केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने 29 फ़रवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि उनकी सरकार खाद्य सुरक्षा से और आगे बढ़ने तथा हमारे किसानों में आय सुरक्षा की भावना भरने का इरादा रखती है। इस संदर्भ में, सरकार की योजना किसानों की आय दोगुनी करने की है। उन्होंने कृषि एवं किसानों के कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए आवंटित किए। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग की समस्या को दूर करने, सिंचाई के लिए नए बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, उर्वरक के संतुलित उपयोग के साथ मृदा उर्वरता को संरक्षित करने एवं कृषि से बाजार तक संपर्क मुहैया कराने का है।
श्री अरुण जेटली ने कहा कि 141 मिलियन हेक्टेयर शुद्ध खेती वाले क्षेत्रों में से केवल 65 मिलियन हेक्टेयर ही सिंचित हैं। इस बारे में, उन्होंने 'प्रधानमंत्री सिंचाई योजना' की घोषणा की जिससे कि अन्य 28.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के साथ लाने के लिए मिशन मोड में क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एआईबीपी के तहत 89 परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक किया जाएगा जो अन्य 80.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाने में मदद करेगा। उन्होंने इन परियोजनाओं में से 23 को 31 मार्च 2017 से पहले पूरा करने का वादा किया। इन परियोजनाओं के लिए अगले वर्ष 17 हजार करोड़ रुपए और अगले 5 वर्षों में 86,500 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। वित्त मंत्री श्री जेटली ने घोषणा की कि लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की प्रारंभिक कार्पस राशि से नाबार्ड में एक समर्पित दीर्घावधि सिंचाई निधि बनाई जाएगी। बहुपक्षीय वित्त पोषण के लिए 6 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से भूजल संसाधनों के ठोस प्रबंधन के लिए एक ऐसे ही कार्यक्रम का भी प्रस्ताव रखा गया है।
श्री जेटली ने मार्च 2017 तक 14 करोड़ कृषि जोतों के कवरेज के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। यह किसानों को उर्वरक का उचित उपयोग करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि उर्वरक कंपनियों के 2,000 मॉडल खुदरा विक्रय केंद्रों को अगले तीन वर्षों में मृदा एवं बीज परीक्षण सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने जैव खेती के तहत 5 लाख एकड़ वर्षा जल क्षेत्रों को लाने के लिए 'परंपरागत कृषि विकास योजना' की घोषणा की। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में 'जैव मूल्य श्रृंखला विकास योजना' प्रारंभ की जिससे कि उनके जैव उत्पादों को घरेलू एवं निर्यात बाजार प्राप्त हो सके।
श्री जेटली ने घोषणा की कि इस वर्ष 14 अप्रैल को डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मदिवस पर एकीकृत कृषि विपणन ई-मंच राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के शेष 65 हजार गांवों को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 2021 से बढ़ाकर 2019 कर दिया जाएगा। उन्होंने सभी किसानों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए तीन विशिष्ट पहलों की घोषणा की, जिसमें खरीदारी का विकेन्द्रीकरण, एफसीआई के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी प्रणाली और दालों की खरीदारी के लिए प्रभावी प्रबंध करना शामिल है।
वित्त मंत्री ने दुग्ध उत्पादन को अधिक लाभकारी बनाने के लिए पशुधन संजीवनी, नकुल स्वास्थ्य पत्र, उन्नत प्रजनन प्रौद्योगिकी, ई-पशुधन हॉट और देसी नस्लों के लिए राष्ट्रीय जीनोमिक केन्द्र की स्थापना करने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं में अगले कुछ वर्षों के दौरान 850 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
श्री जेटली ने ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को ग्रांट इन एड के रूप में 2.87 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा की। ऐसा 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार किया है और यह राशि पिछले पांच वर्ष की तुलना में 228 प्रतिशत अधिक है। दीन दयाल अंत्योदय मिशन को प्रत्येक सूखाग्रस्त विकास खंड में और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को ऐसे ही जिलों में शुरू किया जाएगा।
श्री जेटली ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत 300 रूर्बन कलस्टरों को विकसित करने की भी घोषणा की। उन्होंने 01 मई, 2018 तक शत-प्रतिशत गांवों में विद्युतीकरण की भी घोषणा की। वित्त मंत्री ने नेशनल डिजिटल साक्षरता मिशन और डिजिटल साक्षरता अभियान नामक दो नई योजनाओं को भी मंजूरी दी है। पंचायती राज संस्थानों की मदद के लिए उन्होंने नई योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान का भी प्रस्ताव किया है।
सरकारी सब्सिडियों के लक्षित संवितरण एवं वास्तविक लाभार्थियों को वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए तीन विशिष्ट पहलों का प्रस्ताव रखा गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि यह न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम शासन का एक अहम हिस्सा है। ये तीन पहलें इस प्रकार हैं :
पहला, आधार संरचना का उपयोग करने के द्वारा वित्तीय एवं अन्य सब्सिडियों, लाभों एवं सेवाओं की लक्षित आपूर्ति के लिए एक विधेयक। लाभार्थियों को सटीक तरीके से लक्षित करने के लिए आधार का उपयोग करते हुए एक सामाजिक सुरक्षा मंच का विकास किया जाएगा।
दूसरा, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) को पूरे देश के कुछ जिलों में उर्वरक के लिए प्रायोगिक आधार पर लागू किए जाने का प्रस्ताव है। तीसरा, देश की 5.35 लाख उचित मूल्य दुकानों में से मार्च 2017 तक 3 लाख उचित मूल्य दुकानों में ऑटोमेशन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए एक नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की घोषणा की है। संसद में अपनी बजट घोषणा में वित्त मंत्री ने चिंता जताई कि परिवार के सदस्यों की गंभीर बीमारी गरीबों एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालती है। ऐसे परिवारों की सहायता करने के लिए सरकार एक नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी जो प्रति परिवार 1 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करेगी। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि किफायती दामों पर गुण्वत्तापूर्ण दवाओं का निर्माण करना एक बड़ी चुनौती रही है। उन्होंने कहा कि हम जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में फिर से तेजी लाएंगे और 2016-17 के दौरान प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 3000 स्टोर खोले जाएंगे। वित्त मंत्री ने एक 'राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम' शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए राशि पीपीपी मॉडल के जरिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उपलब्ध कराई जाएगी जिससे कि सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं मुहैया कराई जा सके।
लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि बुनियादी ढांचा और निवेश बजट विषय ‘ट्रांसफॉर्म इंडिया’ का पांचवां सहायक स्तंभ है। 2016-17 में सड़क और रेलवे के परिव्यय पर कुल 2,18,000 करोड़ रुपये का व्यय होगा। सड़क निर्माण की प्रक्रिया को तेज बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 27,000 करोड़ रुपये के आवंटन और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग के लिए 55,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। अन्य 15,000 करोड़ रुपये बॉन्ड के जरिए एनएचएआई द्वारा लगाए जाएंगे। रेलवे के पूंजीगत व्यय के लिए 1,21,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है।
श्री जेटली ने यह घोषणा भी की कि 2016-17 में तकरीबन 10,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भी मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त करीब 50,000 किलोमीटर के राज्य राजमार्गों को भी राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जाएगा। बजटीय अनुमान 2016-17 में बुनियादी ढांचा के लिए कुल 2,21,246 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार मोटर वाहन अधिनियम में आवश्यक संशोधन करेगी और यात्री सड़क-परिवहन क्षेत्रों को यात्री खंड में खोलेगी। राज्यों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें उन्हें नए विधिक ढांचे को अपनाने का विकल्प दिया जाएगा। उद्यमी कार्यदक्षता और सुरक्षा मानदंडों का पालन कर विभिन्न मार्गों पर बसें चला सकेंगे। इससे गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होगा तथा नए निवेश, रोजगार पैदा करने तथा स्टार्ट–अप उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा।
वित्तमंत्री ने कहा, ‘’हम देश के पूर्वी और पश्चिमी तट में नए ग्रीनफील्ड बंदरगाह विकसित करने की योजना बना रहे हैं। राष्ट्रीय जलमार्ग के कार्य में तेजी लाई जा रही है और इस पहल के लिए 800 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।’’ नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा असेवित और अल्पसेवित विमानपत्तनों को दोबारा चालू किया जाएगा और इसके लिए राज्य सरकारों के साथ भागीदारी भी की जा रही है।
लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि बाजार स्वतंत्रता उपलब्ध कराकर तेल और गैस की खोज तथा कठिन क्षेत्रों में गैस के दोहन को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह एक प्रमुख सुधारात्मक उपाय है। आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के हिस्से के रूप में सरकार गहरे पानी, अति गहरे पानी और उच्च दबाव तथा उच्च ताप वाले क्षेत्रों में ऐसे गैस उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर विचार कर रही है, जिनका उच्च लागत और उच्च जोखिम के चलते दोहन नहीं किया जा रहा है । विद्युत क्षेत्र में सरकार परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अगले 15 से 20 वर्षों में निवेश बढ़ाने के लिए व्यापक योजना तैयार कर रही है। इस उद्देश्य के लिए सार्वजनिक क्षेत्र से निवेश के साथ ही आवश्यक निवेश हेतु प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार एनएचएआई, पीएफसी, आरईसी, आईआरईडीए, नाबार्ड और अंतर्देशीय जल प्राधिकरण के बॉन्ड जारी करके लगभग 31,300 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त राशि जुटाने की अनुमति देगी। बुनियादी ढांचा के अन्य क्षेत्र में सरकार ने पिछले दो दशकों में उच्च कोयला उत्पादन वृद्धि हासिल की है, जो कोयला उत्पादन में सर्वोत्तम क्षमता, ट्रांसमिशन लाइन और एलईडी बल्ब के वितरण में सबसे अधिक बढ़ोतरी है।
लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार के पास गरीबी और असमानता दूर करने के लिए कराधान प्रमुख साधन है और इसका सावधानीपूर्वक उपयोग करना होगा, लेकिन वे छोटे करदाताओं को राहत देना चाहते हैं।
इस प्रकार आयकर अधिनियम की धारा 87 – ए के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों पर कर का बोझ कम करने के लिए कर छूट की अधिकतम सीमा 2000 से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे दो करोड़ से अधिक करदाताओं को 3000 रुपये की राहत मिलेगी। धारा 80 जीजी के अंतर्गत मकान किराए के भुगतान के संबंध में कटौती की सीमा 24000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 60000 रुपये प्रतिवर्ष की गई है, जिससे किराए के मकानों में रहने वाले व्यक्तियों को राहत मिलेगी।
आयकर अधिनियम की धारा 44 एडी के अंतर्गत अनुमानित कराधान योजना के तहत टर्नओवर या सकल प्राप्तियों को मौजूदा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की गई है, जिसका लाभ लगभग 33 लाख छोटे व्यवसायियों को मिलेगा। इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) श्रेणी के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों को विस्तृत बही खातों के रख-रखाव और उनकी लेखा परीक्षा कराने के बोझ से मुक्ति मिलेगी।
अनुमानित कराधान योजना को ऐसे व्यवसायियों तक बढ़ाया जाएगा, जिनकी अनुमानित 50 प्रतिशत की प्राप्तियों के साथ सकल प्राप्तियां 50 लाख रुपये की हैं।
लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि मुकदमेबाजी किसी भी कर अनुकूल प्रणाली के लिए नुकसानदायक होती है और अविश्वास का माहौल पैदा करती है। मुकदमेबाजी से करदाताओं की अनुपालन लागत और सरकार की प्रशासनिक लागत भी बढ़ती है। प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष कर संबंधी लगभग 3 लाख मामले लंबित पड़े हैं, जिनकी विवादित राशि 5.5 लाख करोड़ रुपये है। इनकी संख्या को कम करने के उद्देश्य से नई विवाद निपटान योजना (डीआरएस) का शुभारंभ किया गया है। विवाद निपटान योजना की विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
• कोई करदाता, जिसकी आज की तारीख में आयुक्त (अपील) के समक्ष कोई अपील लंबित है, वह निर्धारण तिथि तक विवादित कर तथा ब्याज का भुगतान करके अपने मामले का निपटान कर सकता है।
• 10 लाख रुपये तक के विवादित आयकर के मामलों में कोई आर्थिक दंड नहीं लगाया जाएगा।
• 10 लाख रुपये से अधिक के विवादित कर के मामलों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के लिए न्यूनतम अर्थदंड का केवल 25 प्रतिशत दंड लगाया जाएगा।
• अर्थदंड के आदेश के विरुद्ध किसी भी लंबित अपील को न्यूनतम अर्थदंड का 25 प्रतिशत का भुगतान करके निपटाया जा सकता है।
• विशिष्ट अधिनियमों के अंतर्गत जिन व्यक्तियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनके साथ कुछ श्रेणी के व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
सरकार पूर्व प्रभाव से नई करदेयता सृजित नहीं करेगी, यह आश्वासन देते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने स्थिर और सरल कर प्रणाली की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने पूर्व प्रभावी संशोधन के तहत चल रहे मामलों को एक बार में निपटाने के लिए ‘विवाद निपटान योजना’ का प्रस्ताव रखा, जिसमें अगर कोई बीआईपीए सहित किसी न्यायालय अथवा अधिकरण में लंबित मामले या किसी मध्यस्थता में कार्रवाई को वापस लेने पर सहमति व्यक्त करें तो वह केवल बकाया कर का भुगतान कर अपना मामला निपटा सकता है। श्री जेटली ने आर्थिक अपराधों की विभिन्न श्रेणियों के साथ दंड की राशि का निर्धारण करके संपूर्ण दंड प्रणाली में संशोधन करने और इस प्रकार कर अधिकारियों के अधिकारों को काफी हद तक कम करने का प्रस्ताव किया। अब आय को कम दर्शाने के मामले में कर का 50 प्रतिशत और तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के मामले में कर का 200 प्रतिशत अर्थदंड दर होगी। कर अदा किया गया हो और अपील दायर नहीं की गई हो, ऐसी विशेष परिस्थितियों में दंड माफी का भी प्रस्ताव किया गया है।
दूसरा मुद्दा जिसके कारण विवादों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, वह है आयकर अधिनियम की धारा 14 ए के तहत छूट प्राप्त आय से संबंधित व्यय की अस्वीकृति की संख्या। इसलिए नियम 8 डी को तर्कसंगत बनाने का भी प्रस्ताव किया गया है।
लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि अनुपालन विंडो में 45 प्रतिशत कर का भुगतान कर अघोषित आय घोषित करने की योजना का प्रस्ताव रखा।
श्री जेटली ने अघोषित आय या परिसंपत्ति के रूप में प्रस्तुत आय घोषित करने के लिए घरेलू करदाताओं हेतु सीमित अवधि अनुपालन विंडो का प्रस्ताव किया। इसमें 30 प्रतिशत की दर से कर और 7.5 प्रतिशत की दर से अधिभार तथा 7.5 प्रतिशत की दर से दंड शामिल है, जो अघोषित आय का कुल 45 प्रतिशत होता है। आयकर अधिनियम अथवा संपत्ति कर अधिनियम के तहत इन विवरणों में घोषित आय के संबंध में कोई छान-बीन या जांच नहीं होगी और घोषणा करने वाला अभियोजन से मुक्त होगा। शर्तों के अधीन बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम 1988 से भी छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
अघोषित आय का 7.5 प्रतिशत की दर पर लगाए गए अधिभार को ‘कृषि कल्याण अधिभार’ कहा जाएगा, जिसका कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए उपयोग किया जाएगा। भारत सरकार की 1 जून से 30 सितंबर 2016 तक चलने वाली इस आय खुलासा योजना के तहत, घोषणा के दो महीने के अंदर देय राशि अदा करने के विकल्प के साथ नई विंडो खोलने की योजना है।
श्री जेटली ने भारत सरकार की अर्थव्यवस्था से कालाधन हटाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार छिपाई गई आय घोषित करने का अवसर देने के बाद वे कालाधन रखने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने के लिए समस्त संसाधन लगा देंगे।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि सीमा एवं उत्पाद शुल्क से जुड़ा ढांचा ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की दिशा में घरेलू मूल्यवर्धन को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अनेक खास कच्चे माल, मध्यवर्ती वस्तुओं एवं कलपुर्जों और कुछ अन्य विशेष वस्तुओं पर देय सीमा एवं उत्पाद शुल्क में उपयुक्त बदलाव करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने का प्रस्ताव किया है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू उद्योग की लागत घटाई जा सके और प्रतिस्पर्धी क्षमता बेहतर की जा सके। इन क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर, पूंजीगत सामान, रक्षा उत्पादन, कपड़ा, खनिज ईंधन एवं खनिज तेल, रसायन व पेट्रोरसायन, कागज, पेपरबोर्ड व न्यूजप्रिंट, विमानों का रख-रखाव व मरम्मत, जहाज मरम्मत इत्यादि शामिल हैं।
आम बजट 2016-17 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी और गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती मनाने के लिए 100-100 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि देश अपनी आजादी की 70वीं सालगिरह भी मनायेगा। सरकार आजादी की 70वीं सालगिरह के बाद राष्ट्र की यात्रा के लिए प्रमुख पड़ाव तय करेगी।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने कर प्रशासन सुधार समिति की अनेक सिफारिशों को पहले ही स्वीकार कर लिया है। उन्होंने बजट 2016-17 में न्यायमूर्ति ईश्वर समिति की कई सिफारिशों को स्वीकार करने का भी प्रस्ताव किया।
करों की बहुलता, इससे जुड़े प्रतिकूल असर और संग्रह की लागत घटाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों द्वारा लागू किये गये उन 13 उपकरों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है, जिनमें वार्षिक राजस्व संग्रह 50 करोड़ रुपये से भी कम रहता है।
आयकर के टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने के उपायों का प्रस्ताव किया गया है, ताकि उन छोटे करदाताओं के पास नकदी प्रवाह की स्थिति सुधर सके जिनकी राशि मौजूदा टीडीएस प्रावधानों के कारण अटक जाती है।
कंपनी अधिनियम 2013 में संशोधन के लिए संसद के वर्तमान बजट सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा। लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे कारोबार करने में कठिनाईयां और रुकावटें दूर होंगी। इस विधेयक से स्टार्ट-अप्स के लिए माहौल बनेगा। कंपनियों का पंजीकरण भी एक दिन में ही किया जाएगा।
एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में राज्यों और जिलों को जोड़ने के लिए ‘’एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भाषा, व्यापार, संस्कृति, यात्रा और पर्यटन के क्षेत्रों में आदान-प्रदान के माध्यम से लोगों को जोड़ना है। लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि एक दूसरे की समझ को मजबूत बनाने के लिए, एक ढांचागत तरीके से राज्यों और जिलों के बीच करीबी संबंध बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
बाजार हस्तक्षेपों की सहायता हेतु मूल्य स्थिरीकरण कोष के रूप में 900 करोड़ रुपए की निधि प्रदान की गयी है। लोकसभा में आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं के मूल्य की निगरानी बेहतर शासन का एक प्रमुख घटक है। दालों के मूल्यों में वृद्धि की समस्या से निपटने के लिए बहुत से उपाय अपनाए गये हैं। सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष के माध्यम से बाजार मूल्य पर और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के माध्यम से दालों के अतिरिक्त भंडारण को स्वीकृति दे दी है।
सरकार ने अगले दो वर्षों में शेष जिलों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार का ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत बड़ा आवंटन किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि विश्वस्तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्थानों के तौर पर उभरने में सहायता देने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों को सशक्त बनाना सरकार की वचनबद्धता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 10 सार्वजनिक एवं 10 निजी संस्थाओं को एक समर्थकारी विनियामक संरचना उपलब्ध करायी जाएगी।
अपने बजट भाषण में श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये के आरंभिक पूंजी आधार के साथ उच्च वित्तपोषण एजेंसी (हेफा) स्थापित करने का फैसला किया है।
सरकार ने देश भर में देश भर में 15,00 बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना का फैसला किया है, इसके लिए वर्ष 2016-17 के आम बजट में 17,00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से उद्यमिता को युवाओं के द्वार पर लाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘’स्किल इंडिया मिशन’’ का उद्देश्य मानव आबादी का लाभ उठाना है। राष्ट्रीय कौशल विकास अभियान की शुरूआत से ही एक विस्तृत कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया गया है और इसके तहत 76 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत और शिक्षाविदों की भागीदारी से एक राष्ट्रीय कौशल विकास प्रमाणन बोर्ड की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। श्री जेटली ने अगले तीन वर्षों में एक करोड़ युवाओं को कुशल बनाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को और अधिक उन्नत बनाने का प्रस्ताव भी किया।
वित्त मंत्री ने उद्यमिता, शिक्षा और प्रशिक्षण को व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यमों से 2200 महाविद्यालयों, 300 विद्यालयों, 500 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों तक 50 व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों में प्रदान किया जाएगा। उद्यमी बनाने की आकांक्षा रखने वाले व्यक्तियों, खासकर देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए व्यक्तियों को मार्गदर्शकों और ऋण बाजारों से जोड़ा जाएगा।
श्री जेटली ने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में नए रोजगार के सृजन की गति में तेजी लाने के उद्देश्य से भारत सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में नामांकन कराने वाले सभी नए कर्मचारियों के लिए उनकी नियुक्ति की तारीख से शुरूआती तीन वर्षों के लिए 8.33 प्रतिशत के हिसाब से कर्मचारी पेंशन योजना अंशदान का योगदान करेगी। यह स्कीम 15,000 रुपये प्रति माह तक वेतनभोगियों पर भी लागू की जाएगी। वित्त मंत्री ने इस योजना के लिए बजट में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
वित्त विधेयक 2016 में आयकर अधिनियम की धारा 80 जे जे ए ए के अधीन उपलब्ध रोजगार सृजन प्रोत्साहन का दायरा और अधिक व्यापक तथा उदार बनाने का भी प्रस्ताव किया गया है।
श्री जेटली ने कहा कि जुलाई 2015 में एक राष्ट्रीय करियर सेवा भी प्रारम्भ की गयी थी। रोजगार पाने की इच्छा रखने वाले 35 मिलियन से अधिक लोग पहले से ही इस सेवा में पंजीकरण करवा चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2016-17 के अंत तक 100 मॉडल करियर केंद्रों को संचालन योग्य बनाने का प्रस्ताव किया। श्री जेटली ने राज्य के रोजगार कार्यालयों को राष्ट्रीय करियर सेवा प्लेटफॉर्म से जोड़ने का भी प्रावधान किया।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश करते हुए कहा कि पेंशन स्कीमें वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा की पेशकश करती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) के मामले में सेवानिवृत्ति के समय संबंधित निधि के 40 प्रतिशत तक की निकासी को कर मुक्त करने का प्रस्ताव किया है। इसी तरह अधिवर्षिता निधियों और ईपीएफ सहित मान्यता प्राप्त भविष्य निधियों के मामले में, 01 अप्रैल 2016 के बाद किये जाने वाले अंशदानों से सृजित निधि के संबंध में भी निधि के 40 प्रतिशत के कर मुक्त होने का समान मानदण्ड लागू होगा। इसके अतिरिक्त, पेंशनभोगी की मृत्यु के पश्चात उसके कानूनी उत्तराधिकारी को मिलने वाली वार्षिकी निधि इन तीनों ही मामलों में कर योग्य नहीं मानी जाएगी।
उन्होंने कर छूट का लाभ लेने के लिए मान्यता प्राप्त भविष्य और अधिवर्षिता निधियों में नियोक्ता के अंशदान की मौद्रिक सीमा को प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव किया है।
उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली वार्षिकी (एन्यूटी) सेवाओं और ईपीएफओ द्वारा कर्मचारियों को मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं को सेवा कर से छूट देने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा, उन्होंने कुछ मामलों में एकल प्रीमियम वार्षिकी (बीमा) पॉलिसियों पर सेवा कर को अदा किये गये प्रीमियम के 3.5 प्रतिशत से घटाकर 1.4 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आम बजट में कर प्रस्तावों की घोषणा करते हुए कहा कि इन प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास के जरिये रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन देना, पेंशन-प्राप्त समाज की दिशा में बढ़ने के उपायों और किफायती मकानों को बढ़ावा देना भी कर प्रस्तावों के मुख्य उद्देश्य हैं।
आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को नई गति प्रदान करने के लिए किये गये प्रावधानों में अप्रैल 2016 से लेकर मार्च 2019 के दौरान अपना परिचालन आरंभ करने वाले स्टार्टअप्स को कुल पांच वर्षों में से तीन वर्षों तक अर्जित किये जाने वाले मुनाफे पर कुछ शर्तों के साथ 100 प्रतिशत कर कटौती का लाभ देना भी शामिल है। इसी तरह नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पेटेंटों के संबंध में एक विशेष व्यवस्था शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है जिसके अंतर्गत भारत में विकसित एवं पंजीकृत किये जाने वाले पेटेंटों के विश्वव्यापी उपयोग से अर्जित आय पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जायेगा।
गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान डूबे हुए और संदेहास्पद ऋणों के प्रावधान के संबंध में अपनी आय के पांच प्रतिशत तक की कटौती करने के पात्र होंगे। अपेक्षाकृत छोटे उद्यमों अर्थात ऐसी कंपनियों जिनका टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से अधिक न हो (मार्च 2015 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान), के लिए आगामी वित्त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट आयकर की दर को घटाकर 29 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके अलावा अधिभार और उपकर भी देना होगा। 01 मार्च, 2016 अथवा इसके बाद निगमित की जाने वाली नई विनिर्माण कंपनियों को अधिभार एवं उपकर के अलावा 25 प्रतिशत की दर से टैक्स अदायगी का विकल्प देने का प्रस्ताव किया गया है, बशर्ते कि वे मुनाफे अथवा निवेश से जुड़ी कर कटौती का दावा न करें और निवेश भत्ते एवं त्वरित अवमूल्यन का लाभ न उठाती हों।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के पैनल में शामिल मूल्यांकन निकायों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं को सेवा कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
विदेशी कंपनी के प्रभावी प्रबंधन स्थान (पीओईएम) के आधार पर रेजीडेंसी के निर्धारण को एक वर्ष टाल दिया गया है।
परिसम्पत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) जो डूबे हुए ऋणों के मसले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाती हैं, में और ज्यादा निवेश आकर्षित करने के लिए एआरसी के न्यासों सहित प्रतिभूतिकरण न्यासों को आयकर के जरिये पूर्ण अंतरण का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत न्यास के बजाय निवेशकों को ही आमदनी पर टैक्स अदा करना होगा।
वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स की दर को एक समयावधि के दौरान 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की कर रियायतों को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने की एक योजना का भी उल्लेख किया है। इस योजना की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
क) आयकर अधिनियम में उल्लिखित त्वरित अवमूल्यन को 01 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 40 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जायेगा।
ख) अनुसंधान कार्यों पर कर कटौतियों के लाभ को 01 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 150 प्रतिशत तक और 01 अप्रैल, 2020 से अधिकतम 100 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जायेगा।
ग) नई एसईजेड इकाइयों को धारा 10एए के तहत मिलने वाला लाभ केवल उन्हीं इकाइयों को प्रदान किया जायेगा जो 31 मार्च, 2020 से पहले कार्य करना आरंभ कर देंगी।
घ) कौशल विकास के लिए धारा 35सीसीडी के तहत भारित कटौतियां 01 अप्रैल, 2020 तक जारी रहेंगी।
वित्त मंत्री के कर प्रस्तावों के अन्य उद्देश्य ये हैं- कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्वच्छ पर्यावरण के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना, जवाबदेही तय करने के लिए तकनीक का उपयोग करना, कराधान को सरल एवं तर्कसंगत बनाना और कराधान में निश्चिंतता सुनिश्चित करने के लिए मुकदमेबाजी में कमी करना।
स्त्रोत: पत्र सूचना कार्यालय
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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