नागरिक जो विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में हैं कानूनी अधिकारों के बारे में नहीं जानते हैं जो कि संविधान ने प्रदान किया है। इसके परिणामस्वरूप वे विभिन्न कानूनी मामलों में फंस गए हैं और वे इस बात से अवगत नहीं हैं कि किसके मामले पर चर्चा की गई है।
अधिकांश वकील शहर या कस्बों में आधारित हैं । ग्रामीण नागरिकों के पास यात्रा करने के लिए ज्यादा संसाधन नहीं हैं यहां तक कि अगर वे वकील से सलाह लेते हैं तो उन्हें बहुत पैसे खर्च करने पडते हैं। इस प्रकार अंतर को कम करने और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए सीएससी एसपीवी ने भारत भर में फैली सीएससी के मंच के माध्यम से ई-लीगल सर्विस नामक एक नई सेवा शुरू की है।
यह सेवा नागरिकों को कानूनी परामर्श प्रदान करने का प्रयास करती है हालांकि सीएससी ग्रामीण इलाकों में अपने दरवाजे पर मौजूद हैं। यह सेवा डिजिटल सेवा पोर्टल के माध्यम से लाइव की जाती है।
इस सेवा का लाभ उठाने के लिए वीएलई सेवा पर जाकर शिक्षा पर क्लिक करके "ई लीगल सेवाएं" पर क्लिक करने की जरूरत है।
इस सेवा का लाभ उठाने के लिए वीएलई सेवा पर जाकर शिक्षा पर क्लिक करके "ई लीगल सेवाएं" पर क्लिक करने की जरूरत है।
सेवा का लाभ लेने के लिए नागरिकों को प्रति मामले पर 115/- रुपये का भुगतान करना पड़ता है। अधिक जानकारी के लिए http://cscelegal.in/consultancy पर लॉग इन करें।
स्रोत: कॉमन सर्विस सेंटर, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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