जॉब वर्क का अर्थ है किसी व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे पंजीकृत कराधीन व्यक्ति के सामान/माल पर कोई अन्य शोधन या प्रसंस्करण करने का दायित्व लेना। वह व्यक्ति जो दूसरे व्यक्ति के माल का शोधन या प्रसंस्करण करता है, उसे जॉब-वर्कर कहा जाता है और वह व्यक्ति जिससे माल मूल रूप से संबंधित है, उसे प्रधान-प्रमुख कहते है।
यह परिभाषा, अधिसूचना नं. 214/86-सीई, दिनांक 23.03.1986, में दी गई परिभाषा से अधिक व्यापक है। उपरोक्त अधिसूचना में जॉब-वर्क इस प्रकार परिभाषित किया गया था। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जॉब-वर्क की गतिविधि उत्पादन के समतुल्य माना जाए। इस प्रकार जॉब-वर्क की परिभाषा स्वयं ही जीएसटी-व्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में, जॉब वर्क से संबंधित कराधान की आधारभूत योजना में परिवर्तन को दर्शाती है।
हाँ। यह आपूर्ति की तरह ही समझा जाएगा, क्योंकि आपूर्ति में सभी प्रकार की आपूर्ति समाहित है। जैसे – विक्रय अंतरण, इत्यादि। तथापि पंजीकृत कर-योग्य व्यक्ति (प्रधान/प्रमुख) सूचना देकर और उन शतों के अधीन जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है, कोई भी इनपुट (उत्पादक सामग्री) अथवा कैपिटल गुडस (पूंजीगत वस्तु) जॉब-वर्कर को जॉब-वर्क के लिए बिना कर का भुगतान किए भेज सकता है, और तत्पश्चात् किसी अन्य जॉब-वर्कर/जॉब वर्कर्स के पास भेज सकता हैं। ऐसे माल/सामान के बाहर भेजने या आपूर्ति के 1 साल/3 साल के अंदर प्रधान-प्रमुख या तो जॉब-वर्क की समाप्ति के बाद या अन्य स्थिति में, ऐसे इनपुट या कैपिटल गुड्स को वापस लाएगा या अन्यथा जॉब-वर्कर के व्यावसायिक स्थल से कर का भुगतान करने के पश्चात बाहर भेजेगा या निर्यात की स्थिति में कर का भुगतान करके/नही करके (जैसी स्थिति हो) बाहर भेजेगा।
हाँ, क्योंकि जॉब-वर्क एक सेवा है, इसलिए जॉब-वर्कर को पंजीकरण प्राप्त करना होगा, यदि उसका कुल टर्नओवर निर्धारित सीमा से अधिक है तो।
नहीं, यह माल प्रिसिंपल के कुल टर्नओवर में शामिल होगा। तथापि जॉब-वर्क करने के लिए जॉब-वर्कर द्वारा उपयोग में लाए गए वस्तुओं तथा सेवाओं का मूल्य इसमें सम्मिलित होगा।
हाँ, प्रिंसिपल ऐसा कर सकता हैं। ऐसे परिदृश्य में इनपुट या कैपिटल गुडस पर दिए कर का इनपुट टैक्स क्रेडिट भी प्रिंसिपल ले सकता है। ऐसा इनपुट या कैपिटल गुड्स क्रमश: 1 या 3 साल के अंदर अवश्य ही वापस प्राप्त होना चाहिए, ऐसा न कर पाने पर मूल विनिमय (transaction) को आपूर्ति समझा जाएगा और प्रिंसिपल को उसके अनुसार ही कर का भुगतान करना होगा।
हाँ। लेकिन प्रिंसिपल को अपंजीकृत जॉब-वर्कर के परिसर को अपना अतिरिक्त व्यावसासिक स्थल घोषित करना चाहिए। अगर जॉब-वर्कर पंजीकृत व्यक्ति है तो माल जॉब-वर्कर के परिसर से सीधे ही भेजा जा सकता है। आयुक्त ऐसे सामान/माल को अधिसूचित कर सकता है जिसको सीधे जॉब-वर्कर के परिसर से भेजा जा सकता है।
वस्तुओं की आपूर्ति सीधा, बिना अतिरिक्त व्यापार का स्थल घोषित किए हुए जॉब वर्कर के व्यापार स्थल से दो परिस्थितियों में की जा सकती है। जहाँ जॉब-वर्कर पंजीकृत कराधीन व्यक्ति ह या प्रिंसिपल ऐसे सामान की आपूर्ति करता हो जो आयुक्त द्वार अधिसूचित हो।
प्रिंसिपल जॉब-वर्कर को भेजे गए इनपुट्स/कैपिटल गुड्स पर दिए गए कर का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने का हकदार है, चाहै इन्हें उसके परिसर में प्राप्त करने के बाद भेजा गया हो या बिना परिसर में लाए हुए सीधे जॉब-वर्कर के पास भेजा गया हो। तथापि इनपुट्स या कैपिटल गुड्स जॉब-वर्क होने के बाद वापस लाए जाने चाहिए या जॉब वर्कर के परिसर से उनकी आपूर्ति होनी चाहिए, जैसी स्थिति हो उनके बाहर भेजे जाने के एक या तीन साल के अंदर।
ऐसी स्थिति में, यह माना जाएगा कि जिस तिथि पर इनपुट्स या कैपिटल गुड्स प्रिंसिपल द्वारा बाहर भेजा गया उसी तिथि पर प्रिंसिपल ने जॉब-वर्कर को इनपुट्स सा कैपिटल गुड्स की आपूर्ति की ( अथवा जहाँ इनपुट्स या कैपिटल गुड्स सीधे जॉब-वर्कर के परिसर में भेजे गए, वहाँ जॉब-वर्कर द्वारा उन्हें प्राप्त करने की तिथि पर )। अतः प्रिंसिपल उसके अनुसार कर देने के लिए उत्तरदायी हागा ।
कैपिटल गुड्स को तीन साल के अंदर वापस लाने की शर्त Moulds, Dies, Jigs, Fixtures TT उपकरणों पर लागू नहीं हैं।
जॉब-वर्क की दोरान उत्पादित Waste और Scrap जॉब-वर्कर सीधे अपने व्यावसायिक परिसर से कर के भुगतान के पश्चात आपूर्ति कर सकता है, यदि वह पंजीकृत है। यदि वह पंजीकृत नहीं हैं, तो ऐसी वस्तुएँ प्रिंसिपल द्वारा कर का भुगतान करने पर आपूर्तित होंगी।
हाँ। जॉब-वर्क के उद्देश्य से, इनपुट शब्द मध्यवर्ती माल को समाहित करता है, जो प्रिंसिपल या जॉब-वर्कर द्वारा इनपुट पर कोई शोधन या प्रसंस्करण करने के दौरान उत्पन्न हुई हों।
यह पूर्ण रूप से प्रिंसिपल की जिम्मेदारी है, कि वह जॉब-वर्क से संबंधित इनपुट्स और कैपिटल गुड्स का यथोचित खाता बनाकर उसका रख-रखाव कर ।
नहीं। यह तभी लागू होता है जब पंजीकृत कराधीन व्यक्ति कराधीन माल भेजने की इच्छा रखता हैं। दूसरे शब्दों में, ये प्रावधान Exempted या Non taxable goods पर लागू नहीं होता, या फिर जब भेजने वाला पंजीकृत कराधीन व्यक्ति से अलग कोई व्यक्ति हों।
नहीं। प्रिसिपल इनपुट्स या कैपिटल गुड्स को जीएसटी का भुगतान करने के बाद, बिना विशेष प्रक्रिया का अनुपालन किए ही भेज सकता हैं। ऐसी स्थिति में जॉब-वर्कर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेगा और जीएसटी का भुगतान करने के बाद प्रसंस्कृत माल क वापस भेजेगा ( जॉब-वर्क पूरा करने के बाद )
नहीं । यह अनिवार्य नही है । क्योंकि जॉब-वर्क के प्रावधान IGST Act और UTGST Act दोनों में लिए गए हैं और इसलिए जॉब-वर्कर और प्रिंसिपल एक राज्य में, एक संघ क्षेत्र में या विभिन्न राज्य और संघ-क्षेत्र में स्थित हो सकते है।
स्रोत: भारत सरकार का केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 11/20/2023
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