अवयव |
चूजे |
प्रतिशत बढ़ने वाली |
अंडा देने वाली मुर्गी |
मकई |
22 |
25 |
40 |
चावल का कण |
35 |
45 |
30 |
चोकर |
5 |
5 |
5 |
चिनियाबादाम की खली |
25 |
16 |
15 |
मछली का चूरा |
10 |
6 |
5 |
चूने का पत्थर |
1.0 |
1.5 |
3 |
हड्डी का चूर्ण |
1.0 |
1.0 |
1.5 |
नमक |
0.5 |
0.5 |
0.5 |
मैगनीज सल्फेट |
0.5 |
25 |
25 |
ग्राम/ 100 कि विटामिन |
- |
- |
- |
अपोषक खाद्य सप्लीमेंट |
- |
- |
- |
(अ) पीली मकई, चावल के कण एवं टूटे गेहूँ को ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में दाना में मिलाया जाता है। दाना में ये एवं दूसरे की जगह प्रयुक्त हो सकते हैं।
(आ) चिनियाबादाम की खली के 8.5 प्रतिशत भाग को रेपसीड खली या सरसों की खली से पूरा किया जा सकता है।
(इ) मछली का चूरा या मांस की बुकनी को भी एक दूसरे से पूरा किया जा सकता है, लेकिन अच्छे दाना-मिश्रण में 2-3 प्रतिशत अच्छी तरह का मछली चूरा अवश्य देना चाहिए।
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखंड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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