देश की कुल कार्यशील आबादी का लगभग 93.65 असंगठित श्रमिक का है। संगठित श्रमिक जिनका प्रतिशत 7 से कम है, को नियमित रोजगार, उपयुक्त एवं अनुकूल कार्यदशाऍ तथा विभिन्न विकल्पों के रूप में सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होती है। जबकि असंगठित श्रमिकों को सुनिश्चित रोजगार, उपयुक्त कार्यदशाऍ तथा सामाजिक सुरक्षा तीनों का अभाव रहता है। भवन एवं अन्य निर्माण कार्य में लगे श्रमिक जिन्हें सामान्य बोलचाल में "निर्माण श्रमिक" कहा जाता है भी अंसगठित श्रमिकों की श्रेणी में आते हैं, जिन्हें जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करने, अस्थाई एवं अनियमित रोजगार, अनिश्चित कार्यावधि, मूलभूत तथा कल्याण सुविधाओं आदि के अभाव के कारण इनकी स्थिति अत्यंत दुर्बल तथा दयनीय होती है। इन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए ही निर्माण श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के उपाय हेतु विचार किया गया। एक अनुमान के अनुसार देश में लगभग 85 लाख निर्माण श्रमिक हैं।
निर्माण श्रमिकों के लिए विशिष्ट अधिनियमों की आवश्यकता यद्यपि निर्माण श्रमिकों के लिए एक सामान्य श्रमिक के रूप में केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा निर्मित विभिन्न कानून पूर्व से प्रभावशील थे तथापि निर्माण श्रमिकों की सुरक्षा, कल्याण तथा विशिष्ट स्वरूप की सेवा-शर्तो को विनियमित करने की दृष्टि से परिपूर्ण अधिनियम बनाने की आवश्यकता अनुभव की गई। इस संबंध में राज्य के श्रम मंत्रियों के 41वें सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि निर्माण श्रमिकों के लिए विशिष्ट कार्यदशाऍ, कल्याण तथा सुरक्षा संबंधी प्रावधानों को विनियमित करने हेतु पृथक से विशिष्ट अधिनियम बनायें जायें। इसी निर्णय के परिपेक्ष्य से भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा-शर्तो का विनियमन) अधिनियम, 1996 को संसद द्वारा पारित किया गया तथा महामहिम राष्ट्रपति द्वारा दिनांक- 19 अगस्त 1996 को अभिस्वीकृति दी गई। इस प्रकार निर्माण श्रमिकों को उपयुक्त कार्यदशा ऍ, कार्य के दौरान सुरक्षा तथा समाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 1996 में निम्न दो अधिनियम प्रभावशील किये गयें-
(1) भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा-शर्तो का विनियमन) अधिनियम, 1996
(2) भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996
उक्त प्रथम अधिनियम के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों की सेवा-शर्तो तथा उनकी सामाजिक सुरक्षा के संबंध में कल्याणकारी योजनाऍं प्रवर्तित करने के प्रावधान हैं तथा निर्माण श्रमिकों को विभिन्न कल्याण योजनाओं के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से बोर्ड के गठन का प्रावधान है। जबकि द्वितीय अधिनियम में राज्यों में संचालित निर्माण कार्यो से बोर्ड की निधि के लिए उपकर प्राप्त करने का प्रावधान है। बोर्ड द्वारा प्रथम अधिनियम के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों का निबंधन कर उन्हें विभिन्न योजनाओं के हितलाभों से संरक्षण प्रदान किया जाता है।
अधिनियम की धारा 2 (ई) के अनुसार निर्माण श्रमिक से अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो किसी भवन या निर्माण कार्य में कुशल, अर्द्ध कुशल या अकुशल श्रमिक के रूप शारीरिक, पर्यवेक्षण, तकनीकी अथवा लिपिकीय कार्य वेतन या पारिश्रमिक के लिए कार्य करता हो किन्तु प्रबंधकीय या प्रशासकीय हैसियत में नियोजित व्यक्ति इसमें सम्मिलित नहीं है। ठेकेदार तथा ईट रेत, गिट्टी, सीमेन्ट, लोहा, लकड़ी, पत्थर, टाईल्स, खपरे, मुरम, मिट्टी जैसी निर्माण प्रदाय करने वाले व्यक्ति एवं स्वयं की पूंजी लगाकर लाभ कमाने के उद्देशय से निर्माण व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति भी निर्माण की परिभाषा में शामिल नहीं हैं।-
उपर्युक्त कोटि के कामगारों के अतिरिक्त झारखण्ड राज्य में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य से जुडे 37 श्रेणियों को निर्माण श्रमिक के रूप शामिल किए गये हैं-
पत्थर काटने, तोड़ने व पीसने वाला
राज मिस्त्री (मैसन) या ईटों पर रद्दा करने वाले
पोताई करने वाले (पेन्टर)
बढ़ई (कारपेन्टर)
फीटर या बार बैंडर
सड़क के पाईप मरम्मत कार्य में लगे पलम्बर
इलेक्ट्रीशियन
मैकेनिक
कुऍं खोदने वाले
वेल्डिंग करने वाले (वेल्डर)
मुख्य मजदूर
स्प्रेमैन या मिक्सर मैन (सड़क बनाने में लगे)
लकड़ी या पत्थर पैक करने वाले
कुऍ से गाद (तलछट) हटाने वाले गोताखोर
हथौड़ा चलाने वाले
छप्पर डालने वाले
मिस्त्री
लोहार
लकड़ी चीरने वाले
कॉलकर
मिश्रण करने वाले
पम्प ऑपरेटर
मिक्सर चलाने वाले
रोलर चलाने वाले
बड़े यांत्रिक कार्य जैसे- मच्चीनरी, पुल का कार्य आदि में लगे खलासी
चौकीदार
मोजाईक पॉलिश करने वाले
सुरंग कर्मकार
संगमरमर/कड़प्पा पत्थर कर्मकार
सड़क कर्मकार
चट्टान तोड़ने वाले या खनिज कर्मकार
संनिर्माण कार्य में जुडे मिट्टी कार्य करने वाले
चूना बनाने की प्रक्रिया में लगा कर्मकार
बाढ़ नियोजन में लगे कोई अन्य प्रवर्ग के कर्मकार
बॉंध, पुल, सड़क या किसी भवन सन्निर्माण संक्रिया के नियोजन में लगे कोई अन्य प्रवर्ग के कर्मकार
कारखाना अधिनियम, 1948 का केन्द्रीय अधिनियम (62) के अधीन ईंट बनाने में लगे कर्मकार से भिन्न कर्मकार एवं
पंडाल सन्निर्माण में लगे कर्मकार।
योजना के प्रावधान
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक ट्रेड के लिए औजार की सहायता हेतु राज मिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कारपेन्टर, कुली, पेन्टर आदि को मानक/ब्राडेड कम्पनियों के उचित गुणवत्ता के औजार किट उपलब्ध कराए जाएगें।
योग्यता के लिए पात्रता
1. बोर्ड के साथ निबंधित निर्माण कर्मकार हो।
2. उम्र 18 वर्ष से कम नही हो।
3. इसके पूर्व में योजनान्तर्गत किसी अन्य टे्रड के लिए औजार किट प्राप्त नहीं किया हो।
योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
आवेदक के द्वारा हस्ताक्षरयुक्त आवेदन संबंधित क्षेत्राधिकारिता के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी/ श्रम अधीक्षक के कार्यालय में जमा किया जाएगा।
आवेदन में निबंधन क्रमांक अंकित किया जायेगा।
स्वीकृति का अधिकार
पात्रता जाँच के उपरांत स्थानीय श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी/श्रम अधीक्षक के द्वारा निबंधन पदाधिकारी के माध्यम से आवेदन उप श्रमायुक्त को पन्द्रह दिनों के भीतर अग्रसरित किया जायेगा। उप श्रमायुक्त एक सप्ताह के भीतर स्वीकृति की प्रक्रिया पूर्ण कर योजना का लाभ दिलायेंगे।
अन्यान्य
इस योजना के संबंध में कोई विसंगति होने पर बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा।
योजनान्तर्गत जिलावार प्रगति विवरणी
श्रमिक औजार सहायता योजना से अब तक कुल 148 निबंधित श्रमिकों को विभिन्न ट्रेड के औाजार वितरित किए गए है एवं इस मद में अब तक कुल 234647 रूपये व्यय किए जा चुके हैं। राँची जिलान्तर्गत 108 लाभुकों को विभिन्न ट्रेड के औजार किट वितरित किए गए हैं एवं इस मद में कुल 1,81,440 रूपये व्यय किया गया है। जमशेदपुर जिलान्तर्गत 40 लाभुको को औजार किट वितरित किया गया है एवं इस मद में कुल 53,207/- रूपये व्यय किया गया है। इसी प्रकार अन्य जिलों में भी लाभुकों को योजनान्तर्गत लाभान्वित किए जाने की योजना है।
योजना के प्रावधान
इसके अंतर्गत बोर्ड के निबंधित महिला लाभुकों को बोर्ड के द्वारा उचित प्रशिक्षण के उपरांत उचित गुणवता की सिलाई मशीन दी जाएगी।
योजना की पात्रता
योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
आवेदक के द्वारा हस्ताक्षरयुक्त आवेदन संबंधित क्षेत्राधिकारिता के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी/श्रम अधीक्षक के कार्यालय में आवेदन जमा किया जायेगा।
आवेदन में निबंधन क्रमांक अंकित किया जाना आवश्यक है।
सिलाई मशीन सहायता योजना व साईकिल सहायता योजना में से लाभुक एक ही योजना का लाभ ले सकता है।
स्वीकृति का अधिकार
पात्रता जाँच के उपरांत स्थानीय श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी/श्रम अधीक्षक के द्वारा प्राप्त आवेदन को निबंधन पदाधिकारी के माध्यम से आवेदन उप श्रमायुक्त को पन्द्रह दिनों के भीतर अग्रसारित किया जायेगा। उप श्रमायुक्त एक सप्ताह के भीतर स्वीकृति की प्रकिया पूर्ण कर योजना का लाभ लाभुकों को दिलायेंगे।
अन्यान्य
इस योजना के संबंध में कोई विसंगति होने पर बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा।
योजनान्तर्गत जिलावार प्रगति विवरण
बोर्ड के निबंधित लाभुकों के लिए चलाई जा रही सिलाई मशीन सहायता योजना के अंतर्गत अब तक कुल 74 लाभुकों के मध्य सिलाई मशीन का वितरण किया जा चुका है एवं इस योजना मद में कुल 4,32,900 रूपये व्यय किया जा चुका है।
इस योजना के अंतर्गत राँची जिले में 17 निबंधित महिला लाभुकों के मध्य सिलाई मशीन का वितरण किया गया है एवं इस मद में 99,450 रूपये का व्यय किया गया है। जमशेदपुर जिले में 57 सिलाई मशीन का वितरण निबंधिक महिला लाभुकों के मध्य किया गया है व इस मद में 3,33,450 रूपये राशि का व्यय किया गया है।
शेष जिलों में भी निबंधित लाभुकों को योजना से आच्छादित किये जाने संबंधित कार्रवाई चल रही है।
योजना के प्रावधान
इसके अंततर्गत बोर्ड के निबंधित महिला लाभुकों को बोर्ड के द्वारा उचित प्रशिक्षण के उपरांत उचित गुणवता की सिलाई मशीन दी जाएगी।
योजना की पात्रता
योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
स्वीकृति का अधिकार पात्रता जाँच के उपरांत स्थानीय श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी/श्रम अधीक्षक के द्वारा प्राप्त आवेदन को निबंधन पदाधिकारी के माध्यम से आवेदन उप श्रमायुक्त को पन्द्रह दिनों के भीतर अग्रसारित किया जायेगा। उप श्रमायुक्त एक सप्ताह के भीतर स्वीकृति की प्रकिया पूर्ण कर योजना का लाभ लाभुकों को दिलायेंगे।
अन्यान्य
इस योजना के संबंध में कोई विसंगति होने पर बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा।
योजनान्तर्गत जिलावार प्रगति विवरण
इस योजना के अंतर्गत राँची जिले में 17 निबंधित महिला लाभुकों के मध्य सिलाई मशीन का वितरण किया गया है एवं इस मद में 99,450 रूपये का व्यय किया गया है। जमशेदपुर जिले में 57 सिलाई मशीन का वितरण निबंधिक महिला लाभुकों के मध्य किया गया है व इस मद में अब तक कुल 74 लाभुकों के मध्य सिलाई मशीन का वितरण किया जा चुका है एवं इस योजना मद में कुल 4,32,900 रूपये व्यय किया जा चुका है। शेष जिलों में भी निबंधित लाभुकों को योजना से आच्छादित किये जाने संबंधित कार्रवाई चल रही है।
योजना के प्रावधान एवं पात्रता
इस योजना के अंतर्गत बोर्ड द्वारा निबंधित लाभुक श्रमिक के ऐसे दो मेधावी संतानों तक को, जिन्होंने निम्नलिखित परीक्षाओं (कक्षा 1 से 5 तक को छोड़कर) में से कोई भी परीक्षा प्रथम श्रेणी के अंक प्राप्त करके उत्तीर्ण की हो या किसी प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर पाठ्यक्रम में प्रवेश किया हो निम्नलिखित दर से छात्रवृति का भुगतान बोर्ड द्वारा किया जायेगा।
क्र०सं० |
कक्षावार विवरण |
वर्षिक छात्रवृत्ति कीराशि
|
|
|
|
छात्र |
छात्रा |
1 |
कक्षा 1 से 5 वीं तक (के सभी श्रेणी के छात्रों को) |
500/- |
750/- |
2 |
कक्षा 6 से 8 वी |
750/- |
1000/- |
3 |
कक्षा 9से12 वी |
1000/- |
1500/- |
4 |
स्नातक कक्षा यथा बी०ए०, बी०एस०सी०, बी०कॉम, डिप्लोमा इत्यादि। |
1500/- |
2500/- |
5 |
स्नातकोतर कक्षा यथा एम०ए०, एम०एस०सी०, एम० कॉम, स्नातकोतर डिप्लोमा इत्यादि। |
2500/- |
3000/- |
6 |
स्नातक स्तर के व्यवसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययनरत होने पर (इजीनियरिंग तथा मेडिकल छोड़कर) |
3000/- |
4000/- |
7 |
स्नातक स्तर के मेडिकल तथा इंजीनियरिंग कोर्स में अध्ययनरत होने पर छात्रवृति या संबंधित संस्थान की वास्तविक ट्यूशन फी की प्रतिपूर्ति दोनों में जो भी अधिक हो। बशर्ते न्युनतम एक वर्ष के अध्ययन की अनिवार्यता होगी और उन्हे किसी अन्य छात्रवृति योजना का लाभ नहीं मिलता हो। |
10000/- |
15000/- |
स्नातक स्तर के मेडिकल तथा इंजीनियरिंग कोर्स में अध्ययनरत होने पर छात्रवृति या संबंधित संस्थान की वास्तविक ट्यूशन फी की प्रतिपूर्ति दोनों में जो भी अधिक हो। बशर्ते न्युनतम एक वर्ष के अध्ययन की अनिवार्यता होगी और उन्हे किसी अन्य छात्रवृति योजना का लाभ नहीं मिलता हो।
योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
आवेदक के द्वारा हस्ताक्षरयुक्त आवेदन संबंधित क्षेत्राधिकारिता के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी/श्रम अधीक्षक के कार्यालय में जमा किया जायेगा।
स्वीकृति का अधिकार
पात्रता जाँच के उपरांत स्थानीय श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी/श्रम अधीक्षक के द्वारा निबंधन पदाधिकारी के माध्यम से आवेदन उप श्रमायुक्त को पन्द्रह दिनों के भीतर अग्रसारित किया जायेगा। उप श्रमायुक्त एक सप्ताह के भीतर स्वीकृति की प्रक्रिया पूर्ण कर योजना का लाभ दिलाने से संबंधित कार्रवाई करेंगे।
अन्यान्य
योजनान्तर्गत छात्र/छात्रा किसी भी दो योजनाओं के अंतर्गत छात्रवृति का लाभ एक साथ नहीं उठा सकता है।
इस योजना के संबंध में कोई विसंगति होने पर बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा।
योजनान्तर्गत जिलावार प्रगति विवरण
मेधावी पुत्र/पुत्री योजनान्तर्गत राँची जिले में निबंधित लाभुकों के 88 संतानों के मध्य 57,500 रूपये छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है। इसी प्रकार जमशेदपुर जिले में निबंधित लाभुकों के 128 संतानों के मध्य 1,04,250 रूपये छात्रवृति का वितरण किया जा चुका है। दुमका जिलान्तर्गत निबंधित लाभुकों के 11 संतानों के मध्य 7,500 रूपये छात्रवृत्ति का वितरण किया जा चुका है। अब तक कुल 1,69,250 रूपये छात्रवृत्ति का वितरण 216 छात्र/छात्राओं के मध्य किया जा चुका है। शेष जिलों में भी निबंधित लाभुकों को मेधावी पुत्र/पुत्री छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित किए जाने की योजना है।
योजना के प्रावधान
इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना से अच्छादित विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को प्रतिवर्ष एक जोड़ी ड्रेस, एक स्कूल बैग, एक जोड़ी जूता-मोजा, एक बेल्ट, एक बेल्ट, एक टाई, परिचय पत्र एवं एक सौ रूपया स्टाइपेण्ड वितरण हेतु प्रति बच्चा एक हजार रूपये की दर से उपायुक्त-सह-अध्यक्ष, एन०सी०एल०पी० को बोर्ड के द्वारा राशि आवंटित की जाएगी।
योजनान्तर्गत जिलावार अद्यतन प्रगति विवरण
योजनान्तर्गत नौ जिलों के कुल 240 एन०सी०एल०पी० विद्यालयों में अध्ययनस्त कुल 12,000 बच्चों को इस योजना का लाभ देने के लिए संबंधित उपायुक्तों को 1,20,00000 (एक करोड़ 20 लाख) रूपये का आबंटन बोर्ड द्वारा दिया गया है। योजना के अंतर्गत जिलावार दिए गए आबंटन निम्नप्रकार से है –
क्र०सं० |
जिला का नाम |
एन०सी०एल०पी०विद्यालयों की सं० |
अध्ययनस्त बच्चों की सं० |
आवंटित राशि |
1 |
प० सिंहभूम |
36 |
1800 |
18,00,000 |
2 |
हजारीबाग |
31 |
1550 |
15,50,00 |
3 |
पाकुड |
19 |
950 |
9,50,000 |
4 |
पलामू |
31 |
1550 |
15,50,000 |
5 |
गुमला |
20 |
1000 |
10,00,000 |
6 |
गढ़वा |
25 |
250 |
2,50,000 |
7 |
दुमका |
40 |
400 |
4,00,000 |
8 |
साहेबगंज |
08 |
400 |
4,00,000 |
9 |
राँची |
30 |
1500 |
15,00,000 |
|
कुल |
240 |
12,000 |
1,20,00,000 |
जनश्री बीमा योजना भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा अपने निबंधित लाभुकों को जनश्री बीमा योजना का लाभ दिलाया जा रहा है। जनश्री बीमा योजना भारतीय जीवन बीमा निगम की एक सामूहिक बीमा योजना है। इस योजना के अंतर्गत बोर्ड निबंधित लाभुकों के लिए नोडल एजेन्सी है। बोर्ड के द्वारा लाभुकों के लिए देय 100 रूपये सालाना प्रीमीयम राशि का भुगतान LIC को किया जाता है।
योजना की प्रात्रता
सभी निबंधित लाभुक इस योजना से आच्छादित होंगे।
योजना की विशेषताएँ
सदस्य की मृत्यु की दशा में रू० 30,000 की बीमा राशि का भुगतान नामित व्यक्ति को किया जाएगा।
दुर्घटना हितलाभ दुर्घटना से मृत्यु या दुर्घटना के कारण आंषिक/पूर्ण स्थायी अशक्तता की दशा में निम्नलिखित हितलाभ देय होंगे।
(क) दुर्घटना से मृत्यु होने पर रू० 75,000/-
(ख) दुर्घटना से स्थायी पूर्ण अशक्तता होने पर रू० 75,000/-
(ग) किसी दुर्घटना में दो आंखों या दो अंगों या एक आंख और एक अंग की हानि रू० 75,000/-
(घ) किसी दुर्घटना में एक आंख या एक अंग की हानिः रू० 37,500/-
(ड़) जनश्री बीमा योजना के सदस्यों के बच्चों के लिए बिना किसी अतिरिक्त लागत एक छात्रवृत्ति योजना। ९वीं से 12वी कक्षा (आईटीआई कोर्स समेत) के विद्यार्थियों के लिए हर छमाही में रू० 600 की छात्रवृत्ति। प्रत्येक परिवार के सिर्फ दो बच्चों को ही यह छात्रवृत्ति देय होगी।
(च) यह विवरणिका नहीं है, इसमें केवल मुख्य विशेषताओं का सार-संक्षेप दिया गया है। अधिक जानकारी तथा शर्तों के लिए कृपया एलआईसी की पीएंडजीएस यूनिट से संर्म्पक करें।
(छ) आप हमारे टोल फ्री नं. 1800 22 4077 पर भी हमसे सम्पर्क कर सकते हैं।
योजनान्तर्गत जिलावार प्रगति विवरण जनश्री बीमा योजना के अंतर्गत अब तक कुल 13,862 लाभुकों को आच्छादित किया जा चुका है एवं इसके लिए कुल 13,86,200 रू० का भुगतान बोर्ड द्वारा प्रीमीयम के रूप में जीवन बीमा निगम को किया जा चुका है। इसमें राँची जिला में 4,661, जमशेदपुर जिला के 3,500 एवं बोकारो जिला के कुल 5,701 निबंधित लाभुकों को जनश्री बीमा योजना के द्वारा आच्छादित किया जा चुका है।
योजना के प्रावधान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अधीन निबंधित लाभुकों के मुखिया सहित पाँच सदस्यों को सालाना 30,000रूपये का स्वास्थ्य बीमा किया जाना हैं।
यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित है, बीमा की 75 प्रतिशत राशि का भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा एवं 25 प्रतिशत राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
बीमा योजना का लाभ चयनित बीमा कम्पनी के माध्यम से दिया जाएगा।
यह योजना कैशलेस है। बीमा कम्पनी द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती होकर ईलाज कराने पर सालाना 30,000 रूपये तक का ईलाज का खर्च बीमा कम्पनी द्वारा अस्पतालों को भुगतान किया जाएगा।
लाभुकों को अस्पताल तक आने जाने के लिए प्रति बार 100 रूपये एवं अधिकतम सालाना 1,000 रूपये का भुगतान अस्पताल द्वारा किया जाएगा।
योजना की पात्रता
सभी निबंधित लाभुक इस योजना से आच्छादित होंगे।
योजना के अंतर्गत जिलावार प्रगति विवरण राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत राँची, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, पलामू एवं सिमडेगा जिला के कुल 10,787 लाभुकों की सूची भारत सरकार को अपलोड कराने हेतु भेज दिया गया है। वर्तमान में निबंधित लाभुकों के नामांकन की प्रक्रिया जारी है।
योजना की पात्रता
योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
स्वीकृति का अधिकार
अन्यान्य
इस योजना के संबंध में कोई भी विसंगति होने पर बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा।
योजना की पात्रता
योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
स्वीकृति का अधिकार
अन्यान्य
इस संबंध के संबंध में कोई भी विसंगति होने पर बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा।
स्रोत: झारखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड,श्रम विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 10/1/2019
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