सुरक्षा से जुड़े खतरे
पहचान की चोरी
धोखेबाज़ी से हासिल किसी व्यक्ति की निजी पहचान से जुड़ी जानकारी अक्सर आर्थिक लाभ के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसे दो प्रकार से किया जा सकता है:
ऐप्लिकेशन से जुड़ी धोखेबाज़ी
किसी अपराधी द्वारा चुराए गए या नकली दस्तावेजों से किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर खाता खुलवाना ऐप्लीकेशन से जुड़ी धोखेबाज़ी में आता है। इसके लिए महत्वपूर्ण निजी सूचनाओं को हासिल करने के लिए अपराधी यूटिलिटी बिल तथा बैंक स्टेटमेंट चुराने की कोशिश कर सकते हैं।
खाता हथियाना
किसी के खाते पर उस समय नियंत्रण किया जाता है जब किसी अपराधी को अन्य व्यक्ति के खाते की चुराई गईं निजी जानकारियों के आधार पर संचालन का अधिकार हो जाता है। पहले वह शिकार के लिए लक्षित व्यक्ति की जानकारी इकट्ठा करता है, और कार्ड जारीकर्ता से वास्तविक कार्डधारणकर्ता के रूप में संपर्क करते हुए उससे खाते से जुड़े सभी मेल को नए पते पर भेजने का अनुरोध करता है। उसके बाद अपराधी कार्ड के खो जाने की सूचना देता है और नए पते पर नया कार्ड भेजने की मांग करता है।
किसी अन्य व्यक्ति के क्रेडिट/डेबिट कार्ड के उपयोग से वस्तुएं या सेवाएं खरीदना क्रेडिट कार्ड से जुड़ीं धोखेबाज़ियों में शामिल हैं। यह ख़तरा क्रेडिट कार्ड नम्बर, पीआइएन, पासवर्ड इत्यादि जैसे विवरण चोरी हो जाने से होता है। ऐसी ज़ालसाज़ी में कार्ड की चोरी या नकली कार्ड बनवा कर उसका उपयोग करना भी शामिल है।
हैकर्स किसी अनजान यूज़र के क्रेडिट कार्ड का विवरण प्राप्त करने के लिए विशिंग, फिशिंग आदि जैसी काफी जटिल तकनीकों का उपयोग करते हैं।
फिशिंग
फिंशिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें इलेक्ट्रोनिक कम्युनिकेशन माध्यम में भरोसेमंद कंपनी/संस्था के छद्मवेषी रुप में धोखे से यूजरनेम, पासवर्ड तथा क्रेडिट कार्ड विवरण जैसी गोपनीय जानकारी प्राप्त की जाती है। फिशिंग में मुख्यतः ई-मेल जालसाज़ी या इन्स्टंट मेसैजिंग का इस्तेमाल होता है और इसमें यूज़र को अक्सर किसी वैध वेबसाइट से हूबहू मिलती नकली वेबसाइट पर निजी विवरण देने के लिए निर्देशित किया जाता है।
स्किमिंग
स्किमिंग-क्रेडिट/डेबिट कार्ड से जुड़ीं सूचनाओं की चोरी है। जानकारियों के दुरुपयोग के लिए लोग रसीदों की फोटोकॉपी या अधिक आधुनिक तरीकों जैसे छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (स्किमर) से क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुरा सकते हैं। इन तरीकों से अपराधी कार्ड स्वाइपिंग से सैकड़ों व्यक्तियों को शिकार बना कर क्रेडिट कार्ड नम्बर इकट्ठा कर और आपके कार्ड के साथ ज़ालसाज़ी कर सकते हैं। स्किमिंग की ये स्थितियां रेस्टोरेंट या बार में उस समय आती हैं जब स्किमर शिकार व्यक्ति के कार्ड को अन्य उपयोग के बहाने रख कर कार्ड से जुड़ीं जानकारियों को फिर उपयोग में लाने के लिए नोट कर लेते हैं।
विशिंग
टेलीफोन कम्युनिकेशन पर आधारित सोशल इंजीनियरिंग की एक विधि जिसमें वॉयस ओवर आइपी (VoIP) पर आधारित फीचरों की सहायता से निजी एवं आर्थिक जानकारी ग़लत इस्तेमाल करने के लिए हासिल की जाती है। यह शब्द ‘वॉयस’ तथा ‘फिशिंग’ का संयोजन है।
सोशल इंजीनियरिंग
सोशल इंजीनियरिंग में ज़ालसाज़ संस्था या कंपनी के स्टाफ सदस्य या सिक्योरिटी गार्ड जैसी पहचान में लोगों से संपर्क कर उनका भरोसा जीतने की गतिविधियों को अंजाम देते हैं। जालसाज़ कार्ड की क्षतिपूर्ति के निवेदन से ग्राहक से संपर्क करते हैं और एटीएम कार्ड का उपयोग करने में असहजता महसूस कर रहे लोगों या एटीम मशीन की सहायता से अनजान लोगों को मदद का प्रलोभन देकर भरोसा जीतने की कोशिश करते हैं।
क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड/एटीएम कार्ड के इस्तेमाल में अपनाए जाने वाले उपाय
- सुनिश्चित करें कि बैंक से प्राप्त कार्ड का लिफाफा सील हो और साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लें कि उस पर किसी प्रकार का फाड़ने या चिपकाने का निशान न हो।
- बैंक से कार्ड मिलने पर तुरंत उचित स्थान पर अपने हस्ताक्षर कर दें।
- कार्ड के आखिरी तीन नम्बरों को ठीक से सुरक्षित कर लें।
- खाते के लेन-देन से जुड़ी जानकारी की जांच के लिए अपना फोन नम्बर रजिस्टर कराएं।
- प्रथम बार पिन प्राप्त करने के बाद तुरंत बदल दें।
शॉपिंग मॉल तथा रेस्त्रां में क्रेडिट/डेबिट कार्ड का सुरक्षित इस्तेमाल
- वेंडर द्वारा कार्ड स्वाइप करने पर हमेशा अपनी नजर रखें।
- हमेशा ध्यान दें कि ट्रांजैक्शन आपकी मौजूदगी में हो।
- कभी किसी खाली क्रेडिट कार्ड रसीद पर हस्ताक्षर न करें। खाली स्थान पर एक लाइन खींच कर उसे काट दें ताकि वहां किसी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी न लिखी जा सके।
- रेस्त्रां/शॉपिंग मॉल में प्रस्तुत किए गए किसी सर्वे फॉर्म में आप अपनी निजी जानकारी न भरें।
इंटरनेट पर क्रेडिट/डेबिट कार्ड का सुरक्षित प्रयोग
- ट्रांजैक्शन तथा शॉपिंग सदैव सुरक्षित वेबसाइट से करें।
- कृपया सुरक्षा संकेतों को जांच लें।
- ब्राउजर के सबसे नीचे लॉक इमेज एवं http: से यूआरएल प्रारंभ होने जैसे सुरक्षा संकेतों की पहचान करें।
(ऐसे संकेत सूचित करते हैं कि आपकी खरीद की सूचना एंक्रिप्शन से सुरक्षित की गई है और आपके खाते की जानकारी सुरक्षित है।)
- भरोसेमंद और जानकार मर्चेंट या शॉप से खरीदारी करें।
- क्रेडिट/डेबिट कार्ड से खरीदारी के बाद वेबसाइट से लॉग ऑफ हो कर ब्राउजर कुकीज़ को डिलीट कर दें।
- फिशिंग स्कैम का पता लगाने के लिए सभी ई-मेल संदेशों को ध्यान से देखें। आर्थिक जानकारी या निजी जानकारी से जुड़ी कोई भी सूचना की मांग करने वाले मेल का जबाव न दें। क्योंकि बैंक कभी ऐसी जानकारी आपसे नहीं मांगती।
- ई-मेल से भुगतान की जानकारी कभी नहीं दें। इंटरनेट (जैसे कि ई-मेल) से भेजी गई सूचना हमेशा पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होने से तीसरा पक्ष उन्हें पढ़ सकता है।
- ऑनलाइन में निजी जानकारी देते समय सावधान रहें।
- प्रोमोशनल स्कैम से सावधान रहें। पहचान की चोरी के लिए फोन के माध्यम से निजी जानकारी मांगी जा सकती है।
- अपने पासवर्ड को गोपनीय रखें। कुछ ऑनलाइन स्टोर खरीदारी के लिए यूजरनेम तथा पासवर्ड के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए कहते हैं ऐसी स्थिति मे पासवर्ड को अन्य से छुपा कर गुप्त रखे और इसी तरह अपने एटीएम पिन को सुरक्षित रखें।
- नेटबैंकिंग के लिए सदैव वर्चुअल की-बोर्ड का इस्तेमाल करें।
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ऐसा करें
- एटीएम का इस्तेमाल करने से पहले देख लें कि इंसर्शन पैनल पर किसी प्रकार की दूसरी वस्तु न रखी गई हो (स्किमिंग से बचने के लिए)।
- ट्रांजैक्शन में हथेली से ढंक कर एटीएम पिन का उपयोग करें। ट्रांजैक्शन रसीद अपने साथ ले जाना नहीं भूलें।
- बैंक की सलाह के अनुसार अपने एटीएम पिन को हर तीन माह में बदल दें।
- ट्रांजैक्शन ज़ालसाज़ी का पता लगाने के लिए क्रेडिट कार्ड रसीद को संभाल कर रखें और अपनी रसीदों के विवरण को मासिक विवरण के साथ फिर से जाँच लें।
- आवश्यक और उपयोगी क्रेडिट कार्ड को साथ में रखें।
- क्रेडिट कार्ड नम्बर वाले कागज (बिल) को बारीक टुकड़ों में फाड़ दें।
- घर का पता बदलने की सूचना अपने कार्ड जारीकर्ता को पहले से ही दे दें।
- अपने क्रेडिट कार्ड खो जाने की स्थिति के लिए तुरंत सूचित करें।
- कार्ड के नवीनीकरण/अपग्रेडेशन की स्थिति में पुराने कार्ड को पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर नष्ट कर दें।
ऐसा न करें
- बैंक से प्राप्त कार्ड के क्षतिग्रस्त होने या लिफाफे की सील खुली होने पर स्वीकार न करें।
- अपने क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर उसके ऊपर नहीं लिखें।
- बहुत कम इस्तेमाल होने वाले अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड को अपने साथ लेकर नहीं चलें।
- अपने क्रेडिट कार्ड/एटीएम का पिन नंबर किसी को न बताएं।
- अपना कार्ड किसी को न दें, चाहे कोई अपनी पहचान बैंक कर्मचारी के रुप में बताए।
- किसी भी अनजान से एटीएम मशीन में किसी तरह की मदद की पेशकश के बहकावे में आने से बचें।
- डिवाइस की अच्छी स्थिति न होने पर एटीएम मशीन का इस्तेमाल न करें।
- किसी अज्ञात/अवैध स्रोत के साथ अपने खाते के विवरणों को साझा या हस्तांतरित न करें।
- सार्वजनिक स्थानों में स्थित शेयर किये गये या असुरक्षित कम्प्यूटर से न तो नेटबैंकिंग एसेस न करें और न ही क्रेडिट/डेबिट कार्ड के बिल भुगतान न करें।
- किसी अनपेक्षित स्रोत से प्राप्त अनजान ई-मेल अटेचमेंट को न खोलें या इन्स्टंट मेसैज डाउनलोड लिंक पर क्लिक न करें। संदेहास्पद ई-मेल को तुरंत डिलीट कर दें।
- प्रतिष्ठित कंपनी से परिचित होने और स्वयं से किये गये फोन के बिना अपने खाता की जानकारी किसी को फोन पर नहीं दें। क्रेडिट कार्ड के विवरण के लिए किये गये फोन कॉल पर कोई जानकारी न दें (इसे विशिंग कहते हैं)।
- अपने क्रेडिट कार्ड का विवरण किसी असुरक्षित वेबसाइट पर कभी न दें।
- किसी ई-मेल निवेदन पर पासवर्ड, कस्टमर आइडी, डेबिट कार्ड नम्बर, पीआइएन,CVV2,DOB जैसी खाते से जुड़ीं गोपनीय सूचनाएं कभी न दें- भले ही ऐसे ई-मेल आयकर विभाग,आरबीआइ के सरकारी प्राधिकारियों या वीजा या मास्टर कार्ड से जुड़ी कंपनी द्वारा ही क्यों न भेजे गये हों।
- किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट या ब्लॉग पर अपने बैंक खाते से जुड़ी कोई समस्या या खाते का विवरण एवं पासवर्ड आदि नहीं दें।
- अपने एटीएम पिन जैसे विवरण को अपने मोबाइल फोन में न रखें।
ई-मेल से कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड नम्बर या अन्य व्यक्तिगत विवरण को न दें।
फिशिंग ई-मेल से बचने के लिए सदैव स्पाम फिल्टर्स का इस्तेमाल करें।
स्त्रोत: सूचना सुरक्षा जागरुकता,सीडैक हैदराबाद