दृष्टि क्षतिग्रस्त शिशु के लिए खेल सामग्री का चयन करते समय ध्यान में रखी जाने वाली बातें
संरक्षा
- खिलौनों के कोने तेज नहीं रहने चाहिए। सभी कोनों को गोल बना देना चाहिए।
- ऐसे खिलौने क चयन करें जिसे बच्चा दोनों हाथों या एक हाथ से खेल सके परंतु या इतने भी छोटे न हों कि बच्चा बटन आदि की तरह उन्हें निकल जाये।
- खिलौने गैर – नशीली सामग्रियों की बने हों।
- ऐसे खिलौने चुनें जो बहुत भारी न हों, अन्यथा बच्चा अपने को जख्मी कर जायेगा।
- बिजली आदि की मदों के साथ खेलते बच्चे को अपनी निगरानी में खेलने दें।
स्वास्थय
- खिलौने और खेल सामग्रियों धोने योग्य होने चाहिए।
- खिलौनों के रंग वाटर प्रूफ और सामग्री मजबूत व टिकाऊ होनी चाहिए।
विविधता
यदि एक ही कार्यकलाप को अकसर किया जाये तो बच्चा उससे बोर हो जाता है. इसलिए विभिन्न परिस्थितियों में विभिन्न कार्यकलापों के लिए उपयोग में लाये जाने वाले खिलौने सृजनात्मक हों।
आकर्षण
- भड़कीले रंगों और लाल, पीले जैसे शेडों और फ्लोरेसेंट शेड्स।
- काले और सफेद जैसे उच्च पारस्परिक विरोधी।
- परावर्तक खिलौने या अपरावर्तक सामग्रियाँ जैसे आईने और रिफ्लेकर्ट्स।
- खिलौनों और कमरे को प्रकाशमान करना।
- खिलौने का आकार पर्याप्त बड़ा हो ताकि वह बच्चे की नजर में आये
- खिलौना प्रस्तुत करने की दूरी।
- साधारण पैटर्न के खिलौने
- चालक खिलौने जैसे गतिमान और गोल – गोल घूमने वाले।
लागत प्रभावितता
- बच्चों को कम लागत के परंतु आकर्षक खिलौने दिए जाएँ या जिन्हें घर पर ही आवश्यकता के अनुसार बनाया जाए क्योंकि उनकी संख्या अधिक होती है।
सरल
- बच्चे सरल खिलौनों में दिलचस्पी लेते हैं, जिनकी डिजाईन सरल होती हो और बिना पेचीदा पैटर्नों के हों।
दिलचस्पी खिलौने
- बच्चों को ऐसे खिलौने देने का प्रयत्न करें, जो एक से अधिक संवेदों के काम में आयें उदहारण के लिए श्रवण, दृश्य और स्पर्शजन्य प्रेरक हों।
- बच्चे की दिलचस्पी का ध्यान रखें। यह देखें कि वह क्या वह रंगों या चमक या विशेष बनावट को महत्व दे रहा है।
- बच्चे के कार्यकलाप में दिलचस्पी लेनी चाहिए, यदि दिलचस्पी खो रहा हो तो कार्यकलाप बदल दें।
कार्यात्मक कार्यकलाप
- बच्चे को घर में प्रतिदिन उपयोग में लायी जाने वाली चीजों की अनुभूति होने दे। बच्चे खेलने के लिए घरेलू चीजों में दिलचस्पी लेते हैं। उन के लिए विशेष रूप से अभिकल्पित की गयी चीजों की तुलना में बच्चे घर में उपयोग में आने वाली घरेलू चीजों से ही खेलने में दिलचस्पी लेते हैं।
शिशु के लिए सर्वोत्तम खेल अपनी माँ का चेहरा देखना होता है। माँ के साथ निरंतर संपर्क के कारण बच्चे और माँ के बीच दृढ बंधन पैदा हो जाता है।
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पहले कुछ समयों के लिए बच्चा आपके प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया न जताने पर भी अपना प्रयास न छोड़ें। आपका बच्चा विशेष है और इसलिए उसे समझने में अधिक समय की आवश्यकता होती है।
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सुनने और चीजों को महसूस करने के लिए उसे अपने कानों और हाथों का प्रयोग करने दें, क्योंकि उसकी आँखें केवल उतने अंश की सूचना देते हैं जितनी कि उसके मस्तिष्क के लिए आवश्यक है।
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स्त्रोत: सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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