स्वयं भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया कार्यक्रम है जिसे शिक्षा नीति के तीन अधारभूत सिद्धांतों अर्थात पहुँच, निष्पक्षता तथा गुणवत्ता को प्राप्त करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य सबसे अधिक वंचित सहित, सभी को श्रेष्ठ शिक्षण अधिगम साधन उपलब्ध कराना है । स्वयं डिजिटल क्रांति से अछूते तथा ज्ञान अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जुड़ने में असमर्थ विद्यार्थियो को जोड़ने के लिए और डिजिटल डिवाइड की दूरी को पाटने के लिए है।
यह एक स्वदेशी विकसित आईटी मंच के माध्यम से विकसित किया जायेगा जो 9वी कक्षा से लेकर स्नाताकोत्तर कक्षा तक शिक्षण कक्षा में पढ़ाए जाने वाले सभी पाठ्यक्रमों को किसी के भी लिए,कहीं भी, किसी भी समय होस्टिंग की पहुँच की सुविधा उपलब्ध करवाएगा। सभी पाठ्यक्रम परस्पर संवादात्मक, देश के श्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए तथा सभी भारतीय नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध होंगे। देशभर से विशेष रूप से चुने गए लगभग 1000 शिक्षक एवं व्याख्याता इन पाठ्यक्रमों को बनाएंगे।
"स्वयं" में प्रदान किये जा रहे पाठ्यक्रम 4 भागों में होंगे -
अध्ययन अनुभव को ऑडियो, वीडिओ तथा मल्टीमीडिया एवं नई शिक्षण प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके समृद्ध बनाने के लिए उपाय किए गए हैं। श्रेष्ठ गुणवत्ता की सामग्री सृजित करने तथा प्रदान करना सुनिश्चित करने के क्रम में 6 राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। ये समन्वयक इंजीनियरिंग के लिए एनपीटीईएल, स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी,पूर्वस्नातक शिक्षा के लिए सीईसी,स्कूल शिक्षा के लिए एनसीईआरटी & एनआईओएस तथा स्कूल से बाहर के विद्यार्थियों के लिए इग्नू तथा प्रबंधन शिक्षा के लिए आईआईएमबी है।
स्वयं के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रम शिक्षार्थियों के लिए नि:शुल्क हैं। तथापि प्रमाणपत्रता प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थी पंजीकृत किए जाएंगे तथा न्यूनतम शुल्क के साथ सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने के पश्चात् प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रत्येक पाठ्यक्रम के अंत में प्रोकोर्ट्ड पारीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा तथा इस परीक्षा में प्राप्त किए गए अंक/ग्रेड को विद्यार्थी के शैक्षणिक रिकार्ड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विश्वविद्यालयों को ऐसे पाठ्यक्रमों को विनिर्दिष्ट करने के लिए जिनमें स्वयं पर किए गए पाठ्यक्रमों के लिए प्राप्त किए गए क्रेडिट को विद्यार्थी के शैक्षणिक रिकॉर्ड में स्थानांतरित किया जा सकता है इस संबंध में परामर्श देने के लिए पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) स्वयं के माध्यम से ऑनलाइन अधिगम पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क विनियम,2016 जारी कर चुका है।
स्वयं मंच (प्लेटफार्म) मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) अथवा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा स्वदेश में माइक्रोसॉफ्ट की सहायता से निर्मित किया गया है तथा यह अन्ततः 2000 पाठ्यक्रम तथा 80,000 अधिगम घण्टों की होस्टिंग में सक्षम है जिसमें स्नातक, स्नातकत्तर,इंजीनियरिंग,विधि तथा अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल हैं।
"स्वयं" 14 वर्ष की आयु से विस्तृत विविधतापूर्वक अधिगम विकल्प प्रदान करना आरम्भ करता है। इससे भी आगे, स्वयं सभी विधाओं में सीखने की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रख सकता है। विद्यार्थी को भी हो सकते हैं जो नियमित हैं तथा जिन्होंने किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ दी है वे शिक्षार्थी नियमित अथवा मुक्त माध्यमिक शिक्षा में से चुनाव कर सकता है। शिक्षार्थी नियमित विद्यालय में पंजीकरण करवा सकते हैं तथा स्वयं पर चलाये जा रहे पाठ्यक्रमों द्वारा अतिरिक्त ऑनलाइन मॉनिटिरिंग प्राप्त कर सकते हैं। वैकल्पिक तौर पर एक शिक्षार्थी सीबीएसई अथवा एनआईओएस द्वारा प्रदान की जा रही मुक्त विद्यालय शिक्षा को भी चुन सकते हैं। पाठ्यक्रम पूरा होने पर, निर्धारित समयानुसार परीक्षा में बैठ सकते हैं।
ऑन डिमांड परीक्षा का विकल्प उन विद्यार्थियों को दिया गया है जो निर्धारित समय में पास नहीं कर पाएं हैं। यह सुविधा एक सप्ताह के पांच दिनों में पहले आओ-पहले पाओ के आधार के साथ शनिवार को प्रैक्टिकल परीक्षा के साथ उपलब्ध कराई जाती है। यदि सीखने वाला सीबीएसई के एक या अधिक पाठ्यक्रम में पासिंग अंक नहीं प्राप्त कर पाता है तो उसके लिए विशिष्ट विषय आधारित परीक्षा का विकल्प एनआईओएस में उपलब्ध होता है और जिसमें प्राप्त सफल अंक सीबीएसई रिजल्ट में जोड़े जा सकते हैं। सफलतापूर्वक पूरा करने वाले छात्रों को सभी शैक्षिक परिषदों ने स्वीकृत माध्यमिक शिक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त होता है।
"स्वयं" अपनी पसंद के ट्रेड में कौशलों की वृद्धि करने के इच्छुक शिक्षार्थियों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने का विकल्प प्रदान करता है। प्रमाणीकरण पाठ्यक्रम अधिगम प्रणाली में किसी भी समय किये जा सकते हैं।
राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क(एनएसक्यूएफ)
राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क(एनएसक्यूएफ) एक योग्यता आधारित रूपरेखा है जो ज्ञान, कौशल और योग्यता स्तर श्रृंखला के अनुसार सभी का प्रबंधन करता है। एक से दस तक वर्गीकृत ये सभी स्तर, जो अधिगमकर्ता द्वारा हासिल किये हों-सीखने के परिणामों के आधार पर परिभाषित किये जाते हैं चाहे वे औपचारिक गैर-औपचारिक या अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से प्राप्त किये गये हों। एनएसक्यूएफ के अंतर्गत शिक्षार्थी औपचारिक गैर-औपचारिक या अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से किसी भी स्तर पर आवश्यक योग्यता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं । इस संदर्भ में, एनएसक्यूएफ एक गुणवत्ता सुनिश्चितकरण की रूपरेखा है। वर्तमान में 100 से अधिक देश या राष्ट्रीय योग्यता पाठ्यक्रम विकसित करने की प्रक्रिया
माध्यमिक विद्यालयी शिक्षा पास करने के प्रमाणपत्र के साथ "स्वयं" शिक्षार्थियों को अपनी पसंद की ट्रेड में कौशल वृद्धि करने के लिए डिप्लोमा अथवा व्यावसायिक पाठ्यक्रम में से अपनी पसंद को चुनने का विकल्प प्रदान करता है। वे सफलतापूर्वक डिप्लोमा पाठ्यक्रम पूरा करने के पश्चात स्नातक पाठ्यक्रम का चुनाव भी कर सकते है।
ट्रेड के लिए निर्धारित की गयी शैक्षणिक अहर्ता ट्रेड आधार पर 8वी पास से 12वी पास तक अलग अलग होती है। ट्रेड के अनुसार निधारित की गयी अहर्ता शिल्पकार प्रशिक्षण योजना सीटीएस के अंतर्गत ट्रेड सूची में दी गयी है।
स्वयं पर नियमित शिक्षार्थी तथा अल्पकालिक दूरस्थ शिक्षा शिक्षार्थी दोनों को ही उनके द्वारा उच्च माध्यमिक स्तर पर चयन की गई विधा के आधार पर उच्च शिक्षा के विभिन्न अवसर प्रदान किये गए हैं-
उच्च माध्यमिक स्तर पर मानविकी के शिक्षार्थी नियमित संस्थान अथवा मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से मानविकी अथवा प्रबंधन में अपनी पसंद के स्नातक कार्यक्रमों का चुनाव कर सकते हैं।
उच्च माध्यमिक स्तर पर वाणिज्य के शिक्षार्थी नियमित संस्थान अथवा मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से वाणिज्य अथवा प्रबंधन में अपनी पसंद के स्नातक कार्यक्रमो का चुनाव कर सकते हैं।
उच्च माध्यमिक स्तर पर विज्ञान के शिक्षार्थी नियमित संस्थान अथवा मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से स्वयं पर प्रदान की जा रही किसी भी विधा के स्नातक कार्यक्रमों में से अपनी पसंद के विषयों का चयन कर सकते हैं।
उस विश्वविद्यालय के आधार पर जहाँ शिक्षार्थी ने प्रवेश लिया है वहां नामांकित पाठ्यक्रमों के लिए स्वयं विकल्प आधारित क्रेडिट अंतरण प्रणाली (सीबीसीएस) की सुविधा उपलब्ध करवाता है पाठ्यक्रम पूरा होने तथा सभी क्रेडिट अर्जित करने के पश्चात स्वयं शिक्षार्थी को उस विश्वविद्यालय की डिग्री उपलब्ध करवाएगा जिससे की शिक्षार्थी सम्बन्ध रखता है। सम्बंधित डिप्लोमा पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक पूरा करने के पश्चात् शिक्षार्थी स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने का विकल्प चुन सकता है| स्नातक डिग्री सफलता पूर्वक पूरा करने के पश्चात् शिक्षार्थी स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता है अथवा अपने प्रोफाइल में अतिरिक्त अहर्ता जोड़ने के लिए प्रमाणीकरण पाठ्यक्रम कर सकता है।
स्नातक डिग्री के साथ शिक्षार्थी नियमित विश्वविद्यालय अथवा दूरस्थ विश्विद्यालय में प्रवेश ले सकता है। इसके पश्चात्, स्वयं शिक्षार्थी की पात्रता के आधार पर विकल्प आधारित पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। उस विश्विद्यालय के आधार पर जहाँ शिक्षार्थी ने प्रवेश लिया है वहाँ नामंकित पाठ्यक्रमों के लिए स्वयं लचीली विकल्प आधारित क्रेडिट अंतरण प्रणाली (सीबीसीएस) की सुविधा उपलब्ध करता है। पाठ्यक्रम पूरा होने तथा सभी क्रेडिट अर्जित करने के पश्चात् स्वयं शिक्षार्थी को उस विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर डिग्री उपलब्ध कराएगा जिससे की शिक्षार्थी सम्बन्ध रखता है| स्नातकोत्तर डिग्री सफलता पूर्वक पूरी करने के बाद शिक्षार्थी किसी अन्य स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता है अथवा अपने पसंद के विषय में सोध कर सकता है।
स्त्रोत : स्वयं,मानव संसाधन विकास मंत्रालय।
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
इस पृष्ठ में झारखण्ड के स्वतंत्रता सेनानी अमर सेना...
इस भाग में पढ़ो परदेस योजना के बारे में अक्सर पूछे...
इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय सदभावना के लिए शिक्षा के...
इस पृष्ठ में मैट्रिक-पूर्व, मैट्रिकोत्तर और मेरिट-...