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राज्य वक्फ बोर्डों के अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण तथा सुदृढ़ीकरण की योजना (2017-2020)

राज्य वक्फ बोर्डों के अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण तथा सुदृढ़ीकरण की योजना (2017-2020)

पृष्ठभूमि

वक्फ से संबंधित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने अपने 9वें प्रतिवेदन में लगभग 25 करोड़ रु. की लागत से राज्य वक्फ बोर्डों के अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण की अनुशंसा की थी। तद्नुसार, मंत्रालय द्वारा योजना तैयार की गई और दिसंबर, 2009 में शुरू की गई थी।

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने राज्य वक्फ बोर्डो की अवसंरचना और संस्थागत क्षमता को भी सुदृढ़ करने की सिफारिश की थी ताकि वे मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए वक्फ संपत्तियों का प्रभावी ढंग से संचालन और प्रबंधन कर सकें। तद्नुसार, राज्य वक्फ बोर्डो के सुदृढ़ीकरण की योजना तैयार की गई और 2013-14 से कार्यान्वित की जा रही है।

मौजूदा योजनाओं में परिशोधन की जरूरत

उपर्युक्त दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन की राज्य सरकारों और राज्य वक्फ बोर्डों के साथ 07.01.2017 को समीक्षा की गई। तद्पश्चात, राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (एनआईएलईआरडी), नई दिल्ली के माध्यम से दोनों योजनाओं का मूल्यांकन करवाया गया। अन्य सिफारिशों के साथ राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (एनआईएलईआरडी) का मत था कि उपर्युक्त दोनों योजनाओं को जारी रखने की जरूरत है ताकि योजनाओं के सभी घटक पूरे हो जाएं।

दोनों योजनाओं पर राज्यों से प्राप्त फीडबैक और मूल्यांकन अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण और राज्य वक्फ बोर्डो के सुदृढ़ीकरण की एक परिशोधित अम्ब्रेला योजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इस अम्ब्रेला योजना के अधीन मौजूदा दोनों योजनाओं के परिशोधित प्रावधान होंगे ताकि निर्धारित उद्देश्य प्राप्त किए जा सकें।

अम्ब्रेला योजना के घटक

अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण और राज्य वक्फ बोर्डो के सुदृढ़ीकरण की अम्ब्रेला योजना में अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण के साथ-साथ राज्य वक्फ बोर्डो के सुदृढ़ीकरण के संबंध में प्रत्येक के लिए दो विशिष्ट घटक होंगे। प्रत्येक घटक के उद्देश्यों, प्रावधानों, वित्तीय सहायता आदि का वर्णन अगले पैराओं में दिया गया है।

राज्य वक्फ बोर्डों के अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण का उद्देश्य

  • वक्फ परिसंपत्तियां देश भर में फैली हुई हैं किन्तु अधिकांश राज्यों में अब तक वक्फ परिसंपत्तियों का प्रारम्भिक सर्वेक्षण तक नहीं किया गया है। वक्फ परिसंपत्तियों का कोई विकास नहीं किया गया है तथा इन परिसंपत्तियों से अल्पसंख्यकों के लिए कल्याण योजनाओं हेतु बडी आय सृजित नहीं की जा सकी है क्योंकि वक्फ परिसंपत्तियों पर व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण है और वे अविकसित हैं। इसलिए, वक्फ से संबद्ध संयुक्त संसदीय समिति ने अपने 9वें प्रतिवेदन में अभिलेखों के रख-रखाव, पारदर्शिता लाने और वक्फ बोर्डों की विभिन्न कार्यप्रणाली/प्रक्रियाओं के कम्प्यूटरीकरण तथा वेब आधारित एकल केन्द्रीय प्रयोग प्रणाली विकसित करने के लिए राज्य वक्फ बोर्डों के अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण और इन बोर्डों के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता की अनुशंसा की थी।
  • राज्य वक्फ बोर्डों के अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण के विस्तृत उद्देश्य हैं -
    • परिसंपत्ति पंजीकरण प्रबंध
    • मुतावली रिटर्स मैनेजमेंट
    • परिसंपत्तियों को पट्टे पर दिए जाने संबंधी प्रबंध
    • वाद निस्तारण प्रबंध
    • प्रलेख आदान-प्रदान प्रबंध
    • वक्फ परिसंपत्तियों की भौगोलिक सूचना प्रणाली संबंधी प्रबंध
    • मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों, इमामों, मुआज्जिनों, विधवाओं, बालिका विवाहों, छात्रवृत्तियों, स्कूलों, अस्पतालों, औषधालयों, मुसाफिरखानों, कौशल विकास केन्द्रों आदि से संबंधित कोष प्रबंध
    • शहरी वक्फ परिसंपत्तियों के विकास के लिए प्रबंधन
    • सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 का अनुपालन

 

चरण-वार उद्देश्य

कंप्यूटरीकरण योजना के चरण-वार उद्देश्य निम्नलिखित अनुसार है-

चरण 1: वक्फ संपत्तियों की डाटा प्रविष्टि

  • राज्य स्तर पर अनुरक्षित अर्थात राजस्व विभाग आदि के विभिन्न कम्प्यूटरीय आकडों से वक्फ से संबंधित आंकड़ों की पुनजाँच करना।
  • विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों से संबंधित रिपोर्टों की समय से तैयारी और कार्य दक्षता में सुधार।
  • विभिन्न पणधारियों (स्टेक होल्डर) द्वारा इस्तेमाल के लिए केन्द्रीकृत और वेब आधारित डाटाबेस का सजृन ।
  • वक्फ बोर्डों की परिसंपत्ति पंजीकरण प्रबंध प्रणाली।
  • मुतावली रिटर्स मैनेजमेंट प्रणाली।
  • परिसंपत्तियों को पट्टे पर दिए जाने संबंधी प्रबंध।
  • वाद निस्तारण प्रबंध प्रणाली।
  • प्रलेख आदान-प्रदान प्रबंध प्रणाली।

 

चरण II : वक्फ बोर्डो का बेहतर प्रशासन

  • अतिक्रमण रोकने के लिए वक्फ परिसंपत्तियों की भौगोलिक सूचना प्रणाली विकसित किया जाना।
  • राज्य वक्फ बोर्डों से संबंधित अन्य क्रियाकलापों का कम्प्यूटरीकरण (वेतन और लेखा, स्थापना, प्रशासन, केन्द्रीय रजिस्ट्री आदि)।
  • मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों, इमामों, मुआज्जिनों, विधवाओं, छात्रवृत्तियों, स्कूलों, अस्पतालों, औषधालयों, मुसाफिरखानों, कौशल विकास केन्द्रों आदि से संबंधित कोष प्रबंध।
  • शहरी वक्फ परिसंपत्तियों के विकास के लिए ऋण प्रबंध।
  • सूचना के अधिकार अधिनियम का अनुपालन।
  • वक्फ परिसंपत्तियों पर अतिक्रमण संबंधी रिपोर्ट समय से सुनिश्चित किया जाना।
  • सभी हस्त प्रलेखों, विलेखों और दस्तावेजों का अंकीकरण (डिजिटलाइसेशन)।
  • वक्फ पंजिकाओं का मानकीकरण और स्वचलीकरण।
  • वक्फ प्रबंधन के लिए वेब आधारित केन्द्रीकृत प्रयोग प्रणाली का कार्यान्वयन।
  • कार्यालय दक्षता में वृद्धि लाने हेतु कम्प्यूटरीकरण के लिए उपयुक्त माना गया अन्य कोई विषय।

कार्यक्षेत्र, पात्रता और वित्त

  • कम्प्यूटरीकरण की योजना सभी 32 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए एक समान रूप से लागू होगी। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वक्फ बोर्डो के केन्द्रीकृत कंप्यूटिंग सुविधा (सीसीएफ) स्थापित करने के लिए सहायता अनुदान जारी किया गया। इसमें राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वक्फ बोर्डों द्वारा दो वर्ष के लिए कुछ कंप्यूटर कार्मिक भाड़े पर लेने के लिए हैंडहोल्डिंग सहायता भी शामिल है।
  • योजना के अधीन एनआईसी को पहले भारतीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली (डब्ल्यूएएमएसआई) नामक साफ्टवेयर विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की गई है। एनआईसी ने डब्ल्यूएएमएसआई नामक वेब पोर्टल का पहले ही शुभारंभ कर दिया है जिसमें पंजीकरण, विवरणी, पट्टे पर देना और मुकदमा नामक चार मॉड्यूल हैं। सभी 32 वक्फ बोर्डो ने अपने सीसीएफ स्थापित कर लिए हैं और साफ्टवेयर ‘डब्ल्यूएएमएसआई के चार मॉड्यूलों में डाटा की प्रविष्टि आरंभ कर दी है।
  • 31.07.2017 के अनुसार, 3,32,919 वक्फ संपदाओं में से 3,12,196 वक्फ संपदाओं की डब्ल्यूएएमएसआई ऑनलाइन  पंजीकरण मॉड्यूल में प्रविष्टि कर दी है। डब्ल्यूएएमएसआई विवरणी मॉड्यूल में 20,897 वक्फ संपत्तियों, डब्ल्यूएएमएसआई पट्टा मॉड्यूल में 10,164 वक्फ संपत्तियों और डब्ल्यूएएमएसआई मुकदमा मॉड्यूल में 7,269 मुकदमा मामलों की प्रविष्टि भी कर दी गई है। इसके अतिरिक्त 2,90,945 वक्फ संपत्तियों का पूर्व–डिजीटीकरण कार्य भी पूरा कर लिया गया है।
  • सभी राज्य वक्फ बोर्डो को सीसीएफ स्थापित करने और हैंडहोल्डिंग सहायता के लिए निधियां जारी करने के बावजूद यह देखा गया है कि मंत्रालय द्वारा निरंतर समीक्षा और मानीटरिंग के बाद भी योजना की प्रगति संतोषजनक नहीं है। जबकि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से संबंधित 94% कार्य पूरा कर लिया गया है, शेष तीनों मॉड्यूलों से संबंधित कार्य पर संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है। गतिरोधों को आसान बनाने के लिए पिछली योजना अवधि के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि चरण-I के अधीन शेष कार्य पूरा करने के लिए निधियां सीडब्ल्यूसी को जारी की जाएंगी जिसमें सीसीएफ स्थापित करना और सभी चार मॉड्यूलों में डाटा प्रविष्टि करना शामिल है। तद्नुसार 12वीं योजना के दौरान कार्यान्वित योजना के उपबंधों के अनुसार सीडब्ल्यूसी ने सभी चार मॉड्यूलों में कार्यों में तेजी लाने के लिए कार्य को आउटसोर्स कर दिया था।

जीआईएस मैपिंग

  • वक्फ अधिनियम, 1995 संशोधित किया गया है और 1 नवंबर, 2013 से वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 कार्यान्वित किया गया है। वक्फ अधिनियम की धारा 54 में वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए उपबंध किया गया है। वक्फ संपत्तियों से बेदखली का आदेश प्रदान करने के लिए वक्फ अधिकरण को आवेदन करते हुए वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सशक्त बनाया गया है। धारा 54 के अधीन बनाए गए आदेश को लागू करने के लिए राज्य सरकार उत्तरदायी है। अतिक्रमण हटाने के बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी अप्राधिकृत अधिभोगियों द्वारा वक्फ संपत्तियों पर छोड़ी गई संपत्तियों का निपटान करेगा। बोर्ड को उस संपत्ति पर बाड़ लगाने की भी जरूरत हो सकती है जहां से अतिक्रमण हटाया गया है।
  • 2017-2020 के वर्षों के दौरान सभी वक्फ संपत्तियों में से 50% की जीआईएस मैपिंग पूरा करने का लक्ष्य है और साथ ही डब्ल्यूएएमएसआई ऑनलाइन पोर्टल के सभी चार मॉड्लूयों में डाटा प्रविष्टि का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
  • वक्फ संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग से इन संपत्तियों की पहचान और उन पर से अतिक्रमण हटाने में सहायता मिलेगी। अतः सभी वक्फ संपत्तियों का जीआईएस मैपिंग करवाना आवश्यक है।
  • उपर्युक्त उपबंधों के कार्यान्वयन के लिए वक्फ बोर्डों को वित्तीय सहायता होगी। अतः यह प्रस्ताव किया गया है कि प्रत्येक वक्फ संपत्ति के लिए जीआईएस मैपिंग के लिए राज्य वक्फ बोर्डो को 550/- रु. की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य वक्फ बोर्डो के लिए यह कार्य करने के लिए एजेंसियों का चयन सीडब्ल्यूसी द्वारा उन मामलों में किया जाएगा जहां संबंधित राज्य वक्फ बोर्ड राज्य के भीतर उपयुक्त एजेंसी का पता लगाने के लिए समर्थ नहीं है। भारत भर में फैली लगभग 5.63 लाख वक्फ संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग के लिए कुल व्यय 31.00 करोड़ रु. होगा। यह महसूस किया गया है कि इतनी बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग 2017-2020 के दौरान तीन वर्षों की अवधि में पूरी नहीं की जा सकती है। अतः 31.00 करोड़ रु. का दिखाया गया व्यय पांच वर्षों की अवधि अर्थात् 2017-18 से 2021-2022 के दौरान खर्च किए जाने का प्रस्ताव है। वर्ष 2017-18 से 2019-2020 के दौरान 15.39 करोड़ रु. कुल लागत पर प्रत्येक वर्ष क्रमशः 10%, 20% और 20% वक्फ संपत्तियों की जीएसआई मैपिंग कवर करने का इरादा है। यह राज्य वक्फ बोर्डो का विशेषाधिकार होगा कि वे अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार वक्फ संपत्तियों की जीएसआई मैपिंग के कार्य का निर्णय करें लेकिन जीआईएस कार्य शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में उचित रूप में किया जाना चाहिए। 15.50 करोड़ रु. के खर्च पर किए जाने वाला वक्फ संपत्तियों की जीएसआई मैपिंग का शेष 50% कार्य 2020-2021 और 2021-2022 वर्षों के दौरान पूरा कर लिया जाएगा।

डब्ल्यूएएमएसआई पोर्टल में प्रविष्टि

  • जो निम्नलिखित क्रियाकलाप लंबित हैं, 31.03.2020 तक पूरे कर लिए जाएंगे।

क) राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा नामित नोडल अधिकारी के समग्र मार्गनिर्देशन के अधीन डब्ल्यूएएमएसआई ऑनलाइन  प्रणाली में डाटा प्रविष्टि और समय-समय पर एनआईसी - पीएमयू (वक्फ) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए डब्ल्यूएएमएसआई डीएमएस सिस्टम में लाने के लिए दस्तावेजों की स्कैनिंग और मैटाडाटा प्रविष्टि।

ख) फील्ड से डब्ल्यूएएमएसआई ऑनलाइन  सिस्टम के अनुकूल प्ररूप में वक्फ संपत्तियों का डाटा एकत्र करना।

ग) मुतावल्ली, यदि कोई हो, से प्रत्येक वक्फ संपदा के लिए मालिकाना हक सिद्ध करने संबंधी दस्तावेज एकत्र करना।

  • मॉड्यूल-वार पूरा किए जाने वाला कार्य नीचे दिया गया है-

पंजीकरण मॉड्यूल

राज्य वक्फ बोर्डो के पास उपलब्ध वास्तविक के अनुसार

विवरणी मॉड्यूल

राज्य वक्फ बोर्डों के पास उपलब्ध वास्तविक के अनुसार

पट्ट्टा मॉड्यूल

राज्य वक्फ बोर्डों के पास उपलब्ध वास्तविक के अनुसार

मुकदमा मॉड्यूल

 

राज्य वक्फ बोर्डों के पास उपलब्ध वास्तविक के अनुसार

दस्तावेजों को अभिलेखागार में रखना एवं पुनः प्राप्ति

 

राज्य वक्फ बोर्डों के पास उपलब्ध वास्तविक के अनुसार

 

  • उपर्युक्त सभी मॉड्यूलों में शेष बचे कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अनंतिम लक्ष्य निम्नलिखित अनुसार होंगे-

क्रियाकलाप

 

पूरा करने की अनंतिम लक्ष्य तारीख

i) डब्ल्यूएएमएसआई पंजीकरण मॉड्यूल में डाटा प्रविष्टि

ii)डब्ल्यूएएमएसआई पट्टा मॉड्यूल में डाटा प्रविष्टि

iii)डब्ल्यूएएमएसआई विवरणी मॉड्यूल में डाटा प्रविष्टि

iv)डब्ल्यूएएमएसआई मुकदमा मॉड्यूल में डाटा प्रविष्टि

जुलाई, 2018

जून, 2019

दिसंबर, 2019

दिसंबर, 2019

इस प्रयोजन के लिए सीडब्ल्यूसी द्वारा सभी राज्य वक्फ बोर्डों को मार्च, 2020 तक कार्यालय स्वचलन के लिए ईआरपी समाधान प्रदान किया जाएगा। जीआईएस मैपिंग के लिए सभी राज्य वक्फ बोर्डो को 50% वक्फ संपत्तियों से संबंधित कार्य पूरा करना अपेक्षित है जिसमें जीआईएस कोर्डिनेट्स एकत्र करना और मार्च, 2020 तक डब्ल्यूएएमएसआई ऑनलाइन पोर्टल पर सभी डाटा अपलोड करना शामिल है।

राज्य वक्फ बोर्डो को उपर्युक्त लक्ष्य अनुसूची के अनुसार डब्ल्यूएएमएसआई मॉड्यूल में डाटा प्रविष्टि का कार्य पूरा करने के लिए सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से 2017-2020 की अवधि दौरान डब्ल्यूएएमएसआई पोर्टल के सभी चार मॉड्यूलों में डाटा प्रविष्टि करने के लिए निम्नलिखित जनशक्ति का प्रस्ताव किया गया है-

(क) 15,000/- रु. प्रति माह की दर से उन 3 राज्य वक्फ बोर्डो के लिए 4 सहायक प्रोग्रामर जिनके पास 31.07.2017 के अनुसार 50,000 से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं।

(ख) 15,000/- रु. प्रति माह की दर से उन 9 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए 3 सहायक प्रोग्रामर जिनके पास 31.07.2017 के अनुसार 20,000 से अधिक और 50,000 से कम वक्फ संपत्तियां हैं।

(ग) 15,000/- रु. प्रति माह की दर से उन 2 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए 2 सहायक प्रोग्रामर जिनके पास 31.07.2017 के अनुसार 6,000 से अधिक और 20,000 से कम वक्फ संपत्तियां हैं।

(घ) 15,000/- रु. प्रति माह की दर से उन 18 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए 1 सहायक प्रोग्रामर जिनके पास 31.07.2017 के अनुसार 6,000 से कम वक्फ संपत्तियां हैं।

  • परियोजना प्रबंधन यूनिट स्थापित करते हुए योजना की मानीटरिंग; राज्य वक्फ बोर्डो में केन्द्रीकृत कंप्यूटिंग सुविधा का रख-रखाव; ईआरपी समाधान साफ्टवेयर, वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा और एनआईसी द्वारा डब्ल्यूएएमएसआई साफ्टवेयर का रख-रखाव आदि के लिए योजना में नीचे दिए अनुसार प्रावधान किया गया है-

(क) डब्ल्यूएएमएसआई सॉफ्टवेयर अनुरक्षण, परिवर्धन एवं तकनीकी सहायता के लिए तीन वर्षों के लिए 181.90 लाख रु. की व्यवस्था की गई है तथा ये निधियां सीडब्ल्यूसी द्वारा एनआईसी को इस प्रयोजनार्थ जारी की जाएंगी।

(ख) 32 राज्य वक्फ बोर्डो में केंद्रीयकृत संगणक सुविधा केंद्र (सीसीएफ) का अनुरक्षण 31.07.2017 तक 6,000 वक्फ संपत्तियों से ज्यादा वाले 14 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए 3 लाख रु. प्रतिवर्ष की दर पर; तथा 31.07.2017 तक 6,000 वक्फ संपत्तियों से कम वाले 18 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए 2 लाख रु. प्रतिवर्ष की दर पर। सीडब्ल्यूसी द्वारा राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा प्रस्तुत विस्तृत प्रस्ताव जांच करने के पश्चात् सीसीएफ के अनुरक्षण हेतु निधियां किस्तों में जारी की जाएंगी।

(ग) 32 राज्य वक्फ बोर्डो के बेहतर संचालन के लिए ईआरपी सल्युशन सॉफ्टवेयर हेतु सीडब्ल्यूसी को 3 लाख रु. प्रति वक्फ बोर्ड के हिसाब से एकबारगी अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रयोजनार्थ सीडब्ल्यूसी को वित्त वर्षों 2017-18, 2018-19 तथा 2019-20 में क्रमशः 10, 10 तथा 12 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए निधियां उपलब्ध कराई जाएंगी।

(घ) 32 राज्य वक्फ बोर्डो में वीडियों कॉन्फ्रेंस सुविधा केंद्र की स्थापना करने हेतु 4 लाख रु. प्रति वक्फ बोर्ड के हिसाब से एकबारगी अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। वित्त वर्षों 2017-18, 2018-19 तथा 2019-20 में क्रमशः 10, 10 तथा 12 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए निधियां उपलब्ध कराई जाएंगी। योजना की मासिक आधार पर मॉनीटरिंग करने के लिए, सीडब्ल्यूसी को 2017-18 के दौरान केंद्रीय वीडियों कॉन्फ्रेंस सुविधा केंद्र की स्थापना करने के लिए 10.00 लाख रु. की निधियां जारी की जाएंगी।

  • राज्य वक्फ बोर्डों को उनकी वास्तविक अपेक्षा के अनुसार इस योजना के विभिन्न संघटकों पर होने वाले व्यय को पूरा करने के लिए एसडब्ल्यूबी को लोचशील बनाने के मद्देनजर, सीडब्ल्यूसी के पूर्वानुमोदन के साथ राज्य वक्फ बोर्डों को यह स्वतंत्रता होगी कि वे विशिष्ट संघटक हेतु मंजूर की गई निधियों को अन्य संघटकों के लिए खर्च करें यदि राज्य वक्फ बोर्डों को यह लगता हो कि उस विशिष्ट संघटक के लिए वे निधियां अपेक्षित नहीं है।
  • मुतवल्लियों/प्रबंधन समितियों को उनके कार्यों के कम्प्यूटरीकरण में सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 10-12 सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को नकद पुरस्कार, स्मृति चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र की भी व्यवस्था की गई है। मूल्यांकन एवं चयन हेतु विस्तृत मापदंड आने वाले समय में तैयार किए जाएंगे। राज्य वक्फ बोर्डों का मूल्यांकन सीडब्ल्यूसी द्वारा किया जाएगा तथा इस संबंध में होने वाला व्यय सीडब्ल्यूसी द्वारा योजना के पैरा 10 के अंतर्गत उपबंध किए जा रहे अनुसार प्रशासनिक खर्चे से पूरा किया जाएगा।
  • डब्ल्यूएएमएसआई पोर्टल में आंकड़ों की प्रविष्टि की प्रगति की मॉनीटरिंग के लिए सीडब्ल्यूसी एक सीनियर एसोसियट 35,000/- रु. प्रतिमाह तथा एक जूनियर एसोसिएट 25,000/- रु. प्रतिमाह के वेतन वाले परियोजना प्रबंधन एकक (पीएमयू) की स्थापना करेगा। यह एकक अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाने वाला पारिश्रमिक मुद्रा स्फीति को कम करने के लिए हर वर्ष 5% तक बढ़ाया जाएगा।

निधियां जारी करना

केंद्रीय वक्फ परिषद कंप्यूटरीकरण की योजना के कार्यान्वयन हेतु नोडल एजेंसी होगी जिसे वक्फ अधिनियम, 1995 के अंतर्गत राज्य वक्फ बोर्डों के कार्यकरण को मॉनीटर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। योजना के अंतर्गत निधियां अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा केंद्रीय वक्फ परिषद को जारी की जाएंगी, जो बदले में जीएफआर के अंतर्गत समुचित प्रक्रिया एवं दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए एसडब्ल्यूबी/एनआईसी को दो किस्तों में निधियां जारी करेगा। केंद्रीय वक्फ परिषद जीएफआर में उपलब्ध कराए गए प्रपत्र में एसडब्ल्यूबी से उपयोग प्रमाण-पत्रों को प्राप्त करके अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को अग्रेषित करेगा।

राज्य वक्फ बोर्डो का सुदृढ़ीकरण

राज्य वक्फ बोर्डो का सुदृढ़ीकरण का उद्देश्य

औकाफ के संचालन का प्राथमिक दायित्व राज्य सरकारों का हैं। राज्य सरकारों को उनके वक्फ बोर्डो का सुदृढ़ीकरण करने के लिए सहायता देने से उनकी वक्फ संपत्तियों का और अधिक पारदर्शी तथा जवाबदेह संचालन एवं प्रबंध हो सकेगा तथा आय सृजन में सुधार तथा आत्मनिर्भरता प्राप्त हो सकेगी। साथ ही, ऐसी निधियां कुछ शर्तों के अध्याधीन उपलब्ध कराई जानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित होगा कि राज्य वक्फ बोर्डों का कार्यकरण तथा संस्थागत क्षमता से उनके आय सृजन को बेहतर बनाया जा सके तथा आत्मनिर्भर बना जा सके। उनकी योग्यताओं में सुधार उनकी आय में वृद्धि को सुकर बनाएगा जिससे समय के साथ-साथ उनकी बाहरी वित्तीय सहायता पर निर्भरता कम अथवा समाप्त होगी।

क्षेत्र, पात्रता एवं वित्त

  • इस योजना में तीन संघटक शामिल होंगे। संघटक I के अंतर्गत, राज्य वक्फ बोर्डो को उनके संस्थानों की प्रशासनिक लागतों को पूरा करने के लिए निधियां उपलब्ध कराई जाएंगी। संघटक II के अंतर्गत, वक्फ संपत्तियां पट्टा नियमावली, 2014 के उपबंधों को लागू करने के लिए मुतवल्ली तथा प्रबंध समितियों की क्षमताओं का निर्माण करने; लेखा सॉफ्टवेयर, स्टेशनरी/उपभोज्य सामग्रियों की खरीद करने तथा सर्वेक्षण आयुक्त को वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण को सुकर बनाने हेतु निधियां उपलब्ध कराई जाएंगी। संघटक III के अंतर्गत, राज्य में वक्फ संपत्तियों की संख्या को मद्देनजर रखते हुए अंचल/ क्षेत्रीय स्तर के कार्यालयों के सुदृढ़ीकरण हेतु निधियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • उन राज्य वक्फ बोर्डों को सहायता अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा जो निम्नलिखित शर्ते पूरी करते हो-

क) कानूनी तौर पर गठित वक्फ बोर्ड;

ख) सीईओ का पदासीन होना;

ग) प्राधिकारी के अंतर्गत नियुक्त लेखा परीक्षक (परीक्षकों) द्वारा बोर्ड के लेखों की लेखा | परीक्षा का अद्यतन संचालन सुनिश्चित करना;

घ) मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए सहायता अनुदान के लेखों की अद्यतन लेखा परीक्षा सुनिश्चित करना; तथा

ङ) यह सुनिश्चित करने के लिए एक समयबद्ध योजना तैयार एवं अनुमोदित की गई है कि सभी वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण एवं भू-राजस्व अथवा स्थानीय प्राधिकरणों के साथ सर्वेक्षण की गई संपत्तियों का पंजीकरण पूरा हो गया है।

  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऊपर दी गई (ग) से (ङ) मदें प्राप्त करने के लिए यह आवश्यकता पाई गई कि बोर्डों की स्थापना की लागत केंद्र सरकार द्वारा आंशिक रूप से प्रदान की जाए। प्रत्येक राज्य वक्फ बोर्ड को एक सशक्त कानूनी, लेखा और प्रशासनिक विंग की आवश्यकता होगी। बोर्ड में वर्तमान कार्मिकों को विशेष रूप से वक्फ अधिनियम, 1995 तथा वक्फ संपत्तियां पट्टा नियमावली, 2014 के संबंध में अपने कार्य क्षेत्र में नवीनतम विकास के साथ अपने आप को परिचित करने के लिए उन्मुखीकरण/प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए भेजा जाएगा।

प्रस्तावित योजना का संघटक

प्रस्तावित योजना के तीन संघटक निम्नलिखित अनुसार होगा-

  • घटक-I

घटक-I के अधीन 31.07.2017 के अनुसार छह हजार और इससे अधिक वक्फ संपत्तियों वाले 15 बोर्डों में से प्रत्येक को सरकार द्वारा प्रति वर्ष 16.50 लाख रु. की कुल सहायता प्रदान की जाएगी। 31.07.2017 के अनुसार, छह हजार से कम वक्फ संपत्तियों वाले 16 छोटे राज्य वक्फ बोर्डों को सरकार की ओर से प्रति वर्ष 9.60 लाख रु. की सहायता होगी। इस घटक के अधीन प्रत्येक 30,000/- रु. प्रति माह की दर से कार्यालय-एवं-कानूनी सहायक और प्रत्येक 30,000/- रु. प्रति माह की दर से लेखाकार नियत किए गए और 40,000/- रु. प्रति माह की दर से एक कानूनी सहायता अधिकारी राज्य वक्फ बोर्डों को उनकी संख्या-शक्ति बढ़ाने के लिए प्रदान किया जाना निश्चत किया गया है। मुद्रास्फीति को कम करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के पारिश्रमिक में प्रत्येक वर्ष 5% की वृद्धि की जाएगी। विभिन्न वक्फ बोर्डों के लिए इस स्टाफ को दी जाने वाली परिलब्धि का आधार अनुलग्नक-I पर दिया गया है।

  • घटक-II
    • वक्फ अधिनियम, 1995 संशोधित किया गया है और 1 नवंबर, 2013 से वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 कार्यान्वित किया गया है। वक्फ अधिनियम की धारा 54 में वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने का प्रावधान है। वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यपालक अधिकारी को वक्फ संपत्तियों से बेदखली का आदेश प्रदान किए जाने के लिए वक्फ अधिकरण को आवेदन करते हुए वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए शक्तियां प्रदान की गई हैं। राज्य सरकार धारा 54 के अधीन निकाले गए आदेश को लागू करवाने के लिए उत्तरदायी है। अतिक्रमण हटाने के बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी अप्राधिकृत अधिभोगियों द्वारा वक्फ संपत्तियों पर छोड़ी गई संपत्ति का निपटान करेगा। बोर्ड को अतिक्रमण हटाई गई संपत्ति पर बाड़ लगाने की भी जरूरत हो सकती है।
    • इसके अतिरिक्त, केन्द्र सरकार ने वक्फ संपत्तियां पट्टा नियमावली-2014 अधिसूचित की है। मुतवल्लियों और प्रबंधन समितियों को अपनी-अपनी संपत्तियों के लिए इन नियमों को अपनाना और कार्यान्वित करना होता है। ऐसे मुतवल्लियों और प्रबंधन समितियों की क्षमता का निर्माण करने के लिए प्रत्येक राज्य वक्फ बोर्ड हेतु केन्द्रीय वक्फ परिषद को 2.00 लाख रु. प्रति वर्ष की दर से सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव है। यह सहायता केवल उन 20 राज्य वक्फ बोर्डों के लिए उपलब्ध होगी जिनके पास 31.07.2017 के अनुसार एक हजार या अधिक वक्फ संपत्तियां है। मुतवल्लियों और प्रबंधन समितियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए केन्द्रीय वक्फ परिषद काफी समय पहले एक वार्षिक योजना तैयार करेगी और राज्य वक्फ बोर्डो को परिचालित करेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम परस्पर सहमत प्ररूपों में राज्य वक्फ बोर्डो के साथ तालमेल से आयोजित किया जाएगा।
    • इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करने के लिए की वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण निर्बाध रूप से हो जाए, 31.07.2017 के अनुसार 6 हजार से अधिक/ कम वक्फ संपत्तियों वाले प्रत्येक राज्य वक्फ बोर्ड को क्रमशः 3.00 लाख रु. और 2.00 लाख रु. प्रति वर्ष वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है जो आगे वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण संबंधी कार्य को शीघ्र पूरा करने में सुविधा प्रदान करने के लिए आबंटित निधियों को सर्वेक्षण आयुक्त को प्रदान करेंगे।
    • इसके अलावा, 31.07.2017 के अनुसार 6 हजार से अधिक वक्फ संपत्तियों वाले प्रत्येक राज्य वक्फ बोर्ड को 1.00 लाख रु. की राशि और शेष राज्य वक्फ बोर्डो को प्रत्येक को 75 हजार रु. की राशि स्टेशनरी/उपभोग्य वस्तुओं के लिए वार्षिक तौर पर प्रदान किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
  • घटक-III
    • इस घटक के अधीन उन राज्य वक्फ बोर्डो के जोनल वक्फ बोर्ड कार्यालयों (जेडडब्ल्यूबीओ) के सुदृढ़ीकरण के लिए सहायता-अनुदान प्रदान किया जाएगा जिन्हें विस्तृत क्षेत्र में फैली बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियों की देखभाल करनी होती है। किसी जेडडब्ल्यूबीओ के लिए भाड़े पर ली गई जनशक्ति राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित की जाने वाली वक्फ संपत्तियों की संख्या के फैलाव को ध्यान में रखते हुए होगी। प्रत्येक जोनल कार्यालय के लिए एक जोनल वक्फ अधिकारी और एक सर्वेक्षण सहायक प्रदान किया जाएगा। एक जोनल कार्यालय के लिए जनशक्ति राज्य वक्फ बोर्ड में प्रदान की जाएगी जहां वक्फ संपत्तियों की संख्या 10,000 से 25,000 के बीच है और दो जोनल कार्यालयों के लिए वहां जहां वक्फ संपत्तियों की संख्या 25,000 से अधिक है। तथापि, उस जोनल कार्यालय के लिए जनशक्ति नहीं प्रदान की जाएगी जहां वक्फ संपत्तियों की संख्या 10,000 से कम हो। जोनल वक्फ अधिकारी के लिए मासिक वित्तीय देनदारी 27,000/- रु. प्रति माह और सर्वेक्षण सहायक के लिए 20,000/- प्रति माह होगी। जोनल वक्फ अधिकारी को कानूनी मामलों; लेखा परीक्षा और लेखा मामलों में विशेषज्ञता हासिल होगी और सर्वेक्षण सहायक जोन में सभी वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए उत्तरदायी होंगे। प्रत्येक जोनल कार्यालय के लिए व्यय इस तरह 47,000/- रु. प्रति माह होगा। जोनल कार्यालय के लिए सौंपे गए स्टाफ चयन का उत्तरदायित्व राज्य वक्फ बोर्डों के साथ परामर्श से केन्द्रीय वक्फ परिषद का होगा और उनका मासिक शुल्क संबंधित राज्य वक्फ बोर्डो को सीडब्ल्यूसी द्वारा जारी किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को अदा किए गए पारिश्रमिक में मुद्रास्फीति को कम करने के लिए प्रति वर्ष 5% की वृद्धि की जाएगी।
    • राज्य वक्फ बोर्ड राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में स्थित है। वे वक्फ संपत्तियों के प्रशासन के लिए उत्तरदायी हैं। जिन जोनल कार्यालयों में स्टाफ की व्यवस्था की जानी है, इसका निर्णय उनकी जरूरत के आधार पर संबंधित राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाएगा।
    • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वक्फ बोर्ड घटक-I और घटक-III के अधीन प्रदान किए गए कार्मिक संविदा आधार पर/संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में प्रचलित प्रथा के अनुसार लेंगे। इसके अतिरिक्त राज्य वक्फ बोर्ड अपने विवेकानुसार आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से और अधिक कार्मिक ले सकते हैं लेकिन उपर्युक्त आबंटन से अधिक नहीं होंगे।
    • इस बात को ध्यान में रखते हुए कि योजना का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डो की आय सृजन में सुधार करना है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें, यह अनिवार्य है कि वक्फ संपत्तियों का अच्छे से प्रबंधन किया जाए। चूंकि मुतविल्लयों/प्रबंधन समितियों की वक्फ संपत्तियों से आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, अतः श्रेष्ठ काम करने वाले मुतविल्लयों/प्रबंधन समितियों को प्रोत्साहित किया जाए। अतः देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रेष्ठ काम करने वाले लगभग 10-12 मुतविल्लयों/प्रबंधन समितियों को उनके वित्तीय कार्य-निष्पादन, नवीन पद्धतियों, प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल आदि का आधार पर चुना जाएगा। मूल्यांकन और चयन का विस्तृत मापदंड अगले कुछ समय में तैयार किया जाएगा। इस प्रयोजन के लिए योजना में 5.00 लाख रु. प्रतिवर्ष का प्रावधान किया गया है।

निधियां जारी करना

जबकि सभी राज्य वक्फ बोर्डों के लिए सहायता की कुल मात्रा का आंकलन किया जा चुका है, यह राज्य सरकार और बोर्ड के लिए है कि वह संसाधनों के कुशल प्रबंधन और प्रक्रिया में दिलचस्पी लेने वाले स्टेकहोल्डर के रूप में कार्य करने के लिए राज्य सरकार की इच्छा और शर्तों को पूरा करने के माध्यम से इसका लाभ उठाएं। केन्द्रीय वक्फ परिषद कार्यान्वयनकर्ता एजेंसी होगी। योजना के अधीन सहायता प्रदान करने के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वक्फ बोर्ड प्रस्ताव तैयार करेंगे और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों के माध्यम से केन्द्रीय वक्फ परिषद को भेजेंगे। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वक्फ बोर्ड यह वचन–पत्र भी प्रस्तुत करेंगे कि राज्य वक्फ बोर्ड उपर्युक्त पैरा में दी गई सभी शर्तों को पूरा करते हैं। सीडब्ल्यूसी द्वारा उचित प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए योजना के अधीन निधियां राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वक्फ बोर्डों को जारी की जाएंगी। संबंधित राज्य वक्फ बोर्डो द्वारा सीडब्ल्यूसी को उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके आगे सहायता केवल उन बोर्डो को जारी की जाएगी जिन्होंने उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर दिए हैं। राज्य सरकार एक मानीटरिंग तंत्र और निरीक्षण प्रणाली की भी व्यवस्था करेगी। राज्य वक्फ बोर्ड उनके वक्फ बोर्डों से संबंधित सहायता-अनुदान जारी करने के लिए प्रस्ताव अनुलग्नक-II में दिए गए आवेदन के अनुसार प्रस्तुत करेंगे। राज्य वक्फ बोर्डो को अनुलग्नक-III के अनुसार प्रधान सचिव/सचिव के माध्यम से अपनी स्थिति रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।

कार्यान्वयनकर्ता एजेंसियां और उनकी भूमिका

विभिन्न पणधारियों (स्टेक होल्डर) की कार्यान्वयन भूमिकाओं के सारांश के ब्यौरे इस प्रकार हैं-

क्रम स.

1.

स्टेकहोल्डर

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय

भूमिकाएं

  • पूरी परियोजना पर निगरानी।
  • सीडब्ल्यूसी को निधि आबंटन एवं जारी करना।
  • कार्यान्वयन सुविधाप्रदाता और परियोजना परिचालन निगरानी।
  • परिचालन समिति का पैरा 9.3 के अनुसार गठन।

2.

राज्य सरकारें

  • इस कम्प्यूटरीकरण योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार से बाहर के दो विशेषज्ञ प्रतिनिधियों और एक सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधि को शामिल करते हुए फील्ड विभागों के साथ समन्वयन के लिए राज्य स्तरीय समिति गठित करना।
  • राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अन्य संगतपूर्ण डाटा बेस तक पहुंच उपलब्ध कराना।
  • राज्य स्तर पर प्रगति की निगरानी करना।

3.

केन्द्रीय वक्फ परिषद

  • शेष कार्य पूरा करने के लिए राज्य/संघ राज्य वक्फ बोर्डी/एनआईसी आदि को निधियां जारी करना।
  • योजना का मूल्यांकन।
  • कार्यान्वयनकर्ता एजेंसी के रूप में निविदाकरण एवं अन्य औपचारिकताएं।
  • संचालन समिति के समग्र दिशा-निर्देशन में परियोजना प्रबंधन और निगरानी।
  • कार्यान्वयन सुविधाप्रदाता।
  • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के समन्वयन में डब्ल्यूएएमएसआई पर केन्द्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए सुविधा प्रदाता।
  • अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के वक्फ बोर्डो और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के साथ जनसंपर्क, नेटवर्किंग और समस्या निवारण।
  • आंकड़ों के समाधान की निगरानी।
  • परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध में तिमाही आधार पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को रिपोर्ट देना।

4.

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

  • नियमों/विनियमों के अनुसार व्यय करना और राज्य वक्फ बोर्डेसमन्वयन समिति के व्यापक अधिक्षण के तहत कार्यान्वयन की अंतिम तिथियों का अनुपालन करना।
  • राज्य स्तर पर आवेदनों का कार्यान्वयन ।
  • विद्यमान अभिलेखों का अंकीकरण परियोजना कार्यान्वयन के लिए सर्वर रूम के लिए स्थान उपलब्ध कराना।
  • एनआईसी/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय/ सीडब्ल्यूसी के अनुदेशों के अनुसार हार्डवेयर की खरीद और उनकी स्थापना को सुगम बनाना।
  • विद्यमान अभिलेखों का सुरक्षित रख-रखाव।
  • सभी वक्फ परिसम्पतियों की मास्टर इनवेन्टरी तैयार करने के लिए आकड़ों का समन्वयन।
  • पंजीकरण, पट्टे पर देना, लिटिगेशन, मुतावल्ली रिटर्स, परिसम्पतियों से आय से संबंधित आंकड़े की ऑनलाइन  प्रविष्टि के लिए सुविधा प्रदान करना।
  • एनआईसी/सीडब्लूसी/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सुझाव के अनुसार अन्य कोई कार्य ।

5.

राष्ट्रीय सूचनाविज्ञान केन्द्र

  • टर्न की आधार पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से परियोजना (डब्लूएएमएसआई) का कार्यान्वयन
  • यथाआवश्यक आईसीटी व्यावसायिकों की भर्ती में सहायता करना।
  • पीएमसी के माध्यम से परियोजना प्रबंधन।
  • केन्द्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों के कर्मचारियों के लिए डब्लूएएमएसआई पर प्रशिक्षण का प्रबंध करना।
  • अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, वक्फ बोर्डो और केन्द्रीय वक्फ परिषद को तकनीकी सलाह देना।

राज्य सरकारों की जिम्मेदारियां

राज्य सरकारों की जिम्मेदारियों निम्नानुसार है-

i) एक पूर्ण कालिक मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति;

ii)बोर्डो के लेखों की समय से लेखा परीक्षा तथा मुतावली के लेखों की नियमित लेखा परीक्षा वक्फ बोर्डों द्वारा नियुक्त लेखा परीक्षकों द्वारा की जाएगी;

iii) मुकदमा (लॉ सूट) रजिस्टर का समुचित रख-रखाव और वक्फ परिसम्पतियों के अतिक्रमण के मामलों का नियमित रूप से पता लगाते रहना;

iv)अतिक्रमण से परिसम्पतियों की पुनः प्राप्ति और उन पर अनधिकृत कब्जों से संबंधित आवधिक रिपोर्ट केन्द्रीय वक्फ परिषद को दिया जाना;

v) वक्फ रजिस्टर का समुचित रख-रखाव और परिसंपतियों से संबंधित राजपत्र अधिसूचना और वक्फ विलेख संबंधी प्रलेखों का रख-रखाव और संरक्षण;

vi)सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति वक्फ परिसंपतियों का समयबद्ध सर्वेक्षण और संगतपूर्ण राजस्व भू-अभिलेखों अथवा स्थानीय निकायों में उनकी प्रविष्टि,

vii) वक्फ बोर्ड का समय से गठन और राज्य सरकारों द्वारा नियम और विनियम तैयार किया जाना;

viii) कम्प्यूटरीकरण प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी का आश्वासन;

ix) प्रधान सचिव (अल्पसंख्यक कल्याण) की अध्यक्षता में प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तरीय समन्वयन समिति का गठन। एसएलसीसी की समय पर बैठक आयोजित करना सुनिश्चित करने के लिए प्रधान सचिव राज्य सरकार के किसी अधिकारी को अपनी भूमिका प्रत्यायोजित कर सकते है।

प्रशासनिक व्यय

अम्ब्रेला योजना के कुल बजट परिव्यय का 10% प्रशासनिक खर्चे के रूप में निर्धारित किया गया है। चूंकि सीडब्ल्यूसी कार्यान्वयनकर्ता एजेंसी होगी, अतः प्रशासनिक खर्चा के रूप में निर्धारित 10% में से 9% योजना में प्रशासनिक और संबद्ध लागतों के लिए सीडब्ल्यूसी द्वारा इस्तेमाल के लिए होगा। शेष 1% योजना के अधीन विभिन्न कार्यों को करने के लिए आऊटसोर्स स्टाफ भाड़े पर लेने के साथ-साथ योजना की मानीटरिंग के संबंध में किए गए खर्च के लिए मंत्रालय द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा। सीडब्ल्यूसी को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर नियमित कार्यशालाएं, प्रशिक्षण शिविर और समीक्षा बैठकें आयोजित करनी होंगी। सीडब्ल्यूसी मंत्रालय के अनुमोदन से एक वार्षिक योजना को अंतिम रूप देगा। सीडब्ल्यूसी के लिए इस प्रावधान का उपयोग बाहरी प्रतिष्ठित संस्थानों/ एजेंसियों के माध्यम से योजना के मूल्यांकन एवं मानीटरिंग के लिए भी किया जाएगा।

मूल्यांकन, निरीक्षण और निगरानी

  • वक्फ मामले को देख रहे संयुक्त सचिव, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय संपूर्ण योजना का प्रभारी नोडल अधिकारी होगा। योजना का कार्यान्वयन राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा संबंधित राज्य सरकार के अधीक्षण के तहत किया जाएगा। योजना की निगरानी केन्द्र स्तर पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय केन्द्रीय वक्फ परिषद तथा राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार द्वारा की जाएगी।
  • केन्द्रीय वक्फ परिषद द्वारा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को योजना की प्रगति के बारे में मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
  • परियोजना का मूल्यांकन/निरीक्षण/निगरानी मंत्रालय स्तर पर संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में परिचालन समिति द्वारा की जाएगी। परिचालन समिति की संरचना इस प्रकार होगी-

I. अध्यक्ष- संबंधित संयुक्त सचिव

II. सदस्यगण - निदेशक/उप सचिव (वक्फ), अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय सचिव, सीडब्ल्यूसी सचिव, केन्द्रीय वक्फ परिषद

III.मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कर्नाटक औकाफ बोर्ड

IV.मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हरियाणा वक्फ बोर्ड

V.मुख्य कार्यकारी अधिकारी, महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड

VI.मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड

संयोजक

अवर सचिव (वक्फ), अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय

राज्य वक्फ बोर्डों के प्रतिनिधियों का समय-समय पर अदला-बदली की जाएगी।

परियोजना समिति द्वारा तकनीकी कार्यान्वयन एवं निगरानी की जाएगी। परियोजना प्रबंधन समिति की संरचना निम्नलिखित अनुसार होगी-

I. अध्यक्ष - डीडीजी, एनआईसी

II.कार्यकारी अध्यक्ष - डीडीजी द्वारा नामित

III. सदस्यगण - सीईओ, हरियाणा राज्य वक्फ बोर्ड सीईओ, कर्नाटक औकाफ बोर्ड तकनीकी निदेशक, एनआईसी अवर सचिव, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय

IV. संयोजक - सीडब्ल्यूसी का प्रतिनिधि

  • समिति के अध्यक्ष द्वारा योजना के कार्यान्वयन के हित में सदस्यों अथवा विशेष आमंत्रितों का चयन किया जा सकता है। राज्य वक्फ बोर्डों के प्रतिनिधियों का समय-समय पर अदला-बदली की जाएगी। उपर्युक्त के अलावा, सचिव (सीडब्ल्यूसी), सीडब्ल्यूसी में ही एक निगरानी समिति गठित करेंगे जो कार्यान्वयन के कार्य महीने में एक बार बैठक होगी और कंप्यूटरीकरण कार्य की प्रगति पर मंत्रालय को मासिक रिपोर्ट भेजेंगे।

अनुलग्नक-I

[प्रस्तावित योजना घटक - I के संदर्भ में]

भुगतान के लिए वेतन के संबंध में व्यय का विवरण –

संघटक-I

क्र. सं.

पद का नाम

मासिक वेतन

1.

लीगल सपोर्ट ऑफिसर

40,000

2.

ऑफिस-कम-लीगल

30,000

3.

असिस्टेट एकाउंटेंट

30,000

संघटक-1 के अंतर्गत निधियों एवं श्रमशक्ति की आवश्यकता निम्नानुसार निर्धारित की गई है-

6,000 से अधिक वक्फ परिसंपत्तियों वाले एसडब्ल्यूबी

6,000 से कम वक्फ परिसंपत्तियों वाले एसडब्ल्यूबी

क्रम.स.

पदनाम

पदों की संख्या

एसडब्ल्यूबी की संख्या

वेतन रु. में

 

पदों की संख्या

एसडब्ल्यूबी की संख्या

वेतन रु. में

1.

लीगल सपोर्ट ऑफिसर

बड़ा एसडब्ल्यू बी (2)

 

 

15 एसडब्ल्यूबी

 

 

80,000

 

 

-

 

-

 

-

 

2.

 

ऑफिस-कम लीगल असिस्टेंट

 

 

1

 

 

 

16 एसडब्ल्यूबी

 

 

30,000

3.

एकाउंटेंट

1

 

30,000

 

1

30,000

कुल,

3

15

1,10,000

2

16

60,000

अनुलग्नक-II

[पैरा : निधियाँ जारी करने के संदर्भ में]

सहायता अनुदान जारी करने के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन वक्फ बोर्ड द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला आवेदन-प्रपत्र -

1)      राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन वक्फ बोर्ड का नाम और पता

2)      मुख्य कार्यकारी अधिकारी का नाम दूरभाष, फैक्स नं. तथा ई-मेल सहित-

3)      राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में वक्फ का मुतावल्ली स्वरूप प्रचलन में है या नहीं ?:

4)      क्षेत्रीय/जोनल कार्यालय स्थापित है या नहीं (कर्मचारियों की संख्या)..

5)      दिनांक 31.03.2017 की स्थिति के अनुसार पंजीकृत औकाफ (संपत्ति) की कुल सं.

6)      वामसी (डब्ल्यूएएमएसआई) में प्रविष्टि की गई परिसंपत्तियों की कुल सं

7)      वक्फ बोर्ड में उपलब्ध हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के ब्यौरे (स्थिति रिपोर्ट)

8)      वक्फ बोर्ड में जिन कर्मचारियों को कम्प्यूटर संचालन का प्रशिक्षण आवश्यक है उन

9)      कर्मचारियों की संख्या, उनके नाम और पदनाम

10)  बोर्ड में वर्तमान में उपलब्ध कम्प्यूटरों की संख्या ?

11)  क्या इन्टरनेट और ई-मेल सुविधा उपलब्ध है ?

12)  क्या बोर्ड में एक छोटा सर्वर रूम और वतानुकूलित कम्प्यूटर कक्ष है ?

13)  क्या बोर्ड परिसर के भीतर स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क (एल ए एन) उपलब्ध है?

14)  क्या सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के ई-मेल आई डी उपलब्ध हैं ?

15)  कम्प्यूटरीकरण की वर्तमान स्थिति संबंधी स्थिति नोट

 

हस्ताक्षर

मुख्य कार्यकारी अधिकारी का नाम

राज्य वक्फ बोर्ड

(नोट : यदि आवश्यक हो तो अलग शीट का प्रयोग करें।)

अनुलग्नक-III

प्रधान सचिव/सचिव/मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा प्रदान की जाने वाली स्थिति रिपोर्ट

1) वक्फ बोर्ड के प्रधान सचिव का नाम, दूरभाष नं. एवं ई-मेल आईडी सहित-

2)  क्या पूर्णकालिक सीईओ नियुक्त किया गया है -

3) यदि बोर्ड के वार्षिक लेखों की समय पर लेखा परीक्षा की जा रही है –

4) यदि हां तो किस वर्ष तक, लेखा परीक्षा पूरी हो गई है –

5)क्या वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 4 के तहत सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति के माध्यम से वक्फ संपत्तियों का समयबद्ध सर्वेक्षण किया जा रहा है-

6)यदि हां तो औकाफ द्वारा पिछली बार सर्वेक्षण आयुक्त को कब नियुक्त किया था –

7)पिछले 3 वर्षों के दौरान वक्फ बोर्ड का औसत वार्षिक आय (आंकड़े लाख में) –

  • (2014-2015)
  • (2015-2016)
  • (2016-2017)

8)31.03.2017 के अनुसार पिछले 3 वर्षों के लिए प्राप्त सहायता अनुदान और लंबित उपयोगिता प्रमाण-पत्र (आंकड़े लाख में) –

 

प्राप्त सहायता सहायता-अनुदान

प्रस्तुत किया गया

उपयोगिता प्रमाण-पत्र

लंबित उपयोगिता प्रमाण-पत्र

(2014-2015)

 

 

 

(2015-2016)

 

 

 

(2016-2017)

 

 

 

9) अगले वित्त वर्ष के अप्रैल के अंत तक निधियों के उपयोग के पश्चात् उपयोगिता प्रमाण-पत्र अग्रेषित करने के लिए राज्य सरकार की सहमति –

10) क्या इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तर पर समन्वय समिति गठित की गई है-

हस्ताक्षर

प्रधान सचिव/सचिव

राज्य सरकार का विभाग

 

हस्ताक्षर

मुख्य कार्यकारी अधिकारी

राज्य वक्फ बोर्ड

स्रोत: भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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