श्रीमती सावित्री पत्नी श्री शरण गाँव कु. गामड़ी जिला करनाल, के एक गरीब परिवार से हैं। इनके पति गाँव में एक किसान के पास बंधुआ मजदूरी करते थे और परिवार का खर्च भी बड़ी मुशिकल से चलता था। ये महिला अपने पति के साथ परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी। श्रीमती सावित्री ने वर्ष 1998 में कृषि विज्ञानं केंद्र, रा.डे.अनु.सं. करनाल में ग्रामीण महिलाओं के लिए वैज्ञानिकों तरीके से डेरी फार्मिंग में प्रशिक्षण लिया। यह प्रशिक्षण अर्पण ट्रस्ट मधुबन द्वारा प्रायोजित था।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इनके मन में दृढ़ इच्छा हुई कि ये व्यवसाय के रूप में अपनाकर अपनी पारिवारिक आमदनी बढ़ा सकती है। इन्होने बैंक से 15,000 रु. ऋण लेकर अच्छी नस्ल की एक गाय खरीदी। दूध बेचकर 500 रु. प्रति माह के हिसाब से ऋण की किस्ते चुकाई व अपने परिवार का खर्च भी सुचारू रूप से चलाया। यह हमेशा दुधारू गाय रखती है व पशु संबंधी समस्याओं के लिए इस केंद्र के सम्पर्क में रहती है।
श्रीमती सावित्री बड़े गर्व के साथ बताती है कि दूध बेचकर बचत से अपने एक बच्चे को पब्लिक स्कुल में पढ़ा रही है। इन्होने किसान से अपने पति को बंधुआ मजदूरी से भी छुड़वाया है। घर के लिए टेलीविजन भी खरीद लिया है। इस तरह से यह महिला बहुत खुश है क्योंकि इनके आर्थिक व सामजिक स्तर में बढ़ोतरी हुई है।
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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