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नि:शुल्क कोचिंग योजना

उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) तथा  राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित समूह क और ख परीक्षा; बैंक, बीमा कम्पनी और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा संचालित अधिकारी ग्रेड परीक्षा; अभियांत्रिकी मेडिकल, प्रबंधन और विधि आदि जैसे व्यावसायिक पाठयक्रमों में प्रवेश हेतु प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा तथा सूचना प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी आदि जैसे निजी क्षेत्र में जहां साफ्ट कौशल के जरूरतमंदों के नियोजन के लिए परिष्करण पाठ्यक्रम/रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों के लिए गुणवत्ता वाली कोचिंग प्रदान करना है ।

कार्यान्वयन एजेंसियां

इस योजना का कार्यान्वयन निम्‍न द्वारा संचालित प्रतिष्‍ठित संस्‍थानों/केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा-

  • केंद्र सरकार/राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन/पीएसयू/केंद्र/राज्‍य सरकार के अधीन स्‍वात्‍तशासी निकाय
  • विश्वविद्यालय (निजी क्षेत्र में समविश्वविद्यालयों सहित केन्द्रीय और राज्य दोनों) और
  • निजी क्षेत्र के संगठन/एनजीओ।

पात्रता

  • विद्यार्थियों द्वारा उस पाठ्यक्रम/परीक्षा के लिए अर्हक परीक्षाओं में यथा निर्धारित प्रतिशत अंक अवश्य प्राप्त किया जाना चाहिए, जिसके लिए इस योजना के अंतर्गत नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है;
  • विद्यार्थियों द्वारा का चयन संगत प्रतियोगी परीक्षा जिसके लिए कोचिंग दी जानी है, में भाग लेने के लिए उनके द्वारा प्राप्‍त अंकों के आधार पर तैयार मेरिट के आधार पर किया जाना चाहिए;
  • अनूसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के केवल वही विद्यार्थी, जिनकी कुल पारिवारिक आय 3.00 लाख रूपए वार्षिक है, योजना के अंतर्गत पात्र होंगे;
  • इस योजना के अंतर्गत किसी एक विद्यार्थी द्वारा किसी विशेष प्रतियोगिता परीक्षा में अवसरों की संख्या के लिए उसकी पात्रता का ध्यान दिए बगैर, दो बार से अधिक लाभ नहीं उठाया जा सकता है। कोचिंग संस्था द्वारा विद्यार्थी से एक शपथ पत्र लेना भी आवश्यक होगा कि उन्होंने इस योजना के अंतर्गत दो बार से अधिक लाभ नहीं लिया है।
  • जहां परीक्षा दो स्तरों अर्थात् प्रारम्भिक और मुख्य, में आयोजित की जाती है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थी, दोनों परीक्षाओं हेतु नि:शुल्क कोचिंग के लिए पात्र होंगे । तथापि, मुख्य परीक्षा के लिए केवल उन अभ्यर्थियों को कोचिंग प्रदान की जाएगी, जो प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं; और
  • चयनित विद्यार्थियों को सभी कक्षाओं में उपस्थित होना पड़ेगा। किसी विद्यार्थी द्वारा बिना किसी वैध कारण के 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहने पर उसके लिए नि:शुल्क कोचिंग का लाभ बन्द कर दिया जाएगा और उसके स्थान पर दूसरे विद्यार्थी को ले लिया जाएगा।

कोचिंग हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम

पाठ्यक्रम जिनके लिए कोचिंग प्रदान की जाएगी निम्नानुसार है

  • संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग और विभिन्न रेल्वे भर्ती बोर्डों दवारा संचालित समूह क और ख परीक्षाएं
  • राज्य लोक सेवा आयोगों दवारा संचालित समूह क और ख परीक्षाएं,की परीक्षाएं
  • अभियांत्रिकी (उदाहरणार्थ आईआईटी-जेईई और एआईईईई)
  • मेडिकल (उदाहरणार्थ एआईपीएमटी)
  • प्रबंधन (उदाहरणार्थ कैट) और विधि (उदाहरणार्थ सीएलएटी), तथा
  • ऐसे ही अन्य संवर्ग जिसे मंत्रालय समय-समय पर निर्धारित करे में प्रवेश हेतु प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं और; एसएटी, जीआरई, जीएमएटी और टीओईएफएल जैसे पात्रता टेस्ट/परीक्षाएं।

फीस की मात्रा

विभिन्न पाठ्यक्रमों के संबंध में वित्तीय सहायता का ब्यौरा इस प्रकार है:-

क्रं.सं पाठ्यक्रम का नाम कोचिंग की अवधि प्रति छात्र संस्थान को अदा की जाने वाली कोचिंग फीस की अधिकतम सीमा (रुपए में) 

1

सिविल सेवा (प्रारंभिक)/राज्य सिविल सेवा (प्रारंभिक)

न्यूनतम 5 माह

20,000 रू.

2

सिविल सेवा (मुख्य)/राज्य सिविल सेवा (मुख्य)

न्यूनतम 4 माह

20,000 रू.

3

इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों हेतु प्रवेश परीक्षा

न्यूनतम 4.माह

20,000 रू.

4

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), राज्य लोक सेवा आयोग (एसपीएससी) द्वारा संचालित समूह 'क' और 'ख' की अन्य  परीक्षाएं तथा कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) एवं राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित समूह 'ख' की परीक्षाएं

न्यूनतम 4 माह

15,000 रू.

5

बैंक, एलआईसी, जीआईसी, और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा संचालित अधिकारी ग्रेड की परीक्षाएं

न्यूनतम 4 माह

15,000 रू.

6

फिनिशिंग रोजगार पाठ्यक्रम

न्यूनतम 3 माह

प्रस्ताव तथा प्रचलित बाजार दर के आधार पर चयन समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा

अभ्यर्थियों का अनुपात

इस योजना के अंतर्गत कोचिंग प्रदान किए जाने वाले अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों का अनुपात 70:30 होगा। अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता के मामले में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इस अनुपात में ढील दे सकता है ।

वजीफा

बाहर से आए विद्यार्थियों के लिए प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह 3000 रूपए और स्थानीय विद्यार्थियों के लिए प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह 1500 रूपए वजीफा देय होगा।

स्त्रोत: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय,भारत सरकार ।

अंतिम बार संशोधित : 3/13/2023



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