गन्ना बोने की वर्तमान विधि में मानव श्रम, समय और व्यय बहुत अधिक होते हैं। मध्य प्रदेश के मेख गाँव के रहनेवाले श्री रोशनलाल विश्वकर्मा को इसकी खेती में बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था और अलग-अलग सैपलिंग बोने की वैकल्पिक विधि भी उसे, इससे छुटकारा नहीं दिला पाई। खासकर अधिक संख्या में सैपलिंग नहीं होने की वजह से इसमें बाधा आई। किसान यह सोचने लगा कि क्या गन्ने की इन कलियों को रोपने के बजाये आलू की तरह खेतों में बोया जा सकता है?
कठिन परिश्रम
उसने विशेषज्ञों से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान प्राप्त सकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर उसने कार्य करने का मन बनाया। उसने अपने विचारों पर कार्य करना प्रारंभ किया और दो वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद एक छोटा सा मशीन बनाया। इस मशीन को सुगरकेन बड चिप्पर (गन्ने की कली काटने वाला मशीन) कहा जाता है। इसे एक सतह पर स्थित किया गया है और इसमें एक चाकू होता है जिसका किनारा अर्द्धवृत्ताकार होता है और जोर का बल लगाकर कलियों को काटा जाता है। कटे हुए कलियों का फ़िनिशिंग बहुत ही अच्छी होती है और गन्ने को कोई क्षति नहीं पहुँचती है। श्री विश्वकर्मा कहते हैं कि "इस मशीन का प्रयोग कर व्यक्ति एक घंटे में करीब 100 कलियों को निकाल सकता है"।
निर्वाह क्षमता
यह मशीन गन्ने को भी छोटे-छोटे टुकड़ों में काट सकता है। यह लचीला होता है और विभिन्न आकार व व्यास वाले गन्नों को भी काट सकता है। इसे काटने के लिए पारंपरिक रूप से हाथ में रखकर प्रयुक्त किये जाने वाले मशीन के प्रयोग से हाथ और अंगूठा में दबाव पड़ता है। तिरछी कटाई के कारण पौधों की ज्यादा क्षति होती है और अपशिष्ट ज्यादा निकलते हैं तथा कठोड़ पौधों के कटाई करने में अक्षम होता है।
मशीन विवरण
इस बड चिप्पर में एक सतही प्लेट, स्टैंड, व्युत्क्रमणिक एसेम्बली, समायोजित करने वाले पेंच के साथ प्रेरक लीवर, संयोजक होते हैं। इसके साथ यू आकार का काटने वाला चाकू होता है जो अपने से मेल खाते खाँचे में नीचे की ओर झुके स्प्रिंग स्टॉपर के द्वारा कसा जाता है। बल पैदा करने के लिए कील और घुमावदार स्प्रिंग का सहारा लिया जाता है।इस मशीन की कीमत 600 रुपये हैं और यह 5 वर्ष की अवधि की गारंटी के साथ उपलब्ध है। "यह इकाई इस प्रकार का है कि उपयोग करने वाला व्यक्ति आराम से जमीन पर बैठ कर इसमें लगे श्रम-दक्ष स्प्रिंग वाले हैंडल का प्रयोग कर चाप की तरह अपने दायें हाथ को घुमाकर गन्ने की कली काट सकता है। इस दौरान लगातार अपने बायें हाथ से मशीन में गन्ने डालते रह सकता है"।
स्वच्छ कटाई
काटने वाला व्यक्ति इस अर्द्धवृत्ताकार ब्लेड का प्रयोग कर दाँत बनाने और काटने की प्रक्रिया के तहत, इसे पूरी तरह स्वच्छ रूप में काटा सकता है। इस मशीन को चलाने के लिए किसी भी प्रकार के बिजली या ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है। इसका वजन मात्र कुछ किलोग्राम होता है, इसलिए इसे एक जगह से दूसरे जगह आसानी से लाया, ल जाया जा सकता है। गन्ने से कली निकालने के अलावा इसके मशीन के कई फायदें हैं। इसे संशोधन उपकरण के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है जिसमें कुछ बड़े पेड़ की कली को भी निकाला जा सकता है।
वे कहते हैं कि "मैंने इस इकाई का डिज़ाइन इस तरह किया है कि उपयोगकर्ता जमीन पर बैठकर किसी भी आकार के गन्ने को काट सकता है। हमने विभिन्न आकार के गन्ने के पौधों को काटने का कार्य किया है। इसमें गन्ने के कली को बर्बाद किये बिना स्प्रिंग युक्त हैंडल द्वारा तेजी से सिर्फ़ एक बार में कली काटने के लिए यू आकार का कटिंग मशीन विकसित किया गया है"।
टेबल टॉप मॉडल
वर्तमान में उपलब्ध सतह आधारित मशीन के बदले, टेबल टॉप वर्जन पर अध्ययन के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि जब इसे विभिन्न उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रयोग में लाया जाएगा तो इसमें गन्ने डालने के क्रम में इसका उपयोग बहुत ही जटिल हो जाएगा।
बाद में उन्होंने यह भी पाया कि ग्रामीण उपयोगकर्ता टेबल टॉप मॉडल सतह आधारित मॉडल के प्रयोग में ज्यादा सहज होते हैं।
बाद में उन्होंने मुड़ने वाले कली काटने वाला मशीन भी विकसित किया जो स्थानीय लोगों में प्रचलित नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने इस मॉडल को बंद कर दिया। समय और धन बचाने के लिए इस क्षेत्र में गन्ने की खेती करने वाले कई किसान अब श्री विश्वकर्मा के मशीन का प्रयोग कर रहे हैं।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
श्री रोशनलाल विश्वकर्मा
डाकघरः मेख, गोटेगाँव, नरसिंघपुर,
मध्य प्रदेश- 487002
मोबाईल नंबर- 09300724167
ई-मेल: info@nifindia.org और bd@nifindia.org,
फोन: 079- 26732456 and 26732095.
कोयंबतूर (तमिलनाडु) के रहने वाले श्री के. विवेकानंदन ने 8 लाख रुपये का निवेश कर मिर्चा व धनिया पीसने के लिए 3 एचपी के पिन-पल्वेराइज़र का निर्माण किया। श्री विवेकानंदन कहते हैं "जो ग्रामीण महिलाएँ अपनी पारिवारिक आय बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए आय उत्पन्न करने के लिए यह एक आदर्श मशीन है"
मिर्चा और धनिया पीसने वाले अधिकतर वर्त्तमान मशीनों को स्थापित करने में उच्च लागत आता है और उसमें बिजली की खपत भी अधिक होती है और इस कारण यह ग्रामीण क्षेत्रों में उपयुक्त नहीं होता क्योंकि वहाँ आप बिजली आपूर्ति पर भी निर्भर नहीं रह सकते।
चुनौतियों का मुकाबला
जब श्री विवेकानंदन ने मशीन विकसित किया तो उन्होंने सोचा कि वे पीसने से संबंधित 90 प्रतिशत समस्याओं को सुलझा लिया है और उसने करीब 100 मशीन बना लिया। लेकिन उन्हें उस वक्त बहुत आश्चर्य हुआ जब उसके मशीन का केवल 20 खरीदार ही मिला। कुछ खरीदारों ने मशीन वापस भी कर दिया क्योंकि मिर्ची और धनिया फिल्टर स्क्रीन से पास नहीं हो पा रहे थे और पीसते वक्त बहुत ही अधिक धूल पैदा करते थे।
इससे उसका सारा कार्य रूक गया और एक वर्ष तक कुछ नहीं किया जा सका।
तभी विवेकानंदन को विल्ग्रो के बारे में पता चला। यह एक ऐसी संस्था है जो ग्रामीण उद्यमियों को सहायता प्रदान करती है। उन्होंने सलाह के लिए इस संस्था से संपर्क किया। विल्ग्रो के स्टाफ इस समस्या को दूर करने के लिए विभिन्न संसाधनों की तलाश करने लगे। तकनीकी विशेषज्ञों ने पहले विवेकानंदन को 1 एचपी, सिंगल फेज मशीन को विकसित करने में मदद किया क्योंकि मशीन प्रारंभ में 3 एचपी स्पीड पर नहीं चलाया जा सकता है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में वोल्टेज के उतार-चढ़ाव के कारण 1 एचपी, सिंगल फेज मशीन को प्राथमिकता दी जाती है।
काफी प्रयास के बाद उन्हें पता चला कि मिर्ची और धनिया स्क्रीन में इसलिए नहीं अटक जाते क्योंकि वे उच्च फाइबर सामग्री होते हैं बल्कि रोटर के स्पीड के कारण ऐसा हो रहा है। इस तरह मशीन का वजन कम कर दिया गया, इसके दीवाल की मोटाई, आकार और स्टेटर और रोटर के व्यास को बदल दिया गया ताकि ग्रामीण आवश्यकता को पूरा की जा सके।
लागत
श्री विवेकानंदन ने मशीन प्रयोग किये जाने वाले सामान के प्रकार और मात्रा को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण आवश्यकता के अनुसार इसका मूल्य कम कर दिया। प्रत्येक मशीन का मूल्य (मोटर सहित) 11500 रुपये रखा गया है।
इच्छुक व्यक्ति इस बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित से संपर्क करें:
श्री के. विवेकानंदन
मेसर्स विवेगा इंजीनियरिंग वर्क्स, न्यू नं. 116-118,
साथी रोड, आर. के. पुरम्, गणपथी
कोयंबतूर -641006,
मोबाइल 94437-21341
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
इस भाग में अतिरिक्त आय एवं पोषण सुरक्षा हेतु वर्ष ...
इस पृष्ठ में केंद्रीय सरकार की उस योजना का उल्लेख ...
इस भाग में झारखण्ड में समेकित कीट प्रबंधन पैकेज के...
इस पृष्ठ में मधुमक्खी पालन से संबंधित केस अध्ययन क...