एम-शासन ई-शासन का प्रतिस्थापन नहीं बल्कि ई-शासन का पूरक है। ई-शासन के अंतर्गत शासन संगठनों द्वारा वेन,इंटरनेट और मोबाइल कंप्यूटिंग जैसी सूचना प्रौद्योगिकी तकनीक के उपयोग द्वारा निजी व्यवसाय और नागरिक संगठनों में बदलाव लाने के साथ नागरिकों का सशक्तीकरण भी करना है। दूसरी तरफ एम-शासन मोबाइल या वायरलेस तकनीक के द्वारा शासन सेवाओं और सूचनाओं का कहीं भी कभी भी के आधार पर उपलब्ध कराना है। मोबाइल एप्लीकेशन भी गुणवत्तापूर्ण सूचना एवं प्रौद्योगिकी आधारिक बैक ऑफिस संरचना और कार्यप्रणाली पर आधारित है।
आज मोबाइल फोन केवल टेक्स्ट और ध्वनि संदेशों के आदान-प्रदान तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह शहरी संपन्न वर्ग और ग्रामीण वंचित वर्ग के बीच व्याप्त तकनीकी खाई को पाटने के क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली तकनीक के रूप में उभरा है। भारत में अपने शुभारंभ के दो दशक के अन्दर मोबाइल फोन ने कनेक्टिविटी, बिजली की कमी तथा न्यून साक्षरता जैसी बाधाओं के बावजूद दूर-दराज के गाँव तक अपनी पहुँच बना ली है। वहीं दूसरी ओर, इसने लाखों बेरोजगार युवाओं को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया है।
ई-शासन की बढ़ती लोकप्रियता और समाज में मोबाइल को स्वीकार्यता को देखते हुए भारत सरकार ने न केवल नागरिक सेवाओं बल्कि अनेक मूल्यवर्द्धित सेवाओं को भी मोबाईल के जरिये पहुंचाने का निर्णय लिया और उसी रणनीति के कार्यान्वन के लिए अनेक प्रतिभागीदारों के साथ काम करते हुए उसे मूर्त रुप देने का प्रयास किया है।
यह एक ऐसी रणनीति का कार्यान्वयन है जिसके जरिये उपलब्ध वायरलेस और नए मीडिया प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म, मोबाइल फ़ोन, उपकरणों और एप्लिकेशन की सहायता से नागरिकों और व्यवसायियों के लिए सार्वजनिक सूचना और सरकारी सेवाओं के वितरण के लिए प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल फोन की पहुंच का और मोबाइल अनुप्रयोगों के नवीन क्षमता का उपयोग करके समावेशी विकास को भी पाने का प्रयास किया जा रहा है।
तेजी से भारतीय के बीच अपना स्थान बनाते, मोबाइल भारत में विभिन्न ई-शासन सेवाओं की एक वितरण चैनल के रूप में उभरा है। स्वीकृति में सरलता और साधारण इंटरफेस एप्पस को डाउनलोड करने में स्वतंत्रता और इसे आसान तरीके से उपयोग करने का उपयोगकर्ता को अवसर देता है। हालांकि अभी भी प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर एप्पस को लोगों तक पहुँचाने की चुनौतियां है विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल अनुप्रयोगों की संभावितों तक पहुंच में सबसे बड़ी चुनौती है। इस बिंदु को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए अनेक कदम उठाएं हैं और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभान ने सभी विभागों और एजेंसियों को मोबाइल एप्लीकेशन का विकास करने और लोगों तक इसकी पहुँच बनाने के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की है। विभाग द्वारा निर्धारित मुख्य उपाय इस प्रकार हैं:
1. सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों की वेब साइटों को निर्देशित किया गया है कि "वन वेब" दृष्टिकोण के अंतर्गत मोबाइल-कंप्लाइंट का विकास किया जाए।
2. मोबाइल एप्लीकेशन के लिए ओपन मानकों को अपनाया जाए ताकि ई-शासन के अंतर्गत लागू की जा रही शासन की नीति के अनुसार एप्लीकेशन के अनुसार विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम और उपकरणों में पारस्परिकता बनी रहे।
3. यूनीफार्म/सिंगल पूर्व- नामित संख्या (लंबी और शॉर्ट कोड) का उपयोग मोबाइल आधारित सेवाओं के लिए करके दी जा रही सुविधा को सुनिश्चित किया जा सके।
4. सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों द्वारा दी जा रही सार्वजनिक सेवाएं को मोबाइल उपकरणों के माध्यम से प्रदान करने से लेकर विकसित एप्लीकेशन को मोबाइल प्लेटफार्म के अनुकूल बनाना होगा।
सरकार ने अपने प्रारुप के अनुरुप समयबद्ध तरीके से इन सेवाओं के विकास और सहायक ढांचे को विकास करते हुए उसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए और मोबाइल उपकरणों के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता को मोबाइल के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल सर्विस डिलिवरी गेटवे (MSDG) का विकास का विकास किया है।
मोबाइल सेवा एक एकीकृत प्लेटफार्म प्रदान करती है जिसके सहायता से नागरिकों को सार्वजनिक सूचना और सरकारी सेवाओं का वितरण, मोबाइल उपकरणों पर एसएमएस, यूएसएसडी, आईवीआरएस, सीबीएस, एलबीएस या मोबाइल फोन पर स्थापित मोबाइल अनुप्रयोगों के द्वारा किया जा सकता है ।
मोबाइल उपभोक्ताओं बढ़ती संख्या और पहुंच को देखते हुए यह राष्ट्रीय ई-शासन योजना के लिए वास्तविकता बनता जा रहा है कि हर नागरिक को सरकार सेवाएं मोबाइल फोन के माध्यम से सुनिश्चित हो। यह शहरी संपन्न वर्ग और ग्रामीण वंचित वर्ग के बीच व्याप्त तकनीकी खाई को पाटने के क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली तकनीक के रूप में उभरा है।
एनएसडीजी
ई-शासन एक्सचेंज के अंतर्गत विकसित किया गया एनएसडीजी (राष्ट्रीय ई शासन सेवाएँ डिलिवरी गेटवे) सेवा प्रदाताओं के लिए सरकारी सेवाओं को मोबाइल के द्वारा लोगों तक पहुंचाने, एसएसडीजी ( स्टेट ई गवर्नेन्स सर्विसेज डिलिवरी गेटवे) और डोमेन डोमेन गेटवे (जैसे पासपोर्ट गेटवे , MCA21 गेटवे) के लिए बहुउपयोगी साबित हो सकता है।
एक अलग बुनियादी ढांचे के रुप में कुछ आवश्यकताएं इस प्रकार है -
सेवा प्रदाता |
उपलब्ध सेवाएँ |
कृषि सम्बन्धित प्रश्नों का जवाब |
|
कृषि विभाग, मध्य प्रदेश सरकार |
किसानों के कृषि, बागवानी, डेयरी, मत्स्य और पशुओं से जुड़ी बीमारियों के प्रश्नों के समाधान |
कृषि विभाग, हरियाणा सरकार |
किसानों की कृषि से जुड़ी समस्याएं |
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार |
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से सम्बन्धित शिकायत और सूचना |
हरियाणा सरकार |
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बारे में शिकायत या सूचना |
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो, हिमाचल प्रदेश |
भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायत |
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो, आंध्र प्रदेश |
केन्द्रीय सरकार, राष्ट्रीयकृत बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों के रिश्वतखोर कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत |
सामाजिक कल्याण और श्रम विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार |
बाल भिखारियों की रक्षा |
भारतीय रेल |
रेलवे के किसी भी कर्मचारी की रिश्वत/भ्रष्टाचार के सिलसिले में शिकायत |
भारतीय रेल |
पीएनआर स्थिति की जांच, वर्तमान रेल की स्थिति, उपलब्ध सुविधा और किराए से सम्बन्धित प्रश्न |
भारतीय रेल |
पीएनआर स्थिति से जुड़े प्रश्न, वर्तमान रेल की स्थिति |
जानकारी, बिहार सरकार |
सूचना के अधिकार, पहली और दूसरी अपील एवं उससे जु़ड़ी सूचना या शिकायत |
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड |
10वीं और 12वीं कक्षा के अक्षम बच्चों के लिए परीक्षा से जुड़े प्रश्न |
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड |
दसवीं और बारहवीं कक्षा का परिणाम |
राज्य प्री-युनिवर्सिटी विभाग, कर्नाटक सरकार |
12वीं कक्षा के छात्रों/छात्रों के अभिभावकों के लिए परीक्षाओं से जुड़ी काउंसलिंग |
रेलवे भर्ती बोर्ड, चेन्नई |
आवेदन पत्र की स्थिति, विज्ञापन में दिए गए पद के लिए योग्यता और परीक्षा परिणाम |
एमरजेन्सी मैनेजमेन्ट रीसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद |
मरीजों को चिकित्सकीय सहायता |
स्वास्थ्य विभाग |
मरीजों को एम्बुलेंस और स्वास्थ्य सहयोग |
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय |
याचिकाकर्ता और वकील, सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामलों की जानकारी फोन के माध्यम से जान सकते हैं। |
दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण |
कानूनी सलाह और सहायता |
केरल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण |
कानूनी सलाह और सहायता |
वृहत मुंबई नगर निगम |
ठोस कचरा निपटारा, नाली से निकलता गंदा पानी, सड़क और परिवहन, फैक्टरी, लाइसेंस से सम्बन्धित मुद्दे, जल आपूर्ति, कीटनाशक नियंत्रण, निर्माण, अतिक्रमण आदि से सम्बन्धित शिकायत। |
वृहत मुंबई नगर निगम |
20 हजार रुपये तक का संपत्ति कर और जलकर का भुगतान |
'डा. एसएमएस' |
दिन के किसी भी समय सबसे नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केन्द्र से संबंधित सूचना। यह प्रणाली जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक सूची, ब्लड बैंक, डायग्नॉस्टिक केन्द्र, निजी अस्पताल, विशेषज्ञ केन्द्र, ऑपरेशन और वेंटिलेटर की सुविधा की सूचना देती है। |
गुड़गांव पुलिस, हरियाणा सरकार |
डर और जान पर खतरे की स्थिति में पुलिस सहायता |
जनसंख्या स्थिरता कोष |
प्रजनन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन एवं बाल स्वास्थ्य पर अँग्रेज़ी व हिन्दी में सलाह व सुझाव |
अंतिम बार संशोधित : 2/13/2023
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