कुतरने वाले जीवों (रोडन्ट) के प्रकोप का सामना करने का एक नया अभिनव तरीका
चूहे कृषि के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करते हैं, विशेष रूप से मानसून के मौसम के बाद।
रोडन्ट प्रबन्ध के लिए किसानों द्वारा आज़माए गए अन्य विकल्पअभिनव जाल के बारे में
तुमकुर जिला, कर्नाटक के श्री अरूण कुमार ने कीट के लिए पारिस्थितिकी के अनुकूल एक जाल तैयार किया है।
जाल में एक बन्धनकारी तार होता है जो पुराने बाँस की टोकरी के चारों कोनों से जुड़ा होता है और प्लास्टिक के केवल एक धागे से जुड़ा होता है। प्लास्टिक का धागा नारियल के एक लम्बे पत्ते से जोड़ा जाता है जिसे कि ऊपर या नीचे खींचा जा सकता है। बांस की टोकरी के अन्दर एक स्नैप जाल लगाया जाता है और नारियल की गिरी का एक कटा हुआ टुकड़ा उससे जोड़ा जाता है।
चूहे नारियल के टुकड़े की ओर आकर्षित होते हैं और जाल के अंदर मर जाते हैं। मृत चूहों को हाथों से निकालकर मिट्टी में दफन कर दिया जाता है। इस विधि से लगभग 3-4 चूहे फ़ंसाए और मारे जा सकते हैं। लेकिन यह एक स्थायी समाधान प्रदान नहीं करता, क्योंकि मृत चूहे शरीर से कुछ फ़ेरोमोन निकालते हैं जो अन्यों को उसी जगह पर फिर से प्रवेश करने से रोकने और दूसरे क्षेत्रों को जाने के लिए चेतावनी का काम करते हैं।
श्री कुमार द्वारा विकसित जाल की कीमत रु. 30-35 प्रति जाल आती है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
श्री एस.आर. अरुण कुमार शेट्टिकेरे, चिक्कनाइकनाहल्ली,
तुमकुर ज़िला – 572226,
फ़ोन: 08133-269564, मोबाइल: 09900824420
श्री पी. कुरूपैय्या, शहर - विरुद्ध नगर, राज्य - तमिलनाडु
श्री कुरूपैय्या अपने गाँव वटरप (जिला- विरुद्ध नगर) में लेथ कारखाना चलाते हैं। अपने इस कारखाना में वे कृषि औजारों एवं अन्य उपकरणों का मरम्मत कार्य करते हैं।
नारियल कटाई मशीन
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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