|
|
|
|
|
1 |
0.9375 |
0.8175 |
0.4347 |
0.126563 |
0.12 |
0.246 |
0.188 |
1.763 |
II |
0.8175 |
0.6975 |
0.4347 |
0.110363 |
0.12 |
0.214 |
0.141 |
1.66 |
III |
0.6975 |
0.5775 |
0.4347 |
0.094163 |
0.12 |
0.208 |
0.147 |
1.708 |
IV |
0.5775 |
0.4275 |
0.4347 |
0.077963 |
0.15 |
0.191 |
0.164 |
1.86 |
V |
0.4275 |
0.2775 |
0.4347 |
0.057713 |
0.15 |
0.205 |
0.15 |
1.733 |
VI |
0.2775 |
0.1275 |
0.4347 |
0.037463 |
0.15 |
0.184 |
0.171 |
1.93 |
VII |
0.1275 |
0 |
0.4347 |
0.017213 |
0.1275 |
0.173 |
0.182 |
2.053 |
औसत डीसीआर/ DSCR 1.81 है
विशिष्ट नियम एवं शर्तें
बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए:-
स्रोत:- क्षेत्रीय शाखा, नाबार्ड
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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