खूँटी प्रखण्ड जिला मुख्यालय में ही अवस्थित आदिवासी बहुल प्रखण्ड है। खूँटी प्रखंड के उत्तर में राँची जिला, दक्षिण में मुरहू प्रखंड, पश्चिम में कर्रा प्रखंड तथा पूरब में अड़की प्रखंड अवस्थित है। प्रखण्ड अन्तर्गत कुल 12 पंचायत एवं 159 राजस्व ग्राम हैं। प्रखंड की कुल आबादी 87681 है, जिनमें से पुरूषों की संख्या 43753 एवं महिलाओं की संख्या 43928 है। इस प्रखंड अन्तर्गत बिरसा मृग विहार कालामाटी, अंगराबारी शिव मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं। यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती करना है, जिसके अन्तर्गत धान, मड़ुवा, उरद, सरगुजा इत्यादि खरीफ फसल की खेती की जाती है। साथ ही लाह की भी खेती बेर एवं कुसुम के पेड़ में की जाती है।
खूंटी पंचायत में कुल 12 प्रखंड हैं :
प्रखंड का नाम |
कुल जनसँख्या |
पुरुष |
महिला |
कुल राजस्व ग्राम |
पंचायत |
खूंटी |
87681 |
43753 |
43928 |
159 |
12 |
खूंटी, जिला मुख्यालय में ही अवस्थित झारखण्ड का एक जिला है । यह उन 24 जिलों में एक से है, जो दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के अन्दर झारखण्ड राज्य में पड़ते है। खूंटी जिले का निर्माण 12 सितम्बर, 2007 में रांची जिले के कुछ भाग से किया गया था। जनगणना 2011 के अनुसार यह जिला झारखण्ड के सभी जिलों में सबसे कम जनसँख्या में द्वितीय स्थान पर, लोहरदगा जिले के बाद आता है। यह जिला अभी नक्सली गतिविधियों के कारण अशांत है, किन्तु राज्य सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। इस जिले में एक गाँव है उलीहातू, जो झारखण्ड के ‘धरती आबा’, भवन बिरसा मुंडा का पैतृक गाँव है।
खूंटी, झारखण्ड में अन्य सभी जिलों की तरह अपने आपसी सौहार्द और सहहृदयता के लिए जाने जाते है। यह जिला आदिवासी बहुल इलाका है जो अपने पर्यावरण की रक्षा करने में अव्वल माने जाते है। हालाकिं, आदिवासियों की स्थिति यहाँ बहुत अच्छी नहीं है, जहाँ उन्हें जीवन की जरूरतों के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
खूंटी पर्यायवाची है आन्दोलन का, उन शहीदों के त्याग और निष्ठा का जिन्होंने इस जिले को इतिहास में शामिल कर दिया था, सन 1875 के बिरसा आन्दोलन के दौरान। उस समय रांची जिला चार मुख्य प्रशासनिक सब डिविज़न में बांटा हुआ है, मुख्यतः सदर, गुमला (1902), खूंटी (1905) और सिमडेगा (1915)।
खूंटी प्रसिद्ध है झारखण्ड में सबसे ज्यादा लाह की खेती करने के लिए; जो देश के कुल लाह की खेती का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। लाह एक प्राकृतिक पॉलीमर यानि रेसिन है जो एक छोटे से कीड़े केरिया लाक्का या केर्र से प्राप्त किया जाता है। इस कीड़े को मुख्यतः इसी कार्य के लिए पलाश, कुसुम और बेर के डाली पर पाला पोसा जाता है। यह खेती इस जिले के लोगों के लिए कमाई का एक दूसरा जरिया भी है, जिस बहुत सारे आदिवासियों ने सरकार और कई स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से अपनाया भी है।
मुंडारी यहाँ के 94 प्रतिशत मुंडा जाति के लोग बोलते है।
बिरहोर: यह बोली सिर्फ बिरहोर जाति के लोग ही बोलते है। अधिकतर जनसँख्या को हिंदी समझ में आती है। खडिया एक दूसरी भाषा है जो मुंडा परिवार का ही हिस्सा है, जिसपर आर्यन भाषाओं का बहुत प्रभाव पड़ा है।
कुडुख : यह भाषा द्रविड़ियन परिवार का हिस्सा है, जिसे उराँव जाति के लूग प्रमुखता से बोलते है।
नागपुरिया : यह भाषा पूर्वी मगही का ही एक प्रकार जो इस इलाके में प्रमुखता से बोला जाता है।
पंच परगनिया भाषा भी यहाँ बोली जाती है; खासकर बूंदा और सोनाहातु जैसे इलाकों में जो बंगाली संस्कृति से प्रभावित है।
किन्तु, देवनागरी लिपि सबसे ज्यादा प्रचलित है जो शिक्षा देने का माध्यम भी है और सरकारी और गैर सरकारी कार्यों में इस्तेमाल की जाती है।
इस जिलें में 747 प्राथमिक विद्यालय है, 188 मध्य विद्यालय है, 43 उच्च विद्यालय और 3 कॉलेज है। इसके अलावा :-
कुल सरकारी विद्यालय |
913 |
कुल प्राथमिक विद्यालय |
620 |
कुल मध्य विद्यालय |
258 |
कुल उच्च विद्यालय |
35 |
कुल प्रोजेक्ट विद्यालय |
1 |
कुल संस्कृत विद्यालय |
0 |
कुल मदरसा विद्यालय |
0 |
कुल कस्तूरबा विद्यालय |
5 |
कुल मॉडल विद्यालय |
3 |
कुल अल्पसंख्यक विद्यालय |
125 ( पीएस - 79; एमएस - 36; एचएस – 10) |
यह जिला 23 लगभग 23 डिग्री 04'19’’ उत्तर एवं 25 डिग्री 21'49’’पूर्व में दक्षिणी झारखण्ड में अवस्थित है। यह जिला उत्तर में रांची और गुमला से सटा हुआ है; वहीँ दक्षिण के जिले चाईबासा और सराइकेला है; तो रांची और सराइकेला खूंटी के पूर्व में पड़ते है और गुमला और सिमडेगा पश्चिम में।
खूंटी जिले में कितने ब्लाक, पंचायत और गाँव है, इसकी जानकारी यहाँ दी गयी है।
सब डिवीज़न |
ब्लाक |
पंचायत |
गाँव |
||
खूंटी |
बसे हुए गाँव |
निर्जन गाँव |
कुल संख्या |
||
रनियाँ |
7 |
66 |
1 |
67 |
|
मुरहू |
16 |
141 |
0 |
141 |
|
तोरपा |
16 |
95 |
0 |
95 |
|
कर्रा |
19 |
178 |
0 |
178 |
|
खूंटी |
12 |
158 |
1 |
159 |
|
अड़की |
16 |
127 |
1 |
128 |
|
कुल संख्या |
86 |
765 |
3 |
768 |
जनगणना 2011 के मुताबिक, इस जिले की कुल जनसँख्या 5.298 लाख है; जिसमें से पुरुषों की संख्या 2.65 लाख और महिलाओं की संख्या 2.64 लाख है। ग्रामीण जनसँख्या 5,29,882 और शहरी जनसँख्या 36,329 है; वहीँ हर हज़ार पुरुष पर यहाँ 994 महिलाएं है।
कुल जनसँख्या – ब्लाक स्तर पर (जनगणना 2011 के मुताबिक)
जिले का नाम |
कुल जनसँख्या |
पुरुष |
महिला |
कुल राजस्व वाले गाँव |
कुल पंचायत |
1 |
2 |
3 |
4 |
7 |
8 |
खूंटी |
529882 |
265521 |
264360 |
768 |
86 |
कुल जनसँख्या – ब्लाक स्तर पर (जनगणना 2011 के मुताबिक) |
|||||
कर्रा |
109526 |
54891 |
54635 |
178 |
19 |
तोरपा |
93705 |
46741 |
46963 |
95 |
16 |
रनियाँ |
39481 |
19609 |
19872 |
67 |
7 |
मुरहू |
84908 |
42697 |
42211 |
141 |
16 |
खूंटी |
87681 |
43753 |
43928 |
159 |
12 |
अड़की |
78252 |
39330 |
38922 |
128 |
16 |
कुल |
493553 |
247021 |
246531 |
768 |
86 |
कुल शहरी जनसँख्या क्षेत्र |
|||||
NAC खूंटी |
36329 |
18500 |
17829 |
16 वार्ड |
|
ब्लाक |
घरों की संख्या |
बीपीएल |
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
कर्रा |
21463 |
12483 |
2 |
तोरपा |
17243 |
6956 |
3 |
रनियाँ |
7828 |
4367 |
4 |
मुरहू |
16020 |
8499 |
5 |
खूंटी |
24408 |
8772 |
6 |
अड़की |
16595 |
6092 |
कुल |
103557 |
41077 |
विभिन्न भाग |
संख्या |
बीपीएल कार्ड धारी (लाल कार्ड) |
39015 |
अंत्योदय कार्ड |
31021 |
अतिरिक्त बीपीएल लाभार्थी |
6502 |
एपीएल कार्ड |
17551 |
आदिम जनजाति परिवार |
17 |
अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत शामिल परिवार |
252 |
पुरुष |
महिला |
सभी |
78.45 |
56.21 |
67.63 |
|
खूंटी जिले के प्रखंडों में साक्षरता दर |
||
|
पुरुष साक्षरता प्रतिशत प्रखंड में |
महिला साक्षरता प्रतिशत प्रखंड में |
अनुसूचित जनजाति जनसँख्या का प्रतिशत |
कर्रा |
62.9 |
36.7 |
71.6 |
तोरपा |
71.1 |
48.2 |
72.4 |
रनियाँ |
65.3 |
40.1 |
68.7 |
मुरहू |
62.2 |
37.5 |
80.6 |
खूंटी |
60.1 |
30.7 |
75.4 |
अड़की |
54.3 |
23.3 |
79.1 |
मुरहू प्रखण्ड जिला मुख्यालय से दक्षिण दिशा में 12 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। मुरहू प्रखंड के उत्तर में खूँटी प्रखण्ड, दक्षिण में बन्दगांव प्रखंड (पश्चिम सिंहभूम), पश्चिम में तोरपा प्रखंड तथा पूरब में अड़की प्रखंड अवस्थित है। प्रखण्ड अन्तर्गत कुल 16 पंचायत एवं 141 राजस्व ग्राम हैं। प्रखंड की कुल आबादी 84908 है, जिनमें से पुरूषों की संख्या 42697 एवं महिलाओं की संख्या 42211 है। इस प्रखंड अन्तर्गत पंचघाघ जलप्रपात, पंगुरा जलप्रपात, रानी जलप्रपात, डोम्बारी बुरू, सरवदा जी.एल. चर्च आदि दर्शनीय स्थल हैं। यहां के लोगों का मुख्य पेषा खेती करना है, जिसके अन्तर्गत धान, मड़ुवा, उरद, सरगुजा इत्यादि खरीब फसल की खेती की जाती है। साथ ही लाह की भी खेती बेर एवं कुसुम के पेड़ में की जाती है।
मुरहू प्रखंड में कुल 16 पंचायत है।
प्रखंड का नाम |
कुल जनसँख्या |
पुरुष |
महिला |
कुल राजस्व ग्राम |
पंचायत |
मुरहू |
84908 |
42697 |
42211 |
141 |
16 |
अड़की प्रखण्ड जिला मुख्यालय से पूर्व दिशा में 38 किलो मीटर की दूरी पर अवस्थित आदिवासी बहुल प्रखण्ड है। अड़की प्रखंड के उत्तर में बुण्डू प्रखंड (राँची जिला), दक्षिण में कुचई प्रखंड (सरायकेला-खरसावां), पश्चिम में खूँटी प्रखंड तथा पूरब में तमाड़ प्रखंड अवस्थित है। प्रखण्ड अन्तर्गत कुल 16 पंचायत एवं 128 राजस्व ग्राम हैं। प्रखंड की कुल आबादी 78252 है, जिनमें से पुरूषों की संख्या 39330 एवं महिलाओं की संख्या 38922 है। इस प्रखंड अन्तर्गत भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म-स्थली उलीहातू जैसे दर्शनीय स्थल हैं। यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती करना है, जिसके अन्तर्गत धान, मड़ुवा, उरद, सरगुजा इत्यादि खरीब फसल की खेती की जाती है। साथ ही लाह की भी खेती बेर एवं कुसुम के पेड़ में की जाती है।
प्रखंड का नाम |
कुल जनसँख्या |
पुरुष |
महिला |
कुल राजस्व ग्राम |
पंचायत |
अड़की |
78252 |
39330 |
38922 |
128 |
16 |
अड़की प्रखंड में कुल 16 पंचायत है।
कर्रा प्रखण्ड जिला मुख्यालय से 19 किली मीटर की दूरी पर अवस्थित है। कर्रा प्रखंड के उत्तर में राँची जिला, दक्षिण में तोरपा प्रखंड, पश्चिम में बेड़ो प्रखंड (राँची जिला) तथा पूरब में खूँटी प्रखंड अवस्थित है। प्रखण्ड अन्तर्गत कुल 19 पंचायत एवं 178 राजस्व ग्राम हैं। प्रखंड की कुल आबादी 109526 है, जिनमें से पुरूषों की संख्या 54891 एवं महिलाओं की संख्या 54635 है। इस प्रखंड अन्तर्गत जरिया किला, सरदुल्ला डैम आदि दर्शनीय स्थल हैं। यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती करना है, जिसके अन्तर्गत धान, मड़ुवा, उरद, सरगुजा इत्यादि खरीब फसल की खेती की जाती है।
प्रखंड का नाम |
कुल जनसँख्या |
पुरुष |
महिला |
कुल राजस्व ग्राम |
पंचायत |
कर्रा |
109526 |
54891 |
54635 |
178 |
19 |
कर्रा प्रखंड में कुल 19 पंचायत है।
तोरपा प्रखण्ड जिला मुख्यालय से 36 किलो मीटर की दूरी पर अवस्थित है। तोरपा प्रखंड के उत्तर में कर्रा प्रखंड, दक्षिण में रनियाँ प्रखंड, पश्चिम में कामडारा प्रखंड (गुमला जिला) तथा पूरब में मुरहू प्रखंड अवस्थित है। प्रखण्ड अन्तर्गत कुल 16 पंचायत एवं 95 राजस्व ग्राम हैं। प्रखंड की कुल आबादी 93705 है, जिनमें से पुरूषों की संख्या 46741 एवं महिलाओं की संख्या 46963 है। इस प्रखंड अन्तर्गत पेरवां घाघ जलप्रपात जैसे दर्शनीय स्थल हैं। यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती करना है, जिसके अन्तर्गत धान, मड़ुवा, उरद, सरगुजा इत्यादि खरीब फसल की खेती की जाती है। साथ ही लाह की भी खेती बेर, पलास एवं कुसुम के पेड़ में की जाती है।
प्रखंड का नाम |
कुल जनसँख्या |
पुरुष |
महिला |
कुल राजस्व ग्राम |
पंचायत |
तोरपा |
93705 |
46741 |
46963 |
95 |
16 |
तोरपा प्रखंड में कुल 16 पंचायत है।
रनियाँ प्रखण्ड जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलो मीटर की दूरी पर अवस्थित सुदूरवर्ती प्रखंड है। रनियाँ प्रखंड के उत्तर में कामडारा प्रखंड (गुमला जिला), दक्षिण में मनोहरपुर प्रखंड (पश्चिम सिंहभूम), पश्चिम में बानो प्रखंड (सिमडेगा जिला) तथा पूरब में तोरपा प्रखंड अवस्थित है। प्रखण्ड अन्तर्गत कुल 07 पंचायत एवं 67 राजस्व ग्राम हैं। प्रखंड की कुल आबादी 39481 है, जिनमें से पुरूषों की संख्या 19609 एवं महिलाओं की संख्या 19872 है। यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती करना है, जिसके अन्तर्गत धान, मड़ुवा, उरद, सरगुजा इत्यादि खरीब फसल की खेती की जाती है। साथ ही लाह की भी खेती बेर एवं कुसुम के पेड़ में की जाती है।
प्रखंड का नाम |
कुल जनसँख्या |
पुरुष |
महिला |
कुल राजस्व ग्राम |
पंचायत |
रनियाँ |
39481 |
19609 |
19872 |
67 |
7 |
रनियाँ प्रखंड में कुल 7 पंचायत है।
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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