डिजिटल वित्तीय समावेश का सन्दर्भ समाज की मुख्य धारा से बाहर एवं अधिकारविहीन लोगों तक डिजिटल पहुंच तथा औपचारिक वित्तीय सेवाओं के उपयोग का अवसर प्रदान करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शुरु की गई सेवाओं को डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस (DFS) के रूप में जाना जाता है। इन्हें ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार डिज़ाइन गया है और ज़िम्मेदारी से उस उचित कीमत पर उपलब्ध कराया जाता है जो ग्राहकों और प्रदानकर्ताओं दोनों के लिए वहनीय हो। ऐसी किसी भी डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस के तीन मुख्य भाग होते हैं: आदान-प्रदान का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म, खुदरा एजेंट्स, तथा प्लेटफॉर्म के माध्यम से आमतौर पर मोबाइल फोन जैसे उपकरण का ग्राहकों व एजेंट्स द्वारा उपयोग।
यह एक माध्यम है जिससे डिजिटल चैनल्स अनबैंक्ड आबादी तक फाइनेंशिअल सेवाएं तेजी से पहुंचा रहे हैं। बैंक, लघुफाइनेंस संस्थाएं, मोबाइल ऑपरेटर्स, एवं लघु एजेंट्स नेटवर्क के साथ अन्य सेवा प्रदाता मोबाइल फोन्स, विक्रय बिन्दु(पाईंट-ऑफ-सेल) उपकरण की उपलब्धता का फायदा उठाते हुए व्यापक पैमाने पर,सुविधाजनक तरीके से एवं पारम्परिक बैंकिंग की तुलना में बहुत कीमत पर बुनियादी वित्तीय सेवाएं पारंपरिक वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस निम्नलिखित हैं:
- कार्ड्स
- USSD-यूएसएसडी
- AEPS-एईपीएस
- UPI-यूपीआइ
- वॉलेट
कार्ड्स
कार्ड्स क्या हैं?
ये आमतौर पर बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं तथा इन्हें जारी करने, कार्डधारक द्वारा उपयोग व भुगतान के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। कार्ड तीन प्रकार के होते हैं: डेबिट कार्ड, क्रेडित कार्ड तथा प्रीपेड कार्ड।
विभिन्न प्रकार के कार्ड्स क्या होते हैं?
- प्रीपेड कार्ड्स: ये ग्राहक बैंक अकाउंट से प्री-लोडेड होते हैं और जो सीमित लेनदेन के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं। इन्हें मोबाइल रीचार्ज की तरह रीचार्ज किया जा सकता है। उपयोग करने के लिए सुरक्षित।
- डेबिट कार्ड्स: इसे खाताधारी बैंक द्वारा जारी किया जाता है जो बैंक अकाउंट से लिंक किया हुआ होता है। डेबिट कार्ड खाताधारकों (करंट/सेविंग/ओवरड्राफ्ट) को जारी किए जाते हैं तथा किये गये कोई भी खर्च उपयोगकर्ता के खाते से तुरंत काट लिये जाते हैं। उपयोगकर्ता इस कार्ड का उपयोग अपने बैंक अकाउंट में मौज़ूद सीमा तक नगद निकालने के लिए कर सकता है। इसका उपयोग एक व्यक्ति से दूसरे को घरेलू फंड ट्रांस्फर के लिए भी किया जा सकता है।
- क्रेडिट कार्ड्स: इन्हें बैंक्स/रिजर्व बैंक अधिकृत अन्य कम्पनियों द्वारा जारी किया जाता है। इन्हें घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय (यदि अंतर्राष्ट्रीय उपयोग के लिए सक्षम बनाया गया हो) तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। डेबिट कार्ड से अलग, क्रेडिट कार्ड्स के मामले में कोई ग्राहक अपने बैंक खाते में मौज़ूद धनराशि की मात्रा से अधिक धन भी निकाल सकता है। लेकिन हर क्रेडिट कार्ड के लिए निर्धारित सीमा तक अतिरिक्त धन निकाला जा सकता है।
साथ ही निकाले गए अतिरिक्त धन के पुनर्भुगतान को निर्धारित समय सीमा तक पूरा करना चाहिये जिसमें देरी होने पर, कार्डधारक को इस धनराशि का भुगतान निर्धारित ब्याज समेत करना पड़ता है।
डेबिट/क्रेडिट कार्ड्स का उपयोग कैसे करें?
- एटीएम से पैसा निकालने के लिए, उपयोगकर्ता को डेबिट/क्रेडिट कार्ड डालकर बैंक द्वारा दिया गया अपना विशिष्ट PIN नम्बर (4 अंक) देना पड़ता है। प्रतिदिन निकाली जाने वाली अधिकतम धनराशि बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है।
- डेबिट कार्ड के साथ कार्डधारक एटीएम(ATM) का उपयोग, बैंक शाखा जाए बिना, बैंक बैलेंस ज्ञात करने, चेक या धनराशि जमा करने, मिनी स्टेटमेन्ट प्राप्त करने आदि जैसे वित्तीय व गैर-वित्तीय लेनदेन की सेवाओं को प्राप्त करने में कर सकता है।
- बड़े खुदरा स्टोर्स एवं दुकानों पर खरीदारी करते समय निम्न प्रक्रिया का पालन करें:
मैं इन कार्ड्स का उपयोग क्यों करुं?
- अपने कार्ड का उपयोग कहीं भी खरीदारी के लिए।
- दुकानों, एटीएम(ATM), वॉलेट्स, माइक्रोएटीएम(ATM),ऑनलाइन खरीदारी करने में।
- डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड्स, दोनों का उपयोग एटीएम(ATM) से नगद निकालने, पॉइंट-ऑफ़-सेल (POS) पर सामान व सेवाओं की खरीद तथा ऑनलाइन खरीद के लिए किया जा सकता है।
- सभी प्रकार के यूटिलिटी बिलों के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- उपभोक्ता इनसे टिकट (एअरलाइन/रेलवे/बस) खरीद सकते हैं, होटल में बुकिंग कर सकते हैं और रेस्ट्राँ में भुगतान कर सकते हैं।
- उपयोगकर्ता ऐसे किसी भी स्थान पर किसी भी सेवा के भुगतान के लिए कार्ड का उपयोग कर सकते हैं जहां कार्ड रीडर/ POS मशीन हो।
कार्ड कैसे प्राप्त किया जा सकता है
उपभोक्ता डेबिट/रुपे/क्रेडिट कार्ड्स के लिए सभी सार्वजनिक व निजी बैंक्स में आवेदन दे सकते हैं।
- नागरिक अपनी बैंक शाखा में आवेदन देकर डेबिट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।
- नागरिक अपने डेबिट कार्ड्स रुपे कार्ड से बदल भी सकते हैं।
- नागरिक अपने डेबिट कार्ड्स रुपे कार्ड से बदल भी सकते हैं।
- सरकार के आदेश के अनुसार, सभी जन धन योजना खाता धारकों को रुपे (RuPay) कार्ड जारी किए जाएंगे।
USSD (अन्स्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंटरी सर्विस डाटा)
USSD क्या है?
USSD का अर्थ है अन्स्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंटरी सर्विस डाटा। यह एक सेवा है जिसका उद्देश्य बैंकिंग को देश के हर आम नागरिक तक ले जाना है। यह सेवा प्रत्येक ग्राहक को टेलीकॉम सेवा प्रदाता, मोबाइल सेट निर्माता या क्षेत्र से प्रभावित बिना एक ही नम्बर से बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। यह नेशनल यूनिफाइड USSD प्लेटफ़ॉर्म (NUUP) के ज़रिए एक शॉर्ट कोड *99# पर प्रदान की जाती है। इसे प्रतिदिन प्रति ग्राहक रु.5000 भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
हमें क्या होना आवश्यक है?
- किसी बैंक में खाता
- GSM नेटवर्क पर कोई भी मोबाइल फोन
- उपभोक्ता खाते का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर होना चाहिए।
मैं इसका उपयोग कैसे करूं?
- अपनी बैंक शाखा जाएं और मोबाइल नम्बर अपने बैंक खाते से लिंक करवाएं (यहATM पर या ऑनलाइन भी हो सकता है)
- आपको मोबाइल मनी आइडेंटिफायर (MMID) तथा मोबाइल पिन (MPIN) प्राप्त होगा।
- MPIN याद रखें।
USSD के क्या लाभ हैं?
USSD सुविधा इस्तेमाल करने के चरण
यह आपके फोन से प्रीपेड बैलेंस चेक करने जितना आसान है! लेनदेन एक सामान्य मोबाइल फोन से करना भी सम्भव है।
- अपना मोबाइल नम्बर अपने बैंक खाते से लिंक करें
- अपने फोन से *99# डायल करें
- अपने बैंक के नाम के प्रथम 3 संक्षिप्त अक्षर भरें या IFSC के पहले 4 अक्षर
- “Fund-Transfer-MMID” विकल्प चुनें
- प्राप्तिकर्ता का मोबाइल नम्बर एवं MMID दर्ज़ करें
धनराशि तथा अपना MPIN दें, एक खाली स्थान छोड़ें तथा अपने खाता नम्बर के अंतिम 4 अंक डालें। उपर्युक्त चरणों द्वारा आप अपनी धनराशि स्थानांतरित कर पाएंगे।
उपलब्ध सेवाएं
ग़ैर-वित्तीय सेवाएं
- बैलेंस की पूछताछ – उपयोगकर्ता मोबाइल नम्बर से लिंक बैंक खाते में उपलब्ध बैलेंस चेक कर सकते हैं।
- मिनी स्टेटमेंट – उपयोगकर्ता मोबाइल नम्बर से लिंक बैंक खाते का मिनी स्टेटमेंट प्राप्त कर सकते हैं।
- MMID *(Mobile Money Identifier) की जानकारी–उपयोगकर्ता बैंक द्वारा मोबाइल बैंकिंग रजिस्ट्रेशन के दौरान दिये गये MMID जान सकते हैं।
- M-PIN बनाना/बदलना –उपयोगकर्ता M-PIN (Mobile PIN)क्रियेट/बदल सकते हैं जो कि पासवर्ड की तरह होता है और वित्तीय लेनदेन में अधिकृत होने के लिए प्रयुक्त होता है।
वित्तीय सेवाएं:
- मोबाइल नम्बर एवं MMID के उपयोग से फंड ट्रांस्फर –उपयोगकर्ता हितग्राही के मोबाइल नम्बर एवं MMID के उपयोग से फंड्स ट्रांस्फर कर सकते हैं।
- IFSC एवं खाता संख्या के उपयोग से फंड ट्रांस्फर - उपयोगकर्ता हितग्राही के IFSC कोड एवं खाता संख्या से फंड स्थानांतरित कर सकते हैं।
- अधिक निर्देशों के लिए आप अपने सम्बन्धित बैंक की वेबसाइट से जानकारी ली जा सकती है।
AEPS (आधार एनेबल्ड पेमेंट सर्विस)
AEPS क्या है?
AEPS का अर्थ है आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम। यह एक भुगतान सेवा है जो बैंक ग्राहक को अपने आधारकार्ड संबंधी पहचान से सम्बन्धित आधार सक्रिय बैंक खाते तक पहुंच बनाने एवं सामान्य बैंकिंग लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है। यह बैंकिंग कॉरस्पॉंडेंट (BC) की सहायता से PoS (MicroATM) पर बैंक-से-बैंक लेनदेन की अनुमति देती है। उपयोगकर्ता को बैंक में या BC की सहायता से अपने अकाउंट के लिए आधार नम्बर देना होता है। उपयोगकर्ता बगैर PIN या पासवर्ड के किसी भी AEPS बिन्दु पर मनचाही संख्या में लेनदेन कर सकता है।
AEPS को सक्रिय करने के लिए क्या आवश्यक है?
किसी ग्राहक को AEPS लेनदेन करने के लिए निम्नलिखित होना आवश्यक है:-
- IIN (ग्राहक संबंधित बैंक की पहचान)
- आधार नम्बर
- नाम दर्ज़ करते समय लिए गए उंगलियों के निशान
मुझे इसका उपयोग क्यों करुं?
AEPS से आप निम्नलिखित प्रकार के लेनदेन कर सकते हैं:-
- बैलेंस पूछताछ
- नगद निकासी
- नगद जमा करना
- आधार से आधार फंड्स का स्थानांतरण
- AEPS से उचित मूल्य की दुकानों पर खरीदारी
AEPS लेनदेन के लिए मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:
मैं इसका उपयोग क्यों करूं?
- आधार नम्बर एवम उंगलियों के निशान का उपयोग कर लाभ लेने के लिए उपयोग में आसान, सुरक्षित भुगतान प्लेटफॉर्म।
- किसी व्यक्ति की जनसांख्यिकीय तथा बायोमीट्रिक/आंख की पुतली की जानकारी पर आधारित होने से किसी भी धोखाधड़ी या अनुचित गतिविधि को रोकता है।
- NREGA, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांग वृद्ध आयु पेंशन आदि जैसी केन्द्रीय या राज्य सरकारों के निकायों की सरकारी सुविधाओं के वितरण को आधार द्वारा अधिकृत कर सुविधाजनक बनाता है।
- बैंकों के बीच अंतर-प्रचालन को सुरक्षित रूप से करना सुविधाजनक बनाता है।
- उनके बैंक नेटवर्क की पहुँच से दूर ग्राहकों को वित्तीय सेवाएं विस्तारित करने के लिए बैंकों को सक्षम बनाता है क्योंकि BCs के हितग्राही अधिकतर बैंक विहीन या बैंकों की कम संख्या वाले स्थानों पर होते हैं।
- वर्तमान में लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है।
- बैंक खाता नम्बर याद रखने की कोई आवश्यकता नहीं।
- बायोमीट्रिक उपकरण रखने वाले उपभोक्ता कम्प्यूटर, एंड्रॉइड फोन/टैब्लेट्स का उपयोग कर घर बैठे लेनदेन कर सकते हैं। बायोमीट्रिक उपकरण में कुछ इनबिल्ट टैब्लेट्स उपलब्ध होते हैं जिनका उपयोग लेनदेन के लिए किया जा सकता है।
UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटर्फेस)
UPI क्या है?
UPI का अर्थ है यूनिफाइड पेमेंट्स इंटर्फेस। यह उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन से तुरंत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की प्रणाली है। यह इमीजिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) का उन्नत संस्करण है जो बैंक खातों के बीच धनराशि ट्रांस्फर करने के लिए उपयोग में लाई जाती थी।
IMPS की तरह UPI चौबीसों घंटे फंड्स स्थानांतरित करने की सेवा को सुविधाजनक बनाती है।
- यह उसी तरह उपयोगकर्ता की पहचान को प्रमाणित करती है जिस तरह अलग कार्ड का उपयोग करने के बजाय फोन के ज़रिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने में होता है।
- यह 24x7, 365 दिन कार्य करती है।
आपको क्या होना आवश्यक है?
- UPI एप्लिकेशन (ऐप) के साथ एक स्मार्ट फोन
- एक बैंक खाता
यह कैसे कार्य करता है?
UPI के ज़रिए ऑनलाइन लेनदेन के लिए 3 चरणों की एक आसान प्रक्रिया है
विशेषताएं एवं लाभ क्या हैं?
- UPI उपयोगकर्ता के नाम, बैंक खाता नम्बर, IFSC कोड या बैंक शाखा का विवरण साझा करने की आवश्यकता को समाप्त करती है।
- UPI डेबिट कार्ड्स जैसे भौतिक साधनों के उपयोग को भी समाप्त करती है।
- नेट बैंकिंग जैसी बहु-चरण प्रक्रियाओं के उपयोग की आवश्यकता नहीं, जिनमें असुरक्षित फ्रेमवर्क्स से फिशिंग का खतरा होता है।
- बहुत आसान ऐप्लिकेशन है जिसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है।
- त्वरित एवं सुरक्षित प्रमाणीकरण कहीं भी हो सकता है।
- पूर्णतः कैशरहित समाज का मार्ग प्रशस्त करती है।
- इनवॉइस की तरह धनराशि के अनुरोध के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- ग्राहक यूटिलिटी बिलों एवं स्कूल फीस के ऑनलाइन भुगतान के लिए भी UPI का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ई-वॉलेट
ई-वॉलेट क्या है?
E-वॉलेट इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट को दर्शाता है। यह एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक कार्ड होता है जिसका उपयोग कम्प्यूटर या स्मार्ट्फोन के ज़रिए ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। ई-वॉलेट की उपयोगिता क्रेडिट या डेबिट कार्ड की तरह ही है। भुगतान करने के लिए ई-वॉलेट को व्यक्ति के बैंक खाते के साथ लिंक करने की आवश्यकता होती है। ई-वॉलेट का मुख्य उद्देश्य है कागज़ रहित धनराशि स्थानांतरण को अधिक आसान बनाना।
यह कैसे कार्य करता है?
ई-वॉलेट के मुख्य रूप से दो भाग होते हैं, सॉफ़्टवेअर एवं जानकारी। सॉफ़्टवेअर भाग व्यक्तिगत जानकारी स्टोर करता है तथा डेटा सुरक्षा व एंक्रिप्शन देता है जबकि जानकारी का भाग उपयोगकर्ता द्वारा प्रदत्त विवरणों का डेटाबेस होता है जिसमें उनका नाम, डाक पता, भुगतान विधि, भुगतान की जाने वाली राशि, क्रेडित या डेबिट कार्ड का विवरण आदि होते हैं।
मैं ई-वॉलेट का उपयोग कैसे करूं?
उपभोक्ता के लिए:
- अपने डिवाइस में ऐप डाउनलोड करें।
- जरुरी जानकारी देकर लॉगइन करें। उपयोगकर्ता को एक पासवर्ड प्राप्त होगा।
- डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग के ज़रिए धनराशि डालें।
- ऑनलाइन खरीदारी के बाद, ई-वॉलेट भुगतान फॉर्म पर उपयोगकर्ता विवरण स्वतः आ जाता है।
- ऑनलाइन भुगतान कर देने के बाद, उपयोगकर्ता को ऑर्डर फ़ॉर्म किसी भी अन्य वेबसाइट पर भरने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि विवरण डेटाबेस में स्टोर हो जाता है और स्वतः अपडेट हो जाता है।
व्यापारी के लिए:
- व्यापारी अपनी डिवाइस प ऐप डाउनलोड करते हैं।
- निर्धारित जानकारी देकर लॉगइन करना। उपयोगकर्ता को एक पासवर्ड प्राप्त होगा।
- स्वयं को व्यापारी के रूप में घोषित करना।
- भुगतान स्वीकार करना।
मुझे ई-वॉलेट का उपयोग क्यों आरम्भ करना चाहिए?
- 1. बैंक अकाउंट
- 2. स्मार्ट फोन
- 3. 2G/3G/4G कनेक्शन
- 4. एक मुफ्त वॉलेट ऐप
पालन की जाने वाली जरुरी बातें
- SMS से प्रत्येक लेनदेन की नियमित जानकारी हासिल करने के लिए बैंक में अपना मोबाइल नम्बर रजिस्टर कराएं
- अपना PIN किसी के साथ कभी भी साझा नहीं करें
- केवल विश्वसनीय व्यापारियों के साथ लेनदेन करें
- ATM के उपयोग में यह सुनिश्चित करें कि कोई आपको पीछे से देख नहीं रहा हो।
डिजिटल वित्तीय सेवाएं मोबाईल एप्प
डिजिटल वित्तीय सेवाओं को मोबाइल एप्प से जानने के लिए लिंक पर जाएं और डाउनलोड करें।
स्त्रोत: सीेएससी इंडिया ।