राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के तहत सहायता
क्र.सं. |
सहायता के प्रकार |
सहायता का मात्रा |
स्कीम |
(क) एकीकृत कृषि पद्धति |
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1 |
चावल, गेहूं, मोटे अनाज/तिलहन/रेशम/दाल आधारित दो फसलें |
आदान लागत का 50%, जो रु. 10,000/- प्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा। अधिकतम देय सहायता, 2 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी तक सीमित होगी। |
राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन(एनएमएसए) |
2 |
बागवानी आधारित कृषि पद्धति (पौधारोपण+फसल/फसलपद्धति) |
आदान लागत का 50 प्रतिशत जो रु. 25,000/- प्रति हे. तक सीमित होगा। अधिकतम अनुमेय सहायता, 2 हे. प्रति लाभार्थी तक सीमित होगी। |
-तदैव- |
3 |
वृक्ष/सील्वीपाश्चरल/इनसीटू/एक्स सीटू वन्य उत्पादों का पश्चस्थान सरंक्षण (एनटीएफपी) (पौध रोपण+ घास/फसल/फसल पद्धति) |
विपणन बोर्ड द्वारा किसानों को उचित मूल्य दिलवाने के लिए पंचकूला, करनाल व गुडगांव में अपनी मंडी स्थापित किये गये। 6.04 करोड़ की सहायता से फल सब्जी मंडियों का विकास किया गया। (2005-2014) |
हरियाणा राज्यकृषि विपणन बोर्ड द्वारा संचालित योजना |
4. पशुधन आधारित कृषि पद्धति |
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4.1 |
संकरित गायें+मिश्रित गायें+ चारा भैंसें+ मिश्रित खेती+ चारा गाय/भैंसें+ दुग्ध उत्पादन+चारा गाय/भैंस+छोटे पशु |
फसल प्रणाली के कुल आदान लागत का 50%, आदान लागत की अधिकतम सीमा रु. 40,000/- प्रति हे.है। इस 50प्रतिशतआदान लागतमें पशुओं की लागत एवं एक वर्ष का चारा सम्मिलित है। (पशुओं में 2 दुधारू पशु 1हे. फस लप्रणाली सम्मिलित है) यह सहायता अधिकतम 2 हेप्रति लाभार्थी तक सीमित है। |
-तदैव- |
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छोटे पशु (रूमिनैन्ट्स)+मिश्रित कृषि +चारा मुर्गीपालन/बत्तख पालन+मिश्रित खेती मुर्गी पालन/ बत्तख पालन + मत्स्य पालन + मिश्रित कृषि |
फसल प्रणाली के कुल आदान लागत का 50% आदान लागत की अधिकतम सीमा रु. 25,000/- प्रति हे.है। इस 50 प्रतिशत आदान लागत में पशुओं की लागत एवं एक वर्ष का चारा सम्मिलित है। (पशुओं में 10 पशु/50 पक्षी + 1 हेक्टेयर फसल प्रणाली (सीएस) सम्मिलित है) यह सहायता अधिकतम 2 हेप्रति लाभार्थी तक सीमित है। |
-तदैव- |
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मत्स्य आधारित कृषि पद्धति |
फसल/सब्जी प्रणाली की कुल आदान लागत का 50, जिसमें मछली पालन की लागत रु. 25,000/- प्रति हेक्टेयर है। यह सहायता अधिकतम 2 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी तक सीमित है। |
-तदैव- |
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वर्मी कम्पोस्ट इकाई/जैविक आदान उत्पादन इकाई/हरी खाद |
लागत का 50%, जो अधिकतम रु. 125/- घन फुट तक सीमित होगा। स्थायी संरचना के लिए रु.50,000-/ प्रति इकाई और एचडीपीआई वर्मी बेड के लिए रु. 8,000/- प्रति इकाई/हरी खाद के लिए लागत का 50प्रतिशत जो अधिकतम 2,000/- प्रति हे, तक होगा और प्रति लाभार्थी 2 हे. तक सीमित होगा |
-तदैव- |
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पूरे वर्ष हरा चारा उपलब्धता हेतू साहलेज बनाना |
ईंट और सीमेंट मसाला से 2100-2500 घनफुट का साइलो पिट (भूमि केनीचेअथवा भूमि के ऊपर) बनाना तथा साथ में चारा कटर एवं तराजू का प्रावधान |
साइलो पिट चारा कटर और तौलने की तराजू से साइलेज बनाने के लिए100%सहायता, जो प्रतिकृषि परिवार रु. 1.25 लाख तक सीमित होगी। |
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कटाई पश्चात भण्डारण/ एनटीएफपी का मूल्य संवर्द्धन |
अधिक आर्थिक लाभ देने के लिए कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन हेतू छोटे गांव स्तर पर भण्डारण/पैकिंग/प्रसंस्करण यूनिट का निर्माण |
भण्डारण/प्रसंस्करण इकाईके लिए पूंजी लागत का 50%, जो अधिकतम रु. 4,000/-प्रति वर्ग मीटर की सीमा में होगा और प्रति यूनिट रु. 2 लाख की अधिकतमसहायता दी जा सकती हैं। |
जिला कृषि अधिकारी/जिला बागवानी अधिकारी/परियोजना निदेशक (आत्मा)
स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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