वैशाली जिले के संजीव की अगात के बीज उगाने के प्रयास की जानकारी प्रस्तुत की गई है।
इस भाग में बिहार के हजारीबाग जिले में बिहार की ‘‘ग्रीन लेडी’’ से प्रसिद्ध जया देवी द्वारा किये गये प्रयासों की जानकारी दी गई है।
इस भाग में ओल की खेती से उद्यमी बने हाजीपुर के किसान शंकर चाौधरी के प्रयासों की जानकारी दी गई है।
इस लेख में किस प्रकार किसान क्लब ने एक कंपनी का रूप लिया है, इसकी जानकारी दी गयी है।
इस लेख में किस प्रकार कुंदरी एवं बैंगन की खेती करके एक किसान ने अपनी अलग पहचान बनायीं है, इसकी जानकारी दी गयी है।
इस पृष्ठ में किस प्रकार गाजर की खेती से बिहार के किसानों के जीवन में खुशहाली आई , और खर्च सौ में करकर आमदनी हजार कर ले रहे है, इसकी जानकारी दी गयी है।
इस पृष्ठ में किस प्रकार बिहार में रबी फसलों के लिए नहीं होगी बीज की कमी की जानकारी पाठकों के लिए दी गयी है।
इस लेख में किस प्रकार बिहार में सोयाबीन की खेती से संवर रही है किसानों की जिदंगी, की जानकारी दी गयी है।
इस पृष्ठ में बिहार के एक किसान की सफल गाथा है, जिसमें कैसे उन्होंने बीज उत्पादन पर दिया जोर और पाई सफलता, इसकी जानकारी दी गयी है।
इस भाग में मिश्रित खेती से अपनी पहचान बनाने वाले तिलकधारी प्रसाद की जानकारी दी गई है।
इस भाग में नवादा जिले में राजेन्द्र प्रसाद एवं सोनवंती द्वारा मिश्रित खेती में किये गये प्रयासों को प्रस्तुत किया गया है।
इस पृष्ठ में बिहार के रोहतास जिले के राजपुर ग्राम की कहानी है, जो टमाटर हब के रूप में विकसित हो रहा है ।
इस भाग में स्वरोजगार को समाज में बदलाव लाने का जरिया मानने वाले बिहार राज्य के नालंदा जिला के कौशलेंद्र और मधेपुरा के बंटी कुमार के प्रयासों की जानकारी दी गई है।
इस भाग में नालंदा जिले में समेकित प्रणाली से कृषि में लाभ कमा रही अनिता देवी के सफल उदाहरण की जानकारी दी गई है।