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बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज सृजन स्कीम के लिए दिशानिर्देश

बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज सृजन स्कीम के लिए दिशानिर्देश

पृष्ठभूमि

नवीं योजना के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अन्य के साथ-साथ बैकवर्ड लिंकेज स्कीम प्रचालित करता था जिसका लक्ष्य संविदा खेती के माध्यम से कच्ची सामग्री की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करके फल आधारित वाइन उद्योग सहित खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की क्षमता उपयोग को बढ़ाना था। इस स्कीम का फारवर्ड एकीकरण के अतिरिक्त घटक के साथ 10वीं योजना के दौरान कार्यान्वित किया जाना जारी रखा गया। बैकवर्ड एवं फारवर्ड एकीकरण में अंतरों को समाप्त करने और खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की क्षमता का ईस्टतम उपयोग करने के लिए मंत्रालय का प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज सृजन की नई स्कीम को शुरू करना है। यह कार्य खेत स्तर पर प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों/संग्रहण केंद्रों की स्थापना करने में सहायता देकर और आवेष्टि/रेफ्रीजरेटिड परिवहन के माध्यम से कनेक्टिविटी के साथ अग्र छोर पर आधुनिक खुदरा दुकानों की स्थापना करके किया जाएगा। स्कीम शीघ्र खराब होने वाले बागवानी और गैर-बागवानी उत्पादों जैसे फल, सब्जियां, शुष्क उत्पाद, मांस, पॉल्ट्री, मछली इत्यादि के लिए लागू है।

योजना का उद्देश्य

स्कीम का उद्देश्य कच्ची सामग्री की उपलब्धता तथा बाजार के साथ लिंकेजों के अनुरूप आपूर्ति श्रृंखला में अंतरों को समाप्त करके प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिए प्रभावी तथा सतत बैकवर्ड एवं फारवर्ड एकीकरण स्थापित करना है। यह स्कीम किसानों को प्रसंस्करणकर्ताओं और बाजार से जुड़ना संभव बनाएगी जिससे उन्हें उनके उत्पादों का लाभदायी मूल्य मिलना सुनिश्चित होगा।

पात्र सेक्टर

निम्नलिखित खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर स्कीम के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं-

  • बागवानी
  • दूध और दुग्ध उत्पाद
  • मांस, पॉल्ट्री, मछली, समुद्री उत्पाद, पिगरी
  • खाने/पकाने के लिए तैयार खाद्य उत्पाद
  • शहद, नारियल, मसाले, मशरूम
  • शीघ्र सड़ने-गलने वाले खाद्य उत्पादों के लिए खुदरा दुकानें

पात्र घटक

  • खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित निम्नलिखित घटक एवं सुविधाएं पात्र हैं जिनके लिए सहायता प्राप्त की जा सकती है।

क)बैकवर्ड लिंकेज

  • एकीकृत पैकिंग गृह (यांत्रिकृत छंटाई एवं वर्गीकरण प्रणाली/पैकिंग/बैक्सिंग प्रणाली/शीतकक्ष/शीतभंडारण व्यवस्था करना आदि)
  • दूध चिलिंग केंद्र/बल्क मिल्क कूलर
  • पूर्व शीतलन यूनिट/यूनिटें/चिलर्स
  • रीफर नावें
  • न्यूनतम प्रसंस्करण और/अथवा मूल्यवर्धन जैसे कटाई, डायसिंग, स्लासिंग, पिकलिंग,शुष्कीकरण, लुग्दीकरण, डिब्बाबंदी, बैक्सिंग आदि के लिए मशीनरी और उपकरण
  • पैकिंग/पैकेजिंग के लिए मशीनरी और उपकरण

ख)फारवर्ड लिंकेज

  • प्रसंस्करणकर्ताओं और/अथवा शीघ्र सड़ने-गलने वाले खाद्य उत्पादों के लिए ऊपर (क) पर घटक के अंतर्गत खेत स्तरीय अवसंरचना वाले संगठनों द्वारा स्थापित की जाने वाली आउटलेट्स की खुदरा श्रृंखला। इनमें फ्रोजन भंडारण/डीप फ्रीजर्स/रैफ्रीजेरेटिड डिस्प्ले बिनेट्स/शीतकक्ष/चिलर्स/पैकिंग/पैकेजिंग इत्यादि जैसी सुविधाएं होंगी।
  • उपरोक्तानुसार आउटलेट्स की खुदरा श्रृंखला के साथ जुड़े वितरण केंद्र जिनमें शीतकक्ष/शीतागार/पक्वन चैम्बर जैसे सुविधाएं होंगी।
  • नोट - खुदरा आउटलेट ग्रामीण क्षेत्रों में अथवा खेत के निकट भी स्थापित किए जा सकते हैं।

ग)परिवहन

  • ऊपर (क) और/अथवा (ख) पर दिए गए घटकों के संयोजन में रैफ्रीजेरेटिड/आवेष्टित वाहन/रीफर वैनें ।
  • स्कीम के अंतर्गत जिस अवसंरचना को सहायता दी जाएगी उसकी वास्तविक प्रकृतिक परियोजना के आवाह क्षेत्र में कृषि/बागवानी उत्पाद के आधार पर निश्चित की जाएगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है और दिन प्रति दिन अनेक नव-प्रवर्तनकारी, भंडार, परिरक्षण और न्यूनतम प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियां विकसित की जा रही हैं जिन पर भी तकनीकी समिति की सिफारिशों के साथ इस स्कीम के अंतर्गत विचार किया जाएगा।
  • इस स्कीम के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदक व्यावहारिक परियोजना आधार पर उल्लिखित सुविधाओं में से कोई एक अथवा अधिक सुविधाएं स्थापित कर सकता है। एकल कार्यकलाप जैसे ताप नियंत्रित परिवहन/भंडारण सुविधाओं इत्यादि पर इस स्कीम के अंतर्गत विचार नहीं किया जाएगा।
  • सुविधा की कार्य प्रगति को ध्यान में रखते और आपूर्ति श्रृंखला में अंतर को समाप्त करने की दृष्टि से तथा परियोजना की क्षमता उपयोग और व्यवहार्यता को बढ़ाने के लिए आवेदक अन्य केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/संगठनों अथवा राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही स्कीमों के संयोजन में इस स्कीम के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकते हैं परंतु उन घटकों/सुविधाओं के लिए कोई सहायता नहीं दी जाएगी जिनके लिए पहले ही अनुदान सहायता अनुमोदित की जा चुकी है/प्राप्त की जा चुकी है।

अपात्र मदें

  • अनुदान के प्रयोजन हेतु निम्नलिखित मदों को अपात्र माना जाएगा
    • चारदीवारी
    • पहुंच मार्ग
    • भूमि की लागत और स्थल विकास
    • प्रशासनिक कार्यालय भवन
    • कैंटीन
    • सुरक्षा/गार्ड रूम या घेरा
    • परामर्शी शुल्क, बीमा आदि
    • मार्जिन मनी, कार्यशील पूंजी एवं आकस्मिक निधियां
    • ईंधन, उपभोज्य वस्तुएं, अतिरिक्त पूर्जे एवं सामान
    • कम्प्यूटर तथा सम्बद्ध कार्यालय फर्नीचर
    • रीफर ट्रकों/वैनों/रेफ्रीजेरेटिड वाहनों/आवेष्टित वैनों/दूध के टैंकरों के अलावा यातायात वाहन
    • प्रचालन-पूर्व व्यय
    • उपयोग में लाई जा चुकी/पुरानी/पुनः चमकायी गई/ मरम्मत की हुई मशीनें
    • सभी प्रकार के सेवा-शुल्क आदि
    • मशीनरी की पेंटिंग पर हुआ व्यय
    • क्लोज्ड सर्किट टीवी कैमरा और उपकरण से संबंधित सुरक्षा प्रणाली
    • लेखन मदें
    • परियोजना से सीधे न जुड़े हुए संयंत्र एवं मशीनरी

नोट - उपर्युक्त सूची केवल उदाहरण स्वरूप है, पूर्ण नहीं ।

पात्र संगठन/संस्थान

  • स्कीम के अंतर्गत निम्नलिखित वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे-

क. खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों के प्रमोटर

ख. खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति श्रृंखला में प्रवेश करने की इच्छुक उद्यमी

ग. उत्पादकों के समूह जैसे सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओज), किसान उत्पादक कंपनियां (एफपीसीज), स्व-सहायता समूह (एसएचजीज) इत्यादि जो खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों के जुड़े हों अथवा न्यूनतम प्रसंस्करण/मूल्यवर्धन केंद्रों की स्थापना करने के इच्छुक हों ।

घ. खुदरा बिक्रेता जिनके खेत स्तर और/अथवा प्रसंस्करणकर्ताओं के साथ लिंकेज हों

  • उपर्युक्त श्रेणियों में आवेदकों को केंद्रीय और राज्य सरकारों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/संयुक्त उद्यमों/किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओज)/गैर-सरकारी संगठनों/सहकारी समितियों/स्व-सहायता समूहों (एसएजजीज)/सार्वजनिक एवं निजी कंपनियों/सीमित देनदारी वाले सहभागियों कॉर्पोरेट संस्था/स्वमित्व वाली फर्मों/भागीदारी फर्मों इत्यादि के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

पात्र परियोजना लागत

ऊपर पैरा-5.1 में किए गए उल्लेख के अनुसार अपात्र मदों को छोड़कर संयंत्र एवं मशीनरी तथा तकनीकी सिविल कार्यों की लागत शामिल है ।

सहायता का पैटर्न

प्रति परियोजना अधिकतम देय अनुदान पात्र परियोजना लागत की क्रमशः सामान्य क्षेत्रों में 35% की दर से और पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों तथा द्वीप समूहों में 50% की दर से परंतु अधिकतम 5.00 करोड़ रुपए है ।

नोट

  • अनुदान केवल तकनीकी सिविल कार्य तथा पात्र संयंत्र और मशीनरी के लिए ही दिया जाएगा ।
  • कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) के जारी मानदंड अपनाए जाएंगे जहाँ भी उपलब्ध होंगे । एमआईडीएच के दिशानिर्देशों में शामिल न की गई सुविधाओं के लिए मानदंड मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए मानदंड अपनाए जाएंगे। मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए मानदंडों का ब्यौरा नीचे दी गयी वेबसाइट में उपलब्ध है ।

अनुदान जारी करने का पैटर्न

अनुदान सहायता नीचे दी गई अनुसूची के अनुसार 25%, 40% और 35% की तीन किस्तों में जारी की जाएगी I

क. स्कीम के अंतर्गत अनुमोदित अनुदान की 25% की पहली किस्त प्रमोटर के अंशदान के 25% और 25% सावधिऋण के पात्र परियोजना लागत पर व्यय सुनिश्चित करने तथा परियोजना की सहगामी वास्तविक प्रगति का पता करने के लिए किए गए स्थल निरीक्षण के पश्चात जारी की जाएगी। प्रमोटर अनुमोदन पत्र जारी किए जाने की तारीख से 8 महीने के भीतर (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों के मामले में 10 महीने) पहली किस्त के लिए अनुरोध करने के साथ दस्तावेज प्रस्तुत करेगा।

ख. स्कीम के अंतर्गत अनुमोदित अनुदान की 40% की दूसरी किस्त (i) जारी किए गए अनुदान की पहली किस्त का उपयोग (i) प्रमोटर के अंशदान के 65% और 65% सावधिऋण के पात्र परियोजना लागत पर व्यय सुनिश्चित करने तथा (iii) परियोजना की सहगामी वास्तविक प्रगति का पता करने के लिए किए गए स्थल निरीक्षण के पश्चात जारी की जाएगी। प्रमोटर अनुमोदन पत्र जारी किए जाने की तारीख से 14 महीने के भीतर (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों के मामले में 16 महीने) दूसरी किस्त के लिए अनुरोध करने के साथ दस्तावेज प्रस्तुत करेगा।

ग. स्कीम के अंतर्गत अनुमोदित अनुदान के शेष 35% की तीसरी और अंतिम किस्त (i)जारी किए गए अनुदान की दूसरी किस्त का उपयोग (ii) प्रमोटर के अंशदान के 100% और 100% सावधिऋण के पात्र परियोजना लागत पर व्यय सुनिश्चित करने तथा (i) परियोजना पूरी हो चुकी है और वाणिज्यि प्रचालन शुरू हो गया है तथा (iv) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड अथवा अपीडा या डीए डीएफ, बैंक (जिसने सावधिऋण स्वीकृत किया है) और पीएमए के प्रतिनिधियों की टीम द्वारा परियोजना के पूरे होने एवं वाणिज्य प्रचालन/उत्पादन शुरू होने का पता लगाने के लिए संयुक्त निरीक्षण के पश्चात जारी की जाएगी। प्रमोटर अनुमोदन पत्र जारी किए जाने की तारीख से 18 महीने के भीतर (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों के मामले में 20 महीने) तीसरी किस्त के लिए अनुरोध करने के साथ दस्तावेज प्रस्तुत करेगा।

घ. अनुदान की पहली, दूसरी और तीसरी किस्त जारी करने के लिए प्रमोटर द्वारा जारी किए जाने वाले दस्तावेज परिशिष्ट-1 में दिए गए हैं।

ङ. जिन मामलों में प्रमोटर द्वारा दूसरी और तीसरी किस्त जारी करने के लिए मानदंड पूरे किए गए हों उनमें प्रोत्साहन के रूप में दूसरी और तीसरी किस्तें एक किस्त के रूप में साथ-साथ जारी की जा सकती हैं। ऐसे मामलों में प्रमोटर अनुमोदित अनुदान के 75% की शेष राशि जारी करने के लिए एक ही आवेदन में पहली किस्त के व्यय/उपयोग को दर्शाने वाला विवरण देते हुए अपेक्षित सभी दस्तावेज प्रस्तुत करेगा। किस्त की दूसरी और तीसरी किस्तें जारी करने के लिए ऊपर बताए अनुसार अनुदान की राशि जारी करने के पहले सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए समुचित निष्ठा सत्यापित की जाएगी ।

कार्यान्वयन अनुसूची एवं दंड

  • परियोजना के लिए कार्यान्वयन अनुसूची वित्तीय सहायता के लिए अनुमोदन पत्र जारी किए जाने की तारीख से सामान्य क्षेत्रों में 18 माह और (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों के लिए 20 माह होगी। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए समय-विस्तार नहीं दिया जाएगा। आपवादिक स्थितियों में प्रमोटर (प्रमोटरों) के नियंत्रण से बाहर कारणों के लिए कार्यान्वयन की अवधि अंतरमंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) के अनुमोदन से बढ़ाई जा सकती है।
  • अनुमोदन पत्र के अनुसार परियोजना का कार्यान्वयन न करने के मामले में मंत्रालय को परियोजना को दिए गए अनुमोदन को रद्द करने और जारी किए गए अनुदान, यदि कोई हो को 10% की प्रतिवर्ष ब्याज दर से वापस लेने का अधिकार होगा।
  • वाणिज्यिक प्रचालन शुरू होने के पश्चात कम-कम 3 वर्षों तक प्रचालन करने में असफल रहने पर प्रमोटर 10% की प्रतिवर्ष ब्याज की दर से पूरी अनुदान राशि वापस करेगा ।
  • ब्याज सहित अनुदान की राशि के प्रमोटरों के वापस करने में असफल रहने पर, यथा अनुमोदित परियोजना के कार्यान्वयन न करने की स्थिति में और/अथवा अनुमोदित घटकों के अलावा अन्य प्रयोजन के लिए अनुदान का उपयोग करने पर समुचित राशि संगत लागू नियमों के अनुसार भूमि राजस्व के बकाए के रूप में वसूल किया जाएगा।
  • स्कीम के दिशानिर्देशों और/अथवा अनुमोदन पत्र में यथाविहित किसी भी शर्त और निबंधन की व्याख्या से उत्पन्न हुए विवाद के किसी भी मामले में उसके बारे में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की व्याख्या एवं निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा।
  • मंत्रालय परियोजना की किसी भी अवस्था में कोई भी स्पष्टीकरण और/अथवा कोई दस्तावेज/सूचना मांग सकता है। मंत्रालय को स्कीम के दिशानिर्देशों को संशोधित करने अथवा उनमें निहित अन्य शर्तों और निबंधनों को संशोधित करने का अधिकार है ।
  • यदि किसी भी समय पर मंत्रालय की जानकारी में यह बात आती है कि अनुदान तथ्यों के जोड़-तोड़ अथवा सूचना छिपाकर प्राप्त किया गया है तो उसे तुरंत वापस ले लिया जाएगा और यदि कोई राशि जारी की गई होगी तो उसे 10% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित वापस लिया जाएगा।
  • सरकार के अनुदान से पूर्णत: अथवा महत्वपूर्ण रूप से सृजित परसंपत्तियां मंत्रालय का अनुमोदन प्राप्त करने से पूर्व बेची नहीं जाएंगी अथवा ऋण पर नहीं दी जाएगी अथवा जिस प्रयोजन के लिए अनुदान जारी किया गया है उससे इतर प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं की जाएगी। इस शर्त को पूरा न करने की स्थिति में प्रमोटर को अनुदान 10% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित लौटाना पड़ेगा। प्रमोटर के अनुदान राशि ब्याज सहित लौटाने में असफल रहने की स्थिति में शेष राशि संगत लागू नियमों के अनुसार भूमि राजस्व के बकाए के रूप में वसूल की जाएगी।
  • पूरी हो चुकी परियोजनाओं के प्रमोटर अनुमोदित अनुदान की अंतिम किस्त जारी होने की तारीख से अगले 5 वर्षों तक मंत्रालय को प्रत्येक वर्ष निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे
  • संस्था का लेख परिक्षित वार्षिक वित्तीय विवरण जिसमें तुलन पत्र, हानि एवं लाभ का विवरण, अनुसूची और परियोजना के लेखों के नोट दर्शाए गए हों ।
  • परियोजना की प्रतिशतता क्षमता उपयोग।
  • स्कीम के दिशानिर्देशों में निर्धारित प्रत्येक किस्त और/अथवा अनुमोदन देते समय आईएमएसी द्वारा यथा अनुमोदित समय-सीमा इस प्रयोजन के लिए लागू होगी। जिन मामलों में प्रमोटर समय-सीमा का पालन नहीं कर पाएगा और मंत्रालय से दंड कार्रवाई में छूट का अनुरोध करेगा उन मामलों में देरी के लिए केवल प्राकृतिक कारण वास्तविक कारण के रूप में स्वीकृत किया जाएगा।
  • परियोजना के लिए देय किस्त विशेष की समय-सीमा का पालन न करने की स्थिति में निर्धारित समय-सीमा के पश्चात प्रत्येक माह की देरी के लिए जारी करने के लिए बकाया किस्त की मात्रा के 1% राशि का दंड लगाया जाएगा। परंतु दंड की अधिकतम राशि जारी की जाने वाली किस्त के 5% से अधिक नहीं होगी।
  • दंड अनुदान की किस्त जारी करने के लिए मंत्रालय को पूरे दस्तावेज प्रस्तुत करने की तारीख तक देरी के लिए लगाया जाएगा।
  • दंड लगाने, दंड की मात्रा और अवधि जिसके लिए दंड लगाया जाएगा के बारे में इमैक का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा।
  • प्रमोटर अनुमोदन पत्र में उल्लिखित समय-सीमा के अनुसार परियोजना पूरी करने के भरसक प्रयास करेगा। निर्धारित समय-सीमा का पालन न करने की स्थिति में, प्राकृतिक आपदा की स्थिति अथवा प्रमोटर के नियंत्रण से बाहर के कारणों को छोड़कर आईएमएसी नीचे दिया अनुसार मामला-दर-मामला के आधार पर अनुदान राशि को कम करने के अनुरूप दंड लगाने पर विचार कर सकती है-

अभिरुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई)

  • स्कीम के अंतर्गत आवेदन ईओआई के माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने आवेदनों को ऑन-लाइन भरने के लिए इस वेबसाइट Www.mofpi.nic.in पर एक प्रणाली शुरू की है। वेबसाइट के होमपेज पर एक लिंक “यहां ऑनलाइन आवेदन और स्थिति ट्रैक करें” उपलब्ध कराया गया है । ऑन-लाइन आवेदन होने के पश्चात आवेदक को ऑन-लाइन आवेदन फार्म का प्रिंट-आउट निकाल कर उसे अपेक्षित शुल्क के साथ प्रस्तुत करना चाहिए ।
  • पात्रता मानदंड

स्कीम के अंतर्गत प्रस्तावों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना है-

क)परियोजना लागत के कम-से-कम 20% राशि का सावधिऋण प्राप्त करने के लिए बैंक/वित्तीय संस्थान से सावधिऋण मंजूरी का अंतिम पत्र । सावधिऋण की स्वीकृति की तारीख ईओआई जारी करने की तारीख से पहले की नहीं होनी चाहिए ।

ख)प्रस्ताव विशिष्ट से संबंधित बैंक/वित्तीय संस्थान का विस्तृत मूल्यांकन नोट। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट/तकनीकी आर्थिक व्यावहार्यता रिपोर्ट जिस पर केवल बैंक/वित्तीय संस्थान ने स्टॉम्प लगाई हो अथवा पृष्ठांकन किया हो बिना विस्तृत मूल्यांकन नोट के विधिमान्य मूल्यांकन नोट नहीं माना जाएगा और ऐसे प्रस्तावों पर वित्तीय सहायता के लिए विचार नहीं किया जाएगा।

ग)कुल परियोजना लागत की कम-से-कम 20% इक्विटी का सामान्य क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए और पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों तथा आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों परियोजनाओं के लिए कम-से-कम 10% इक्विटी का इनफ्यूजन ।

घ) किसी भी पात्र संगठन इसकी सहायक कंपनी/संबंधित कंपनी/समूह कंपनी/संगठन और ऐसी कंपनियों/संगठनों के प्रमोटरों को अनुदान सहायता स्कीम के अंतर्गत एक बार एक परियोजना तक सीमित होगी।

ङ)किसी भी संस्था/संगठन जिसने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से मंत्रालय की किसी अन्य स्कीम के अंतर्गत किसी परियोजना के लिए अनुदान प्राप्त किया हो तो उसे पूर्ववर्ती परियोजना के पूरा होने तक अन्य अनुदान के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।

च)एक ही आवेदक/संगठन 5 वर्षों में दो से अधिक अनुदान प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा।

छ) जिन आवेदकों/प्रमोटरों ने मंत्रालय के किसी अन्य स्कीम के अंतर्गत सहायता प्राप्त की हो और पुनः इस स्कीम के अंतर्गत आवेदन करते हैं तो ऐसे मामलों में पिछली परियोजनाएं पूरी हो चुकीं हों और वाणिज्यिक प्रचालन/उत्पादन शुरू हो गया हो तथा इस स्कीम की ईओआई के विज्ञापन की तारीख से पहले उसने कम-से-कम एक वर्ष सफलतापूर्वक पूरा किया हो।

ज)प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण/उन्नयन की परिकल्पना वाले प्रस्ताव और संयंत्र एवं मशीनरी पर वित्तीय सहायता हेतु विचार किया जाएगा। परंतु ऐसे मामलों में अनुदान अभिरुचि की अभिव्यक्ति जारी करने के पश्चात सृजित किए घटकों तक ही सीमित होगी। वार्षिक रिपोर्टों और पिछले 3 वर्षों के लेखों का लेखा-परीक्षित विवरण भी आवेदकों को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा । ऐसे मामलों में मंत्रालय द्वारा अनुमोदन-पूर्व निरीक्षण किया जा सकता है।

झ) अनुदान संयंत्र एवं मशीनरी तथा प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पश्चात सृजित तकनीकी सिविल कार्य के लिए ही दिया जाएगा ।

ञ)विस्तार परियोजनाओं पर वित्तीय सहायता के लिए विचार किया जाएगा बशर्ते कि मौजूदा सुविधा से भिन्न अलग तकनीकी सिविल कार्य एवं संयंत्र तथा मशीनरी की परिकल्पना की गई हो।

दस्तावेज तथा अपेक्षित शुल्क

  • निम्नलिखित दस्तावेज ऑन-लाइन अपलोड किए जाने अपेक्षित है-
    • परिशिष्ट-॥ पर निर्धारित प्रपत्र में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
    • परिशिष्ट-॥ के अनुसार सीए/विधिक लेखा-परीक्षक का प्रमाण पत्र
    • मुख्य अभियंता (सिविल) का प्रमाण-पत्र (परिशिष्ट-IV) और मुख्य अभियंता (यांत्रिकी) का प्रमाण-पत्र (परिशिष्ट-V)।
    • सामान्य क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों और आईटीडीपी क्षेत्रों तथा द्वीप समूहों में परियोजनाओं के लिए क्रमशः कुल परियोजना लागत की कम-से-कम 20% और 10% इक्विटी के इनफ्यूजन का प्रमाण-पत्र जिसे उधारकर्ता बैंक/वित्तीय संस्थान द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया हो।
    • परियोजना लागत के कम-से-कम 20% राशि का सावधिऋण प्राप्त करने के लिए बैंक/वित्तीय संस्थान से सावधिऋण स्वीकृति का अंतिम पत्र।
    • बैंक/वित्तीय संस्थान का विस्तृत मूल्यांकन नोट।
    • आवेदक फर्म के समावेशन/पंजीकरण का प्रमाण-पत्र, कंपनी के मामले में ज्ञापन एवं संगम अनुच्छेद/सोसायटी, सहकारी समिति, स्व-सहायता समूह,/पंजीकृत साझेदारी विलेख के उपनियम।
    • परियोजना प्रमोटर (प्रमोटरों) का बायोडाटा/पृष्ठभूमि/अनुभव
    • आवेदक फर्म/ कंपनी/ सहकारिता/ साझेदारी को-ऑपरेटिव्स/ किसान उत्पादक संगठनों। किसान उत्पादक कंपनियों /स्व-सहायता समूहों आदि की वार्षिक रिपोर्ट तथा पिछले दो वर्षों के लेखों का लेखा परीक्षित वित्तीय ब्यौरा।
    • आवेदक के नाम में कथित भूमि के समर्थन में भूमि दस्तावेजों का विधिवत स्वयं सत्यापित अंग्रेजी/हिंदी पाठ अथवा भूमि पट्टा जो कम से कम 15 वर्षों के लिए सक्षम प्राधिकारी के साथ विधिवत पंजीकृत हो।
    • सक्षम प्राधिकारी से उक्त भूमि के लिए परियोजना हेतु भूमि उपयोग अनुमति में परिवर्तन ।
    • ऋणदाता बैंक/वित्तीय संस्थान से इस आशय का प्रमाण-पत्र की सुविधा में यूओआई जारी होने की तारीख अथवा बैंक का प्रमाण-पत्र जारी होने की तारीख को, जो भी बाद में हो, वाणिज्यिक प्रचालन शुरू नहीं हुआ है।
    • आवेदक द्वारा परिशिष्ट-VI के अनुसार वचन पत्र दिया जाए।
    • बैकवर्ड और फारवर्ड लिंकेजों के लिए संबंधित सेक्टरों को संबंधित जिला प्राधिकरण द्वारा विधिवत प्रमाणित समझौता ज्ञापन/करार।
    • प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण/उन्नयन तथा संयंत्र एवं मशीनरी के मामले में पिछले 3 वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट और लेखों का लेखा-परीक्षित विवरण प्रस्तावित है। यह नए उद्यमियों के लिए लागू नहीं होगा।
    • अपेक्षित शुल्क प्रस्तुत करने का प्रमाण।
    • आवेदक फर्म के मामले में संलग्नक-1 के अनुसार अधिदेश फार्म।
    • आवेदक फर्म के पैन कार्ड की स्व-प्रमाणित प्रति।
    • पीएफएमएस (सीजीए) पंजीकरण- एजेंसी का प्रकार “निजी क्षेत्र की कंपनियां” और "राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन (सम्पदा) सीएस (9535)” स्कीम नाम के अंतर्गत के अंतर्गत फर्म का pfms.nic.in पर महा-लेखा नियंत्रक (सीजीए) पंजीकरण।

फीस

आवेदकों को भुगतान एवं लेखा अधिकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, नई दिल्ली” के पक्ष में ईओआई दस्तावेज की लागत प्रतिदेय जमानत जमा के रूप में 50,000 रुपए (केवल पचास हजार रुपए) और अप्रतिदेय लागत के रूप में 5000 रुपए (केवल पांच हजार रुपए) आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से जमा करने होंगे।

वित्तीय सहायता हेतु प्रस्तावों का चयन

  • ईओआई के प्रत्युत्तर में प्राप्त सभी प्रस्तावों की प्रथम दृष्टया पात्रता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी समिति द्वारा संवीक्षा और आगे प्रथम दृष्टया पात्र पाए गए प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जाएगा। प्रत्येक प्रस्ताव (पात्र या अन्यथा) पर तकनीकी समिति की सिफारिश/सिफारिशें विचारार्थ और अनुमोदन हेतु अंतरमंत्रालयी अनुमोदन समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। ऊपर पैरा उल्लिखित पात्रता मानदंडों के आधार पर प्रथम दृष्टया पात्र पाए गए प्रस्तावों का मूल्यांकन इन दिशानिर्देशों के परिशिष्ट-VII में मूल्यांकन मानदंडों के अनुसार किया जाएगा ।

तकनीकी समिति

तकनीकी समिति की संरचना निम्नलिखित रूप में होगी-

क)    अपर सचिव/संयुक्त सचिव, खा.प्र.उ.मं, शीतश्रृंखला स्कीम के प्रभारी-अध्यक्ष

ख)   प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) अथवा उनका नामिती-सदस्य

ग)    आर्थिक सलाहकार, खा.प्र.उ.मं-सदस्य

घ)     संयुक्त सचिव, पशुपालन, डेयरी और मत्स्यिकी विभाग अथवा उनका नामिती-सदस्य

ङ)     संयुक्त सचिव, सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्रालय अथवा उनका नामिती-सदस्य

च)    संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय अथवा उनका नामिती-सदस्य

छ)    निदेशक, एसएफएसी अथवा उनका नामिती-सदस्य

ज)    संयुक्त सचिव/निदेशक (वित्त), खा.प्र.उ.मं.- सदस्य

झ)   अध्यक्ष, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (अपीडा) अथवा उनका नामिती-सदस्य

ञ)    संबंधित राज्य खाद्य प्रसंस्करण विभाग/मिशन निदेशालय (एनएमएफपी) के राज्य प्रतिनिधि-सदस्य

ट)     सचिव, खा.प्र.उ. द्वारा नामित किए जाने वाले दो तकनीकी विशेषज्ञ [(क) डोमेन विशेषज्ञ और (ख) वित्त विशेषज्ञ- नाबार्ड /वित्तीय संस्थान का प्रतिनिधि] सचिव, खा.प्र.उ.मं द्वारा नामित किए जाएंगे-सदस्य

ठ)     उप सचिव/निदेशक, खा.प्र.उ.मं.-सदस्य सचिव ।

  • अंतरमंत्रालयी अनुमोदन समिति (इमैक)

अंतरमंत्रालयी अनुमोदन समिति की संरचना निम्नलिखित रूप में होंगी-

क)    माननीया खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री -अध्यक्ष

ख)   माननीया खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री -उपाध्यक्ष

ग)     सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय- सदस्य

घ)     वित्त सलाहकार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय- सदस्य

ङ)     संयुक्त सचिव, शीतश्रृंखला स्कीम के प्रभारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय- संयोजक एवं सदस्य

च)    संयुक्त सचिव, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यिकी विभाग- सदस्य

छ)    संयुक्त सचिव, प्रभारी, एमआईडीएच, कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण मंत्रालय सदस्य

ज)    संयुक्त सचिव, एमएसएमई मंत्रालय- सदस्य झ. संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय- सदस्य

झ)   प्रबंधन निदेशक, एसएफएसी अथवा उनका नामिती- सदस्य

ञ)    प्रधान सचिव, उद्योग/संबंधित राज्य का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग- सदस्य

ट)     वित्त विशेषज्ञ के रूप में नाबार्ड का प्रतिनिधि- सदस्य

  • एफपीओज/एफपीसीज/एसएचजीज/महिला एसएचजीज के प्रस्तावों जो पात्रता मानदंडों के आधार पर पात्र पाए जाएंगे को प्राथमिकता दी जाएगी ।
  • अनुदान सहायता के लिए प्रस्तावों की पात्रता अथवा अन्यथा और उनके चयन के बारे में मंत्रालय का निर्देश अंतिम होगा ।
  • कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसी (पीएमए)- मंत्रालय स्कीम को कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसी की सहायता से कार्यान्वित करेगी । पीएमए की भूमिका और जिम्मेदारियां परिशिष्ट-VIII में परिभाषित की गईं हैं ।
  • तकनीकी एजेंसी (टीए)- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय इस स्कीम और मंत्रालय की अन्य स्कीमों में भागीदारी करने के लिए एफपीओज/एफपीसीज/एसएचजीज/महिला एसएचजीज की सहायता करने के लिए तकनीकी एजेंसी (एजेंसियां) नियुक्त कर सकता है। ऐसी तकनीकी एजेंसी (एजेंसियों) को देय परामर्शी शुल्क असाइनमेंट की शर्तों और निबंधन के अनुसार मंत्रालय द्वारा वहन की जाएगी। इस प्रकार नियुक्त टीए की भूमिका और जिम्मेदारियां परिशिष्ट-IX में परिभाषित की गईं हैं ।
  • मंत्रालय का निर्णय अंतिम आवेदनों की पात्रता, स्वीकृति/निरस्तीकरण, चयन की पद्धति, अनुमोदित अनुदान और दंड लगाने से संबंधित सभी मामलों में मंत्रालय का निर्णय आवेदकों के लिये अंतिम और बाध्यकारी होगा ।
  • न्यायालय का अधिकार क्षेत्र- इन स्कीम दिशानिर्देशों के अंतर्गत प्रस्तावों के चयन और अनुमोदित परियोजना के कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाला कोई भी विवाद दिल्ली में अधिकार क्षेत्र वाले न्यायालयों/ट्रिब्यूनलों के अधीन होगा ।

परिशिष्ट - I

परियोजना को अनुदान सहायता जारी करने की शर्तों और निबंधन

  • प्रमोटर मंत्रालय को स्वीकृति प्रस्तुत करेगा और अनुमोदन पत्र में दिए गए ब्यौरे के अनुसार क्षमताओं को पुष्टि करेगा जो अनुमोदन पत्र जारी करने के 30 दिनों के भीतर सृजित करेगा।
  • प्रमोटर अनुमोदन पत्र के जारी करने के तारीख से 60 दिनों के भीतर निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करेगा -

क) प्रमोटर के नाम में कथित भूमि के समर्थन में भूमि दस्तावेजों का विधिवत स्वयं सत्यापित अंग्रेजी/हिंदी पाठ अथवा भूमि पट्टा जो कम से कम 15 वर्षों के लिए सक्षम प्राधिकारी के साथ विधिवत पंजीकृत हो।

ख) सक्षम प्राधिकारी से परियोजना भूमि के लिए भूमि उपयोग अनुमति में परिवर्तन, जहां भी लागू हो।

ग) परियोजना सुविधा के लेटीट्यूड्स और लॉगीट्यूड्स कॉर्डीनेट्स

घ) परियोजना की संशोधित कार्यान्वयन अनुसूची यदि कोई हो, जिसमें परियोजना के कार्यान्वयन के प्रत्येक चरण के पूरा होने के दिनांकों/वर्ष का विशेष रूप से विवरण दिया गया हो और संबंधित उधारकर्ता बैंक द्वारा विधिवत प्रमाणित तथा प्रमोटर (प्रमोटरों) द्वारा प्रति हस्ताक्षर किए गए हों ।

ङ) प्रमोटर को 3 अलग-अलग बैंक खाते बनाने की आवश्यकता है जिसमें 2 खाते प्रमोटर (प्रमोटरों) के अंशदान और अनुदान सहायता के बारे में अलग से चालू खाता तथा एक सावधिऋण खाता होगा । अनुदान सहायता से संबंधित बैंक खाता का ब्यौरा संलग्नक में दिए गए अनुसार ईसीएस अधिदेश फार्म में उपलब्ध कराया जाएगा।

च) प्रमोटर को वेबसाइट पर अपनी परियोजना से संबंधित आंकड़े ऑन-लाइन भरने होंगे । प्रमोटर को संलग्नक जांच सूची के अनुसार उल्लिखित पोर्टल पर अनुदान सहायता की पहली, दूसरी और तीसरी किस्त (जैसी भी स्थिति हो) जारी करने के दावे को भी ऑन-लाइन प्रस्तुत करना है । ऑन-लाइन प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसी और मंत्रालय द्वारा संवीक्षा की जाएगी। स्कीम के दिशानिर्देशों की आवश्यकताओं का अनुपालन करने के पश्चात ऑन-लाइन प्रस्तुत किए गए और स्वीकृत किए गए दस्तावेजों का अंतिम पाठ भी मंत्रालय को प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के स्याही से किए गए विधिवत हस्ताक्षरों में मोहर लगाकर हाई प्रतियों में भेजना होगा ।

अनुदान सहायता जारी करना

क)    प्रमोटर अनुमोदन पत्र के जारी किए जाने की तारीख से 8 महीने के भीतर (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों के मामले में 10 महीने) पहली किस्त के लिए किसान सम्पदा योजना पोर्टल पर निम्नलिखित दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करेगा-

i.  संलग्नक-॥ के अनुसार प्रतिभूति बंधपत्र -लाभार्थी/आवेदक द्वारा निदेशकों/प्रमोटरों (यथा लागू) से बोई संकल्प/प्रमाण-पत्र जिसमें दस्तावेज के निदेशकों/साझीदारों में से किसी एक को प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के रूप में प्राधिकृत किया गया हो के साथ विधिवत नोटरीकृत तथा दो स्वतंत्र गवाहों (प्रमोटरों को छोड़कर) के हस्ताक्षरयुक्त कम-से-कम 100 रुपए के गैर-न्यायायिक स्टॉम्प पेपर पर निष्पादित किया जाए।

ii. सीए प्रमाण-पत्र- चार्टर्ड लेखाकार द्वारा विधिवत प्रमाणित और प्रमोटर द्वारा हस्ताक्षरित निर्धारित प्रपत्र में वित्त के साधनों सहित वास्तविक व्यय का नवीनतम प्रमाण-पत्र जिसमें यह साबित होना चाहिए कि संलग्नक-III के अनुसार पात्र परियोजना लागत पर कम-से-कम 25% प्रमोटर के अंशदान और 25% सावधिऋण का उपयोग किया गया है। असुरक्षित ऋण (उधारकर्ताओं की पैन संख्याओं सहित), यदि कोई हो का ब्यौरा जिसे चार्टर्ड लेखाकार द्वारा विधिवत प्रमाणित और प्रमोटर द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया गया हो संलग्नक- के अनुसार प्रस्तुत किया जाए।

iii. तकनीकी सिविल कार्यों के लिए चार्टर्ड इंजीनियर (सिविल) से प्रमाण-पत्र- जिसमें अनुमोदित घटकों, लागत, मात्रा, निर्माताओं /आपूर्तिकर्ताओं के बारे में मद-वार प्रगति तथा कार्यान्वयन की गुणवत्ता एवं स्थिति के बारे में टिप्पणी की गई हो और उस पर संलग्नक-IV के अनुसार प्रमोटर द्वारा विधिवत प्रति हस्ताक्षर किए गए हों ।

iv. संयंत्र एवं मशीनरी के लिए चार्टर्ड इंजीनियर (यांत्रिकी) से प्रमाण-पत्र- जिसमें अनुमोदित घटकों, लागत, मात्रा, निर्माताओं /आपूर्तिकर्ताओं के बारे में मद-वार प्रगति तथा कार्यान्वयन की गुणवत्ता एवं स्थिति के बारे में टिप्पणी की गई हो और उस पर संलग्नक-V के अनुसार प्रमोटर द्वारा विधिवत प्रति हस्ताक्षर किए गए हों ।

v. संबंधित बैंक/वित्तीय संस्थान से प्रमाण-पत्र जिसने संलग्नक-VI के अनुसार परियोजना के लिए सावधिऋण स्वीकृत किया हो यह प्रमाणित करते हुए कि –

  • इसने कुल स्वीकृत सावधिऋण का 25% सावधिऋण दे दिया है; और
  • मंत्रालय द्वारा जारी की जा रही अनुदान सहायता के 25% के संवितरण पर कोई आपत्ति नहीं है। बैंक का विवरण- सभी खातों का बैंक प्रमाणित विवरण जहां से भुगतान प्राप्त किए गए और कार्यान्वयन अनुसूची के अनुसार पात्र परियोजना लागत पर प्रमोटर के अंशदान का 25% और सावधिऋण का 25% आज तक व्यय किया गया है और आपूर्तिकर्ताओं/वेंडरों/ठेकेदारों को किए गए भुगतानों (अग्रिम भुगतानों सहित) को प्रमुखता से दर्शाया गया हो।

vi. आपूर्तिकर्ताओं/विंडरों (अब तक किए गए पात्र परियोजना व्यय पर) से प्रमुख इन्वायसिस/रसीदें।

vii. शहर/नगर के भीतर के स्थानों के लिए नगर निगम/नगर एवं शहरी योजना विभाग अथवा सक्षम प्राधिकरण से अथवा शहर/नगर के बाहर स्थानों के लिए ग्राम पंचायतों से अनुमोदित (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) सुविधा की भवन योजना ।

viii. केंद्र/राज्य सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जहां लागू हो, से स्थापना के लिए वैध सहमति प्रस्तुत करना।

ix. अन्य कोई शर्त जो समय-समय पर निर्धारित की जाए।

ख)  प्रमोटर अनुमोदन पत्र के जारी किए जाने की तारीख से 14 महीने के भीतर (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों के मामले में 16 महीने) दूसरी किस्त के लिए किसान सम्पदा योजना पोर्टल पर निम्नलिखित दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करेगा

i. सीए प्रमाण-पत्र- चार्टर्ड लेखाकार द्वारा विधिवत प्रमाणित और प्रमोटर द्वारा हस्ताक्षरित निर्धारित प्रपत्र में वित्त के साधनों सहित वास्तविक व्यय का नवीनतम प्रमाण-पत्र जिसमें यह साबित होना चाहिए कि संलग्नक-।। के अनुसार पात्र परियोजना लागत पर कम-सेकम 65% प्रमोटर के अंशदान और 65% सावधिऋण का उपयोग किया गया है । असुरक्षित ऋण (उधारकर्ताओं की पैन संख्याओं सहित), यदि कोई हो का ब्यौरा जिसे चार्टर्ड लेखाकार द्वारा विधिवत प्रमाणित और प्रमोटर द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया गया हो संलग्नक-II। के अनुसार प्रस्तुत किया जाए ।

ii. तकनीकी सिविल कार्यों के लिए चार्टर्ड इंजीनियर (सिविल) से प्रमाण-पत्र- जिसमें अनुमोदित घटकों, लागत, मात्रा, निर्माताओं /आपूर्तिकर्ताओं के बारे में मद-वार प्रगति तथा कार्यान्वयन की गुणवत्ता एवं स्थिति के बारे में टिप्पणी की गई हो और उस पर संलग्नक-IV के अनुसार प्रमोटर द्वारा विधिवत प्रति हस्ताक्षर किए गए हों ।

iii. संयंत्र एवं मशीनरी के लिए चार्टर्ड इंजीनियर (यांत्रिकी) से प्रमाण-पत्र- जिसमें अनुमोदित घटकों, लागत, मात्रा, निर्माताओं /आपूर्तिकर्ताओं के बारे में मद-वार प्रगति तथा कार्यान्वयन की गुणवत्ता एवं स्थिति के बारे में टिप्पणी की गई हो और उस पर संलग्नक-V के अनुसार प्रमोटर द्वारा विधिवत प्रति हस्ताक्षर किए गए हों। संबंधित बैंक/वित्तीय संस्थान से प्रमाण-पत्र जिसने संलग्नक-VI के अनुसार परियोजना के लिए सावधिऋण स्वीकृत किया हो यह प्रमाणित करते हुए कि-

  • इसने कुल स्वीकृत सावधिऋण का 65% सावधिऋण दे दिया है और अनुदान सहायता की । पहली किस्त भी जारी कर दी है; और
  • मंत्रालय द्वारा जारी की जा रही अनुदान सहायता के 40% के संवितरण पर कोई आपत्ति नहीं है। बैंक का विवरण- सभी खातों का बैंक प्रमाणित विवरण जहां से भुगतान प्राप्त किए गए और कार्यान्वयन अनुसूची के अनुसार पात्र परियोजना लागत पर प्रमोटर के अंशदान का 65% और सावधिऋण का 65% आज तक व्यय किया गया है और आपूर्तिकर्ताओं/वेंडरों/ठेकेदारों को किए गए भुगतानों (अग्रिम भुगतानों सहित) को प्रमुखता से दर्शाया गया हो।

iv. आपूर्तिकर्ताओं/विंडरों (अब तक किए गए पात्र परियोजना व्यय पर) से प्रमुख इन्वायसिस/रसीदें ।

v. जारी की गई निधियों के व्यय/उपयोग को संलग्नक-VII के अनुसार दर्शाते हुए लेखों । का विवरण जिस पर प्रमोटर ने हस्ताक्षर और चार्टर्ड लेखाकार ने प्रति हस्ताक्षर किए हों।

vi. केंद्र/राज्य सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से, जो भी लागू हो, स्थापना/प्रचालन, जैसी भी स्थिति हो के लिए वैध सहमति ।

ग) प्रमोटर अनुमोदन पत्र के जारी किए जाने की तारीख से 16 महीने के भीतर (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयीन राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीप समूहों के मामले में 20 महीने) दूसरी किस्त के लिए किसान सम्पदा योजना पोर्टल पर निम्नलिखित दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करेगा -

i. सीए प्रमाण-पत्र- चार्टर्ड लेखाकार द्वारा विधिवत प्रमाणित और प्रमोटर द्वारा हस्ताक्षरित निर्धारित प्रपत्र में वित्त के साधनों सहित वास्तविक व्यय का नवीनतम प्रमाण-पत्र जिसमें यह साबित होना चाहिए कि संलग्नक- ।। के अनुसार पात्र परियोजना लागत पर 100% प्रमोटर के अंशदान और 100% सावधिऋण तथा अनुदान सहायता की दूसरी किस्त का उपयोग कर लिया गया है। असुरक्षित ऋण (उधारकर्ताओं की पैन संख्याओं सहित), यदि कोई हो का ब्यौरा जिसे चार्टई लेखाकार द्वारा विधिवत प्रमाणित और प्रमोटर द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया गया हो संलग्नक-।। के अनुसार प्रस्तुत किया जाए।

ii. तकनीकी सिविल कार्यों के लिए चार्टर्ड इंजीनियर (सिविल) से प्रमाण-पत्र- जिसमें अनुमोदित घटकों, लागत, मात्रा, निर्माताओं /आपूर्तिकर्ताओं के बारे में मद-वार प्रगति तथा कार्यान्वयन की गुणवत्ता एवं स्थिति के बारे में टिप्पणी की गई हो और उस पर संलग्नक-IV के अनुसार प्रमोटर द्वारा विधिवत प्रति हस्ताक्षर किए गए हों।

iii.  संयंत्र एवं मशीनरी के लिए चार्टर्ड इंजीनियर (यांत्रिकी) से प्रमाण-पत्र- जिसमें अनुमोदित घटकों, लागत, मात्रा, निर्माताओं /आपूर्तिकर्ताओं के बारे में मद-वार प्रगति तथा कार्यान्वयन की गुणवत्ता एवं स्थिति के बारे में टिप्पणी की गई हो और उस पर संलग्नक-V के अनुसार प्रमोटर द्वारा विधिवत प्रति हस्ताक्षर किए गए हों ।

iv. संबंधित बैंक/वित्तीय संस्थान से प्रमाण-पत्र जिसने संलग्नक-VI के अनुसार परियोजना के लिए सावधिऋण स्वीकृत किया हो यह प्रमाणित करते हुए कि-

  • इसने कुल स्वीकृत सावधिऋण का 100% सावधिऋण दे दिया है और अनुदान सहायता की दूसरी किस्त भी जारी कर दी है; और
  • मंत्रालय द्वारा जारी की जा रही अनुदान सहायता के 35% के संवितरण पर कोई आपत्ति नहीं है । बैंक का विवरण- सभी खातों का बैंक प्रमाणित विवरण जहां से भुगतान प्राप्त किए गए और कार्यान्वयन अनुसूची के अनुसार पात्र परियोजना लागत पर प्रमोटर के अंशदान का 100% और सावधिऋण का 100% आज तक व्यय किया गया है और आपूर्तिकर्ताओं/वेंडरों/ठेकेदारों को किए गए भुगतानों (अग्रिम भुगतानों सहित) को प्रमुखता से दर्शाया गया हो

v. आपूर्तिकर्ताओं/विंडरों (अब तक किए गए पात्र परियोजना व्यय पर) से प्रमुखइन्वायसिस/रसीदें।

vi.जारी की गई निधियों के व्यय/उपयोग को संलग्नक-VII के अनुसार दर्शाते हुए लेखों । का विवरण जिस पर प्रमोटर ने हस्ताक्षर और चार्टर्ड लेखाकार ने प्रति हस्ताक्षर किए हों ।

vii. केंद्र/राज्य सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से, जो भी लागू हो, स्थापना/प्रचालन, जैसी भी स्थिति हो के लिए वैध सहमति।

viii. परियोजना पूरी होने और वाणिज्यिक प्रचालन शुरू होने की घोषणा जिसे बैंक द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया।

ix. परियोजना भवन/वाहनों के अग्र भाग पर सूचना प्रमुखतः से दर्शाना जिसमें यह बताया गया हो कि “परियोजना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की सहायता प्राप्त है"।

x. बिजली और पानी के कनेक्शनों के लिए स्वीकृति (यां)/ अनुमोदन।

xi. खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत लाइसेंस।

xii.रीफर वैनों और आवेष्टित वाहनों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र।

xiii. अन्य कोई शर्त जो समय-समय पर निर्धारित की जाए ।

परिशिष्ट - ॥

डीपीआर का नमूना

1) निर्धारित प्रपत्र में निदेशकों/ प्रमोटरों के नामों के साथ- साथ कंपनी/ फर्म के पंजीकरण के ब्यौरे सहित आवदेक/ कंपनी /फर्म का नाम

क्रम.स.

विवरण

ब्यौरा

 

1

आवेदक का नाम

 

2

आवेदक की विधिक स्थिति(सरकारी संस्थान)/संगठन, गैर-सरकारी संगठन, को-ऑपरेटिव/कंपनी/साझीदार फर्म/ स्वामित्व फर्म/कृषक उत्पादक संगठन/कृषक उत्पादक कंपनी/स्व-सहायता समूह/संयुक्त उपक्रम इत्यादि

 

3

आवेदक की पंजीकरण संख्या/सीआईएन

 

4

आवेदक का पैन नम्बर

 

5

क्या आवेदक एसएफएसी/नाबार्ड /एनडीडीबी/अन्य सरकारी एजेंसी के साथ पंजीकृत है*

 

 

 

2) पता, टेलीफोन, मोबाइल, फैक्स, ई-मेल, वेबसाइट, पैन इत्यादि समेत प्रमोटर(रों)/साझीदार(रों) के

संपर्क का ब्यौरा

क्र.सं

प्रमोटर(रों)/साझी दार(रों) के नाम

पता

टेलीफोन सं.

मोबाइल सं.

ई-मेल आईडी।

 

पैन सं.

कोई अन्य ब्यौरा

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यदि आवश्यकता हो, तो कृपया अतिरिक्त पंक्तियां जोड़ें

 

3. प्रमुख प्रमोटर(रों)/साझीदार(रों)/आवेदक कंपनी का खाद्य प्रसंस्करण (और)/कोल्ड चेन (और)/ कृषि उपज के उपस्करों में अनुभव (कृपया अनुभव तथा टर्नओवर के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य संलग्न करें)

क्र.स.

प्रमुख प्रमोटर(रों)/साझीदार रों)/आवेदक कंपनी का नाम

अनुभव का ब्यौरा

टर्नओवर का ब्यौरा (वर्ष-वार)

समर्थन में संलग्न दस्तावेज यदि

कोई हों (हां/नहीं)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

*कृपया, किसी भी सरकारी एजेंसी के साथ मौजूदा पंजीकरण/सहबद्धता के संबंध में दस्तावेजी प्रमाण संलग्न करें ।

4. परियोजना का ब्यौरा

क. स्कीम के अंतर्गत परियोजना के लिए यथालागू घटक

क्र.सं.

घटकों के प्रकार

घटकों का ब्यौरा

प्रस्तावित संख्या

1

अग्र संयोजन- वितरण हब/खुदरा दुकानें/मांस की दुकानें आदि।

 

 

2

पश्च संयोजन- खेत स्तर की अवसंरचना/संग्रहण केंद्र/बीएमसीज आदि ।

 

 

3

परिवहन- रीफर/इन्स्यू लेटिड वाहन

 

 

 

 

ख. परियोजना का सेक्टर (फल एवं सब्जियां/डेयरी/समुद्री/पॉल्ट्री/मत्स्यिकी खाने के लिए तैयार/पकाने के लिए तैयार मिश्रित आदि)-.....

ग. प्रचालन मॉडल का प्रकार (किराए, किराए+कैप्टिव, कैप्टिव उपयोग आदि)

5. भूमि का ब्यौरा

(I) सभी परियोजना सुविधाओं के लिए प्रस्तावित भूमि की अवस्थिति एवं अक्षांश एवं देशांतर निर्देशांक समेत उसके अधिग्रहण की स्थिति।

भूमि की अवस्थिति

सुविधा( अग्र संयोजन पश्य संयोजन)

घटकों

का

प्रकार

क्षेत्रफल (वर्गमीटर)

कब्जे की की स्थिति(स्वामित्व पट्टे पर) दस्तावेज प्रस्तुत किया हाँ/ नहीं )

पट्टे के मामले में (पट्टे की अवधिवर्षों में) दस्तावेज प्रस्तुत किया गया  हाँ/ नहीं )

भू-उपयोग में परिवर्तन(सीएलयू) की स्थिति(दस्तावेज प्रस्तुत किया गया हाँ/ नहीं )

कनैक्टीविटी का ब्यौरा (क) राष्ट्रीय राज मार्ग (ख) राज्य राज मार्ग (ग) फ्रंट कोरिडोर (घ) स्वर्णिम चतुर्भुज  से दूरी(कि.मी.)

आवाह क्षेत्र से दूरी (कि.मी.) कृपया प्राथमिक एवं दूसरी आवाह क्षेत्र दोनों का ब्यौरा प्रस्तुत करें (यथा लागू)

 

निर्देशांक का ब्यौरा  (अक्षांश एवं देशांतर)

 

डीपीआर में पृष्ठ स. का संदर्भ

भूमि 1

 

अग्र संयोजन

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भूमि 2

 

पश्य संयोजन

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बहु-अवस्थितियों के मामले में अतिरिक्त पंक्ति जोड़ें

नोट-

  • डीपीआर में प्रस्तावित भूमि, आवाह क्षेत्र के लिए कच्ची सामग्री के उत्पादन एवं आपूर्ति के आंकड़ों के संबंध में विस्तृत अध्याय होना चाहिए ।
  • भूमि के पट्टे के मामले में, पट्टे की अवधि 15 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए ।

 

6. प्रस्तावित सुविधाएं [स्कीम दिशानिर्देशों के पैरा4 का अवलोकन करें]

क्रम स.

सृजित की जाने वाली प्रस्तावित सुविधाओं का प्रकार

यूनिटों की संख्या

कुल क्षमता (मीट्रिक.टन, लीटर., मीटर/प्रति घंटा )

स्थल

वर्ष में प्रत्येक सुविधा के प्रचालन के दिनों की संख्या

 

अग्र संयोजन

पश्च संयोजन

1.

समेकित पैक गृह(ओं)(मशीनीकृत छंटाई एवं वर्गीकरण लाईन/पैकिंग लाईन/ वैक्सिंग लाईन/स्तरीय शीत कक्ष आदि समेत)

 

 

 

 

 

2.

मशीनीकृत छंटाई एवं वर्गीकरण लाईन/पैकिंग लाईन/वैक्सिंग लाईन/स्तरीय शीत कक्ष आदि

 

 

 

 

 

3.

दुग्ध चिलिंग केंद्र

 

 

 

 

 

4.

बल्क मिल्क कूलर्स (बीएमसीज)

 

 

 

 

 

5.

प्री-कूलिंग चैम्बर्स

 

 

 

 

 

6.

चिलर्स

 

 

 

 

 

7.

रीफर बोट्स

 

 

 

 

 

8.

पक्कवन चैम्बर्स

 

 

 

 

 

9.

शीघ्र खराब होने वाले उत्पादों के लिए खुदरा दुकानों की श्रृंखला

 

 

 

 

 

10.

फ्रोजेन स्टोर

 

 

 

 

 

11.

डीप-फ्रीजर्स

 

 

 

 

 

12.

सामान्य कोल्ड स्टोर

 

 

 

 

 

13.

न्यूनतम प्रसंस्करण और/अथवा मूल्यवर्धन हेतु मशीनरी एवं उपकरण

 

 

 

 

 

14.

पैकिंग/पैकेजिंग मशीनरी एवं उपकरण

 

 

 

 

 

 

15.

रेफ्रीजरेटिड कैबिनेट्स/डिस्प्ले कैबिनेट्स

 

 

 

 

 

16.

परिवहन- रेफ्रीजरेटिड इन्सुलेटेड ट्रांसपोर्ट/रीफर वैन

 

 

 

 

 

 

अन्य घटकों को जोड़े जिन्हें ऊपर सूची में नहीं दिया गया है।

7. यदि विद्यमान सुविधाओं के प्रौद्योगिकी/संयंत्र एवं मशीनरी के आधुनिकीकरण/उन्नयन का प्रस्ताव किया गया है तो संयंत्र तथा मशीनरी में नई प्रौद्योगिकी लाने के पश्चात मौजूदा क्षमता एवं प्रस्तावित क्षमता के ब्यौरे समेत प्रौद्योगिकी, संयंत्र एवं मशीनरी के उन्नयन/आधुनिकीकरण का ब्यौरा निम्नलिखित प्रारूप में प्रस्तुत करें-

क्र.स.

मौजूदा सुविधाओं का ब्यौरा

मौजूदा क्षमताओं का ब्यौरा

आधुनिकीरण/उन्नयन के लिए प्रस्तावित सुविधाओं का प्रकार

आधुनिकीकरण/उन्नयन के पश्चात प्रस्तावित क्षमताएं

सुविधा की अवस्थिति

क्या यह पश्च संयोजनों अथवा अग्र संयोजनों के अंतर्गत शामिल है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

8. पिछले तीन वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट तथा लेखों के अंकेक्षित विवरण । नए उद्यमियों के लिए यह लागू नहीं होगा।

9. परियोजना के प्रस्तावित वित्तीय साधन।

क. अनुमानित परियोजना लागत का ब्यौरा

मदें

 

राशि (लाख रुपए)

 

भूमि (एफएलआईज/सीसीज/मूल्यवद्धन केंद्र/ वितरण केंद्र सहित)

 

स्थल विकास

 

तकनीकी सिविल कार्य (टीसीडब्लू)

 

अन्य सिविल कार्य

 

संयंत्र एवं मशीनरी (पी एण्ड एम)

 

पानी/ईटीपी/एसटीपी इत्यादि जैसी सामान्य सुविधाएं

 

प्रचालन पूर्व व्यय

 

निर्माण के दौरान ब्याज

 

कार्यशील पूंजी हेतु मार्जिन मनी

 

आकस्मिक व्यय

 

अन्य मदों को जोड़ें जिन्हें ऊपर सूची में नहीं दिया गया है

 

कुल परियोजना लागत

 

 

ख. वित्त के साधन

मद

राशि (लाख रुपए)

 

प्रमोटर की इक्विटी

 

सावधि ऋण

 

पात्र अनुदान

 

गैर-जमानती ऋण

 

कुल

 

 

 

ग. मूल राजस्व अनुमान

मद

वर्ष 1

वर्ष 2

वर्ष 3

वर्ष 4

वर्ष 5

टर्नओवर

 

 

 

 

 

प्रचालन लागत

 

 

 

 

 

सकल लाभ

 

 

 

 

 

ब्याज, कर, मूल्यह्रास तथा एमॉर्टाईजेशन से पूर्व आय (ईबीआईटीडीए)

 

 

 

 

 

कराधान से पूर्व लाभ

 

 

 

 

 

कराधान के पश्चात लाभ

 

 

 

 

 

 

 

घ. वित्तीय मानदंड (बैंक के मूल्यांकन नोट के अनुसार)

क्रम.सं.

विवरण

 

ब्यौरा

(अनुपात/%)

डीपीआर में संदर्भ पृष्ठ सं.

 

1

रिटर्न की आंतरिक दर (आईआरआर) [(क) अनुदान सहित और (ख) बिना अनुदान)।

 

 

2

औसत ऋण सेवा कवरेज अनुपात (डीएससीआर)

 

 

3

ब्रेक - ईवन प्वाइंट (बीईपी)

 

 

 

4

ऋण- इक्विटी अनुपात

 

 

 

उपर्युक्त ब्यौरे पर प्रकाश डालते हुए बैंक मूल्यांकन नोट के अतंर्गत दी गई धारा के लिए उपबंधित किए जाने हेतु ।

4. परियोजना के प्रस्तावित वित्त के साधन

क. परियोजना की अनुमानित लागत का ब्यौरा

मद

 

राशि (लाख रुपए)

 

भूमि (एफएलआईज/सीसीज/मूल्यवर्दधन केंद्र वितरण कैद सहित)

 

स्थल विकास

 

तकनीकी सिविल कार्य (टीसीडब्लू)

 

अन्य सिविल कार्य संयंत्र एवं मशीनरी (पी एण्ड एम)

 

पानी/ईटीपी/एसटीपी इत्यादि जैसी सामान्य सुविधाएं

 

प्रचालन पूर्व व्यय

 

निर्माण के दौरान ब्याज

 

कार्यशील पूंजी हेतु मार्जिन मनी

 

आकस्मिक व्यय

 

अन्य मदों को जोड़े जिन्हें ऊपर सूची में नहीं दिया गया है।

 

कुल परियोजना लागत

 

 

नोट:-

  • तकनीकी एवं अन्य सिविल कार्य का घटक- वार लागत ब्यौरा संलग्नक – IV के रूप में संलग्न निर्धारित प्रपत्र में चार्टर्ड इंजीनियर (सिविल) के प्रमाण पत्र में दिया जाना चाहिए ।
  • संयंत्र एवं मशीनरी (पी एण्ड एम) का घटक- वार लागत ब्यौरा संलग्नक - V के रूप में संलग्न निर्धारित प्रपत्र में चार्टर्ड इंजीनियर (मैकेनिकल) के प्रमाण पत्र में दिया जाना चाहिए ।
  • सामान्य सुविधाओं की लागत, जहां भी लागू हो, चार्टर्ड इंजीनियर (मैकेनिकल) और चार्टर्ड इंजीनियर (सिविल) के प्रमाण पत्र में दी जा सकती है ।

ख. वित्त के साधन

मद

 

राशि लाख (रुपए)

 

प्रमोटर की इक्विटी

 

सावधि ऋण

 

पात्र अनुदान

 

कुल

 

 

ग. मूल राजस्व अनुमान

मद

वर्ष 1

वर्ष 2

वर्ष 3

वर्ष 4

वर्ष 5

टर्नओवर

 

 

 

 

 

प्रचालन लागत

 

 

 

 

 

सकल लाभ

 

 

 

 

 

ईबीआईटीडीए

 

 

 

 

 

कर पात्र से पूर्व लाभ

 

 

 

 

 

कर पात्र से के पश्चात लाभ

 

 

 

 

 

 

घ. वित्त के पैरामीटर मानदंड (बैंक के मूल्यांकन नोट के अनुसार)

क्रम.सं.

विवरण

 

ब्यौरा (अनुपात/%)

डीपीआर में संदर्भ पृष्ठ सं.

1

रिटर्न की आंतरिक दर (आईआरआर) [(क) अनुदान सहित और (ख) बिना अनुदान]

 

 

2

औसत ऋण सेवा कवरेज अनुपात (डीएससीआर)।

 

 

3

ब्रेक - ईवन प्वाइंट (बीईपी)

 

 

4

ऋण- इक्विटी अनुपात

 

 

नोट: उपर्युक्त ब्यौरे पर प्रकाश डालते हुए बैंक मूल्यांकन नोट के अतंर्गत दी गई धारा के लिए उपबंधित किए जाने हेतु ।

8. आवाह क्षेत्र में कच्ची सामग्री की उपलब्धता - पर्याप्त मात्रा, कच्ची सामग्री बृहत मिश्रण तथा सहायक आकंड़ों समेत एक वर्ष में प्रचालन के दिनों आदि का ब्यौरे दें ।

 

9. परियोजना के आवाह क्षेत्र का ब्यौरा

क्रम.सं.

आवाह क्षेत्र की अवस्थिति

नाम ग्राम/जिला/एपीएमसी

प्राप्त की जाने वाली वस्तुएं

 

प्राप्त की जाने वाली मात्रा दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता में[मीट्रिक.टन, किलो लीटर/दिन, (प्रति वर्ष)

डीपीआर में संदर्भ पृष्ठ सं.

 

 

 

 

 

 

 

नोट:- डीपीआर में आवाह क्षेत्र प्रस्तावित (उत्पादन एवं आपूर्ति आकड़े) के बारे में एक विस्तृत अध्याय होना चाहिए।

10. रोजगार सृजन के अनुमान

क. प्रत्यक्ष रोजगार-...

ख. दिनो की संख्या समेत संविदा रोजगार -

ग. अप्रत्यक्ष रोजगार (ब्यौरा दें)-.

 

11. संयंत्र एंव मशीनरी के विनिर्माताओं/ आपूर्तिकर्ताओं की सूची (कोटेशन संलग्नक करें)

परिशिष्ट-III

चार्टर्ड एकाउंटेंट के प्रमाण पत्र का प्रारूप

(चार्टर्ड एकाउंटेंट का पत्रशीर्ष) [संदर्भ पैरा सं.12.1 (ख)]

चार्टर्ड एकाउंटेंट का प्रमाण पत्र (चार्टर्ड एकाउंटेंट के पंजीयन सं. एवं फर्म की सदस्यता सं. के साथ) निम्नलिखित प्रारूप में-

(i) परियोजना लागत-

क्र.सं.

घटक/ मद का नाम

राशि (लाख रुपए)

1

भूमि/विकास शुल्क

 

 

2

सिविल कार्य

  • तकनीकी सिविल कार्य
  • अन्य सिविल कार्य

 

3

संयंत्र एवं मशीनरी

 

4

विविध अचल पूंजी

 

5

अन्य

 

 

कुल

 

 

(ii) वित्त का माध्यम-

क्र.सं.

मद

राशि (लाख रुपए)

1

प्रवर्तक की इक्विटी

 

2

सावधि ऋण

 

3

खा.प्र.उ.मं. से अनुदान

 

4

गैर- जमानती ऋण

 

5

अन्य।

 

नोट-  चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा यथावत प्रमाणित ऋणदाता के पैन संख्या समेत गैर-जमानती ऋण का ब्यौरा, यदि कोई हो ।

चार्टर्ड एकाउंटेंट (कंपनी के मामले में वैधानिक ऑडीटर) के हस्ताक्षर और मुहर

दिनांक

प्रमोटर कम्पनी के प्राधिकृत हस्ताक्षरी का मुहर सहित प्रतिहस्ताक्षर

परिशिष्ट-IV

तकनीकी सिविल कार्य हेतु चार्टर्ड इंजीनियर (सिविल) के प्रमाण-पत्र का प्रारूप

(चार्टर्ड इंजीनियर का पत्र शीर्ष)

[संदर्भ पैरा सं.12.1 (ग)]

चार्टई इंजीनियर का प्रमाण पत्र (चार्टर्ड इंजीनियर के पंजीयन सं.सदस्यता सं. के साथ) निम्नलिखित प्रारूप में

परियोजना का नाम-

पता समेत अवस्थिति-

चार्टर्ड इंजीनियर द्वारा स्थल दौरे की तारीख-

परियोजना की प्रगतिः (यदि परियोजना बहु स्थलीय हो, तो प्रत्येक स्थल हेतु निम्नलिखित प्रारूप में अवस्थिति-वार ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा)

क्र.सं.

घटक का नाम

प्रस्तावित क्षेत्रफल (वर्गमीटर)

प्रस्तावित लागत (लाख रुपए)

 

दर/यूनिट (रुपए/वर्गमीटर)

 

 

 

 

 

 

 

कुल

 

 

 

 

चार्टर्ड इंजीनियर का मुहर एवं हस्ताक्षर

प्रमोटर/कम्पनी के प्राधिकृत हस्ताक्षरी का मुहर सहित प्रतिहस्ताक्षर

परिशिष्ट-V

संयंत्र एवं मशीनरी हेतु चार्टर्ड इंजीनियर (यांत्रिकी) के प्रमाण-पत्र का प्रारूप

(चार्टर्ड इंजीनियर का पत्र शीर्ष)

[संदर्भ पैरा सं.12.1 (ग)]

चार्टई इंजीनियर का प्रमाण पत्र (चार्टर्ड इंजीनियर के पंजीयन सं.सदस्यता सं. के साथ) निम्नलिखित

प्रारूप में

परियोजना का नाम-

पता समेत अवस्थिति-

चार्टर्ड इंजीनियर द्वारा स्थल दौरे की तारीख-

परियोजना की प्रगतिः (यदि परियोजना बहु स्थलीय हो, तो प्रत्येक स्थल हेतु निम्नलिखित प्रारूप में अवस्थिति-वार ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा)

क्र.सं.

घटक का नाम

प्रस्तावित मात्रा

प्रस्तावित लागत (लाख रुपए)

 

आपूर्तिकर्ता/विनिर्माता (कोटेशन द्वारा समर्थित)

 

मूल लागत

कर, ढुलाई भाडा, अधिष्ठापन, इंश्योरेंश

 

 

घटक-1

 

 

 

 

 

घटक-2

 

 

 

 

 

घटक-3

 

 

 

 

 

कुल

 

 

 

 

 

 

 

चार्टर्ड इंजीनियर का मुहर एवं हस्ताक्षर

प्रमोटर/कम्पनी के प्राधिकृत हस्ताक्षरी का मुहर सहित प्रतिहस्ताक्षर

परिशिष्ट-VI

वचन-पत्र

मैं ..............(प्रमुख प्रमोटर/निदेशक/साझीदार/स्वामित्व आदि का नाम) पुत्र ............(पिता का नाम) निवासी............................................................(निवास का पता) एतद्वारा सत्यनिष्ठा पूर्वक शपथ लेता हूँ और निम्नानुसार घोषणा करता हूँ। वचन देता हूँ-

1. यह कि मैं मैसर्स.........................(आवेदक का नाम) का प्रमोटर/निदेशक/ साझीदार/स्वामी हूँ जिसका पंजीकृत कार्यालय............. ..................(आवेदक के कार्यालय का पता) तथा पंजीकरण सं.

...................है।

2. मैं एतद्वारा आवेदन करता हूँ और मैं स्वाधिकार प्रबंधन द्वारा की गई दिनांक ............. की अधिसूचना सं...........................द्वारा कंपनी/ साझीदारी फर्म/ सहकारी समिति आदि जिसका नाम .............................है की ओर से इस वचन-पत्र समेत सभी अपेक्षित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने तथा आवेदन करने के लिए विधिवत प्राधिकृत हूँ तथा .....................(परियोजना द्वारा शुरू किए जाने वाले कार्यकलापों का ब्यौरा) के लिए सर्वेक्षण/प्लाट सं. .................., ग्राम .......................तहसील............, जिला...... राज्य...............(मुख्य सुविधा का स्थान) में स्थापित की जाने वाली कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर परियोजना से संबंधित सभी तथ्यों से पूरी तरह वाकिफ हूँ और पश्च एवं अग्र संयोजनों के सृजन की केन्द्रीय क्षेत्र स्कीम के अतंर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में आवेदन किया जा रहा है।

3. यह कि खाप्रउमं की उपर्युक्त स्कीम जिसके अतंर्गत आवेदक द्वारा आवेदन किया गया है के सभी नियम एंव शर्तो को मैंने भली - भांति पढ़कर समझ लिया है और मैं सत्यनिष्ठा पूर्वक वचन देता हूँ कि इस परियोजना/प्रस्ताव में, अनुमोदन पत्र तथा स्कीम दिशानिर्देशों में दिए गए उपबंधों के सभी नियमों एवं शर्तों का पालन किया गया है ।

4. यह कि परियोजना/प्रस्ताव द्वारा शुरू किए जाने वाले सभी प्रस्तावित कार्यकलाप खाप्रउमं की उपर्युक्त स्कीम के अतंर्गत आते हैं और परियोजना की स्कीम/ अवसंरचना के किसी भी भाग को इस प्रकार डिजाइन अथवा एसाइन नहीं किया गया है कि उसका उपयोग इस समय अथवा भविष्य में आवेदन में दिए गए निर्धारित कार्यकलापों से इतर किया जा सके।

5. यह प्रमाणित किया जाता है कि..............(आवेदक का नाम) ने उसी परियोजना, घटक, उद्देश्य अथवा कार्यकलाप हेतु भारत सरकार के किसी अन्य मंत्रालय अथवा विभाग या राज्य सरकार अथवा उसकी एसेंजियों से कोई अनुदान न तो प्राप्त किया है और न ही उसके लिए आवदेन किया है।

6. यह प्रमाणित किया जाता है कि आवेदक से संबंधित प्रतिष्ठान(ओं)/ संबंधित कंपनी/ ग्रुप कंपनी/फर्म तथा स्वयं आवदेक ने खाद्य प्रसंस्करण परियोजना के लिए इससे पहले खा.प्र.उ.मं. से कोई वित्तीय सहायता नहीं ली है (यदि लिया गया हो तो अलग से उसका ब्यौरा प्रस्तुत करें]।

7. मैं सत्यनिष्ठा पूर्वक यह भी प्रतिज्ञा करता/ वचन देता हूँ कि आवेदन में दिए गए प्रस्तावित परियोजना के घटक पूरी तरह से नए कार्यकलाप हैं और वे पूर्व में मौजूद कार्यकलाप अथवा उसके घटक नही हैं।

8. इस संबंध में यदि कोई भी तथ्य छिपाया गया हो तो, खा.प्र.उ.मं. को यह अधिकार होगा कि वह किसी भी स्तर पर मेरे आवेदन/परियोजना को सीधे रद्द कर सकता है।

9. कम अनुदान कि अनुमत्यता अथवा भविष्य में अनुदान सहायता में की जाने वाली किसी कमी या परियोजना की लागत में आने वाली किसी बढोत्तरी के कारण होने वाले वित्तीय संसाधनों की कमी को मैं पूरा करुंगा ।

10. अनुदान सहायता मंजूर करने वाले प्राधिकारी का पूर्व अनुमोदन प्राप्त किए बगैर मैं सरकारी अनुदान से पर्याप्त रुप से सृजित परिसंपत्तियों को न तो बेचूंगा न ही गिरवी रखूगा और न ही उन उद्देश्यों से इतर उनका उपयोग करुंगा जिनके लिए वे स्वीकृत की गई हैं।

11. परियोजना का कार्यान्वयन न किए जाने/देर से किए जाने के मामले में, दिए गए अनुमोदन को रद्द करने का मंत्रालय को पूरा अधिकार होगा और जारी किए गए अनुदान को स्कीम दिशानिर्देशों के अनुसार ब्याज समेत वापस लेने का भी अधिकार होगा।

12. वाणिज्यिक प्रचालन शुरू होने के पश्चात कम से कम तीन वर्षों तक परियोजना को चलाने में असफल रहने के मामले में मैं, 10% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज समेत पूरी अनुदान सहायता को वापस करुंगा।

13. परियोजना के अतंर्गत सृजित की गई सुविधाओं के उपयोग शुल्कों/किराए की दरों को परियोजना

सिंगठन की वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ-साथ अन्य माध्यमों से सार्वजनिक रूप से प्रसारित की गई जाएंगी। इसकी एक प्रति मंत्रालय को भी उपलब्ध कराई जाएगी।

14. मैं वचन देता हूँ कि पात्रता की शर्तों इत्यादि के संबंध में आवेदन तथा डीपीआर में दी गई सभी सूचना मेरी जानकारी एवं विश्वास के अनुसार सत्य एवं सही हैं और इनमें कुछ भी तथ्यात्मक रूप से छिपाया नहीं गया है।

15. मैं यह भी वचन देता हूँ कि मेरे द्वारा उपलब्ध कराई गई किसी भी सूचना अथवा तथ्य के संबंध में परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान अथवा कार्यान्वयन के पश्चात यदि यह पाया जाता है कि वे गलत हैं अथवा कोई तथ्यात्मक सूचना छुपाई गई है तो, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय जैसा भी उचित अथवा उन परिस्थितियों में उपयुक्त समझे स्कीम दिशानिर्देशों में दिए गए उपबंधों के अनुसार और/अथवा देश के कानून के अनुसार कार्रवाई कर सकता है।

दिनांक-

प्रमुख प्रमोटर के हस्ताक्षर स्थान -.....

परिशिष्ट-VII

[संदर्भ पैरा 13.1]

क्र.सं.

 

पश्च एवं अग्र संयोजनों की स्थापना के प्रस्ताव के मूल्याकंन हेतु मानदंड

अधिकतम अंक

 

1

वर्ष में कच्ची सामग्रियों की उपलब्धता, पर्याप्य मात्रा और कच्ची सामग्री के वाईडर 10 मिक्स/प्रचालन के दिन

10

क. कच्ची सामग्रियों की उपलब्धता, (उन परियोजनाओं के लिए उच्च अंक दिए गए। जांएगे जो अधिकृत डेटा द्वारा समर्थित कैचमेंट क्षेत्र में कच्ची सामग्री का विवरण प्रदान करेंगी)

(i)सरकारी स्रोत के साथ नवीनतम आंकड़ों द्वारा समर्थित कच्ची सामग्री की उपलब्धता हेतु 5 अंक।

(ii) कच्ची सामग्री की उपलब्धता हेतु 5 अंक यदि आंकड़े स्व-संचालित सर्वे के आधार पर दिए गए हैं और वे ब्लॉक/जिला प्राधिकारी द्वारा विधिवत अधिप्रमाणित हैं।

(iii )सरकारी स्रोत पर आधारित कच्ची सामग्री के आंकड़े जो नवीनतम तो नहीं परंतु 3 वर्ष से अधिक पुराने भी नहीं हैं उनके लिए 3 अंक ।

(iv) यदि आवेदक ने कच्ची सामग्री की उपलब्धता हेतु आंकड़े दिए हैं परंतु दिए गए आंकड़ों हेतु कोई विश्वसनीय स्रोत (उपरोक्तानुसार) नहीं बताया है तो 2 अंक ।

5

ख. प्रचालन के दिनों की संख्या

250 से अधिक दिन - 3 अंक

180-250 दिन - 2 अंक

180 दिनों से कम -1 अंक

3

ग. उत्पाद मिश्रण

2

2

कच्ची सामग्री के अधिग्रहण एवं उत्पादों के विपणन हेतु करार/व्यवस्था

(क)एफपीओज/एफपीसीज/एसएचजीज/उत्पादक समूह के साथ पश्च लिंकेजों हेतु प्रत्येक समझौता ज्ञापन/करार के लिए 1 अंक - अधिकतम 10 अंक।

(ख) एफपीओज/एफपीसीज/एसएचजीज/उत्पादक समूह से इतर पश्च लिंकेजों हेतु प्रत्येक समझौता ज्ञापन/करार के लिए 0.5 अंक - अधिकतम 5 अंक।

(ग) अग्र लिंकेजों हेतु समझौता ज्ञापन/करार के लिए 0.5 अंक -अधिकतम 10 अंक ।

समझौता ज्ञापन/करार, संबंधित सेक्टर के तत्संबंधी जिला प्राधिकारी द्वारा विधिवत अधिप्रमाणित होना चाहिए।

15

 

3.

परियोजना भूमि की स्थिति

(क) भूमि, औद्योगिक उपयोग के अनुमोदन सहित आवेदक के कब्जे में- 5 अंक

(ख) भूमि, औद्योगिक उपयोग के अनुमोदन बगैर आवेदक के कब्जे में- 3 अंक

(ग) भूमि, आवेदक के कब्जे में नहीं है परंतु बिक्री करार का निष्पादन हो चुका है- 2 अंक

 

5

4.

मौजूदा व्यापार प्रचालनों का ब्यौरा

 

30

 

क.  (i) एक वर्ष के दौरान 1 करोड़ रुपए एवं उससे अधिक के वार्षिक टर्नओवर वाले न्यूनतम प्रसंस्करण समेत खाद्य प्रसंस्करण व्यापार- 8 अंक

(ii) एक वर्ष के दौरान 1 करोड़ रुपए से कम और 50 करोड़ रुपए से अधिक के वार्षिक टर्नओवर वाला न्यूनतम प्रसंस्करण/खाद्य प्रसंस्करण व्यापार- 4 अंक

8

 

ख .  यदि आवेदक, एसएफएसी/राज्य सरकार नाबार्ड /अन्य सरकारी एजेंसी से पंजीकृत एक एफपीओ/एफपीसी/एसएचजी है।

 

20

 

ग. यदि आवेदक, एक महिला एसएचजी है।

 

2

5

 

प्रस्ताव की आर्थिक व्यवहार्यता

 

10

 

 

बैंक के मूल्याकंन (मुख्य वित्तीय मानदंडों जैसे कि आईआरआर, डीएससीआर आदि) । 10 के आधार पर परियोजना की आर्थिक व्यवहार्यता ।

आईआरआर के लिए अधिकतम अंक दिए जाएगें = 5

क. 5 अंक दिए जाएगें यदि, आईआरआर > 20%

ख. 4 अंक दिए जाएगें यदि, आईआरआर 17% - 20% के बीच है।

ग. 3 अंक दिए जाएगें यदि, आईआरआर 14% - 16.9% के बीच है।

घ. 2 अंक दिए जाएगें यदि, आईआरआर 10% - 13.9% के बीच है।

ड. यदि आईआरआर 10% से कम है तो शून्य अंक दिया जाएगा

डीएससीआर के लिए अधिकतम अंक दिए जाएगें =5

क. 5 अंक दिए जाएगें यदि, डीएससीआर > = 3.0

ख. 4 अंक दिए जाएगें यदि, डीएससीआर 2.5 एवं 2.9 के बीच है।

ग. 3 अंक दिए जाएगें यदि, डीएससीआर 2.0 एंव 2.4 के बीच है।

घ. 2 अंक दिए जाएगें यदि, डीएससीआर 1.5 - 1.9 के बीच है।

ड. यदि डीएससीआर < 1.5 है तो शून्य अंक दिया जाएगा।

 

6.

प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन

10

 

(क) प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन का प्रस्ताव करने वाली परियोजना

 

7.

पश्च एवं अग्र संयोजनों का सृजन

20

 

(क) पश्च संयोजनों, अग्र संयोजनों एवं परिवहन का सृजन करने का प्रस्ताव करने वाली परियोजना- 20 अंक

(ख) पश्च संयोजनों एवं परिवहन का सृजन करने का प्रस्ताव करने वाली परियोजना- 15 अंक

(ग) अग्र संयोजनों एवं परिवहन का सृजन करने का प्रस्ताव करने वाली परियोजना- 15 अंक

(घ) पश्च संयोजनों एवं अग्र संयोजनों का सृजन करने का प्रस्ताव करने वाली परियोजना- 15 अंक (ड.) केवल पश्च संयोजनों का सृजन करने का प्रस्ताव करने वाली परियोजना- 10 अंक

(च) केवल अग्र संयोजनों का सृजन करने का प्रस्ताव करने वाली परियोजना- 10 अंक

 

 

कुल

100

 

 

परिशिष्ट-VIII

कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) के कार्य एवं जिम्मेदारियां

[संदर्भ पैरा 15]

(i)  ईओआई। विज्ञापन के प्रत्युत्तर में प्राप्त प्रस्तावों की छानबीन और पात्र प्रस्तावों के चयन में मंत्रालय की सहायता करना।

(ii) वित्तीय व्यवहार्यता, वाणिज्यिक संधारणीयता एवं सामाजिक-आर्थिक प्रभाव दर्शाते हुए डीपीआर/परियोजना का मूल्यांकन करना और मूल्यांकन को मंत्रालय के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करना ।

(iii)चुनी हुई परियोजनाओं को अनुमोदन पत्र जारी करने में मंत्रालय की सहायता करना।

(iv) अनुमोदित परियोजनाओं को अनुदान जारी करने में मंत्रालय की सहायता करना/ सलाह देना । अनुदान जारी करने के लिए स्कीम दिशानिर्देशों के अनुसार प्रस्तावों की छानबीन करना। वास्तविक प्रगति का आंकलन करने के लिए स्थल का निरीक्षण करने और आवेदक द्वारा अनुदान जारी करने हेतु प्रस्तुत किए गए दावों/ दस्तावेजों का सत्यापन करना तथा मंत्रालय में संस्तुतियां प्रस्तुत करना। पहली एवं दूसरी किस्त जारी किए जाने से पूर्व आवश्यक स्थल निरीक्षण किए जाने के अलावा परियोजना विशिष्ट के कार्यान्वयन की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा जब भी अनुरोध किया जाएगा तब पीएमए अतिरिक्त स्थल निरीक्षण भी करेगा।

(v) मंत्रालय द्वारा यथा निदेशित अथवा परिभाषित लक्ष्यों के आधार पर परियोजनाओं के प्रगति की निगरानी करना तथा मंत्रालय में उसकी आवधिक रिपोर्ट देना ।

(vi) सहायता प्राप्त परियोजनाओं के प्रगति की निगरानी करने के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड मानिटरिंग सिस्टम में आकड़ों को नियमित रूप से अद्यतित करना। पोर्टल को सदैव अपडेटेड रखना होगा।

(vii)सहायता प्राप्त परियोजना के लिए उपयुक्त प्रचालन एवं प्रबंधन (ओ एण्ड एम) योजना का विकास और उसे लागू करना ।

(viii)स्कीम दिशानिर्देशों के निरूपण, विश्लेषण तथा मूल्यांकन में सहायता करना।

(ix) स्कीम के प्रभावी कार्यान्वयन से संबंधित रिपोर्टों, प्रारूपों, फार्मों तथा जॉच सूचियों को तैयार करने के लिए इनपुट उपलब्ध कराना।

(x) समीक्षा बैठक, तकनीकी समिति एवं अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति के कार्यसूची नोट एवं कार्यवृत्त तैयार करने के लिए इनपुट उपलब्ध कराना।

(xi) आवेदकों द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करना।

(xii)मंत्रालय द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए गए कोई अन्य कार्य एवं जिम्मेदारी ।

 

परिशिष्ट-IX

तकनीकी एजेंसी (टीए) के कार्य एवं जिम्मेदारियां

[संदर्भ पैरा 16]

(i) एफपीओज/एफपीसीज/एसएचजीज/डब्लूएसएचजीज के बीच स्कीम के बारे में संवेदनशीलता एवं जागरूकता का सृजन करना।

(ii)  खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में प्रस्तुत किए जाने हेतु परियोजनाओं की परिसंकल्पना तथा व्यापार योजना समेत विस्तृत प्रस्तावों/विस्तृत परियोजना रिपोर्टों को तैयार करने में एफपीओज/एफपीसीज/एसएचजीज/डब्लूएसएचजीज की सहायता करना।

(iii) उद्यमशीलता, व्यापार योजना एवं प्रबंधन के संबंध में बीओडीज तथा कृषक समूहों के अन्य सदस्यों के लिए क्षमता निर्माण कार्यशालाओं, प्रशिक्षण का आयोजन करना।

(iv) स्कीम दिशानिर्देशों के अनुसार न्यूनतम अनुपालन अपेक्षाओं को पूरा करने में चिह्नित कृषक समूहों की सहायता करना।

(v)बैंक से सावधि ऋण की स्वीकृति तथा खाप्रउमं से वित्तीय सहायता का अनुमोदन प्राप्त करने में कृषक समूह की सहायता करना ।

(vi)मंत्रालय में उनके प्रतिनिधियों समेत कृषक समूहों के हितों को प्रस्तुत करना।

(vii) अनुदान जारी करने, बैंक के साथ संपर्क तथा केंद्र/राज्य सरकार के प्राधिकारियों/एजेंसियों से विभिन्न वैधानिक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए दस्तावेजों को तैयार करने में सभी सहायता उपलब्ध करते हुए कार्यान्वयन चरण के दौरान अनुमोदित प्रस्तावों की हैंडहोल्डिंग ।

(viii)परियोजनाओं के कार्यान्वयन चरण के उपरांत जब तक वे वित्तीय स्थिरता एवं वाणिज्यिक व्यवहार्यता न प्राप्त कर लें तब तक लगातार समीक्षा तथा निगरानी करना।

(ix)  कार्यान्वयन चरण के दौरान तथा कार्यान्वयन चरण के उपरांत भी तीन वर्षों के लिए तिमाही प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करना।

(x)अंतिम उपयोगकर्ताओं [निर्यातकों, प्रसंस्करणकर्ताओं, खुदरा बिक्रेताओं को शामिल करते हुए इन एफपीओज के लिए मार्केट लिंकेज का विकास करना।

(xi)  मंत्रालय द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए गए कोई अन्य कार्य एवं जिम्मेदारी ।

 

संलग्नक-1

अधिदेश फार्म

भुगतान प्राप्त करने के लिए विद्युत स्वीकृति सेवा (क्रेडिट क्लियरिंग)/वास्तविक समय सकल निपटान (आरटीजीएस) सुविधा

खाताधारक का ब्यौरा

खाताधारक का नाम

 

सम्पर्क का पूरा

 

पता टेलिफोन नं./फैक्स/ई-मेल

 

 

 

बैंक खाते का ब्यौरा

बैंक का नाम

 

पूरे पते सहित शाखा का नाम टेलिफोन नं. और ई-मेल

 

शाखा का आईएफएससी कोड

 

बैंक खाते का प्रकार (बचत/चालू/नकद क्रेडिट)

 

पूरा बैंक खाता सं. (नवीनतम)

 

बैंक का एमआईसीआर कोड

 

 

लागू होने की तारीख

मैं एतदद्वारा घोषणा करता हूँ कि ऊपर दिए गए ब्यौरे सही और पूरे हैं। यदि अधूरी अथवा गलत सूचना के कारण लेन-देन में देरी होती है अथवा बिल्कुल नहीं होती है तो मैं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय को जिम्मेदार नहीं ठहराऊँगा ।

दिनांक-

ग्राहक के हस्ताक्षर

प्रमाणित किया जाता है कि ऊपर दिए गए ब्यौरे हमारे रिकार्ड के अनुसार सही हैं ।

(बैंक के हस्ताक्षर और मोहर)

(नोटः कृपया बैंक से प्राप्त किए गए सत्यापन की प्रति सहित चेक की स्व-प्रमाणित फोटो कॉपी लगाएं)

संलग्नक-2

प्रतिभूति बंध-पत्र

इन विलेखों से सभी को ज्ञात हो कि हम मैसर्स------------------------, एक-----------------(संगठन का प्रकार) जो --------------(अधिनियम का नाम) के अंतर्गत पंजीकृत/निगमित है और इसका पंजीकृत कार्यालय---------------(इसके पश्चात "ऑबलाइजर” कहा गया है) में स्थित है, भारत के राष्ट्रपति (इसके पश्चात “सरकार” कहा गया है) के प्रति रुपए----------------रु. मात्र) की राशि जो माँगने पर बिना आपत्ति के सरकार को वस्तुतः अदा की जानी है के लिए पूर्णतः एवं दृढ़तापूर्वक आबद्ध हैं, तथा इन विलेखों से स्वयं को और अपने उत्तराधिकारियों एवं अधिन्यासियों को दृढ़तापूर्वक आबद्ध करते हैं। वर्ष दो हजार--------में ----------माह की तारीख----------को हस्ताक्षर किए गए । अतः "ऑबलाइजर” के अनुरोध पर, सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के स्वीकृति आदेश संख्या--------दिनांक-------------(इसके पश्चात इसे स्वीकृति पत्र कहा गया है, जो इन विलेखों का अभिन्न अंग है और जिसकी एक प्रति इसके साथ अनुलग्नक- I के रूप में संलग्न है, के अनुसार, “ऑबलाइजर” के पक्ष में "--------------------------में स्थित------------------(परियोजना का विवरण)------------------- के उददेश्य से रुपए-----------------------------रु. मात्र) की अनुदान सहायता देने के लिए सहमत है जिसमें से रुपए--- -------------------रु. मात्र) की अदायगी इसके पश्चात विहित निबंधनों एवं पद्धति में बंध पत्र निष्पादित करते हुए "ऑबलाइजर” को (जिसकी “ऑबलाइजर” ने पावती दी है) उसकी शर्तों पर की गई है । अब उपर्युक्त अनुबंध पत्र की शर्ते इस तरह है कि, यदि "ऑबलाइजर” स्वीकृति पत्र में दी गई सभी शर्तो को पूरा तथा लागू करता है तो उपर्युक्त लिखित बंधपत्र अथवा दायित्व निष्प्रभावी एवं शून्य होगा। अन्यथा यह पूर्ण रूप से प्रभावी तथा लागू होगा । "ऑबलाइजर” लक्षित तिथियों तक सहायता अनुदान की शर्तों का यदि उसमें कोई निर्दिष्ट किए गए हों तो उनका पालन करेगा। कि, “ऑबलाइजर” सहायता अनुदान को कहीं अन्यत्र प्रयोग नहीं करेगा, तथा स्कीम एवं संबंधित कार्य के निष्पादन को किसी अन्य संस्थान(नों) अथवा संगठन(नों) को नहीं सौंपेगा। कि, "ऑबलाइजर” इस समझौते में निर्दिष्ट किन्हीं अन्य शर्तों का पालन करेगा और शर्तों को लागू करने में विफल होने अथवा बंधपत्र को भंग करने की स्थिति में वचनकर्ता व्यक्तिगत अथवा संयुक्त रूप से सहायता अनुदान की पूरी राशि को 10% वार्षिक ब्याज के साथ सरकार को लौटाने के लिए उत्तरदायी होगा। यदि सहायता अनुदान को व्यय करने की निर्धारित अवधि जिसने इसे व्यय करना अपेक्षित है। समाप्त होने के बाद का कोई हिस्सा अव्ययित रह जाता है तो, जब तक इसे आगे ले जाने की सहमति नहीं हो जाती, सरकार को वह हिस्सा वापस करने की तिथि तक उस पर 10% वार्षिक दर से ब्याज लिया जाएगा ।

“ऑबलाइजर्स” सहमत हैं तथा वचन देते हैं कि भारत सरकार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अथवा संबंधित विभाग के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी द्वारा स्वीकृत सहायता अनुदान से बनाई/ली गई इमारत के अनाधिकृत उपयोग(जैसे कि पर्याप्त या अपर्याप्त किराए पर देना, अथवा सहायता अनुदान में नियत प्रयोजन से अलग किसी और प्रयोजन से सम्पति का उपयोग) से होने वालेलिए जाने वाले अथवा प्राप्त हो चुके/प्राप्त किए जा चुके मौद्रिक या अन्य लाभों के बराबर मूल्य की आर्थिक कीमत सरकार को समर्पित/अदा करेंगे। जहाँ तक उपर्युक्त “आर्थिक मूल्य” सरकार को देने/अदा करने का प्रश्न है, सरकार का निर्णय "ऑबलाइजरों के लिए अंतिम एवं बाध्यकारी होगा ।

और इन विलेखों में इसका भी साक्ष्य है कि, स्वीकृति पत्र में दी गई शर्तों के उल्लंघन अथवा भंग करने के प्रश्न पर सचिव, भारत सरकार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का निर्णय “ऑबलाइजर” के लिए अंतिम एवं बाध्यकारी होगा, और इसके साक्ष्य में “ऑबलाइजर्स” की तरफ से ऊपरलिखित दिन को "ऑबलाइजर” के शासी निकाय के द्वारा पारित संकल्प सं.--------------------दिनांक-----------------के अनुपालन में और सरकार के लिए या तरफ से निम्नलिखित तिथि को--------------------के द्वारा इन लेखों का निष्पादन किया गया ।

कृते और प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की ओर से हस्ताक्षर

("ऑबलाइजर” का नाम) (स्पष्ट अक्षरों में)

(संगठन की सील/रबड़ की मोहर)

  1. साक्षी के हस्ताक्षर नाम एवं पता----------
  2. साक्षी के हस्ताक्षर नाम एवं पता-----------

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा भरा जाना है (स्वीकृत)

कृते और भारत के राष्ट्रपति की ओर से

नामः--------

पदनाम----

दिनांक------------

नोटरी की सील और हस्ताक्षर

 

संलग्नक-3,4,5,6,7,8 के लिए कृपया नीचे दी गयी लिंक पर जाएँ

 

स्रोत लिंक: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/23/2023



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