दिल्ली में सीजीएचएस के लाभार्थियों के उपचार के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कुछ निजी अस्पताल और डायग्नोस्टिक केंद्र हैं और उनमें निश्चित पैकेज/सीलिंग रेट हैं | इसमें किसी खास उपचार/ पद्धति के शुल्क सहित निम्न शुल्क भी शामिल हैं : भर्ती, आवास, आईसीयू /सीसीयू, निगरानी, आपरेशन, एनेस्थीसिया, ऑपरेशन थियेटर, पद्धति/सर्जन शुल्क, प्रयोग के बाद बेकार हो जानी वाली सामग्री की लागत, सर्जिकल, आस्पताल में रहने के दौरान दी जाने वाली दवाओं की लागत, रूटीन जांचे फिजियोथेरेपी | विस्तृत विवरण के लिए हेल्प एज इंडिया सीनियर सिटीजन गाइड देखें |
स्वास्थय मंत्रालय ने ( सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण मंत्रालय के निवेदन पर ) सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं की वे अस्पतालों में पंजीकरण व क्लिनिकल जाँच के लिए वृद्ध लोगों हेतु अलग कतार की व्यवस्था करें |
दिल्ली में रविवार क्लिनिक
दिल्ली के विभिन्न आस्पतालों में रविवार क्लिनिक हैं ताकि वरिष्ठ नागरिक आसानी से अपने स्वास्थ्य की चिकित्सीय देखभाल करा सकें | निम्न अस्पतालों में 9.00 बजे सुबह से 1.00 बजे दोपहर तक ये क्लिनिक खुले रहते हैं :
आल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज प्रत्येक शुक्रवार को मेडिसन ओपीडी ( दूसरा तल, कमरा न. 15 ) में दोपहर 2.00 बजे से वृद्धावस्था चिकित्सा क्लिनिक चलाता है |
स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने राज्य के सरकारी अस्पातालों में कुछ प्रतिशत बिस्तर वरिष्ठनागरिकों को मुफ्त दवाएँ व चश्मे वितरित करता है |
मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए वृद्ध लोगों (साठ वर्ष और उससे अधिक) को इंट्री औक्यूलर लैंस मुफ्त दिया जाता है |
एम्.एस. समैय्या मेडिकल कॉलेज बंगलौर में सप्ताह में एक बार वृद्धावस्था चिकित्सा क्लिनिक चलाता है |
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज व अस्पाताल मणिपाल में वृद्धावस्था चिकित्सा क्लिनिक चलाता है |
त्रिवेन्द्रम के सरकारी अस्पाताल में एक वृद्धावस्था चिकित्सा वार्ड है जिसमें 12 बिस्तर ( 8 पुरूषों व 4 महिलाओं के लिए ) हैं | जिन वृद्धों की मासिक आय 300 रू प्रतिमाह से कम है, उनका नि: शुल्क उपचार किया जाता है |
त्रिवेन्द्रम के मेडिकल कॉलेज अस्पाताल में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आउट पेशेंट विंग है | इसमें हर सोमवार 10.30 – 12.00 बजे तक उपचार किया जाता है |
जिला दृष्टिहीन सोसायटी का एक विशेष कार्यक्रम वृद्ध लोगों में मोतियाबिंद का पता लगाता है और उनका उपचार करता है |
कोचीन का अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज वृद्धावस्था चिकित्सा ओपीडी चलाता है और उसमें एक वृद्धावस्था चिकित्सा वार्ड भी है |
इंदौर के मेयर की घोषणा के अनुसार, शहर के वरिष्ठ नागरिकों को गंभीर बीमारी होने पर निम्न लाभ मिलिगें : अस्पताल में भर्ती होने से पहले के 30 दिनों का खर्च, अस्पताल में रहने के दौरान का खर्च, अस्पताल से जाने के बाद 45 की का खर्च या 20,000 रू. जो भी कम हो |
जिला दृष्टिहीनता नियंत्रण योजना के तहत राज्य हर इंट्रा आक्यूलर लैंस आपरेशन के लिए 600 रू देता है |
कोई एम् अस्पताल में वृद्ध व्यक्तियों के लिए अलग बिस्तरों का प्रावधान है | यह सप्ताह में एक बार वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धा चिकित्सा क्लिनिक भी चलाता है |
सभी सरकारी अस्पतालों में 70 साल की उम्र से अधिक के वृद्धों को नि: शुल्क उपचार,दवाओं तथा जाँच का हक है |
एस. पी. मेडिकल कॉलेज सप्ताह में एक बार वृद्धावस्था चिकित्सा क्लिनिक चलाता है |
जयपुर में जिले के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 60 साल से अधिक की उम्र को लोगों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मौसमी बिमारियों के उपचार हेतु विशेष मेडिकल वार्ड हैं | इन वार्डों में सभी रोगियों को स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से मुफ्त भोजन दिया जाता है |
जोधपुर में डॉ. एस. एन. मेडिकल कॉलेज सप्ताह में एक बार वृद्धावस्था चिकित्सा क्लिनिक चलाता है |
तमिलनाडू में अन्य सुविधाएँ :
वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाते हैं और उन्हें वे राज्य की किसी भी सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को पाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं |
राज्य डीबीसीएस के तहत प्रत्येक आईओएल आपरेशन के लिए 600 रू देता है | केजिएमसी, लखनऊ सप्ताह में एक बार दोपहर बाद वृद्धावस्था चिकित्सा ओपीडी चलाता है |
बनारस विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में वृद्धावस्था चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध हैं |
कोलकाता के कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में वृद्धावस्था चिकित्सा ओपीडी है |
हेल्पएज इंडिया के 55 मोबाइल मेडिकल यूनिट ( एमएमयू ) हैं जो उन लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं जिनकी अस्पतालों या घर के दरवाजे पहुँचने वाली अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच नहीं है | वंचित वर्ग के वृद्ध लोग इन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं जिन शहरों में एमएमयू हैं, उनकी सूची नीचे दी जा रही है :
अमृतसर
बटाला
भदोई
बीकानेर
चंडीगढ़
दिल्ली (2)
दिल्ली (3) गूढगाँव
फरीदाबाद
जयपुर
जालंधर
जम्मू
कानपुर
लखनऊ
मथुरा
मोगा
वाराणसी
नकोदर
जगाधरी
उदयपुर
गाजियाबाद
बंगलौर
चेन्नई (2)
कोयम्बटूर
गोवा
हैदराबाद (2)
पाटेनचूरू
भूवनेश्वर
गोहाटी
कोलकाता (2)
पटना
पुरी
राँची
राउरकेला
भोपाल
इंदौर
वृद्धों में पौष्टिक तत्वों के कमी, मोटापा, डायबिटीज, कार्डियो- वैस्क्यूलर रोग और ओस्टोयोपोरोसिस कुछ ऐसे आम रोग हैं जो पौष्टिकता की कमी से संबंध रखते हैं |
स्त्रोत: हेल्पेज इंडिया/ वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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