रासायनिक कीटनाशकों की अपेक्षा जैव कीटनाशकों का प्रयोग करें।
क्र.सं. |
सहायता का प्रकार |
सहायता का पैमाना |
स्कीम/घटक |
|
पौध संरक्षण, संगरोधक एवं भण्डारण निदेशालय, फरीदाबाद, हरियाणा पूरे देश में फैले अपने 31 केन्द्रीय समेकित कीट प्रबंधन केन्द्रों के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। ये कार्यक्रम विशेषतयः किसानों के लिए आयोजित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम इस प्रकार हैं:- सीआईपीएमसी के पर्यवेक्षण में किसानों, एनजीओ, कीटनाच्चक डीलरों के लिए गाँवों, कस्बों और द्राहरों में 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रगतिशील किसानों और विस्तार अधिकारियों के लिए सीआईपीएमसी के पर्यवेक्षण में राज्य के संस्थानों में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
विभिन्न केन्द्रीय सीआईपीएमसी केन्द्रों के माध्यम से किसान खेत स्कूलों का आयोजन
कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के माध्यम से किसान खेत पाठशाला का आयोजन |
रुपये 38,600/- रुपये प्रति प्रशिक्षण रुपये 1,52,100/- रुपये प्रति प्रशिक्षण कार्यक्रम रुपये 26,700/- रुपये प्रति खेत स्कूल रुपये 29,200/- रुपये प्रति खेत स्कूल |
राष्ट्रीयकृषि विस्तार और प्रौद्योगिकी मिशन (एनएमएईटी)-पौध संरक्षण एवं पौध संगरोधक से संबंधित उप मिशन (एसएमपीपी) |
|
आईपीएम, कीट नाशियों, एकीकृत पोषकतत्व प्रबंधन, फर्टीगेशन, पेड़ सुरक्षक इत्यादि के लिए सहायता |
लागत का 50% अधिकतम रुपये 5000/- रुपये प्रति हेक्टेयर |
आयल पाम क्षेत्र विस्तार संबंधी विषय कार्यक्रम |
|
पौधा संरक्षण रसायनों, जैव कीट नाशियों/आईपीएम का वितरण |
लागत का 50% अथवा रुपये 500/- रुपये प्रति हेक्टेयर, जो भी कम हो |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन(एनएफएसएम) |
|
खरपतवार नाशकों का वितरण |
लागत का 50 % अथवा रुपये 500/- रुपये प्रति हेक्टेयर, जो भी कम हो |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन(एनएफएसएम) |
|
बागवानी फसलों में समेकित कीट प्रबंधन |
रुपये 1000/- रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से, प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हेक्टेयर |
एमआईडीएच के अंतर्गत एनएचएम/एचएमएनईएच उप स्कीम |
जिला कृषि अधिकारी/कार्यक्रम समन्वयक (के वी के)/ परियोजना निदेशक (आत्मा)
स्त्रोत :
स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
इस पृष्ठ में अच्छी ऊपज के लिए मिट्टी जाँच की आवश्य...
इस पृष्ठ में फसलों के अधिक उत्पादन हेतु उन्नतशील फ...
इस पृष्ठ में अंगूर की किस्म की विस्तृत जानकारी दी ...
इस भाग में अधिक फसलोत्पादन के लिए लवणग्रस्त मृदा स...