संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, राज्य लोक सेवा आयोगों इत्यादि द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों हेतु सहायता की योजना मुहैया कराई जाती है ।
राष्ट्रीय धार्मिक एवं भाषाजात अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दर्शाया है कि सभी समुदायों और समूहों को आर्थिक अवसरों और रोजगार में बराबर की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। इसमें उन समुदायों के लिए अत्याधिक सक्रिय उपायों की परिकल्पना की गई है, जो पीछे रह गए हैं और जरूरत से ज्यादा हाशिये पर आ गए हैं। अतएव, इन समुदायों की सहायता करने के लिए सरकारी कार्यक्रमों के रूप में क्रियाकलापों की जरूरत है, जिनमें
(1) स्व-रोजगार तथा मजदूरी रोजगार और
(2) राज्य एवं केंद्रीय सेवाओं में भर्ती के संबंध में लक्ष्यों का निर्धारण किया गया हो।
11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के अभ्यर्थियों के लिए सरकारी तथा निजी संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए परीक्षा-पूर्व कोचिंग मुहैया कराने के लिए एक विशेष योजना की शुरुआत की गई थी।
सिविल सेवाओं में अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व उनकी जनसंख्या के अनुपात की तुलना में लगातार कमतर रहा है। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा सूचित किए गए अनुसार, अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों की भर्ती वर्ष 2007-08, 2008-09, 2009-10 तथा 2010-11 में क्रमशः 8.23%, 9.90%, 7.28% तथा 11.9% थी। यह प्रतियोगी सिविल सेवा परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के लिए अल्पसंख्यकों को विशेष सहायता के रूप में नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत को दर्शाता है।
इस योजना का उद्देश्य संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है ताकि वे संघ तथा राज्य सरकारों की सिविल सेवाओं में नियुक्ति के लिए प्रतिस्पर्धा करने में पर्याप्त रुप से सक्षम हो सकें तथा ग्रुप 'ए' तथा 'बी' (संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी); राज्य लोक सेवा आयोगों (एसपीएससी) तथा कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) इत्यादि के राजपत्रित एवं गैर-राजपत्रित पद) की प्रारंभिक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता देते हुए सिविल सेवाओं में अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाना है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय क्रियान्वयनकर्ता एजेंसी होगा तथा अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित केवल वही अभ्यर्थी जो यूपीएससी; एसपीएससी तथा एसएससी इत्यादि द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करते हैं तथा अन्य सभी पात्रता मापदंड और शर्तें पूरी करते हैं, पर ही योजना के तहत आर्थिक सहायता के लिए विचार किया जाएगा। योजना के पात्रता मापदंड एवं शर्तें निम्नानुसार होंगी -
नोट - सभी स्रोतों से आय, जो उपर्युक्त पैरा 3 (पप ) में 4.5 लाख रु0 के रूप में प्रक्षिप्त की गई है, 12वीं योजना अवधि तथा इसके पश्चात् क्रीमी लेयर छूट/सीलिंग में परिवर्तन होने पर परिवर्तन के अध्यधीन है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय हर साल समाचार पत्रों तथा अपनी वेबसाइट के माध्यम से पात्र अभ्यर्थियो से आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन देगा। पात्र अभ्यर्थी योजना के अंतर्गत इस प्रयोजनार्थ तैयार किए गए प्रपत्र में इस मंत्रालय को आवेदन करेंगे।
प्रत्येक वर्ष योजना के अंतर्गत देश भर में अधिकतम 800 अभ्यर्थियो को पात्रता मापदंड प्राप्त करने पर तब तक आर्थिक सहायता दी जाएगी, जब तक कि बजटीय आबंटन समाप्त न हो जाए। अभ्यर्थियों का चयन किसी विशिष्ट समुदाय के लिए उपलब्ध स्लॉट्स की सीमित संख्या के मामले में मैरिट के आधार पर किया जाएगा। जनगणना, 2011 के आंकड़े उपलब्ध होने तक मंत्रालय जनगणना, 2001 के आंकड़ों का उपयोग करेगा। विभिन्न अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों को लाभों का वास्तविक वितरण निम्नानुसार होगा -
मुस्लिम- 568;
ईसाई- 96;
सिक्ख-80;
बौद्ध -32;
पारसी -7; और
जैन 17
आर्थिक सहायता की दर अधिकतम पचास हजार रुपए (50,000 रु0 राजपत्रित पद के लिए तथा 25,000 रु0 अराजपत्रित पद के लिए) केवल होगी। यह आर्थिक सहायता उन अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों के लिए होगी, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग; कर्मचारी चयन आयोग; अथवा राज्य लोक सेवा आयोगों इत्यादि द्वारा आयोजित ग्रुप 'क' तथा 'ख' सिविल सेवाओं की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है।
चुने गए अभ्यर्थियों को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के माध्यम से, 100% आर्थिक सहायता दी जाएगी क्योंकि यह एक केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) है। भुगतान ईसीएस/आरटीजीएस/चैक/ई-भुगतान के माध्यम से किया जाएगा। मौजूदा 121 डीबीटी जिलों से आने वाले अभ्यर्थियों के लिए आधार नम्बर अनिवार्य होगा। आने वाले वर्षों में इस योजना के अंतर्गत सहायता के इच्छुक सभी अभ्यर्थियो के लिए आधार नम्बर अनिवार्य होगा।
योजना के अंतर्गत प्रस्तावों/आवेदनों को प्राप्त करने संबंधी प्रक्रिया। योजना के अंतर्गत निम्नलिखित समिति सहायता अनुदान के लिए आवेदनकर्ताओं का मूल्यांकन एवं चयन करेगी -
क) संयुक्त सचिव (अल्पसंख्यक कार्य) - अध्यक्ष
ख) वित्तीय सलाहकार (अल्पसंख्यक कार्य)/अथवा उनका/उनकी प्रतिनिधि- सदस्य
ग) संयुक्त सचिव (एसएस) (अल्पसंख्यक कार्य)- सदस्य
घ) कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का प्रतिनिधि निदेशक के ओहदे से कम का नहीं; सदस्य
ङ) मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रतिनिधि निदेशक के ओहदे से कम का नहीं; सदस्य
च) श्रम मंत्रालय का प्रतिनिधि निदेशक के ओहदे से कम का नहीं; सदस्य
छ) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का प्रतिनिधि निदेशक के ओहदे से कम का नहीं; सदस्य
ज) उप सचिव/निदेशक (एसएस) (अल्पसंख्यक कार्य) संयोजक
यह देखने के लिए कि संबंधित बैंकों के माध्यम से राशि का यथासमय संवितरण हो रहा है, निगरानी तंत्र की व्यवस्था की जाएगी ताकि चुने गए छात्रों को विलंब के कारण कठिनाई न हो। योजना का मूल्यांकन स्वतंत्र एवं विशेषीकृत एजेंसी के माध्यम से इसके कार्यान्वयन के तीन वर्षों के उपरांत किया जाएगा। प्रभाव मूल्यांकन 12वीं योजना अवधि के समाप्त होने के पश्चात् किया जाएगा।
अंतिम बार संशोधित : 2/20/2023
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