राज्य |
प्रजातियाँ |
आन्ध्र प्रदेश |
लक्ष्मी,एलआरजी 41, एलआरजी 38, डब्ल्यू आर जी 53, डब्ल्यू आर जी 65 |
बिहार |
बहार, पूसा 9, एनडीए 1 |
छतीसगढ़ |
राजीव लोचन, एम. ए. 3 |
गुजरात |
जी. टी. 100, जी. टी. 101, बानस, बी.डी.एन. 2, बी. एस. एम. आर. 853 |
हरियाणा |
पारस, पूसा 992, यू. पी. ए. एस. 120 |
कर्नाटक |
बी. आर. जी. 1, बी. आर. जी. 2 टी. एस. 3 आर, डब्ल्यू. आर. पी. 1, आशा (आईसीपीएल 87119) & मारूति (आईसीपी 8863) |
मध्य प्रदेश |
जे. के. एम. 189, टी.जी.टी. 501, जे. के. एम्. 7, और टीटी 401 |
नागालैंड |
यू. पी. ए. एस. 120, पूसा 992, ए. एल. 201 |
पंजाब |
ए. एल. 201, पी. ए. यू. 881, पूसा 992, यू. पी. ए. एस. 120 |
राजस्थान |
यू. पी. ए. एस. 120, पूसा 992, वी. एल. ए. 1 और पी. ए. 291 |
उत्तरप्रदेश |
बहार, एन. डी. ए. 1, एन. डी. ए. 2, अमर, एम. ए. 6, एम. ए. एल. 13, और यू. पी. ए. एस. 120 |
उत्तराखंड |
वी. एल. ए. 1, पी. ए. 291, |
तमिलनाडु |
सी. ओ. 6, सी. ओ. आर. जी. 9701, वैबन 3 |
त्रिपुरा |
पूसा 992 |
झारखंड |
बहार, आशा (आई.सी.पी.एल 87119), एम. ए. 3 |
महाराष्ट्र |
बी. डी. एन 771, बी.एस.एम.आर. 736, बी.एस.एम.आर. 853, बी. डी.एन. 708, बी. डी.एन. 708, बी. डी.एन. 2, विपुला, ए.के.टी. 8811, पी. के. वी. तारा (टी.ए.टी. 9629) |
10. परभक्षी कीट जैसे व ड्रैगन फ्लाई एवं कीटभक्षी पक्षी जैसे – घरेलू चिड़ियाँ (गौरिया), जंगली कबूतर, ड्रोंगो व अन्य कीटभक्षी पक्षियों का संरक्षण करना चाहिए।
स्त्रोत: राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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