सूकर पालन व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य मांस उत्पादक पशुओं में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी सुकर में ही होती है अतः आज सूकर पालन वृहद स्तर पर अपनाया जारक, उसके मांस का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है।
सूकर एक ऐसा पशु है जो अन्य पशुओं हेतु अनुपयोगी खाद्य पदार्थों को उपयोग में लाकर, उत्तम किस्म के पौष्टिक मांस में परिवर्तित कर देता है। सूकर-पालन व्यवसाय मे बच्चे से लेकर मांस हेतु व्यस्क सूकर तैयार होने तक खर्च का 70-75% आहार पर व्यय होता है अतः सुकर आहार संतुलित होने के साथ-साथ सस्ता भी होना चाहिए, जिससे सूकर-पालक इस व्यवसाय मे नाधिक लाभ कमा सके। सूकर अत्यंत तीव्र गति से वृद्धि करके कम समय में काफी अधिक मात्रा में पौष्टिकता मांस उत्पन्न कर सकता है। इसलिए उसे अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन एंव अधिक ऊर्जायुक्त पाचनशील आहार की आवश्यकता होती है।
सूकर को उसकी आयु, विकास स्तर एंव मांस उत्पादन के अनुसार निम्न प्रकार से आहार व्यवस्था करनी चाहिए जिससे वे कम से कम समय तथा व्यय में मांस तैयार हो सकें।
सूकर के बच्चों को पैदा होते ही माँ का दूध (कोलेस्ट्रम) अवश्य देना चाहिए कोलेस्ट्रम बच्चे के शरीर में पहुँच कर लोगों से बचाने हेतु प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करता है। तीन-चार दिन बाद जब कोलेस्ट्रम निकलना बंद हो जाये तब भी माँ का दूध देते रहना चाहिए। इसके बाद सात दिन की उम्र पर सूकर के बच्चों को क्रीप आहार देना शुरू कर चाहिए जिसे दूध छुड़ाने की आवस्था तक वे पर्याप्त मात्रा में आहार खाने लगें। सूकर को उसके वजन के अनुसार विभिन्न प्रकार के आहार जसे क्रीप आहार, स्टार्टर आहार, ग्रोअर एंव फिनिशर आहार की आवश्यकता होती है। सूकर पालक स्थानीय रूप से उपलब्ध अच्छे खाद्य- पदार्थों को उपयोग में लाकर सस्ता व संतुलित आहार बन सकते हैं।
यह उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, खनिज, वितमीन्स, एण्टीबायोटिक्स एंव उच्च ऊर्जा युक्त होना चाहिए। इसमें 20% क्रूड प्रोटीन, 3500 किलो कैलोरी ऊर्जा एंव रेशे की मात्रा अत्यंत कम होनी चाहिए क्रीप आहार विभिन्न खाद्य पदार्थों को मिलकर निम्न प्रकार से तैयार किया जा सकता है-
आहार घटक |
मात्रा |
आहार घटक |
मात्रा |
सिक्म्ड मिल्क |
10% |
पिसी हुई मक्का |
4% |
मूँगफली की खली |
10% |
गेहूं का चोकर |
10% |
शीरा |
10% |
तिल की खली |
10% |
ब्रीवर्स यीस्ट |
02% |
मछ्ली का चूरा |
06% |
विटामिन मिश्रण |
110 ग्राम |
खनिज मिश्रण |
02% |
पक्के फर्श पर रहने वाले सूकर के बच्चों को थम्प्स (पिगलेट एनीमिया/रकटपल्ता) होने की अत्यंत संभावना होती है। अतः इन्हें सप्ताह की उम्र पर बाहर से लौह तत्व की आपूर्ति की जानी चाहिए।
सूकर बच्चों का वजन 10 किलोग्राम हो जाने पीआर स्टार्टर आहार देना प्रारम्भ का देना चाहिए। स्टार्टर आहार में 22प्रति क्रूड प्रोटीन, 3500 किलो कैलोरी पचनीय ऊर्जा एंव रेशे की मात्रा कम होनी चाहिए, इसका नमूना निम्न है:
आहार घटक |
मात्रा |
आहार घटक |
मात्रा |
मक्के का दलिया |
58 % |
गेहूं का चोकर |
10% |
मूँगफली की खली |
20% |
मछ्ली का चूरा |
10% |
खनिज मिश्रण |
02 % |
विटामिन मिश्रण |
10 ग्राम |
20 से 50 किलोग्राम वजन वाले सूकर को ग्रोअर आहार देना चाहिए। ग्रोअर आहार में 18 प्रति फूड प्रोटीन एंव 3300 किलो कैलोरी पचनीय ऊर्जा होनी चाहिए। यह आहार दो प्रकार के हो सकते हैं।
अनाज युक्त ग्रोअर आहार
|
मात्रा |
अनाज रहित ग्रोअर आहार
|
मात्रा |
मक्के का दलिया |
50% |
गेहूं का चोकर |
70% |
गेहूं का चोकर |
40% |
मूँगफली की खली |
20% |
मछ्ली का चूरा |
08% |
मछ्ली का चूरा |
6.5% |
खनिज मिश्रण |
02% |
नमक |
0.5% |
विटामिन मिश्रण |
10ग्राम |
खनिज मिश्रण |
02% |
|
|
विटामिन मिश्रण |
10 ग्राम |
सूकर के व्यस्क हो जाने उसे प्रोटीन की आवश्यकता कम होती है। इस वर्ग के सूकर में वसा एकत्र न हो इसलिए आहार की मात्रा 25% कम कर देनी चाहिए क्योंकि कम वसा-युक्त मांस उपभोक्ता द्वारा पसंद किया जाता है। इस व्यवस्था में सूकर के शारीरिक वीजेएन पीआर नियंत्रण हेतु रेशे-युक्त आहार देना चाहिए, जिससे भार वृद्धि तो होगी परंतु मांस में वसा कम व प्रोटीन अधिक होगा जिसकी मांग उपभोक्ताओं में सर्वाधिक होगी। फिनिशर आहार निम्न प्रकार से तैयार किया जा सकता है।
आहार घटक |
मात्रा |
मक्के का दलिया |
40% |
गेहूं का चोकर |
23% |
चावल का चोकर |
17% |
मूँगफली की खली |
12% |
मछ्ली का चूरा |
5.5% |
खनिज मिश्रण |
2.5% |
विटामिन मिश्रण |
10 ग्राम |
यदि दलहनी हरा चारा उपलब्ध हो तो सूकर आहार पर होने वाले खर्च को अत्यंत कम किया जा सकता है क्योंकि इससे मिलने वाले पोषक तत्व काफि सस्ते होते हैं। सुकर की पसंद के मुख्य दलहनी चारे बरसीम एंव लूरसर्न हैं। व्यस्क सूकर को 3-5 किलोग्राम तक हरा चारा खिला सकते हैं।संतुलित आहार के साथ-साथ सूकर को – मात्रा में स्वच्छ, ताजा पानी उपलब्ध कराना चाहिए।
अंतिम बार संशोधित : 12/8/2019
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