परिवार में किसी शिशु के जन्म अथवा किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर इसकी सूचना अपने क्षेत्र के जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार कार्यालय (ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत कार्यालय एवं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका / नगर परिषद / नगर निगम कार्यालय) को देकर जन्म अथवा मृत्यु का पंजीकरण कहलाता है। जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण कराना कानूनन अनिवार्य हैं।
जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये अनिवार्य है। जन्म-मृत्यु पंजीकरण से प्राप्त सूचनाऐं हमारी योजनाओं के नीति निर्धारण में सहायक होती है। अतः जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण निम्न प्रकार से उपयोगी है।
देश एवं प्रदेश की योजनाओं यथा शिक्षण संस्थाएं खोलन, पेयजल एवं विद्युतीकरण कार्य आदि के निर्माण एवं क्रियान्वन हेतु जन्म एवं मृत्यु के आंकडों का उपयोग किया जा सकता है।
जन्म दर का उपयोग परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता ज्ञान करने एवं मृत्युदर, शिशु मृत्यु दर एवं मृत जन्म दर का उपयोग स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं के विस्तार हेतु किया जा सकता है।
मृत्यु के कारणों के आधार पर बीमारियों की प्रवृति एवं क्षेत्र विशेष में किस बीमारी का अधिक प्रकोप है, बारे में जानकारी उपलब्ध होती है जिसके आधार पर चिकित्सा सेवाऍं उपलब्ध कराई जा सकती है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत / नगरपालिका / नगर परिषद / नगर निगम मुख्यालय पर स्थित जन्म-मृत्यु पंजीयक कार्यालय रजिस्ट्रार के कार्यालय में जन्म-मृत्यु की सूचना घटना घटित होने के 21 दिवस की अवधि में परिवार के सदस्य या नजदीकी रिश्तेदार द्वारा प्रपत्र-1 में (जन्म की सूचना) एवं प्रपत्र-2 में (मृत्यु की सूचना) भरकर देने पर जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है। जन्म या मृत्यु की सूचना निर्धारित अवधि 21 दिवस पश्चात् परन्तु 30 दिवस के अन्दर देने पर दो रूपये विलम्ब शुल्क जमा करवाकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है व जन्म या मृत्यु की सूचना 30 दिवस से अधिक परन्तु 1 वर्ष के भीतर स्थानीय पंजीयक को देने पर आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप में नोटरी पब्लिक से प्रमाणित एवं संबंधित जिला पंजीयक (जिला संख्यिकी अधिकारी)/ अतिरिक्त जिला पंजीयक ( विकास अधिकारी) से लिखित अनुज्ञा प्राप्त एक शपथ पत्र देकर तथा सम्बन्धित पंजीयक कार्यालय में पॉंच रूपये विलम्ब शुल्क जमा करवाकर जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है।
जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के नियम 9(3) के अनुसार जन्म या मृत्यु की घटना चाहे कितनी पुरानी हो, उसका पंजीयक कराया जा सकता है। इसके लिये आवेदक को पॉंच रूपये के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा एवं जन्म या मृत्यु की घटना घटित होने के क्षेत्र के कार्यकारी मजिस्ट्रेट यथा जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट/ अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट/ सिटी मजिस्ट्रेट/उपखण्ड अधिकारी/ सहायक कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट/ तहसीलदार आदि में से किसी एक से उक्त घटना के पंजीकृत करवाने हेतु अनुज्ञा प्राप्त करेगा अनुज्ञा प्राप्त कर आवेदक स्थानीय पंजीयक कार्यालय में 10 रूपये विलम्ब शुल्क जमा करवाकर जन्म या मृत्यु के पंजीयन हेतु आवेदन कर जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर तथा शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका/नगर परिषद/ नगर निगम में जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रार के कार्यालय में सम्पर्क करें। इसके अलावा आप अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर भी इस पंजीकरण को करवा सकते है।
स्त्रोत: स्वास्थ्य विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020