भारतवर्ष में घरेलू बाजार, मत्स्य उत्पादन का 90% से अधिक उत्पादन का वार्षिक आधार पर उपभोग कर लेता है। मछलियों का स्वच्छतापूर्वक प्रबंध और उनका परिवहन एक चिंता का विषय रहा है, जिनका परिणाम है- उत्तरवर्ती फसलोत्तर हानियाँ और गुणवत्ता में कमी। फसलोत्तर हानियों को रोकने, गुणवत्ता में कमी और खाद्य सुरक्षा की समस्याओं को रोकने के लिये, एन.एफ.डी.बी., फुटकर दुकानों के माध्यम से बिक्री के लिये प्रबंध करने, प्रक्रिया अपनाने और मछलियों को स्वच्छतापूर्वक पैक करने की सुविधाओं के साथ मछलियों के बड़े उत्पादन / उतराई वाले केंद्रों के पास मछलियों की सफाई करने वाले केंद्रों की स्थापना करने और विशेष रुप से बहुत बड़े पैमाने पर मछुआरितों को प्रशिक्षण देने में सहायता करने का प्रस्ताव करता है।
इससे आगे, मछलियों के संरक्षण की एक पद्धति के रुप में मछलियों के सुखाने के महत्व पर, परन्तु उसी समय, देश में मछलियों के सुखाये जाने के अस्वच्छ तरीकों पर विचार करते हुए एन.एफ.डी.बी., सम्पूर्ण भारत में सौर ऊर्जा से मछलियों को सुखाये जाने की इकाईयों और धूप में सुखाने के लिये मछलियों के सूखने के चबूतरों की स्थापना करने का प्रस्ताव करता है। मछुआरों के लिये उनकी मछलियों को सुखाये जाने की अपेक्षाओं के लिये मिलती-जुलती पद्धतियों को अंगीकार करने के लिये व्यावहारिक आदर्श प्रदान करने के लिये इन इकाईयों की योजना बनाई गई है जिनका परिणाम है - सुरक्षित एवं गुणवत्ता, सूखी हुई मछलियों के उत्पाद और फसलोत्तर हानियों में महत्वपूर्ण कमी।
2.1 सहायता के घटक
मछलियों की सफाई करने वाले केंद्रों का समर्थन करने के लिये एन.एफ.डी.बी. निम्नलिखित घटकों में सहायता करेगा:
2.2 मछलियों की सफाई करने वाले केंद्रों की स्थापना
2.2.1 पात्रता के मापदंड
मछलियों की सफाई करने वाले केंद्रों की स्थापना:
2.2.2 अपेक्षाएं
मछलियों की सफाई करने / प्रसंस्करण करने के केंद्र के घटक ये हैं जो नीचे दिये गये हैं जिन्हें विभिन्न स्थितियों में अनुकूलित किया जा सकता है:
सं. |
घटक
|
1. |
भवन
|
|
(1) शीत भंडार - 5 टन (150 वर्ग फुट) |
|
(2) पूर्व प्रसंस्करण हॉल (500-1000 वर्ग फुट) |
|
(3) तैयार उत्पादों हेतु शीत भंडार - 10 टन (150 वर्ग फुट) |
|
(4) प्रसंस्करण करने का हॉल (500-1000 वर्ग फुट) |
|
(5) शीत भंडारण गृह (200 वर्ग फुट) |
2. |
प्रशीतन प्रणाली
|
3. |
जल का शुद्धिकरण
|
4. |
पपड़ीदार वर्फ की इकाई
|
5. |
ठोस कचरा निस्तारण की सुविधाएं
|
6. |
प्रसंस्करण करने की मेजें
|
7. |
काटने वाला गोल आरा
|
8. |
ऊष्मा से बंद करने वाला यंत्र (10 नग)
|
9. |
निर्वात पैकिंग करने की मशीन
|
10. |
कुसंवाहक पेटियाँ
|
11. |
क्रेटें और अन्य वर्तन
|
12. |
कुसंवाहक ट्रक
|
13. |
जमाने और जमी हुई वस्तुओं के भंडारण की सुविधाएं |
|
(1) तश्तरी में जमाने का पात्र (5 टी.पी.डी.) |
|
(2) सुरंग के रुप में जमाने का पात्र (5 टी.पी.डी.) |
|
(3) शीत भंडार (50 टन) |
2.2.3 सहायता का प्रकार
एन.एफ.डी.बी. की सहायता मात्स्यिकी में संलग्न सरकारी संगठनों, आर.एंड डी. के संस्थानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को 20% सहायता की सीमा तक और निजी क्षेत्र के निगमित प्रतिष्ठानों और उद्यमियों के लिये 20% साम्या होगी।
2.3 प्रशिक्षण और प्रदर्शन
2.3.1 पात्रता का मापदंड
2.3.2 सहायता का प्रकार
इस उद्देश्य के लिये एन.एफ.डी.बी. की सहायता वह होगी जैसी कि अनुलग्नक - I में विस्तार में दी गई है।
3.1 सहायता के घटक
मछलियों को सौर ऊर्जा द्वारा सुखाये जाने का समर्थन करने के लिये एन.एफ.डी.बी. निम्नलिखित दो घटकों की सहायता करेगा:
3.2 सौर ऊर्जा से मछलियों को सुखाये जाने की इकाईयों की स्थापना किया जाना
इस श्रेणी के अंतर्गत, एन.एफ.डी.बी., भीगी हुई मछलियों की 1000 कि.ग्रा. या इससे ऊपर के प्रति भार की सौर ऊर्जा से मछलियों को सुखाई जाने वाली इकाईयों की स्थापना करने के लिये समर्थन देगा। इस श्रेणी के अंतर्गत सुखाने के यंत्र, जहाँ सुविधा की स्थापना किया जाना है, उस क्षेत्र की जलवायु संबंधी दशाओं के आधार पर एल.पी.जी. के समर्थन के साथ सौर ऊर्जा वाली और सौर ऊर्जा से सुखाये जाने वाले यंत्र हो सकते हैं।
3.2.1 पात्रता के मापदंड
मछलियों को सुखाने और सूखी मछलियों के विपणन में संलग्न मात्स्यिकी के विभाग / आर.एंड.डी. के संस्थान / व्यक्ति / मछुआरे / मछुआरिनों की सहकारी समितियाँ और स्व.स.समूह सहायता प्राप्त करने के लिये पात्र होंगे।
3.2.2 आवश्यकताएं
3.2.3 सहायता का प्रकार
राज्य के मात्स्यिकी के विभाग / मात्स्यिकी निगम, मछुआरा परिसंघ और इसी जैसे मात्स्यिकी के शीर्षस्थ निकायों द्वारा प्रायोजित मात्स्यिकी में संलग्न सरकारी संगठनों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रायोजित लाभार्थियों को एन.एफ.डी.बी. की सहायता 20% सहायता की सीमा तक होगी और निगमित निकायों और निजी उद्यमियों के लिये 20% साम्या होगी।
3.3 मछलियों को धूप में सुखाने के लिये चबूतरे
मछलियों को सुखाने के लिये चबूतरे, एस.एस. के ढाँचों पर एस.एस. की जालियों से तैयार किये जा सकते हैं ताकि दैनिक आधार पर समुचित सफाई और स्वच्छता सुस्थापित की जा सकती है। यह क्षमता 100 कि.ग्रा. भीगी मछली या उसके गुणजों में होगी। यह बेहतर गुणवत्ता की सूखी मछलियों का उत्पादन करने में समर्थ बनायेगी जो फसलोत्तर हानियों में महत्वपूर्ण कमी के साथ-साथ उपभोक्ता को आकृष्ट करने और विपणन में सुधार करेगी।
3.3.1 पात्रता का मापदंड
मछलियों को सुखाने / परीक्षण करने और विपणन करने में संलग्न मछुआरे व्यक्ति / मछुआरा सहकारी समितियाँ / केंद्रीय और राज्य के अभिकरण / एन.जी.ओ. स्वयं सहायता समूह।
3.3.2 आवश्यकताएं
3.3.3 सहायता का प्रकार
राज्य के मात्स्यिकी के विभाग / मात्स्यिकी निगम, मछुआरा परिसंघ और इसी जैसे मात्स्यिकी के शीर्षस्थ निकायों द्वारा प्रायोजित मात्स्यिकी में संलग्न सरकारी संगठनों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रायोजित लाभार्थियों को एन.एफ.डी.बी. की सहायता 20% सहायता की सीमा तक होगी और निगमित निकायों और निजी उद्यमियों के लिये 20% साम्या होगी।
लाभार्थियों से प्राप्त सभी प्रस्ताव, एन.एफ.डी.बी. को अनुमोदन और निधियों के जारी करने के लिये प्रस्तुत किये जायेंगे। किसानों और कार्यान्वयन करने वाले अभिकरणों द्वारा दिये गये विवरणों में एकरुपता सुनिश्चित करने के लिये, प्रार्थना-पत्र निम्नलिखित प्रारुपों में प्रस्तुत किये जायेंगे:
(1) फार्म एफ.डी.सी.-I: मछलियों की सफाई / प्रसंस्करण करने वाले केंद्र
(2) फार्म एफ.डी.सी.-II: मत्स्य-प्रसंस्करण करने हेतु प्रशिक्षण और प्रदर्शन
(3) फार्म एफ.डी.सी.-III: सौर ऊर्जा से सुखाने के यंत्र / चबूतरे सुखाये जाने हेतु शुष्कक का निर्माण
उपरोक्त सं. (1) और (2) के प्रार्थना-पत्र आवेदक द्वारा भरे जायेंगे और उन्हें संबंधित राज्य सरकार द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया जायेगा। किंतु, प्रशिक्षण और प्रदर्शन हेतु निर्धारित क्र.सं. (2) का आवेदन पत्र, कार्यान्वयन करने वाले अभिकरण द्वारा भरा जायेगा और निधियों के जारी किये जाने के लिये विचारार्थ एन.एफ.डी.बी. को प्रस्तुत किया जायेगा।
सामान्यतया, मत्स्य-उत्पादों के उत्पादन के लिये प्रसंस्करण करने वाले केंद्रों की स्थापना करने के संबंध में क्रिया-कलापों हेतु वित्तीय सहायता दो समान किश्तों में जारी की जायेगी। पहली किश्त, एन.एफ.डी.बी. द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन पर जारी की जायेगी और दूसरी किश्त सभी सिविल कार्य पूर्ण होने पर और सहायता की पहली किश्त के लिये कार्यान्वयन करने वाले अभिकरण से उपयोगिता प्रमाण-पत्र की प्राप्ति पर जारी की जायेगी। किंतु, यदि कार्यान्वयन करने वाला अभिकरण यह अनुभव करता है कि सहायता तीन किश्तों में जारी की जानी चाहिये, तो वे एन.एफ.डी.बी. को प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय यह संकेत कर सकते हैं। सहायता की सभी किश्तें लाभार्थी के बैंक के खाते में जमा की जायेगी।
प्रशिक्षण और प्रदर्शन के लिये वित्तीय सहायता, एन.एफ.डी.बी. द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन पर, एकल किश्त में जारी की जायेगी।
कार्यान्वयन करने वाले अभिकरण, बोर्ड द्वारा उनको जारी की गई निधियों के संबंध में, उपभोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे। ऐसे प्रमाण-पत्र अर्ध-वार्षिक आधार पर अर्थात् प्रत्येक वर्ष की जुलाई और जनवरी के दौरान फार्म एफ.डी.सी.-4 में प्रस्तुत किये जायेंगे। ये उपभोग प्रमाण-पत्र उस अवधि के बीच में भी प्रस्तुत किये जा सकते हैं कि यदि वे क्रिया-कलाप जिनके लिये निधियाँ पूर्व में ही जारी की गई थीं, वे पूरे किये जा चुके हैं और सहायता की अगली खुराक किसान द्वारा शेष कार्यों को पूरा करने के लिये अपेक्षित है।
एन.एफ.डी.बी. के मुख्यालयों पर एक समर्पित अनुश्रवण और मूल्यांकन (एम. एंड ई.) कक्ष,एन.एफ.डी.बी. के वित्तपोषण के अधीन लागू किये गये क्रिया-कलापों की प्रगति का आवधिक आधार पर अनुश्रवण और मूल्यांकन करने के लिये स्थापित किया जायेगा। भौतिक, वित्तीय और उत्पादन के लक्ष्यों से संबंधित उपलब्धियों को शामिल करते हुए, क्रिया-कलापों की प्रगति की आवधिक आधार पर समीक्षा करने के लिये विषय-वस्तु के विशेषज्ञ तथा वित्त और वित्तीय संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलकर बनी हुई परियोजना की अनुश्रवण करने वाली एक समिति का गठन किया जा सकता है।
अनुलग्नक-I
प्रशिक्षण और प्रदर्शन हेतु सहायता के लिये मापदंडों का सारांश
क्र.सं.
|
मद
|
क्रिया – कलाप |
इकाई की लागत
|
सहायता
|
टिप्पणियाँ
|
1.0 |
प्रशिक्षण और प्रदर्शन |
(1) 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में (25-30 का बैच) सहभागिता हेतु किसानों को सहायता (2) संसाधन वाले व्यक्तियों को मानदेय (3) प्रशिक्षण और प्रदर्शन हेतु कार्यान्वयन करने वाले अभिकरण को सहायता
|
(1) रु.125/दिवस/प्रशिक्षु का दैनिक भत्ता और आने और जाने की यात्रा की वास्तविक प्रतिपूर्ति, वशर्ते रु.500 प्रति प्रशिक्षु अधिकतम (2) रु.1250/- का मानदेय और आने-जाने की यात्रा के वास्तविक व्यय, वशर्ते रु.1000/- अधिकतम (3) परिचय, लाभार्थियों को सहमत करने, प्रशिक्षण सामग्री की आपूर्ति इत्यादि के लिये कार्यान्वयन करने वाले अभिकरण को रु.75/प्रशिक्षु/दिवस की दर से (4) नियमित प्रशिक्षण/प्रदर्शन के क्रिया-कलापों का संचालन करने के लिये कार्यान्वयन करने वाले अभिकरण को रु.1,00,000/- (एकबारगी अनुदान) की दर से प्रदर्शन इकाई का विकास (5) प्रशिक्षण/प्रदर्शन इत्यादि का संचालन करने के लिये, अपनी निजी सुविधा के अभाव में, निजी इकाई को पट्टे पर लेने के लिये और उसके विकास के लिये रु.50,000 की धनराशि राज्य सरकार को उपलब्ध होगी। (6) उपरोक्त मद सं. (4) और (5) के अभाव में, निजी कृषक से उपयुक्त सुविधा किराये पर लेने के लिये रु.5,000/- प्रति प्रशिक्षण कार्यक्रम (7) आई.सी.ए.आर. के मात्स्यिकी के संस्थान/राज्य कृषि विश्वविद्यालय के अधीन मात्स्यिकी महाविद्यालय/अन्य अभिकरण जो अपनी निजी सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें इस उद्देश्य के लिये रु.1,00,000/- की एकमुश्त धनराशि एक बारगी अनुदान के रुप में मिलेगी।
|
स्त्रोत: पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
इस पृष्ठ में तालाबों और टैंकों में सघन जल-कृषि हेत...
इस भाग में मछुआरों की आय किस तरह से बढ़ाई जाए उसके ...
इस पृष्ठ में अन्य क्रिया-कलापों हेतु दिशा-निर्देश ...
इस पृष्ठ में गहरे समुद्र में मछली मारने और टुना का...