जादू टोना एवं भूत सिद्धि - सामाजिक एवं चिकित्सकीय परिप्रेक्ष्य
इंद्रजाल क्या है ?
शैतानों के साथ सम्बन्ध के द्वारा दुष्ट शक्तियां प्राप्त कर नुकसानदायक अ
सामाजिक व्यवहार एवं क्रियाकलाप है।
जादू-टोना करने वाले व ओझा के बीच अंतर
जादू-टोना करने वाले वे पुरुष या महिला होते हैं जिसके पास अन्यों को नुकसान पहुंचाने के लिए अतीन्द्रिय शक्तियां होती हैं।
ओझा एक सचेत व्यक्ति होता है जिसके पास जादुई शक्तियां, पापी विचार, कपट एवं नफ़रत होती है।
समाज के प्रभावित हिस्से
- सामाजिक एवं आर्थिक रूप से गरीब, महिलाएं, अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्ग के लोग।
बाणमति के प्रति भय के कारण
- सांस्कृतिक मान्यताएं
- सामाजिक स्थिति
- दमन एवं अत्याचार
- निरक्षरता
- अज्ञानता
- चिकित्सा सहायता का अभाव
- राजनीतिक एवं सामाजिक दुश्मनी
- वैवाहिक/ व्यक्तिगत समस्याएं
- मनोवैज्ञानिक
- अतीन्द्रिय एवं दुष्ट शक्तियों में विश्वास
- अंधविश्वास
बाणमति पर विश्वास के कारण
- गरीबी – 80 प्रतिशत
- निरक्षरता – 80 प्रतिशत
- गतिशीलता का अभाव – 90 प्रतिशत
- उचित स्वास्थ्य सुविधा का अभाव – 80 प्रतिशत
- दमन/ अत्याचार – 70 प्रतिशत
- अंधविश्वास एवं मंत्रों में विश्वास – 95 प्रतिशत
जादू करने वाले/ओझा के रूप में संदेह किये जाने वाले व्यक्ति
- असामान्य एवं विचित्र व्यवहार
- गाँव के लिए अजनबी
- सामाजिक दुश्मनी
- ऐसा कुछ बोलना जो दूसरे न समझ सकें
संभावित व्यक्तियों की प्रताड़ना की विधि
- व्यक्ति/परिवार पर जुर्माना
- पीटना
- दांत उखाड़ना
- जीभ तथा कान काटना
- जोड़ों को तोड़ना
- अंगभंग
- सामाजिक पृथक्करण/बहिष्कार
- घर/ ज़मीन खाली करने के लिए मजबूर किया जाना
- गाँव से दूर भगाया जाना
- संपत्ति पर अवैध कब्जा
- मिथ्या आरोप
- रिश्तेदारों को संत्रास
- ज़िंदा जलाना
- मानसिक संत्रास
अनुशंसाएं-बाणमति के विरुद्ध कार्यक्रम
इस सामाजिक कुरीति के विरुद्ध अनुशंसाएं-बाणमति के विरुद्ध कार्यक्रम
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करें
- चलित चिकित्सा दल
- बाणमति के मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर तुंरत चिकित्सा उपलब्ध कराएं तथा बाणमति के विरुद्ध शिक्षित करें
- मंडल मुख्यालय में मनोरोग विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक एवं चिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ता नियुक्त करें
- सामाजिक- आर्थिक उत्थान एवं गरीबी उन्मूलन के लिए कदम
- ग्रामीण क्षेत्रों में संचार (इलेक्ट्रॉनिक एवं यातायात) साधनों में सुधार लाना
- गैर सरकारी संस्थाओं को प्रोत्साहन दें
- ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक स्कूल खोलें
- औपचारिक/ अनौपचारिक शिक्षा को बढ़ावा दें
- स्कूल के पाठ्यक्रम में बाणमति के विरुद्ध पाठ शामिल करें
- बाणमति के विरुद्ध सख्त कानून बनाएं
- बाणमति अपराध संज्ञेय बनाएं
- कानून तोड़ने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए
- मीडिया (प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक) की भूमिका बढ़ाएँ
- उन टीवी सीरियलों एवं फिल्मों को प्रतिबंधित करें जो बाणमति पर विशवास को बढ़ावा देते हों
- विज्ञान यात्राओं/ जादू के खेलों को बढ़ावा दें
- युवाओं एवं महिलाओं को संगठित करें
- सांस्कृतिक कार्यक्रम बनायें
- बाणमति के शिकारों की रक्षा करें।
सरकार की भूमिका - अंधविश्वास दूर करना
- वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना
- चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना
- बाणमती से लड़ने में अति सक्रिय भूमिका निभाना
- राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाना।
सम्बद्ध संसाधन
- बाणमति जांच पर प्रो. नरसिम्हैया समिति।
कर्नाटक विधान परिषद् ने समस्या की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। डॉ. एच. नरसिम्हैया, सदस्य विधान परिषद् ने दल का नेतृत्व किया. जांच दल की खोज में बिना शक यह उजागर हुआ की बाणमति एवं जादू-टोने का कोई अस्तित्व ही नहीं है एवं यह कुछ और नहीं, केवल निहित स्वार्थों द्वारा अविरत जारी भय है, तथा अफवाहों ने लोगों में तबाही फैलाई।
स्त्रोत:
पोर्टल विषय सामग्री टीम
अंतिम बार संशोधित : 3/16/2023
0 रेटिंग्स और 0 कमैंट्स
रोल ओवर स्टार्स, इसके बाद रेट को क्लिक करें।
© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.