सिडबी निम्नलिखित को सावधि ऋण प्रदान करती है:
सिडबी से ऋण सहायता के लिए पात्र होने के लिए अल्प वित्त संस्थाओं को:
क. सोसाइटी न्यास, कंपनी/धारा-25 के अधीन कम्पनी, गैर-बैकिंग वित्त कंपनी रूपी अल्प वित्त संस्था, सहकारी सोसाइटी और एमसीएस के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
ख. किसी अन्य विधिमान्य संस्था के रूप में पंजीकृत संस्थाओं पर केवल तभी विचार किया जा सकता है, जब शाखा कार्यालय विधि विभाग से उसकी उपयुक्तता के बारे में स्पष्टीकरण प्राप्त कर ले।
ग. अल्प वित्त के क्षेत्र में कम से कम 36 माह से उधार देने का कार्य कर ही हो या प्रवर्तकों/वरिष्ठ प्रबंधतंत्र को अल्प ऋण/बैंकिंग/गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी संबधी उधार परिचालनों का दस वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
घ. उसकी पहुँच न्यूनतम 5,000 ऋण खातों या 3,000 उधारकर्ताओं तक होनी चाहिए।
ङ. उसका लक्ष्य-समूह गरीब व्यक्ति, विशेषकर महिलाएं हों और वह धर्मनिरपेक्ष हो।
च. जिनके पास लेखापरीक्षित वित्तीय विवरण (जिन गैर-सरकारी संगठनों में अल्प वित्त एक कार्यक्रम के रूप में मौजूद है, उनके पास अल्पवित्त कार्यक्रम के लिए अलग से लेखापरीक्षित वित्तीय विवरणियाँ होनी चाहिए) उपलब्ध हों तथा
छ. जिनके पास वित्तीय मध्यवर्त्ती संस्थाओं के लिए अपेक्षित प्रणालियाँ पद्धतियाँ एवं प्रक्रियाएं, जैसे- आंतरिक लेखांकन , आंतरिक लेखापरीक्षा, जोखिम प्रबंध, नकदी प्रबंध, समय से प्रबंध सूचना प्रणाली, आदि स्थापित हों।
ज. जो भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य सांविधिक दिशानिर्देशों का अनुपालन करती हो। इसमें उचित व्यवहार संहिता एवं भारिबैंक के 03 मई 2011 तथा 02 दिसंबर 2011 के यथा संशोधित एवं अद्यतन किये गये परिपत्रों का अनुपालन भी शामिल है।
क. सिडबी अल्प ऋण कोष, प्रधान कार्यालय मुख्य धारा की गैर-बैकिंग वित्त कम्पनियों को मामला-दर-मामला आधार पर अल्प वित्त के तहत सहायता देने पर विचार करेगा।
ख. अल्पवित्त संस्था अल्पवित्त का कोई भी सामान्य परम्परागत मॉडल, जैसे-ग्रामीण बैंक मॉडल, स्व-सहायता समूह मॉडल, संयुक्त देयता समूह मॉडल, आदि और विधि के अधीन अनुमत किसी अन्य उपयुक्त मॉडल का अनुसरण कर सकती है।
ग. अल्पवित्त संस्थाएं निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए सिडबी का ऋण आगे उधार देने के लिए करें:
बैंक अत्यंत लघु उद्यमों को आगे प्रति उद्यम/प्रति उधारकर्त्ता रु० 50,000 रु० 10,00,000 तक का उधार देने के लिए भागीदार वित्तीय संस्थाओं को सावधि ऋण प्रदान करेगा।
गैर-बैकिंग वित्त कंपनियों तथा अल्प वित्त कम्पनियों (गैर-बैकिंग वित्त कम्पनी-अल्प वित्त संस्थाओं सहित) के लिए पात्रता मानदंड निम्नवत है:
अन्तर्राष्ट्रीय ऋणदाता एजेन्सियों के परामर्श से, सिडबी के निर्धारण तथा ऋण नीति के आधार पर नवारंभ गैर-बैकिंग वित्त कंपनियों को इन मानदंडों में से कुछेक से विशिष्ट छूट दी जा सकती हैं।
क. ऋण मंजूरी आंतरिक मूल्यांकन तथा स्वतंत्र श्रेणीनिर्धारण एजेंसी से ऋण श्रेणीनिर्धारण के आधार पर प्रदान की जाएगी, जैसा कि सिडबी अल्प ऋण कोष में प्रचलित हो।
ख. आस्ति वित्त कंपनी या ऋण कंपनी के रूप में पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के आपस क्रिसिल से न्यूनतम निवेश स्तर का बीबीबी+ का समूहगत श्रेणीनिर्धारण या अन्य ऐसी श्रेणीनिर्धारण एजेंसियों से इसके समकक्ष श्रेणीनिर्धारण होना चाहिए, जिनका श्रेनिनिर्धारण सिडबी स्वीकार करता हो।
ग. जहाँ तक अल्प वित्त कंपनियों (गैर-बैंकिंग कंपनी अल्प वित्त संस्थाओं सहित) का सम्बन्ध है, उनके पास क्रिसिल से क्षमता निर्धारण का एमएफआर5 स्तर का न्यूनतम श्रेणीनिर्धारण या अन्य ऐसी ग्रेडिंग एजेंसी से इसके समकक्ष श्रेणीनिर्धारण होना चाहिए जो सिडबी को स्वीकार्य हो।
घ. मामला-दर-मामला आधार पर, प्रतिभूति के रूप में ऋण से सृजित आस्तियों का दृष्टिबंधक और संपार्शिविक प्रतिभूति शामिल होगी।
ङ. ऋण-जोखिम सीमा मानक और ब्याज दरें समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुसार होंगी।
प्रतिभूतिकरण/नकदी प्रवाह के प्रत्यक्ष समनुदेशन के रूप में अत्यंत लघु उद्यम/उपेक्षित मध्यवर्ती उद्यम सम्बन्धी ऋणों की खरीदारी पर मामला-दर-मामला आधार पर और भारतीय रिजर्व बैंक के सम्बन्धित मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप विचार किया जायेगा।
स्रोत: भारतीय लघु, उद्योग विकास बैंक (सिडबी)
अंतिम बार संशोधित : 6/20/2023
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