डीमैट का अर्थ है डीमटेरियलाइज्ड अकाउंट। यह एक बैंक खाते की तरह ही होता है, जिसके माध्यम से खाताधारी शेयर ट्रेडिंग (खरीद-बिक्री) करता है तथा उनके शेयर की जानकारी उस खाते में संरक्षित होती है।
किसी डीमैट खाते में शेयर तथा प्रतिभूति को वास्तविक सर्टिफिकेट के रूप में रखने की बजाय, इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है। डीमैट खाता, निवेशक द्वारा निवेश करवाने वाले ब्रोकर (सब-ब्रोकर) के साथ पंजीकरण करने के दौरान खोला जाता है। खाता खुलवाने के बाद आपको ब्रोकर या निक्षेपागार सहभागी (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट, डीपी) खाता संख्या तथा डीपी आईडी (DP ID) दी जाएगी, जिन्हें आप शेयर के इलेक्ट्रॉनिक निपटारा के लिए ब्रोकर के साथ सभी लेन-देन के लिए उल्लेख कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट का उपयोग करने के लिए इंटरनेट पासवर्ड तथा एक ट्रांजैक्शन पासवर्ड की आवश्यकता होती है, जिसके जरिए हस्तांतरण तथा प्रतिभूतियों की पुष्टि की जाती है। लेन-देन के पूरा होने पर डीमैट खाते में प्रतिभूतियों की खरीद तथा बिक्री स्वतः ही संपन्न हो जाती है।
भारतीय प्रतिभूति तथा विनियम बोर्ड (SEBI) ने सभी व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार या लोगों के समूह को शेयर अथवा शेयर बाजार में कोई अन्य निवेश करने के लिए एक वैध डीमैट खाता रखना अनिवार्य कर दिया है। डीमैट खाता, नेशनल सिक्यूरिटी डिपोजिटरी लिमिटेड (NSDL) या सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CDSL) के किसी निवेश ब्रोकर या सब-ब्रोकर के जरिए खुलवाया जा सकता है। एनएसडीएल (NSDL) तथा सीडीएसएल (CDSL) किसी को प्रत्यक्ष रूप से डीमैट खाता खोलने की इज़ाजत नहीं देता।
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP), निक्षेपागार (डिपोजिटरी) का एक एजेंट होता है जिसके माध्यम से वह डिपॉजिटरी निवेशक के साथ संपर्क स्थापित करता है तथा डिपोजिटरी सेवाएँ प्रदान करता है। भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से सार्वजनिक वित्तीय संस्थान, सूचीबद्ध व्यावसायिक बैंक, भारत में कार्यरत विदेशी बैंक, और सेबी द्वारा निर्धारित जरूरतों व निर्देशों का अनुपालन कर- गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी, राज्य वित्तीय निगम, कस्टोडियन, स्टॉक ब्रोकर, क्लियरिंग ऑपरेशन/ हाउस, शेयर ट्रांसफर एजेंट के रजिस्ट्रार डीपी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं। जहाँ बैंकिंग सेवाएँ बैंकों की विभिन्न शाखाओं से प्राप्त की जा सकती है वहीं डिपोजिटरी सेवाएँ डीपी के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। 30 सितम्बर, 2008 तक कुल 711 डीपी डीपी (266 एनएसडीएल के अंतर्गत व 445 सीएसडीएल) सेबी से साथ पंजीकृत थे।
प्रतिभूति रखने का सुरक्षित तथा आसान तरीका,
प्रतिभूतियों का त्वरित हस्तांतरण,
प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर कोई शुल्क नहीं, वास्तविक प्रमाणत्रों के जुड़े खतरे, जैसे क्षतिग्रस्त स्थिति में भेजना, नकली प्रतिभूति, विलम्ब तथा चोरी इत्यादि की समस्या से छुटकारा,
प्रतिभूतियों के हस्तांतरण में शामिल कागजी कार्रवाई से मुक्ति व हस्तांतरण व्यय में कमी,
पुराने लॉट की समस्या नहीं, यहाँ तक कि एक शेयर का भी ट्रेड किया जा सकता है,
नॉमिनेशन की सुविधा,
डीपी के साथ पंजीकृत कराये गये आवासीय पता में किसी प्रकार के परिवर्तन की स्थिति में वह सभी कंपनियों में अद्यतन हो जाता है। इसलिए, निवेशकों को कंपनियों से (जिनका शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उनके पास है) अलग-अलग संपर्क करने की ज़रूरत नहीं होती है,
प्रतिभूतियों का संचरण डीपी द्वारा किया जाता है जिससे कंपनियों से संपर्क करने की परेशानी से मुक्ति मिलती है,
बोनस/ विभाजन/ समायोजन/ विलय के स्थिति में प्राप्त शेयर सीधे खाताधारी के डीमैट अकाउंट में चला जाता है।
एक सिंगल अकाउंट में एक साथ ईक्वीटी तथा डेब्ट इंस्ट्रुमेंट में निवेश।
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आप किसी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) जो एनएसडीएल या सीएसडीएल के निवेश ब्रोकर या सब-ब्रोकर से संपर्क कर सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, कोटक सिक्युरिटीज लिमिटेड जैसे संस्थान डीपी के रूप में कार्य करते हैं। भारत में अधिकतर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक डीपी के रूप में कार्य करते हैं। इन बैंकों के अलावा देशभर में कई निज़ी वित्तीय संस्थान हैं जो डीपी के रूप में कार्य कर रहे हैं, जिनसे आप डीमैट खाते खुलवाने के लिए संपर्क कर सकते हैं। अपने शहर में डीपी की सूची का पता लगाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-:
एनएसडीएल के डीपी
सीएसडीएल के डीपी
इनमें से किसी भी डीपी की सहायता से आप डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं, जो आपके आवास से नजदीक हो और वहाँ आना-जाना आपके लिए सुविधाजनक हों। इन दिनों अधिकतर डीप अपने ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध करा रहे है। आप एक साथ, एक या एक से अधिक डीपी के साथ एक से अधिक डीमैट खाता खुलवा सकते हैं। सभी खातों के लिए निवेशक को अपने ग्राहक को जाने (KYC) नियमों का कड़ाई से अनुपालन करना चाहिए, जैसे सेबी द्वारा तय पते का प्रमाण पत्र, पहचानपत्र, पैन इत्यादि। डीमैट खाता खोलते वक्त निवेशक को अपना मूल पैन कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा।
अपने डीप से डीमैट अकाउंट खोलने की पुस्तिका प्राप्त करें,
आवेदन फॉर्म को अच्छी तरह से भरें और जरूरी प्रमाणपत्रों की छायाप्रति के साथ जमा करें,
आवेदन पत्र के साथ पैन कार्ड, पासपोर्ट आकार की फ़ोटो, पहचान पत्र तथा आवासीय पता के प्रमाण संलग्न करें,
आवेदक को अपने साथ में मूल प्रमाण-पत्र भी रखने चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर जमा किये प्रपत्रों का सत्यापन किया जा सके,
निवेशक को एक सुझाये गये डिपोजिटरी के डीपी के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए, जिसमें निवेशक तथा डीपी के अधिकारों तथा कर्तव्यों का विवरण दिया गया होता है,
डीपी द्वारा निवेशक को समझौता पत्र की एक प्रति तथा ली जानेवाली शुल्क का विवरण दिया जाता है,
डीपी, सिस्टम में डीमैट खाता खोलकर आवेदक को यूनिक खाता संख्या देता है, जिसे बीओ आईडी (BO ID, Beneficial Owner Identification number) भी कहा जाता है तथा भविष्य में किये जानेवाले सभी प्रकार के लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
पैन कार्ड
पासपोर्ट आकार की फ़ोटो
आवासीय पता प्रमाणपत्र
पहचानपत्र
बैंक खाता संख्या
पहचान पत्र के लिए निम्न में से किसी एक का इस्तेमाल किया जा सकता है:
पासपोर्ट
मतदाता पहचान पत्र
ड्राइविंग लाइसेंस
पैन कार्ड (फ़ोटो सहित)
केन्द्रीय/ राज्य सरकार या उनके विभागों द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ)
संवैधानिक या नियामक प्राधिकार द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ)
किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) द्वारा द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ)।
किसी सूचीबद्ध व्यावसायिक बैंक द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ)
सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ)
किसी कॉलेज (यदि आवेदक छात्र हों) द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ)।
आईसीएआई, आईसीडब्ल्यूएआई, आईसीएसआई, बार काउंसिल द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ)
किसी व्यावसायिक बैंक द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड
नीचे दी गई सूची में से किसी एक उपयोग आवासीय पता प्रमाणपत्र के रूप में किया जा सकता है:
राशन कार्ड
पासपोर्ट
मतदाता पहचान पत्र
ड्राइविंग लाइसेंस
बैंक पासपोर्ट
बिजली बिल/ टेलीफोन बिल (दो महीने से अधिक पुराना नहीं) की प्रमाणित बिल,
केन्द्रीय/ राज्य सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र (डाक पते के साथ),
संवैधानिक या नियामकीय प्राधिकार द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ),
किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) द्वारा द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ),
किसी सूचीबद्ध व्यावसायिक बैंक द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ),
सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ),
किसी कॉलेज (यदि आवेदक छात्र हों) द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ),
आईसीएआई, आईसीडब्ल्यूएआई, आईसीएसआई, बार काउंसिल द्वारा जारी पहचान पत्र (फ़ोटो के साथ),
किसी व्यावसायिक बैंक द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड
नोट: पता प्रमाणपत्र तथा पहचानपत्र के लिए दो अलग-अलग प्रपत्र प्रस्तुत किये जा सकते हैं।
सेबी ने डिमटेरियलाइज़ेशन की लागत को खाता खुलवाने, लेनदेन शुल्क (प्रतिभूति क्रेडिट या खरीद करने हेतु), कस्टडी शुल्क तथा खाता बंद करवाने के शुल्क को हटा कर, काफी कम कर दिया है। कस्टडी शुल्क अब जारी करने वाली कंपनी द्वारा वहन किया जाता है। व्यापक रूप से निदेशकों को निम्न शुल्क का भुगतान करना होता है:
प्रतिभूतियों के डिमटेरियलाइज़ेशन तथा रीमटेरियलाइज़ेशन के लिए,
वार्षिक खाता रख-रखाव शुल्क,
लेनदेन शुल्क (केवल बिक्री के लिए)
उपरोक्त शुल्क अगल-अलग डीपी में भिन्न-भिन्न होता है। साथ ही, डीपी को अधिकार है कि 30 दिन की पूर्व सूचना देकर शुल्क में फेर-बदल करने का अधिकार है।
शेयर के भौतिक प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक में डिमटेरियलाइज़ करने के लिए, निवेशक को एक डीआरएफ (Demat Request Form) भरना होता है जो डीपी के पास उपलब्ध होता है और उसे भरकर डिमटेरियलाइज़ किये जानेवाले वास्तविक प्रमाणपत्र के साथ जमा करना होता है। प्रत्येक इंटरनेशनल सेक्युरिटी आइडेंटिफिकेशन नम्बर (ISIN) के लिए अलग डीआरएफ भरा जाता है। प्रतिभूति के डिमटेरियलाइज़ करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
डिमटेरियलाइज़ करने के लिए अपने डीपी को डीआरएफ के साथ शेयर सर्टिफिकेट सौंपें,
डीपी, आवेदक द्वारा सौंपी गई अनुरोध को सिस्टम के माध्यम से डिपॉजिटरी को सूचित करता है,
डीपी, सर्टिफिकेट जारी करने वाले कंपनी के रजिस्ट्रार को सर्टिफिकेट सौंपेगा,
रजिस्ट्रार उसकी पुष्टि डिपोजिटरी से करेगा,
सर्टिफिकेट के डिमटेरियलाइज़ेशन होने के बाद रजिस्ट्रार, खातों को अपडेट करेगा तथा डिपॉज़िटरी को डिमटेरियलाइज़ेशन के पूरा होने की सूचना देगा,
उसके बाद डिपॉजिटरी अपने खाते का अपडेट करेगा तथा डीपी को इसकी सूचना देगा,
डीपी निवेशक के डीमैट खाते को अपडेट करेगा।
रीमैट रीक्वेस्ट फॉर्म भरें तथा अपने डीपी से उसके प्रतिभूति खाते में उपलब्ध शेष जमा राशि रिमटेरियलाइज़ेशन की माँग करें,
डीपी इस मांग की सूचना डिपोजिटरी को देगा,
डिपॉजिटरी, रिमटेरियलाइज़ेशन माँग की रजिस्ट्रार के सम्मुख पुष्टि करेगा,
रजिस्ट्रार खातों को अपडेट करेगा तथा सर्टिफिकेट को प्रिंट करेगा,
डिपॉजिटरी खातों को अपडेट कर, डीपी का विवरण डाउनलोड करेगा,
रजिस्ट्रार, सर्टिफिकेट को निवेशक के पता पर भेजेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंक की सूची नीचे दी जा रही है, जो डीपी के रूप में कार्य कर रहे हैं और जिनके साथ आप अपना डीमैट खाता खुलवा सकते हैं:
यदि आप अपना डीमैट खाता निज़ी वित्तीय संस्थान के साथ खुलवाना चाहते हैं तो नीचे दिये लिंक पर क्लिक करे:
एनएसडीएल के अंतर्गत कार्यरत डीपी
सीडीएसएल के अंतर्गत कार्यरत डीपी
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020