आज के समय में पशुपालन एक बहुत ही उभरता हुआ व्यवसाय है। पशुपालन भी कृषि व्यवसाय की एक शाखा है जिसमे कई प्रकार के पशुओं को उनके दूध, अंडे व अन्य उत्पादों के लिए पाला जाता है। पशु पालन के लिए आप को पशु पालन की जानकारी होना अति-आवश्यक है। यहाँ पर आप जानेंगे कुछ टिप्स जिनसे आप पशुपालन जैसे की भैंस, मुर्गी, भेड़, बकरी पालन आदि अच्छे से कर सकें व अधिक मुनाफा कमा सकें।
ख़ास तौर पर भैंस और बकरी पालन के व्यवसाय में, जहाँ आपको पशु का दूध व माँस बेच कर मुनाफा होता है। आपको अपने पशु की नस्ल का चुनाव काफ़ी ध्यान से करना चाहिए। हर नस्ल का पशु अच्छा एवं ज्यादा दूध नहीं दे सकता। इसलिए आप पशु की नस्ल चुनते समय सावधानी बरतें।
अगर आप भी पशु पालन व्यवसाय से जुड़ने का मन बना रहे हैं तो आपको यह बात समझनी चाहिए की यदि आप अपने पशुओं को अच्छा चारा व दाना पानी देते हैं तो उससे न केवल उनकी सेहत अच्छी रहती है बल्कि पशु की उत्पादक क्षमता भी कई गुना बढ़ जाती है। पशु पालन करते समय आप अपने पशु को सही मात्रा में पोषण वाला आहार ही खिलाएं जिस से आपके पशु का स्वस्थ्य भी अच्छा रहेगा और आपको मुनाफा भी अधिक प्राप्त होगा।
पशु का आवास जितना अधिक स्वच्छ होगा उतना ही आपके पशु को बीमारी का खतरा कम रहता है। पशुओं को नियमित रूप से नहलाएँ और उनके आवास के लिए किसी ऊँची जगह का चयन करें जिस से बारिश एवं नालिओं का पानी, मल-मूत्र इत्यादि से वह बाहर रह सकें। आपके पशु के आवास में कम से कम दो से तीन जगह से अच्छी धुप आनी चाहिए। आवास में धुप के आने से न केवल वहाँ के कीटाणु मरते हैं बल्कि आपके पशु का स्वास्थ भी अच्छा रहता है।
पशु आवास में पशु के लिए पानी एवं खाने की उपलब्धता का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। डेरी के कामो में वैसे भी पानी की काफी जरूरत होती है और ख़ास तौर पे गर्मी के मौसम में आपको पशु के लिए पानी उचित मात्रा में जरूर रखना चाहिए।
पशु पालन में अपने पशु के स्वस्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पशु पालन में सबसे जरूरी बात यह होती है के आप अपने पशु को सही समय आने पर उसे सभी आवश्यक टीके लगवाएं, उसको लू लगने से बचाएं, चारा पर्याप्त मात्रा में दे ताकि उसका स्वास्थ ठीक बना रहे।
अगर आपका पशु कभी बीमार होता है, या आपको वह कुछ सुस्त दिखाई देता है तो तुरंत उसे जानवरों के डॉक्टर को दिखायें। ऐसा हो सकता है की उसकी तबियत ज्यादा खराब हो। कभी भी जानवर के बीमार होने पर खुद उसका इलाज करने की कोशिश न करें, यह आपके पशु के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
अपने पशु को बेचने के लिए सही समय आने का इंतजार करें। अच्छी नस्ल वाले पशु को सही समय आने पर काफ़ी अच्छे दामों में बेचा जा सकता है। जैसे की अगर आप बकरी पालन करते हैं तो बकरीद के समय पे अपनी बकरी को अच्छे मुनाफे पर बेच भी सकते हैं।
अगर आप बाजार में पशु का दूध बेचना चाहते हैं तो आपको काफ़ी अच्छा मुनाफा हो सकता है। पर अगर आप अपने पशु उत्पाद में पानी या किसी और चीज़ की मिलावट करेंगे तो वह आपके व्यवसाय के लिए हानिकारक हो सकता हैं। पशु उत्पादों में मिलावट करने से आपका मुनाफा तो बढ़ जाता है लेकिन मिलावट करने पर आपके ग्राहक आपके उत्पादों को नापसंद करने लगेंगे व आपके खिलाफ शिकायत भी हो सकती है।
अगर आप सघन पशुपालन या आशय पशुपालन करना चाहते हैं तोह आपको अपने स्वस्थ का भी उचित ध्यान रखना पड़ेगा वर्ण आप जानवरों से होने वाले रोगों के शिकार बन सकते हैं। टीबी ऐसे रोगों में से एक उदाहरण हैं। जानवरों के मल में पैदा होने वाले बैक्टीरिया और उनमे बैठने वाली मक्खियां आपको बहुत बीमार कर सकती हैं।
सरकार की तरफ से कृषि उद्धार के लिए किसान हेल्प लाइन जैसी कई सेवाएं शुरू की गयी हैं। आप इन सेवाओं का लाभ आप अपनी भाषा में मुफ्त उठा सकते हैं। यह सुविधा 24x7 चालु रहती है तो कभी अगर आपको पशु पालन से सम्बंधित कोई भी परेशानी हो तो देर किये बिना किसान हेल्प लाइन पे कॉल लगाएं। किसान हेल्प लाइन नंबर है 1551 या 1800-180-1551.
श्रोत : The Post Mayor Hindi
अंतिम बार संशोधित : 3/4/2020