गोड्डा जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 43.1 प्रतिशत भूमि अल्फिसोल्स, 39.4 प्रतिशत इन्सप्तिसोल्स तथा 50.7 प्रतिशत एन्तिसोल्स मृदा श्रेणी के अंतर्गत चिन्हित किया गया है।
जिले में मिट्टी का पी.एच. मान 4.7 से 8.1 तक पाया गया है। इस क्षेत्र की 84.4 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय एवं 6.3 प्रतिशत मिट्टी क्षारीय पाई गई है। करीब 28.3 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय समस्या (पी.एच. मान 5.5 से कम) से ग्रस्त है। इस प्रकार की अम्लीय समस्या ग्रस्त भूमि का उचित उपचार किया जाना जरूरी है।
तालिका 1: जिले के भूमि में विभिन्न मृदा-क्रिया का वर्गीकरण
मृदा-क्रिया |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
ज्यादा प्रबल अम्लीय (पी.एच. 4.5-5.0) |
115 |
5.5 |
प्रबल अम्लीय (पी.एच.5.1-5.5) |
481 |
22.8 |
मध्य अम्लीय (पी. एच. 5.6-6.0) |
733 |
34.8 |
कम अम्लीय (पी.एच. 6.1-6.5) |
450 |
21.3 |
उदासीन (पी.एच. 6.6-7.3) |
197 |
9.3 |
कम क्षारीय (पी.एच. 7.4-7.8) |
62 |
2.9 |
मध्यम क्षारीय (पी.एच. 7.9-8.4) |
33 |
1.6 |
अन्यान्य |
39 |
1.8 |
कुल |
2110 |
100.00 |
जिले की मिट्टी में 0.29 से 1.63 प्रतिशत जैविक कार्बन की मात्रा पाई गई है। कुल भौगोलिक क्षेत्र का 14.4 प्रतिशत भूमि में जैविक कार्बन का स्तर निम्न से मध्यम तथा बहुतायत 83.8 प्रतिशत भूमि में अधिक पाया गया है।
तालिका 2: जिले के भूमि में जैविक कार्बन का स्तर
जैविक कार्बन (प्रतिशत) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (0.50 प्रतिशत से कम) |
57 |
2.7 |
मध्यम (0.50-0.75 प्रतिशत) |
246 |
11.7 |
अधिक (0.75 प्रतिशत से अधिक) |
1768 |
83.8 |
अन्यान्य |
39 |
1.8 |
कुल |
2110 |
100.00 |
जिले की मिट्टी में उपलब्ध नेत्रजन की मात्रा 220 से 630 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है। जिले की अधिकाधिक भूमि में उपलब्ध नेत्रजन की स्थिति मध्यम (88.7 प्रतिशत) तथा 7.7 प्रतिशत भूमि में अधिक पाई गई है।
तालिका 3: जिले के भूमि में उपलब्ध नेत्रजन का स्तर
उपलब्ध नेत्रजन (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (280 से कम) |
38 |
1.8 |
मध्यम (280-560) |
1872 |
88.7 |
अधिक (560 से अधिक) |
161 |
7.7 |
अन्यान्य |
39 |
1.8 |
कुल |
2110 |
100.00 |
जिले की भूमि में उपलब्ध स्फूर की मात्रा 1.0 से 12.8 किलो प्रति हेक्टेयर पाई गई है। इनमें अधिकाधिक 92.2 प्रतिशत भूमि में इसकी कमी तथा 6.0 प्रतिशत भूमि में मध्यम पाया गया है।
तालिका 4: जिले के ऊपरी सतह भूमि में उपलब्ध स्फूर का स्तर
उपलब्ध स्फूर (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (10 से कम) |
1945 |
92.2 |
मध्यम (10-15) |
126 |
6.0 |
अन्यान्य |
39 |
1.8 |
कुल |
2110 |
100.00 |
इस क्षेत्र की मिट्टी में उपलब्ध पोटाश की मात्रा 45 से 706 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है। बहुतायत मिट्टी में उपलब्ध पोटाश का स्तर मध्यम (58.6 प्रतिशत) तथा 25.5 प्रतिशत में कमी तथा 14.1 प्रतिशत भूमि में अधिक पाई गई है।
तालिका 5: जिले के भूमि में उपलब्ध पोटाश का स्तर
उपलब्ध पोटाश (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (108 से कम) |
538 |
25.5 |
मध्यम (108-280) |
1236 |
58.6 |
अधिक (280 से अधिक) |
297 |
14.1 |
अन्यान्य |
39 |
1.8 |
कुल |
2110 |
100.00 |
यहाँ की मिटटी में 0.94 से 47.03 मि.ग्रा. प्रति किलो उपलब्ध सल्फर विद्यमान पाया गया है, जिनमें क्षेत्र की 36.6 प्रतिशत भूमि निम्न, बहुतायत 42.1 प्रतिशत मध्यम तथा 19.5 प्रतिशत भूमि में अधिक उपलब्ध सल्फर का स्तर पाया गया है।
तालिका 6: जिले के भूमि में उपलब्ध सल्फर का स्तर
उपलब्ध सल्फर (मि.ग्रा./किलो) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (10 से कम) |
772 |
36.6 |
मध्यम (10-20) |
888 |
42.1 |
अधिक (20 से अधिक) |
411 |
19.5 |
अन्यान्य |
39 |
1.8 |
कुल |
2110 |
100.00 |
गोड्डा जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्र की भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की क्रिटिकल लिमिट के अनुसार उपलब्ध लोहा (98.2 प्रतिशत), उपलब्ध मैंगनीज (98.2 प्रतिशत), उपलब्ध कॉपर (97.5 प्रतिशत) एवं उपलब्ध जिंक (89.5 प्रतिशत) की स्थिति पर्याप्त पाई गई है।
क्षेत्र की भूमि में उपलब्ध बोरॉन की कमी (24.7 प्रतिशत) है, जबकि बहुतायत 73.5 प्रतिशत भूमि में उपलब्ध बोरॉन पर्याप्त पाई गई है।
तालिका 7: जिले के भूमि में उपलब्ध बोरॉन का स्तर
उपलब्ध पोटाश (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
मूल्य-निर्धारण |
0.25 से कम |
236 |
11.2 |
अपर्याप्त |
0.25-0.50 |
285 |
13.5 |
|
0.5-0.75 |
289 |
13.7 |
पर्याप्त |
0.75 से अधिक |
1261 |
59.8 |
|
अन्यान्य |
39 |
1.8 |
|
कुल |
2110 |
100.00 |
|
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 10/3/2019
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