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वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना, 2004

भूमिका

 

भारत सरकार द्वारा वरिष्‍ठ नागरिकों के हित के लिए  वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना 2004 शुरू की गयी है। बैंक की सभी पचास शाखाएं जो पीपीएफ योजना के अंतर्गत खाता खोलने के लिए अधिकृत हैं, ही वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 2004 के अंतर्गत अंशदान स्‍वीकार कर रही है। परिपक्वता अवधि 5 साल की है जो सुविधा के साथ आगे 3 साल तक विस्तारि‍त की जा सकती है।

एक व्यक्ति जिसने साठ साल पूरे कर लिये हों, खाता खोल सकता है।वीआरएस कर्मचारी और सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों के लिए उम्र में छूट है। ब्याज-दर 9.2% और त्रैमासिक देय है।

योजना की पात्रता

क.खाता खोलने की तारीख कोजिन्‍होंने 60 साल की आयु पूरी की हो।

ख. ऐसे व्‍यक्‍ति जो खाता खोलने की तारीख को सेवा-निवृत्‍त हो रहे हैं , 55 साल की आयु या उससे अधिक पूरी कर चुके हैं लेकिन 60 साल से कम हों ।

ग. आयु सीमा के बिना अधिवर्षिता पर सेवा-निवृत्‍त रक्षा कार्मिक (सिविल रक्षा कर्मचारियों को छोडकर)

घ. अनिवासी भारतीय और हिन्‍दू अविभाजित परिवार खाता खोलने के लिए पात्र नहीं हैं।

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, 2004 की प्रमुख बातें

पात्र जमाकर्ता किसी भी जमा कार्यालय में हजार रूपयों के गुणजों में अधिकतम रू15 लाख तक 5 साल के लिए खाता खोल सकता है। परिपक्‍वता के बाद 1 साल के अंदर लिखित रूप में अनुरोध देकर जमाकर्ता और 3 साल की अवधि के लिए खाते को बढ़ा सकता है।

जमाकर्ता एक से अधिक खाते खोल सकता है बशर्ते खोले हुए सभी खातों में जमा की गई कुल राशि रू15 लाख से अधिक न हो या उसकी आयु 55 से 60 साल के बीच सेवा-निवृत्‍त कर्मचारी में शामिल होती हो तो उसकी सेवा-निवृत्ति लाभकी   कुल रकम, जो भी कम हो।

 

पात्र जमाकर्ता अपने नाम पर अलग से या पति/पत्‍नी के साथ संयुक्‍त नाम पर, संयुक्‍त खाता धारक के लिए पात्रता मानदंड उपलब्‍ध किए बिना खाता खोल सकता है।  पति पत्‍नी दोनो अलग-अलग रूप से अपने नाम पर या संयुक्‍त रुप  से एक दूसरे के प्रत्‍येक के नाम पर रु.15 लाख तक के खाते खोल सकते हैं, बशर्ते कि योजना के संबंधित प्रावधानों के अधीन अलग अलग रूप से निवेश करने के लिए वे पात्र हों।

 

जमा का माध्‍यम

अ)  रु 1 लाख से कम राशि की जमा - नकद में

 

आ) अन्‍य मामलों में, जमाकर्ता के नाम पर।

 

आहरित और जमाकर्ता के पक्ष पृष्‍ठांकित चेक या मॉंग ड्राफ्ट से ।

 

जमा पर ब्‍याज

योजना के तहत जमा रकम पर 9 की दर पर जमा करने की तारीख से हर कैलण्‍डर तिमाही के अंत में अर्थात 31 मार्च/30 जून//30 सितंबर/31 दिसंबर को ब्‍याज दिया जाएगा। इन नियमों के अंतर्गत जमाराशि पर दिनांक 01.04.2013 से प्रभावी ब्‍याज-दर 9.2% प्रति वर्ष  है जो जमा करने की तारीख से प्रत्येक कैलेंडर तिमाही  अर्थात 31मार्च/30 जून/30सितम्बर/31 दिसम्बर को देय होगा।  भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए अधिसूचित दिनांक 01.04.2014 से प्रभावी ब्‍याज-दर 9.2% प्रति वर्ष है।

टीडीएस की कटौती स्रोत पर की जाएगी।

 

नामाकंन

जमाकर्ता खाता खोलते समय या खाता खोलने के बाद जमा समाप्ति तारीख से पहले किसी भी समय किसी व्‍यक्ति या व्‍यक्तियों को लिखित रूप में नामांकन कर सकता है।

 

परिपक्‍वता पर खाता बंद करना

खाता खोलते समय की गई जमा, खाता खोलने की तारीख से पॉंच साल बाद, पास-बुक तथा लिखित  आवेदन (निकासी पर्ची) प्रस्‍तुत किए जाने पर संबंधित जमा कार्यालय द्वारा वापस की जाएगी।

 

यदि जमाकर्ता परिपक्‍वता पर खाते को बंद नहीं करता या अवधि बढ़ाता भी नहीं, तो यह समझा जाएगा कि खाते की परिपक्‍वता हो गई है तथा जमाकर्ता जमा हेतु परिपक्‍वता के बाद की अवधि के लिए डाक घर  बचत खातों पर लागू ब्‍याज पर पाने हेतु पात्र होंगे और ब्‍याज खाता बंद करने के महीने के पूर्व महीने के अंत तक दिया जाएगा।

जमाकर्ता की मृत्‍यु पर

परिपक्‍वता के पहले, यदि जमाकर्ता की मृत्‍यु हो जाती है तो खाता बंद कर दिया जाएगा और आवेदन प्राप्‍त किए जाने पर ब्‍याज सहित जमा राशि नामिति को या यदि नामिति की भी  मृत्‍यु हो गई या नियमानुसार नामांकन नहीं किया गया है तो कानूनी वारिसों को दी जाएगी।

फिर भी, मूल जमाकर्ता की मृत्‍यु होने पर, पति/पत्‍नी संयुक्‍त धारक या एकमात्र नामिति होने के कारण योजना के वर्तमान निबंधनों के अनुसार खाते को जारी रख सकते हैं, बशर्ते पति/पत्‍नी ने ऐसा कोई दूसरा खाता खोला भी है तो दोनों खातों की कुल जमा रू 15 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

समयपूर्व समाप्ति पर

खाता खोलने की तारीख से एक साल बाद कभी भी जमाकर्ता निम्‍नलिखित शर्तों पर जमा निकालकर खाता बंद कर सकता है।

अ) यदि जमा करने की तारीख से खाता एक साल बाद बल्कि दो साल के पहले बंद किया जाता है तो जमाराशि की डेढ़ प्रतिशत राशि काटी जाएगा और शेष रकम जमाकर्ता को दी जाएगी।

आ) यदि जमा करने की तारीख से खाता दो साल पूरा होने पर बंद किया जाता है तो जमाराशि की एक प्रतिशत राशि  काटी जाएगी तथा शेष रकम जमाकर्ता को दी जाएगी।

 

वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना, 2004 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

1. वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना, 2004 की क्‍या विशिष्‍टता हैं ?

 

उत्‍तरः वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना, 2004 की विशिष्‍टता निम्‍नानुसार हैः

 

जमा खाते की अवधि: 5 वर्ष जिसे 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है

 

ब्‍याज दर: 9.2 प्रतिशत प्रति वर्ष

 

ब्‍याज दर आकलित करने का अंतराल: तिमाही

 

कर योग्‍यता: ब्‍याज पूर्णतः कर योग्‍य है

 

क्‍या टीडीएस लागू है: हां, स्रोत  पर कर कटौती की जाएगी

 

निवेश किस प्रकार किया जा सकता है: रु. 1000/- के गुणजो में

 

निवेश की अधिकतम सीमा: रु. 15 लाख

 

निवेश के लिए न्‍यूनतम आयु की पात्रता :60 वर्ष (55 वर्ष केवल उनके लिए जो अधिवर्षिता अथवा स्‍वैच्छिक अथवा विशेष स्‍वैच्छिक योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्‍त हुए हैं) | रक्षा सेवा के सेवानिवृत्‍त कर्मचारी (सिविलियन रक्षा कर्मचारी शामिल नहीं हैं) उनकी आयु कुछ भी हो, वे अन्‍य विशिष्‍ट शर्तों को पूरा करने पर निवेश करने हेतु पात्र होंगे |

 

समय पूर्व आहरण सुविधा: खोलने के एक वर्ष के पश्‍चात उपलब्‍ध परंतु दण्‍ड सहित

 

अंतरणीयता: किसी अन्‍य को अंतरणीय नहीं

 

व्‍यापार योग्‍यता: व्‍यापार योग्‍य नहीं

 

नामांकन सुविधा: नामांकन सुविधा उपलब्‍ध है |

 

धारिता के प्रकार:एकल और संयुक्‍त धारिता प्रकार से खाता रखा जा सकता है | केवल पति/पत्‍नी के साथ संयुक्‍त धारिता अनुमत है |

 

आवेदन फॉर्म की उपलब्‍धता: पोस्‍ट ऑफिस, राष्‍ट्रीय बैंकों की 24 निर्दिष्‍ट शाखाओं और एक निजी क्षेत्र का बैंक |

 

अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल के व्‍यक्ति और अविभाजित हिंदू परिवार पर लागू होना

 

अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भारतीय मूल के व्‍यक्ति (पीआईओ) हो और अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) इस योजना के अंतर्गत खाता खोलने के लिए पात्र नहीं है |

 

एक जमाकर्ता कार्यालय से दूसरे जमाकर्ता कार्यालय में अंतरण: एक जमाकर्ता कार्यालय से दूसरे जमाकर्ता कार्यालय में खाता अंतरित करना अनुमत है |

 

2. क्‍या योजना के अंतर्गत किसी भी व्‍यक्ति के साथ संयुक्‍त खाता खोला जा सकता है ?

 

उत्‍तरः एससीएसएस, 2004 के अंतर्गत केवल पति/पत्‍नी के साथ संयुक्‍त खाता खोला जा सकता है | (नियम 3(3))

 

3. यदि संयुक्‍त खाता हो तो पति/पत्‍नी की आयु क्‍या होना चाहिए ?

 

उत्‍तरः संयुक्‍त खाते के मामले में योजना के अंतर्गत निवेश में पहले आवेदक/ जमाकर्ता की आयु की  ही शर्त होती है | दूसरे आवेदक/ संयुक्‍त धारक (अर्थात पति/पत्‍नी) के लिए कोई आयु सीमा नहीं है । (नियम 3(3)

 

4. किसी खाते की जमाराशि में संयुक्‍त धारक का कितना हिस्‍सा होगा ?

 

उत्‍तरः योजना के अंतर्गत किसी खाते में निवेश की पूरी राशि पहले आवेदक/जमाकर्ता की होगी | इसलिए , इसमें दूसरे आवेदक/संयुक्‍त धारक के किसी भी प्रकार के हिस्‍से का प्रश्‍न ही नहीं उठता (नियम 3(3))

 

5. क्‍या पति/पत्‍नी दोनों अपनी वैयक्तिक क्षमता में 15 लाख रुपए प्रत्‍येक की अलग सीमा में अलग खाता खोल सकते हैं ?

 

उत्‍तरः हां, पति/पत्‍नी दोनों व्‍यक्तिगत और/अथवा एक दूसरे के साथ अधिकतम 15 लाख रुपए प्रत्‍येक की सीमा तक संयुक्‍त खाते खोल सकते है बशर्ते दोनों इस योजना के अंतर्गत नियम के संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत निवेश करने के लिए व्‍यक्तिगत रूप से पात्र हों (नियम 3 और 4)

 

6. क्‍या आयकर कटौती/छूट स्‍वीकार्य है ?

 

उत्‍तरः योजना के अंतर्गत आयकर/ संपत्ति कर में कटौती/छूट स्‍वीकार्य नहीं है | उस समय के आयकर प्रावधान लागू होंगे (दिनांक 13 अक्‍तूबर 2004 का भारत सरकार का पत्र.एफ.सं. 2/8/2004/एनएस II)

 

7. क्‍या योजना पर टीडीएस लागू है ?

 

उत्‍तरः हां, योजना पर टीडीएस लागू है क्‍योंकि स्रोत  पर कर कटौती से ब्‍याज भुगतान पर कोई छूट नहीं है | ( दिनांक 28 मार्च 2006 का भारत सरकार का पत्र.एफ.सं. 2/8/2004/एनएस-II) |

 

8. क्‍या स्रोत पर कर कटौती के लिए न्‍यूनतम सीमा निर्धारित है ?

 

उत्‍तरः स्रोत पर कर कटौती सरकार द्वारा निर्धारित न्‍यूनतम सीमा के अनुसार की जाएगी |

 

9.  खाता धारक से टीडीएस की कटोती किस दर पर की जाए ?

 

उत्‍तरः वर्ष के लिए वित्‍त अधिनियम की अनुसूची I के भाग II में वित्‍त वर्ष के लिए टीडीएस दर विनिर्दिष्‍ट है | ( दिनांक 6 जून 2006 के भारत सरकार का पत्र एफ.सं. 2/8/2004 एनएस- II )

 

10. क्‍या टीडीएस मृत जमाकर्तांओं के बैध वारिस को देय अना‍हरित ब्‍याज से भी वसूल करना चाहिए ?

 

उत्‍तरः खाता धारक के वैंध वारिस को किसी भी भुगतान किए गए / देय ब्‍याज से स्रोत पर कर कटौती की जाएगी |(दिनांक 6 जून 2006 के भारत सरकार का पत्र एफ.सं.2/8/2004 एनएस- II )

 

11. क्‍या ब्‍याज भुगतानों पर टीडीएस पूर्वव्‍यापी प्रभाव अथवा उत्‍तरव्‍यापी आधार पर लागू होगा ?

 

उत्‍तरः भारत सरकार अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक अथवा किसी भी प्राधिकारी  द्वारा कालांतर में कोई अधिसूचना/परिपत्र/स्‍पष्‍टीकरण जारी किए जाने के बावजूद एससीएसएस, 2004 परिचालन आरंभ किए जाने के पहले दिन से टीडीएस लागू है | ( दिनांक 6 जून 2006 के भारत सरकार का पत्र एफ.सं.2/8/2004 एनएस- II ) |

 

12. क्‍या योजना के अंतर्गत खोले गए खातों में केवल एक व्‍यक्ति अथवा एक से अधिक व्‍यक्ति को नामांकित किया जा सकता है ?

 

उत्‍तरः  खाता खोलते समय जमाकर्ता एक व्‍यक्ति अथवा अधिक व्‍यक्तियों को नामांकित कर सकता है जो उसकी मृत्‍यु के पश्‍चात खाते से देय भुगतान के लिए पात्र होगा/होंगे (नियम 6(1 )) |

 

13. खाता खोलने के पश्‍चात नामांकन किया जा सकता है ?

 

उत्‍तरः हां, जमाकर्ता द्वारा जमाकर्ता कार्यालय की पास बुक के साथ फार्म ‘सी’ में आवेदन करते  हूए खाता खोलने के पश्‍चात परंतु खाता बंद करने से पूर्व नामांकन किया जा सकता है | ( नियम 6(2)) |

 

14. क्‍या नामांकन रद्द अथवा परिवर्तित किया जा सकता है ?

 

उत्‍तरः हां, जमाकर्ता द्वारा जमाकर्ता कार्यालय में, जहां पर खाता है, वहां नए नामांकन फार्म ‘सी’ में नामांकन रद्द अथवा परिवर्तित किया जा सकता है (नियम 6(3) ) |

 

15.  क्‍या संयुक्‍त खाते में भी नामांकन किया जा सकता है ?

 

उत्‍तरः संयुक्‍त खाते में भी नामांकन किया जा सकता है | ऐसे मामले मे संयुक्‍त धारक प्रथम जमाकर्ता की मृत्‍यु के कारण देय राशि प्राप्‍त करने हेतु पात्र होगा | दोनों संयुक्‍त धारकों की मृत्‍यु के पश्‍चात केवल नामित व्‍यक्ति को दावा मिलेगा (नियम 6(4) ) |

 

16.  क्‍या नामांकन फॉर्म में नामिती के लिए पावर ऑफ अटर्नी धारण करने वाला व्‍यक्ति हस्‍ताक्षर कर सकता है ?

 

उत्‍तरः नामांकन फॉर्म में नामिती के लिए पावर ऑफ अटर्नी धारण करने वाला व्‍यक्ति हस्‍ताक्षर नहीं कर सकता | (दिनांक 2 मार्च 2006 के भारत सरकार का पत्र एफ.सं.15/8/2005 एनएस- II ) |

 

17.  संयुक्‍त खाते के मामले में यदि पहले धारक/जमाकर्ता की खाते की परिपक्‍वतापूर्व मृत्‍यु हो जाती है तो क्‍या खाते को जारी रखा जा सकता है ?

 

उत्‍तरः संयुक्‍त खाते के मामले में यदि पहले धारक/जमाकर्ता की खाते की परिपक्‍वतापूर्व मृत्‍यु हो जाती है तो खाता धारक के पति/पत्‍नी द्वारा एससीएसएस नियमों के अंतर्गत विनिर्दिष्‍ट शर्तो पर खाते को जारी रखा जा सकता है । तथापि यदि दूसरे धारक अर्थात पति/पत्‍नी का अपना व्‍यक्तिगत खाता हो तो व्‍यक्तिगत खाते की कुल राशि तथा मृत पति/पत्‍नी के संयुक्‍त खाते की जमा राशि निर्धारित अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए | यदि अधिकतम सीमा का उल्‍लंघन होता है तो बाकी की राशि लौटा दी जाएगी ताकि व्‍यक्तिगत खाते और मृत पति/पत्‍नी के संयुक्‍त खाते की कुल राशि अधिकतम सीमा तक रखी जा सके। (नियम 6(4) और 8(3) |

 

18.  ऐसी स्थिति में क्‍या होगा जब दोनों पति पत्‍नी के व्‍यक्तिगत खाते हों परंतु कोई संयुक्‍त खाता नहीं तथा उनमें से एक की मृत्‍यु हो गई हो ?

 

उत्‍तरः यदि दोनों पति/प‍त्‍नी ने योजना के अंतर्गत अलग खाता खोला हो और खाता जारी रहने के दौरान उसमें से एक की (पति अथवा पत्‍नी) मृत्‍यु हो जाती है तो मृत जमाकर्ता /पति/पत्‍नी के नाम पर खाता/खाते जारी नहीं रहेंगे तथा  ऐसे खातों को बंद कर दिया जाएगा |  खाता फार्म ‘एफ’ में आवेदन कर बंद किया जा सकता है | फार्म ‘एफ’ का अनुबंध II  एवं III शपथ आयुक्‍त या नोटरी पब्लिक के द्वारा सत्‍यापित किया जा सकता है (नियम 8) |

 

19. क्‍या नामांकन और/अथवा परिवर्तन/नामांकन रद्द करने के लिए कोई शुल्‍क निर्धारित किया गया है ?

उत्‍तरः एससीएसएस, 2004 के अंतर्गत खाते में नामांकन और/अथवा परिवर्तन/ नामांकन रद्द करने के लिए कोई शुल्‍क निर्धारित नहीं किया गया है ( दिनांक 13 अक्‍तूबर 2004 के भारत सरकार पत्र एफ.सं.2/8/2004 एनएस- II ) |

 

20. योजना में निवेश करने हेतु रक्षा सेवा से सेवानिवृत्‍त कर्मी के मामले में आयु सीमा क्‍या है ?

 

उत्‍तरः रक्षा सेवा के सेवानिवृत्‍त कार्मिक (सिविलियन रक्षा सेवा कर्मचारियों को छोड़कर), 60 वर्ष की आयु सीमा होने के बावजूद अन्‍य विनिर्दिष्‍ट शर्तो को पूरा करने पर योजना के अंतर्गत निवेश के लिए पात्र हैं | (दिनांक 27 अक्‍तूबर 2004 को अधिसूचित वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना (संशोधन) नियमावली, 2004)

 

21. एससीएसएस, 2004 के प्रयोजन के लिए ‘सेवानिवृत्ति लाभ’  का क्‍या अर्थ है ?

 

उत्‍तरः एससीएसएस, 2004 के प्रयोजन के लिए  ‘ सेवानिवृत्ति लाभ ’  के अर्थ को इस प्रकार से परिभाषित किया गया है  “ जमाकर्ता को सेवानिवृत्ति के कारण देय किसी प्रकार का भुगतान चाहे अधिवर्षिता पर अथवा अन्‍यथा और जिसमें भविष्‍य निधि की देयता, सेवानिवृत्ति/अधिवर्षिता उपदान (ग्रेच्‍युटी), पेंशन का संराशीकृत मूल्‍य, छुट्टी के बराबर नकद, सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी को नियोक्‍ता द्वारा देय समूह बचत बीमा योजना के बचत तत्‍व, परिवार पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्ति के साथ आहरण लाभ, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति  योजना के अंतर्गत अनुग्रह अदायगी शामिल है ” (27 अक्‍‍तूबर 2004 को अधिसूचित वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना (संशोधित) नियमावली, 2004 का नियम 2 (क) ) |

 

22.  क्‍या केवल सेवानिवृत्ति लाभ से प्राप्‍त राशि से एससीएसएस योजना के अंतर्गत जमाराशि जमा की जा सकती है ?

 

उत्‍तरः यदि निवेशक की आयु 60 वर्ष और उससे अधिक है तब निवेश की गई राशि के स्रोत की कोई शर्त नहीं है (नियम 2 (घ) (i)) | तथापि यदि निवेशक की आयु 55 वर्ष अथवा उससे अधिक परंतु 60 वर्ष से कम हो और स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति  अथवा विशेष स्वैच्छिक निवृत्ति योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्‍त हुए हों अथवा रक्षा सेवा से सेवानिवृत्‍त हुए हों तब एससीएसएस में केवल सेवानिवृत्ति लाभ निवेश किए जा कसते हैं (नियम 2 (घ) (ii)) |

 

23.  सेवानिवृत्ति लाभ से वरिष्‍ठ नागरिक द्वारा एससीएसएस योजना के अंतर्गत जमा खाता खोलने के लिए अवधि निर्धारित की गई है ?

 

उत्‍तरः यदि निवेशक की आयु 60 वर्ष और उससे अधिक हो तो एससीएसएस खाता/खाते खोलने के लिए समयावधि निर्धारित नहीं है | तथापि 60 वर्ष से कम आयु वाले निवेशकों के लिए निम्‍नानुसार अ‍वधि निर्धारित हैः

 

(क)  सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन महीने के भीतर ऐसे व्‍यक्ति द्वारा खाता खोले जाने की शर्त पर इन नियमों के अंतर्गत खाता खोलने की तारीख को वे व्‍यक्ति जिन्‍होंने 55 वर्ष की आयु प्राप्‍त की हो अथवा उससे अधिक परंतु 60 वर्ष से कम हो तथा वे जो स्‍वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना के अंतर्गत अथवा विशेष स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति के अंतर्गत सेवानिवृत्‍त हुए हों |

 

(ख)  वे व्‍यक्ति जो इन नियमों के लागू  होने से पूर्व तथा इन नियमों के अंतर्गत खाता खोलने की तारीख को 55 वर्ष अथवा उससे अधिक के हों तो वे इस अधिसूचना की तारीख (27 अक्‍तूबर 2004) से एक महीने की अवधि के भीतर योजना मे निवेश कर सकते हैं, बशर्ते वे अन्‍य शर्ते पूरी करते हों (वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना (सेशोधित) नियम, 2004 का नियम 2)

 

(ग)  अन्‍य विनिर्दिष्‍ट शर्तो को पूरा करने पर उपर्युक्‍त आयु सीमा के बावजूद योजना के अंतर्गत निवेश करने के लिए रक्षा सेवा के सेवानिवृत्‍त कार्मिक (सिविलियन रक्षा कर्मचारियों को छोड़कर) पात्र होंगे  |  (वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना (संशोधित) नियमावली, 2004 के नियम 2)

 

24. क्‍या खाता धारक एससीएसएस, 2004 के अंतर्गत जमाराशि/खाते को गिरवी रखकर ऋण प्राप्‍त कर सकता है ?

 

उत्‍तरः ऋण प्राप्‍त करने के लिए एससीएसएस, 2004 के अंतर्गत जमाराशि/खाते को गिरवी रखने की सुविधा की अनुमति नहीं है क्‍योंकि खाता धारक ब्‍याज राशि को आवधिक रूप से आहरित नहीं कर सकेगा जिससे योजना का मुख्‍य प्रयोजन सफल नहीं हो सकता | (दिनांक 31 मई 2005 भारत सरकार पत्र एफ.सं.2/8/2004/एनएस-II)

 

25. क्‍या एससीएसएस, 2004 के अंतर्गत खाते की जमा राशि से समयपूर्व आहरण अनुमत है ?

 

उत्‍तरः एससीएसएस, 2004 के अंतर्गत खाता खोलने की तारीख से केवल एक वर्ष पूर्ण करने के पश्‍चात खाते की जमाराशि से निम्‍नानुसार दण्‍डात्‍मक राशि काटने के बाद समयपूर्व आहरण/खाता बंद करने के लिए अनुमति हैः

 

(i) यदि खाता एक वर्ष के पश्‍चात, परंतु खाता खोलने की तारीख से दो वर्ष समाप्‍त होने से पूर्व बंद किया हो तो जमा राशि से डेढ़ प्रतिशत की राशि के बराबर राशि काट ली जाएगी |

 

(ii) यदि खाता खोलने की तारीख से 2 वर्ष या उसके बाद बंद किया जाता है तो जमाराशि के एक प्रतिशत के बराबर की राशि काट ली जाएगी |

 

तथापि यदि जमाकर्ता 4(3) के अंतर्गत खाते की सुविधा ले रहा हो तो वह किसी कटौती के बिना खाता विस्‍तार करने की तारीख से एक वर्ष समाप्‍त होने के पश्‍चात जमा राशि किसी भी समय आहरित कर सकता है तथा खाता बंद कर सकता है |

 

(नियम 9(1)(क)(ख)और (2) )

 

26. क्‍या एससीएसएस, 2004 में निवेश करने हेतु अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल का व्‍यक्ति तथा अविभाजित हिंदू परिवार पात्र है ?

 

उत्‍तरः एससीएसएस, 2004 के खाते में निवेश करने हेतु अनिवासी भारतीय (एनआरआइ), भारतीय मूल का व्‍यक्ति (पीआइओ) तथा अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) पात्र नहीं हैं | यदि जमाकर्ता खाता खोलने के पश्‍चात अनिवासी भारतीय हो जाता है तब एससीएसएस नियमों के अंतर्गत खाता चालू रहने के दौरान, खाता परिपक्‍व होने तक अप्रत्‍यावर्तन आधार पर खाता जारी रखने की अनुमति दी जाएगी तथा इसे अनिवासी खाते के रूप में मार्क किया जाएगा | ( नियम 13 और भारत सरकार का दिनांक 19 जून 2006 का पत्र सं. एफ सं.2/8/2004/एनएस.II)

 

27.    क्‍या एक जमाकर्ता कार्यालय से दूसरे जमाकर्ता कार्यालय को खाता अंतरित किया जा सकता है ?

 

उत्‍तर : जमाकर्ता अपना खाता एक जमाकर्ता कार्यालय से दूसरे कार्यालय में अंतरित किए जाने के लिए फॉर्म ‘जी’ में पासबुक संलग्‍न करते हुए आवेदन कर सकता है । यदि जमाराशि एक लाख रुपए या अधिक हो तो पहले अंतरण के लिए प्रति लाख पांच रुपए का अंतरण शुल्‍क तथा दूसरे और उसके बाद के अंतरण के लिए अंतरण शुल्‍क प्रति लाख दस रुपए देय होगा | (नियम 11 और 23 मार्च 2006 की भारत सरकार की अधिसूचना जीएसआर (ई).

 

28. क्‍या एससीएसएस खाते की अवधि बढ़ाई जा सकती है ?

 

उत्‍तर : परिपक्‍वता के पश्‍चात एक वर्ष की अवधि में, जमाकर्ता, जमा कार्यालय में आवेदन कर खाते की अवधि 3 साल के लिए बढ़ा सकता है ।

 

29. क्‍या ऐसा खाता, जिसकी अवधि परिपक्‍वता पर न बढ़ाई गई हो,ब्‍याज के लिए पात्र है ?

 

उत्‍तर : यदि जमाकर्ता परिपक्‍वता पर खाते को बंद नही करता है और न ही अवधि बढ़ाता है, तो खाता परिपक्‍व माना जाएगा और जमाकर्ता खाते को कभी भी बंद कर सकेगा | हालांकि ऐसे परिपक्‍व खाते पर खाता बंद करने के महिने के पहले महिने की समाप्ति तक डाकघर बचत खाते की जमा राशिपर लागू ब्‍याज दर से ब्‍याज का भुगतान किया जाएगा |

 

30. यदि एससीएसएस नियमों का उल्‍लंघन करते हुए खाता खोला गया हो ?

 

उत्‍तरः यदि एससीएसएस नियमों का उल्‍लंघन करते हुए खाता खोला गया हो तो खाता तुरंत बंद कर दिया जाएगा तथा ऐसी जमाराशि पर ब्‍याज कटौती यदि कोई ब्याज का भुगतान किया गया हो, तो वह काटने के पश्चात खाते में शेष जमा राशि को जमाकर्ता को वापस किया जाए (नियम 12)

 

31. क्या योजना के अंतर्गत एजेंट को कमीशन का भुगतान किया जा सकता है ?

 

योजना में दिनांक 1 दिसंबर 2011 से कमीशन का भुगतान बंद कर दिया गया है (भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 25 नवम्बर 2011) ।

 

32.  क्‍या आप एससीएसएस 2004 संचालित करने वाले बैंकों के नाम प्रस्‍तुत कर सकते हैं ?

 

उत्‍तरः वर्तमान में एससीएसएस 2004 संचालित करने वाले 24 राष्‍ट्रीकृत बैंक तथा एक निजी क्षेत्र का बैंक है | इनकी सूची निम्‍नानुसार हैः

 

यह नोट किया जाए कि एससीएसएस, 2004 संचालित करने हेतु इन बैंकों की केवल निर्दिष्‍ट शाखाएं प्राधिकृत हैं |

 

1. भारतीय स्‍टेट बैंक

2. स्‍टेट बैंक ऑफ हैदराबाद

3. स्‍टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर

4. स्‍टेट बैंक ऑफ पटियाला

5. स्‍टेट बैंक ऑफ मैसूर

6. स्‍टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर

7. इलाहाबाद बैंक

8. आंध्रा बैंक

9. बैंक ऑफ बड़ौदा

10. बैंक ऑफ इंडिया

11. बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र

12. केनरा बैंक

13. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

14. कार्पोरेशन बैंक

15. देना बैंक

16. इंडियन बैंक

17. इंडियन ओवरसीज बैंक

18. पंजाब नेशनल बैंक

19. सिंडीकेट बैंक

20. यूको बैंक

21. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

22. युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया

23. विजया बैंक

24. आईडीबीआई बेंक

25. आईसीआईसीआईबैंक

 

यह एफएक्‍यू भारतीय रिज़र्व बेंक द्वारा केवल सूचना और सामान्‍य मार्गदर्शन के उद्देश्‍य से जारी किया गया है | बैंक इसके आधार पर की गई कार्रवाई/लिए गए निर्णय के लिए जिम्‍मेदार नहीं होगा । स्‍पष्‍टीकरण या व्‍याख्‍या के लिए, यदि कोई हो तो, निवेशक, बैंक और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी संबध्‍द परिपत्र और अधिसूचना एवं वरिष्‍ठ नागरिक बचत योजना 2004 के संबंध्‍द प्रावधानों से मार्गदर्शन प्राप्‍त करें |

स्रोत: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया, भारत का वित्त विभाग

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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