हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में डी.एफ.आई.डी. परियोजना के अंतर्गत मार्च 2005 में इस जिला के 30 ग्रामीण महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र करनाल में वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन में प्रशिक्षण दिया गया।
माह सितम्बर 2005, में इस जिला के बनगड पुखुरु गाँव में किये गये सर्वेक्षण में पाया कि श्रीमती कृष्णा, प्रवेश, मीना, रेखा तथा अन्य प्रशिक्षण पाई ग्रामीण महिलाओं ने सीखी गई तकनीकियों को अपना कर अपने यहाँ रखे दुधारू पशुओं विशेषकर भैसों में दूध की पैदावार बढ़ाई है जिससे उन्हें लाभ हुआ है।
श्रीमती प्रवेश ने अन्य ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षण में सिखाई गई पशुओं के लिए संतुलित दाना मिश्रण बनाने की तकनीक को अपनाया है तथा एक समूह की महिलाओं ने कई किवंटल पशुओं को खिलाने के लिए दाना बनाया है जिसकी खिलाई उपरान्त भैसों में 2-3 किलो दूध प्रतिधीन ज्यादा पैदा हो रहा है तथा खिलाई के खर्चे में भी कमी आई है।
श्रीमती कृष्णा के अनुसार उन्होंने बताया कि उन्हें प्रशिक्षण में दी गिया लिखित प्रशिक्षण सामग्री को अन्य ग्रामीण महिलाओं के साथ साझा किया जिससे वह भी लाभान्वित हुई है।
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
इस पृष्ठ में कम वर्षा या मानसून में देरी होने पर प...
इस पृष्ठ में कैसीन से व्युत्पन्न जैव सक्रिय पेप्टा...
इस लेख में कृत्रिम गर्भाधान का पशु विकास कार्य में...
इस पृष्ठ में 20वीं पशुधन गणना जिसमें देश के सभी रा...