गिरिडीह जिले में भूमि को एन्तिसोल्स, इन्सप्तिसोल्स एवं अल्फिसोल्स मृदा श्रेणी का पाया गया है। जिले की कुल भौगोलिक क्षेत्र का 63.6 प्रतिशत भूमि, 18.4 प्रतिशत तथा 16.9 प्रतिशत एन्तिसोल्स मृदा श्रेणी के अंतर्गत आता है।
मृदा सर्वे जाँच में गिरिडीह जिले में मिट्टी का पी.एच. मान 4.5 से 7.2 तक पाया गया है। इस क्षेत्र की 92.7 प्रतिशत बहुतायत मिट्टी अम्लीय पाई गई है। इसमें से करीब 56.1 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय समस्या (पी.एच. मान 5.5 से कम) से ग्रस्त हैं और इस प्रकार की अम्लीय भूमि के प्रबंधन के लिए खेत की मिट्टी का उपचार किया जाना जरूरी है।
तालिका 1:जिले की भूमि में विभिन्न मृदा-क्रिया का वर्गीकरण
मृदा-क्रिया |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
ज्यादा प्रबल अम्लीय (पी.एच. 4.5-5.0) |
1414 |
28.6 |
प्रबल अम्लीय (पी.एच. 5.1-5.5) |
1357 |
27.5 |
मध्यम अम्लीय (पी.एच. 5.6-6.0 ) |
1105 |
22.4 |
कम अम्लीय (पी.एच. 6.1-6.5) |
703 |
14.2 |
उदासीन (पी.एच. 6.6-7.5) |
306 |
6.2 |
अन्यान्य |
56 |
1.1 |
कुल |
4941 |
100.00 |
जिले की मिट्टी में 0.07 से 3.75 प्रतिशत जैविक कार्बन की मात्रा पाई गई है। कुल भौगोलिक क्षेत्र का 58.9 प्रतिशत भूमि में जैविक कार्बन का स्तर निम्न से मध्यम तथा 40.0 प्रतिशत भूमि में अधिक पाया गया है।
तालिका 2: जिले की भूमि में जैविक कार्बन का स्तर
जैविक कार्बन (प्रतिशत) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (0.50% से कम) |
1748 |
35.4 |
मध्यम (0.50-0.75%) |
1162 |
23.5 |
अधिक (0.75% से अधिक) |
1975 |
40.0 |
अन्यान्य |
556 |
1.1 |
कुल |
4941 |
100.00 |
जिले की मिट्टी में उपलब्ध नेत्रजन की मात्रा 95 से 825 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है। क्षेत्र की अधिकाधिक भूमि में उपलब्ध नेत्रजन का स्तर मध्यम (82.4 प्रतिशत) तथा 8.3 प्रतिशत भूमि में निम्न स्तर की पाई गई है।
तालिका 3: जिले के ऊपरी सतह भूमि में उपलब्ध नेत्रजन का स्तर
उपलब्ध नेत्रजन |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (280 से कम) |
410 |
8.3 |
मध्यम (280-560) |
4071 |
82.4 |
अधिक (560 से अधिक) |
404 |
8.2 |
अन्यान्य |
56 |
1.1 |
कुल |
4941 |
100.00 |
जिले की भूमि में उपलब्ध स्फूर की मात्रा 1.0 से 25.5 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाई गई। इनमें 79.0 प्रतिशत भूमि में निम्न तथा 19.8 प्रतिशत भूमि में उपलब्ध स्फूर मध्यम स्तर में पाया गया है।
तालिका 4: जिले की ऊपरी सतह भूमि में उपलब्ध स्फूर का स्तर
उपलब्ध स्फूर (प्रतिशत) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (10 से कम) |
3904 |
79.0 |
मध्यम (10-15) |
977 |
19.8 |
अधिक (15 से अधिक) |
4 |
0.1 |
अन्यान्य |
56 |
1.1 |
कुल |
4941 |
100.00 |
इस जिले की मिट्टी में उपलब्ध पोटाश की मात्रा 49 से 1344 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है। 43.7 प्रतिशत बहुतायत मिट्टी में उपलब्ध पोटाश का स्तर मध्यम तथा 36.0 प्रतिशत में अधिक एवं शेष 19.2 प्रतिशत में कमी पाई गई है।
तालिका 5: जिले के ऊपरी सतह भूमि में उपलब्ध पोटाश का स्तर
उपलब्ध पोटाश (प्रतिशत) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (108 से कम) |
948 |
19.2 |
मध्यम (108-280) |
2161 |
43.7 |
अधिक (280 से अधिक) |
1776 |
36.0 |
अन्यान्य |
56 |
1.1 |
कुल |
4941 |
100.00 |
यहाँ की मिट्टी में 0.36 से 85.38 मि.ग्रा. प्रति किलो तक उपलब्ध सल्फर पाया गया है, जिनमें क्षेत्र की 25.2 प्रतिशत भूमि निम्न, 23.7 प्रतिशत मध्यम तथा बहुतयात 50.0 प्रतिशत भूमि में उपलब्ध सल्फर अधिक पाया गया है।
तालिका 6: जिले के भूमि में उपलब्ध सल्फर का स्तर
उपलब्ध सल्फर (प्रतिशत) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (10 से कम) |
1244 |
25.2 |
मध्यम (10-20) |
1169 |
23.7 |
अधिक (20 से अधिक) |
2472 |
50.0 |
अन्यान्य |
56 |
1.1 |
कुल |
4941 |
100.00 |
गिरिडीह जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्र की भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की क्रिटिकल लिमिट अवस्था के अनुसार उपलब्ध लोहा (98.8 प्रतिशत), उपलब्ध मैंगनीज (98.9 प्रतिशत), उपलब्ध कॉपर (89.0 प्रतिशत), उपलब्ध जिंक (84.2 प्रतिशत) की स्थिति पर्याप्त पाई गई है।
क्षेत्र की बहुतायत जमीन में उपलब्ध बोरॉन पर्याप्त (52.3 प्रतिशत) पाई गई है, जबकि शेष 46.6 प्रतिशत भूमि में उपलब्ध बोरॉन की कमी पाई गई है।
तालिका 7: जिले के ऊपरी सतह भूमि में उपलब्ध बोरॉन का स्तर
उपलब्ध बोरॉन (प्रतिशत) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
मूल्य निर्धारण |
0.25 से कम |
1082 |
21.9 |
अपर्याप्त |
0.25 -0.50 |
1221 |
24.7 |
|
0.5-0.75 |
696 |
14.1 |
पर्याप्त |
0.76 से अधिक |
1886 |
38.2 |
|
अन्यान्य |
56 |
1.1 |
|
कुल |
4941 |
100.00 |
|
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 10/2/2019
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