उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्रों में कारगर, वहन योग्य दायित्तवपूर्ण जन स्वास्थ्य प्रणाली लागू करना |
मुख्य बिन्दु / विशेषताएं -
• 80:20 (केन्द्रांश: लाभांश)|
• ग्राम स्वास्थ्य कार्यक्रम का निर्माण |
• प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का प्रबंधन |
• प्रतिरक्षण कार्यक्रम |
• पाँच वर्ष से कम के बच्चों का मृत्यु-दर, कुल प्रजनन दर तथा मातृत्व मृत्यु-दर करना|
• लोगों को समेकित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना|
• लिंग भेद तथा जनांकिकीय असमानता दूर करना |
• संक्रामक एवं असंक्रामक रोगों की रोकथाम |
• भारतीय जन स्वास्थ्य मानक (IPHS) के अनुसार जन स्वास्थ्य प्रणाली |
• कार्यक्रम में ए.एन.एम, आंगनबाड़ी सेविका , प्रभारी चिकित्सा प्रदिधाकारी, तथा सहिया (प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्यकर्मी) की महत्वपूर्ण भूमिका |
• सार्वजानिक टीकाकरण |
• चलन्त चिकित्सा इकाई का संचालन |
• सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र की व्यवस्था |
• जिला ग्राम प्रखण्ड, ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य समितियों का गठन |
सम्पर्क- ए.एन.एम., आंगनबाड़ी सेविका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा सहिया (प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्यकर्मी) से सम्पर्क करना चाहिए|
उद्देश्य - पाँच वर्ष से कम के बच्चों का मृत्यु-दर तहत मातृत्व मृत्यु-दर कम करना|
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं -
सम्पर्क - ए.एन.एम., तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से सम्पर्क करना चाहिए |
उद्देश्य - गर्भवती महिला एवं शिशु के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षण एवं पोषण में वृधि कर मातृ-मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर कम करना |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकरण |
• पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को 100 रू नगद देय |
• द्वितीय ए एन सी के समय 400 रू तृतीय एन सी के समय 900 का कूपन संस्थागत प्रसव हेतु दिया जाता है |
• प्रसवावस्था में 150 रू तथा प्रसवोपरांत बी.सी.जी टीकाकरण के बाद 200 रू नगद देय |
• सहिया या गर्भवती महिला को अस्पताल / संस्थान ले जाने हेतु वाहन व्यवस्था के लिए 250 रू देय |
• घेरलू प्रसव प्रकरण में गरीबी रेखा से नीचे की गर्भवती महिलाओं (19 वर्ष से अधिक) को 500 रू नगद देय (अधिकतम 2 बच्चों तक लाभ)
• स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों, सरकारी अस्पतालों, गैर-सरकारी सस्थाओं तथा चुनिंदा निजी अस्पतालों की सहभागिता |
• बच्चों के टीकाकरण हेतु टीकाकरण कार्ड |
सम्पर्क - ए.एन.एम, आंगनबाड़ी सेविका तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी |
उद्देश्य - रोगवाहक (वेक्टर) जानती रोग का इलाज सुनिश्चित करना तथा इसके संबंध में जागरूकता |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• रक्त नमूने का परिक्षण |
• मलेरिया प्रकोप क्षेत्रों में डी.डी.टी. का छिडकाव तथा मछरदानी का वितरण |
• फाईलेरिया, डेंगू, कालाज्वार तथा मलेरिया उपचार हेतु दवा का वितरण |
सम्पर्क - ए.एन.एम, आंगनबाड़ी सेविका तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से सम्पर्क करना चाहिए |
उद्देश्य – मोतियाबिंद ग्रसित नेत्र रोगीओं का उपचार |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• जिला अंधापन नियंत्रण व स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा नि:शुल्क मोतियाबिंद आप्रेशन का शिविर आयोजन |
• आवश्यकतानुसार मोतियाबिंद आप्रेशन उपरांत चश्मे का नि:शुल्क वितरण |
सम्पर्क – सिविल सर्जन तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क करना चाहिए |
उद्देश्य - कुष्ठ रोगीओं का इलाज तथा इसके प्रसार को रोकना |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• खोजी अभियान द्वारा कुष्ठ रोगीओं की पहचान तथा नि:शुल्क इलाज |
• प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में कुष्ठ रोग की जाँच |
• एम. डी. टी. की दवा का नि:शुल्क वितरण |
सम्पर्क
ए.एन.एम. तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क करना चाहिए |
उद्देश्य - एच.आई.वी./ एड्स बीमारी की रोकथाम प्रसार नियंत्रण हेतु जन जागरूकता |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• चुनिंदा अस्पतालों में गोपनीयता के साथ एच.आई.वी. का रक्त जाँच द्वारा परिक्षण |
• जागरूकता अभियान |
• स्वयंसेवी संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका |
सम्पर्क – ए.एन.एम., आंगनबाड़ी सेविका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, तथा सहिया (प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्यकर्मी) से सम्पर्क करना चाहिए |
उद्देश्य - यक्ष्मा रोग का पहचान, उपचार तथा प्रसार रोकना |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
प्रत्येक पाँच लाख की आबादी पर एक ट्यूबरक्लोसिस यूनिट, एक लाख की आबादी पर एक डी.एम.सी. की व्यवस्था |
रोगियों की बलगम की नि:शुल्क जाँच |
नि:शुल्क दवा वितरण |
सम्पर्क - ए.एन.एम., डी.एम.सी. पर्यवेक्षक तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क करना चाहिए |
उद्देश्य - तम्बाकू पान निषेध, उपचार व प्रसार-प्रचार
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• तम्बाकू, पान, गुटखा के सेवन से होने वाली हानियों के प्रति जागरूकता |
• तम्बाकू छोड़ने के उपाय |
उद्देश्य - असाध्य रोगियों को चिक्तिसा हेतु सहायता राशि |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं -
• गरीब रेखा से नीचे बसर करने वाले ओ.एस.डी. बीमारी के लिए सहायता |
• ओ.एस.डी. बीमारी सहायता निधि समिति द्वारा संचालित |
• रू 1.5 लाख तक की राशि अनुदान स्वरुप |
सम्पर्क - ए.एन.एम. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क करना चाहिए |
उद्देश्य - परिवार नियोजन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं -
• परिवार नियोजन के अस्थायी एवं स्थायी उपाय |
• अस्थायी उपायों में आई, यू. डी., गर्भ निरोधक गोलिओं, निरोध के उपयोग पर बल |
• स्थायी उपायों में आई.यु.डी. गर्भ निरोधक गोलियां, निरोधक के उपयोग पर बल |
• स्थायी उपायों में महिला बंध्याकरण, पुरुषों में नसबंदी (एन.एस.वी) का प्रावधान |
• महिला बंध्याकरण हेतु महिलाओं को 600 रू तथा उत्प्रेरकों को 150 तथा पुरुष नसबंदी को पुरुष को 1100 रू तथा उत्प्रेरक को 200 रू की प्रोत्साहन राशि देय|
• परिवार कल्याण हेतु समय-समय पर शिविरों का आयोजन |
• प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, अस्पतालों, सिविल सर्जन कार्यालय में सुविधा |
उद्देश्य - स्वास्थ्य सेवा का आच्छादन बढ़ाना |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• महिला एवं बच्चों पर बल|
• बच्चों के लिए बी.सी.जी., डी.पी.टी., ओ.पी.वी.(पोलियो), खसरा, विटामिन ए, कृमि नाशक गोलिओं का प्रावधान |
• गर्भवती तथा महिलाओं टी.टी. के दो टीके, आयरन, की गोलियां तथा, नाशक गोलियों का प्रावधान |
• बुखार के रोगियों के लिए मलेरिया हेतु रक्त जाँच तथा 3 हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर टी.बी. की जाँच का प्रावधान |
• ए.एन.एम. आंगनबाड़ी सेविका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है |
उद्देश्य - पोलियो को जड़ से मिटाना |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• 0-5 वर्ष के सभी बच्चों को निश्चित दिन पोलियो की दो बूंद निशुल्क पिलाई जाती है |
• पल्स पोलियो अभियान के तहत कार्यक्रम का सम्पादन
सम्पर्क – ए.एन.एम., आंगनबाड़ी सेविका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र तथा सहिया (प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्यकर्मी) से सम्पर्क करना चाहिए |
उद्देश्य - किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य पर बल |
मुख्य बिन्दु/ विशेषताएं –
• 10-19 वर्ष की किशोरियों में एनीमिया (हिमोग्लोबिन की कमी) को दूर करना |
• प्रत्येक सप्ताह लौह तत्व युक्त गोली (आयरन फोलिक एसिड) का नि:शुल्क वितरण |
सम्पर्क - ए.एन.एम., आंगनबाड़ी सेविका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा सहिया (प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्यकर्मी) से सम्पर्क करना चाहिए |
स्त्रोत: झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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