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ऊर्जा संरक्षण

ऊर्जा संरक्षण से जुड़ीं महत्वपूर्ण जानकारियां

हाल ही के कुछ वर्षों में जीवन शैली में महत्वपूर्ण बदलाव और बढ़ती हुई विकास की जरुरतों को मद्देनज़र रखते हुए ऊर्जा की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। परंतु बढ़ती हुई मांग के बीच ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि उस अनुपात में नहीं होने से उसकी अबाधित  पूर्ति को जारी रखना मुश्किल होता जा रहा है। देश के कई हिस्सों में मांग के शीर्षस्तर पर पहुंचने के बिना भी लगातार कई घंटों बिजली की कटौती होती रही है। गर्मियों में इसकी बारंबारता काफी बढ़ जाती है। जिससे लोगों का परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बिज़ली की बचत करना हम सभी का जिम्मेदारी है। बस कुछ छोटी-छोटी चीज़ों से हम बिजली की कटौती को टाल सकते हैं। छोटी-छोटी चीजों से जुड़े कदम हमारी जीवनशैली से जुड़े हुए हैं। इनकी शुरुआत करने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में बहुत बड़ा बदलाव नहीं लाना है बल्कि इन्हें दिनभर के कामों में आसानी से अपनाया जा सकता है।

दिन भर में हमारे घर में जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपकरण होते हैं जिनके संचालन में थोड़ी सावधानी बरती जाए तो बिजली की काफी बचत हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुशल ऊर्जा उपकरणों के मानकों को निर्धारित करने वाली एजंसियां और यहां तक कि इन उत्पादों की निर्माण करने वाली कंपनियां भी इनके खरीदते समय यूज़र मैनुअल भी देती है जो इनके उपयोग से लेकर बेहतर इस्तेमाल की जानकारियों से भरा होता है। अगली बार जब भी कुछ उपकरण खरीदें तो उसके साथ मिलने वाले मैनुअल को इनके बेहतर इस्तेमाल के लिए जरुर पढ़ें और उन्हें अपनी जीवनशैली से जोड़कर ऊर्जा बचत करने में अपना महत्वपू्र्ण योगदान दे। ऐसी ही कुछ जानकारियों को हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं-

एसी 26º C पर चलाएं

किसी भी गर्मी में बिजली संकट का सबसे बड़ा कारण संभवत: एसी होते हैं। हर बार एसी चालू करने पर और तापमान एक डिग्री और कम करने पर, पूरी प्रणाली पर बहुत अधिक विद्युत-भार पड़ता है। फिर भी हम निर्बाध बिजली आपूर्ति हासिल कर सकते हैं – यदि हम 'ज्‍़यादा ठंडक' के लिए 'जमने' की हद तक तापमान कम करना बंद कर दें। आइए इन गर्मियों में हम सब 26 डिग्री को अपनाएं – वास्‍तव में यह बहुत आरामदायक है।

प्‍लग से स्विच ऑफ करें

हम बिजली से चलने वाले उपकरण को रिमोट से 'ऑफ' करते हैं और प्‍लग 'ऑन' ही रहता है, तो 'स्‍टैंड-बाई मोड' में भी बिजली की खपत होती है। और यह कोई मामूली मात्रा नहीं है – शहर की बिजली खपत का अविश्‍वसनीय रूप से 5 प्रतिशत हिस्‍सा इन मामूली-सी बर्बादियों की भेंट चढ़ जाता है।

लाइटिंग

  • ज़रूरत ना होने पर लाइट और पंखे बंद कर दें।.
  • बल्‍ब की जगह ट्यूब लाइट और सी.एफ.एल. (कॉम्‍पेक्‍ट फ्लोरोसेंट लैंप) लगाएं।
  • पारंपरिक तांबे वाले चोक के बजाय इलेक्‍ट्रॉनिक चोक और रेगुरेटर लगा कर प्राकृतिक प्रका‍श का सही इस्‍तेमाल करें।
  • मॉल, मल्‍टीप्‍लेक्‍स और होटलों में उपयुक्‍त ढंग से लाइट का इस्‍तेमाल करें।
  • इस्‍तेमाल ना होने पर लाइटें बंद कर दें।
  • आपके कमरे में दिन की रोशनी आ सके इसके लिए खिड़कियों पर हल्‍के रंग के, मोटी-बुनाई वाले परदे लगाकर प्राकृतिक रोशनी का लाभ उठाएं। साथ ही, साज-सज्‍जा में हल्‍के रंगों का इस्‍तेमाल करें जो रोशनी को प्रतिबिंबित करते हैं।
  • घर में लगे बल्‍बों, ट्यूबलाइटों से धूल साफ कर दें ताकि प्रकाश की जगमगाहट बनी रहे।
  • उद्देश्‍यपरक प्रकाश-व्‍यवस्‍था यानी लाइटिंग का इस्‍तेमाल करें; पूरे कमरे को हल्‍के रंग में रंगने के बजाय, रोशनी को उस स्‍थान पर केंद्रित करें जहां आपको उसकी ज़रूरत हो।
  • सीएफएल पारंपरिक बल्‍बों की तुलना में बिजली की चौथाई खपत करते हैं और उतनी ही रोशनी देते हैं।

बिजली से चलने वाली प्रेस (आयरन)

  • स्‍वत: तापमान कम करने वाले आयरन बॉक्‍स का इस्‍तेमाल करें।
  • प्रेस करते समय रेगुलेटर को उपयुक्‍त स्थिति में रखें।
  • कपड़े प्रेस करते समय उन पर ज्‍यादा पानी ना डालें।
  • गीले कपड़ों को प्रेस ना करें।

पंखे

  • छत के पंखों (सीलिंग फैन) के लिए पारंपरिक रेगुलेटरों के स्‍थान पर इलेक्‍ट्रॉनिक रेगुलेटर लगवाएं।
  • एग्‍ज़हॉस्‍ट फैन छत के पंखों से ज्‍यादा ऊंचाई पर लगवाएं।

रेफ्रीजरेटर

  • फ्रिज का दरवाज़ा बार-बार ना खोलें।
  • उसके थर्मोस्‍टैट को मध्‍यम कूलिंग अवस्‍था में सेट करें।.
  • फ्रिज और दीवार के बीच पर्यापत दूरी रखें।
  • रेफ्रीजरेटर पर अत्‍यधिक विद्युत-भार ना डालें।
  • फ्रिज को नियमित रूप से डीफ्रॉस्‍ट करते रहें।
  • जिन रेफ्रीजरेटर और फ्रीजर में स्‍वत: डीफ्रॉस्‍ट ना हो उन्‍हें नियमित रूप से डीफ्रॉस्‍ट करें; जमी हुई बर्फ इकट्ठा होने पर मोटर चलते रहने के लिए जरूरी ऊर्जा की मात्रा बढ़ जाती है।
  • अपने रेफ्रीजरेटर और दीवार के बीच पर्याप्‍त खाली स्‍थान छोड़ें ताकि रेफ्रीजरेटर के चारों ओर हवा आसानी से संचारित हो सके।
  • अपने रेफ्रीजरेटर या फ्रीजर को बहुत ठंडा ना रखें।
  • सुनिश्चित करें कि रेफ्रीजरेटर के दरवाजे की सील एयरटाइट हों।
  • रेफ्रीजरेटर में रखे तरल-पदार्थों को ढंक कर रखें और खाने की चीज़ों को कपड़े या फॉयल में लपेट कर रखें। ऐसी खाने की चीज़ों से नमी पैदा होती है जो ढकी ना हों और इससे कंप्रेसर पर ज़ोर पड़ता है।
  • रेफ्रीजरेटर के दरवाजों को बार-बार ना खोलें।
  • फ्रिज के दरवाजे को जरूरत से ज्‍यादा देर खुला ना छोड़ें, क्‍योंकि ऐसा करने पर फ्रिज की ठंडी हवा बाहर निकल जाएगी।
  • अक्‍सर इस्‍तेमाल होने वाले सामान के लिए छोटे कैबिनेट का इस्‍तेमाल करें।
  • गर्म खाना सीधे फ्रिज में रखने से बचें।

वाशिंग मशीन

  • रात 10 बजे के बाद या सुबह 10 बजे से पहले इस्‍तेमाल करें।
  • वाशिंग मशीन की भार-सीमा पूरी होने तक कपड़े भरने पर ही उसे चलाएं।
  • सबसे कम समयचक्र का इस्‍तेमाल करें।.
  • उपयुक्‍त मात्रा में पानी भरें।
  • ऊर्जा की बचत के लिए टाइमर की सुविधा का इस्‍तेमाल करें।
  • सही मात्रा में डिटरजेंट का इस्‍तेमाल करें।
  • गर्म पानी का इस्‍तेमाल केवल बहुत गंदे कपड़ों को साफ करने के लिए ही करें।
  • पानी में खंगालने (रिंस) के लिए हमेशा ठंडे पानी का इस्‍तेमाल करें।
  • इलेक्ट्रिक ड्रायर का इस्‍तेमाल करने के बजाय स्‍वत: कपड़े सूखने का विकल्‍प चुनें।

गीज़र

  • सुबह 10 बजे से पहले इस्‍तेमाल करें।
  • जरूरत ना हो तो स्विच ऑफ कर दें।
  • थर्मोस्‍टैट की सेटिंग 60º से घटाकर 50º C कर दें।.
  • सोलर वाटर हीटर का इस्‍तेमाल करें – यह इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर का अच्‍छा विकल्‍प है।

मिक्‍सर

फूड प्रोसेसर (मिक्‍सर और ग्राइंडर) में सूखे पदार्थ की पिसाई से बचें क्‍योंकि इसमें गीले पदार्थों की पिसाई से अधिक समय लगता है।

माइक्रोवेव अवन

  • पारंपरिक इलेक्ट्रिक / गैस स्‍टोव की तुलना में ऊर्जा की खपत में 50 प्रतिशत तक कटौती के लिए इन उपकरणों का इस्‍तेमाल करें।
  • बड़े खाद्य पदार्थों को ना सेंके (बेक ना करें)।
  • यदि ब्रेड या पेस्‍ट्री ना सेंकने हों, तो आपको प्रीहीट (पहले गर्म करना) की भी जरूरत नहीं होती।
  • भोजन की अवस्‍था देखने के लिए अवन के दरवाजे को बार-बार ना खोलें क्‍योंकि हर बार दरवाजा खुलने पर उसके अंदर का तापमान 25º C गिर जाता है

इलेक्ट्रिक स्‍टोव

  • खाना पकाने के निर्धारित समय से काफी पहले इलेक्ट्रिक स्‍टोव को बंद कर दें।
  • सपाट तले वाले बर्तनों का इस्‍तेमाल करें जो पूरी तरह कुकिंग कॉयल के संपर्क में आते हैं।

गैस स्‍टोव

  • गैस के बर्नर पर खाना पकाते समय मद्धम आंच रखें जिससे एलपीजी की बचत हो सके।
  • याद रखें कि नीली आंच का मतलब है कि आपका गैस स्‍टोव सही ढंग से काम कर रहा है।
  • पीली आंच इस बात का संकेत है कि बर्नर को सफाई की जरूरत है।
  • प्रेशर कुकर का ज्‍यादा से ज्‍यादा इस्‍तेमाल करें।
  • कुछ भी पकाते समय बर्तन पर ढक्‍कन रखें।

रे‍फ्रीजरेटर से निकाली गई चीज़ों (जैसे सब्‍जी, दूध, आदि) को गर्म करने के लिए गैस स्‍टोव पर रखने से पहले उनका तापमान कमरे के तापमान के बराबर होने दें।

एयर कंडीशनिंग

  • दरवाजों और खिड़कियों की उचित सीलिंग को सुनिश्चित करें।
  • सबसे बेहतर कूलिंग के लिए थर्मोस्‍टैट को 24º C पर सेट करें।
  • एसी का फिल्‍टर हर महीने साफ करें।
  • खिड़कियों पर फिल्‍म / हल्‍के रंगे शीशे लगवाएं।
  • एयर कंडीशनर में स्‍वत: तापमान कम करने के विकल्‍प को चुनें।
  • रेगुलेटर को "low cool" स्थिति में रखें।
  • विंडो एयर कंडीशनर के साथ सीलिंग फैन भी चलाएं ताकि ठंडी हवा ज्‍यादा प्रभावी ढंग से पूरे कमरे में फैल सके और एयर कंडीशनर को उच्‍चतर तापमान पर चलाएं।
  • दरवाजे और खिड़कियों को ठीक से सील करें।
  • हवा के बेहतर आवागमन के लिए एयर कंडीशनर और दीवारों के बीच पर्याप्‍त खाली स्‍थान छोड़ें।
  • छत पर बगीचा बना हो तो एयर कंडीशनर पर कम विद्युत-भार पड़ता है।
  • खिड़कियों पर सूरज की रोशनी को छानने वाली फिल्‍म / परदे लगाएं।
  • गर्मियों में थर्मोस्‍टैट को सुविधानुसार जितना अधिक पर सेट कर सकें उतना अच्‍छा रहेगा। कमरे के अंदर और बाहर के तापमान में जितना कम अंतर होगा, उतना ही ऊर्जा की खपत कम होगी।
  • एयर कंडीशनर को चालू करते समय उसे सामान्‍य अधिक ठंडा करने पर सेट ना करें। इससे आपका घर तेजी से ठंडा नहीं होता।
  • एयर-कंडीशनिंग थर्मोस्‍टेट के करीब लैंप या टीवी ना रखें। थर्मोस्‍टेट इन उपकरणों से गर्मी खींचता है, जिससे एयर कंडीशनर को जरूरत से ज्‍यादा देर तक चलाना पड़ सकता है।
  • एयर-कंडीशनर के शेड पर छाया के लिए पौधे, पेड़ या झाड़ी लगाएं लेकिन ध्‍यान रहे कि इससे वायु-प्रवाह बाधित ना हो। छाया में लगा एयर-कंडीशनर धूप में लगे एयर-कंडीशनर से 10 प्रतिशत कम बिजली की खपत करता है।

इन सरल उपायों पर अमल करके आप काफी मात्रा में ऊर्जा की बचत कर सकते हैं।

बचत लैंप योजना- एक परिचय

देश में बिजली की कुल मांग का लगभग 20 फीसदी हिस्सा रोशनी करने के काम आता है। देश के अधिकतर घरों में सामान्यतया 1 बल्ब से रोशनी की जाती है। ये बल्ब 90 फीसदी विद्युत को ऊष्मा में परिवर्तित कर देता है और केवल 10 फीसदी को प्रकाश के लिए इस्तेमाल करता है।

कॉम्पैंक्ट फ्लूरोसेंट लैंप (सीएफएल) इतना ही प्रकाश उपलब्ध कराते हैं, जबकि सामान्य बल्ब की तुलना में वे बिजली के पांचवें हिस्से की ही खपत करते हैं। सीएफएल व्यावसायिक बाजार में पूरी तरह अपनी पैठ बना चुका है और भारत में सीएफएल की बिक्री 2003 में 2 करोड़ से बढ़कर 2008 में 20 करोड़ तक पहुंच चुकी है। लाइटिंग एसोसिएशन के आंकड़े बताते हैं कि आवासीय क्षेत्र में सीएफएल का प्रयोग केवल 5 फीसदी से 10 फीसदी ही है। यह निम्न उपयोग दर सीएफएल के अधिक मूल्य के कारण है जो कि सामान्य बल्ब की तुलना में 8 से 10 गुना महंगा होता है।

एक अनुमान के मुताबिक आज भारत में करीब 40 करोड़ प्रकाशित स्थल सामान्यतया बल्ब से रोशन किए जाते हैं: इनकी जगह सीएफएल लगाने से बिजली की मांग में 10,000 मेगावाट की कमी आएगी।

बचत लैंप योजना का उद्देश्य

बचत लैंप योजना'का उद्देय आवासीय क्षेत्र में सामान्‍य बल्‍बों की जगह बड़े पैमाने पर सीएफएल लगाना है। इसके लिए बल्‍ब के मूल्‍य पर ही सीएफएल को उपलब्‍ध कराना होगा। सीएफएल के बाजार मूल्‍य और जिस दर पर इसे परिवारों को बेचा जाना है, उनके बीच अंतर को पाटने के लिए इस योजना के तहत क्‍योटो संधि के तहत स्‍वच्‍छ विकास प्रणाली (सीडीएम) का दोहन करने की बात शामिल है। बचत लैंप योजना का उद्घाटन फरवरी 2009 में किया गया।

बचत लैंप योजना राज्‍य स्‍तरीय विद्युत वितरण कंपनियों, निजी क्षेत्र के सीएफएल आपूर्तिकर्ताओं और भारत सरकार के बीच सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तौर पर डिजाइन की गई है। सीएफएल आपूर्तिकर्ता उच्‍च गुणवत्‍तापूर्ण सीएफएल को 15 रुपये के मूल्‍य पर परियोजना क्षेत्रों के परिवारों को बेचेंगे। बीईई के पैनल में शामिल सीएफएल आपूर्तिकर्ताओं की सूची में से एक सचेत प्रक्रिया के जरिए डीआईएससीओएम द्वारा सीएफएल आपूर्तिकर्ताओं का चयन किया जाएगा। योजना के अंतर्गत केवल 60 वाट और 100 वाट के सामान्‍य बल्‍ब की जगह क्रमश: 11-15 और 20-25 वाट के सीएफएल लगाए जाएंगे। हरेक परियोजना क्षेत्र में बीईई बिजली बचत के काम पर नजर रखेगा।

उम्‍मीद की जा रही है कि प्रत्‍येक परियोजना क्षेत्र में तकरीबन 50 लाख नए सीएफएल लगाए जाएंगे।

स्रोत:

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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