यह अध्याय किशोर न्याय व्यवस्था के तहत बाल सुरक्षा में शामिल विभिन्न समितियों संस्थाओं संगठनों और व्यक्तियों की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में चर्चा करता है।
सभी किशोर न्याय कार्याधिकारियों और सहयोगी व्यवस्थाओं के बीच सहयोग और सहभागिता में एक अंतर अनुशासनात्मक समझ और किशोर न्याय व्यवस्था में हस्तक्षेपों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।
हर के की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका और जबावदेहियाँ है और इन सभी इन सभी को बच्चे का परमहित और बाल सुलभ वातावरण के एकमात्र लक्ष्य के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
बाल कल्याण समिति या किशोर न्याय बोर्ड
जिम्मेदारियां
देखभाल एवं सुरक्षा के जरूरतमंद बच्चों व कानून का उल्लंघन करनेवाले किशोरों की देखभाल, सुरक्षा उनका पुनर्वास और विकास
जिम्मेदारियां
बा. क. स. और कि. न्या. बो. निम्नलिखित मदद करना :
शामिल विभाग व्यक्ति
सुपरिटेंडेंट, बच्चों की देखभाल करनेवाले, गृह अभिभावक
जिम्मेदारियां
यह सुनिश्चित करना है कि सेमीनार, कार्यशालाएं एंव संवेदित करनेवाले प्रशिक्षणों की लगातार आवश्यकता है क्योंकि कर्मचारियों की सोच को बदलने के लिए यह महत्वपूर्ण अवयव है।
जिम्मेदारियां
किशोर न्याय व्यवस्था के “गैर-अपराधिकरण” की लगातार कोशिशें बच्चों को वयस्कों के द्वारा बनाई हुई सामाजिक व्यवस्था का “शिकार’ मानने के बावजूद-पुलिस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
शामिल विभाग व व्यक्ति
शहर की पुलिस, रेलवे पुलिस, विशेष किशोर पुलिस विभाग, नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारी
जिम्मेदारियां
शामिल व्यवस्था/व्यक्ति
सरकार, नगर निगम व पुलिस अस्पताल, फोरेंसिक विशेषज्ञ, चिकित्सा एवं मनोचिकित्सक
जिम्मेदारियां
बा.क. स. और कि. न्या. बो. बृहत कानून व्यवस्था का हिस्सा हैं और बाल उत्पीड़न के मामलों में अक्सर उच्चतर अदालतों की सहायता की जरूरत पड़ती है।
शामिल विभाग/व्यक्ति न्यायाधीश, वकील
जिम्मेदारियां
शामिल विभाग/व्यक्ति
राज्य सरकार के मशीनरी में निम्नलिखित शामिल है।
जिम्मेदारियां
शामिल विभाग/व्यक्ति
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, श्रम मंत्रालय, सामाजिक, सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण मंत्रालय एवं कानून मंत्रालय
जिम्मेदारियां
व्यापक स्तर के हस्तक्षेप जैसे
शामिल विभाग/व्यक्ति
अखबार व दृश्य माध्यम
मीडिया की सबसे बड़ी जिमेदारी है की वह :संवेदनशीलता” पैदा करे ना कि “ सनसनी”
बच्चों के अधिकारों व सुरक्षा के लिए पूरे नागरिक समाज एक एकजुट होना जरुरी है। जब समाज संवेदित होगा और बच्चों के मुद्दों के बारे में जागरूक होगा और उन्हें देश के भविष्य की तरह देखेगा सिर्फ तभी बाल अधिकार के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
शामिल विभाग/व्यक्ति- सामाजिक संगठन स्वंयसेवक एवं जिम्मेदार नागरिक
जिम्मेदारियां
बच्चे के परमहित के लिए सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण है। सहभागिता व सहप्रबंधन के विचार में कार्य का बंटवारा शामिल है, जब कि प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है, पर गैर सरकारी संगठनों द्वारा सहयोग प्राप्त और प्रदान किया जा सकता है।
स्त्रोत: चाईल्डलाईन इंडिया फाउंडेशन
अंतिम बार संशोधित : 8/21/2019
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