जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना की शुरुआत 2009 में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के एक हिस्से के रूप में की गई। इस मिशन का लक्ष्य 2022 तक 20 हजार मेगावाट क्षमता वाली ग्रिड से जोड़ी जा सकने वाली सौर बिजली की स्थापना और 2 हजार मेगावाट के समतुल्य गैर-ग्रिड सौर संचालन के लिए नीतिगत कार्य योजना का विकास करना है। इसमें सौर तापीय तथा प्रकाशवोल्टीय दोनों तकनीकों के प्रयोग का अनुमोदन किया गया। इस मिशन का उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।
मिशन का लक्ष्य
मिशन के लक्ष्य इस प्रकार हैं -
इस मिशन को तीन चरणों में लागू किया जाना है
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना के अंतर्गत निर्धारित किए गए लक्ष्य चरणबद्ध प्रणाली (चरण-1, 2, 3) में हैं और इनका ब्यौरा नीचे दिया गया है
चरण |
अवधि |
संचयी लक्ष्य (वर्गमीटर) |
चरण-1 |
वर्ष 2013 तक |
70 लाख |
चरण-2 |
वर्ष 2013-17 तक |
1.50 करोड़ |
चरण-3 |
वर्ष 2017-22 तक |
2 करोड़ |
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के पहले चरण के लक्ष्य इस प्रकार था
जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के अंतर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय विकेंद्रीकृत सौर उपकरणों जैसे कि प्रकाश के उपकरण, पानी गरम करने के उपकरण या सौर कूकर पर 30 प्रतिशत का अनुदान देती है। प्रकाश देने वाले उपकरणों पर इस अनुदान की सीमा 81 रूपये प्रति वॉट तक की है। संग्रहक क्षेत्र के उपकरण पर 3000 से 3300 रूपये प्रति वर्ग मीटर तक है और सौर कूकर के लिए संग्रहक क्षेत्र के प्रति वर्ग मीटर पर 3600 रूपये है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी ये लागू होंगे।
मिशन का चरण -1 पूरा कर लिया गया है और चरण-1 के अंत तक प्राप्त उपलब्धियां 7.001 मिलियन वर्गमीटर है। विद्युत, कोयला तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में यह जानकारी दी। चरण-1 के अंत तक प्राप्त उपलब्धियां 7.001 मिलियन वर्गमीटर है।
पहले चरण के लिए लक्ष्य (2010-13) |
पहले चरण की उपलब्धियां इस प्रकार से हैं |
ऑफ-ग्रिड सौर अनुप्रयोगों का आवंटन |
200 मेगावाट 252.5 मेगावाट
|
ग्रिड सौर ऊर्जा 1,100 मेगावाट
|
1,684.4355 मेगावाट |
सौर तापक संग्राहक (एसडब्लूएचएस) सौर खाना पकाने, सौर ठंडा, औद्योगिक प्रक्रिया गर्मी अनुप्रयोग आदि) |
70 लाख वर्गमीटर 70.01 लाख वर्गमीटर |
इन योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2010-11 से 2012-13 में कुल 1793.68 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई जिसमें 1758.28 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग पहले चरण में किया गया।
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन की ऑफ ग्रिड तथा विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा के अंतर्गत, मंत्रालय 27 रुपये प्रति डब्ल्यूपी से 135 रुपये प्रति डब्ल्यूपी के बीच सौर ऊर्जा पीवी प्रणाली तथा विद्युत संयंत्रों की स्थापना के लिए 30 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करता है। विशेष श्रेणी के राज्यों अर्थात पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, लक्षदीप और अंडमान निकोबार द्वीप के लिए मंत्रालय सरकारी संगठनों (वाणिज्य संगठनों और कारपोरेशनों के लिए नहीं) हेतु 81 रुपये प्रति डब्ल्यूपी से 405 रुपये प्रति डब्ल्यूपी के बीच 90 प्रतशित पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करता है।नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, सौर जल तापक प्रणाली, सौर लालटेन, घरों और सड़कों की लाइटें तथा पीवी पॉवर प्लांटो जैसे सौर फोटो वोल्टेइक प्रणालियों के लिए 30 प्रतिशत तक की केन्द्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) उपलब्ध करवा रहा है। यह सीएफए पूरे देश के लिए एक समान है, लेकिन विशेष श्रेणी के राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश द्वीपों और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जिलों में सौर जल तापक प्रणाली के लिए सीएफए 60 प्रतिशत तक और कुछ श्रेणियों की सरकारी संस्थानों के लिए सौर फोटो वोल्टेइक प्रणालियों के लिए यह 90 प्रतिशत तक है।
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (जेएनएनएसएम) के अंतर्गत विभिन्न कार्यान्वित स्कीम
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (जेएनएनएसएम) के अंतर्गत पहले ओर दूसरे चरण में विभिन्न स्कीमों को कार्यान्वित किया जा रहा है|
ग्रिड-संबद्ध सौर विद्युत परियोजनाओं की शुरू की गई क्षमता की राज्य–वार स्थिति का ब्यौरा निम्न प्रकार है:
जेएनएनएसएम के अंतर्गत ग्रिड-संबद्ध सौर विद्युत परियोजनाओं की शुरू किए जाने की स्थिति।
क्र.सं. |
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र |
शुरू की गई कुल क्षमता |
1 |
आंध्र प्रदेश |
234.8 |
2 |
अरूणाचल प्रदेश |
0.03. |
3 |
छत्तीसगढ़ |
7.60 |
4 |
गुजरात |
919.05 |
5 |
हरियाणा |
12.80 |
6 |
झारखंड |
16.00 |
7 |
कर्नाटक |
57.00 |
8 |
केरल |
0.03 |
9 |
मध्य प्रदेश |
353.58 |
10 |
महाराष्ट्र |
286.90 |
11 |
ओडिशा |
31.50 |
12 |
पंजाब |
55.77 |
13 |
राजस्थान |
835.50 |
14 |
तमिलनाडु |
104.20 |
15 |
उत्तर प्रदेश |
2.51 |
16 |
उत्तराखंड |
5.00 |
17 |
7.21 |
|
18 |
अंडमान और निकोबार |
5.10 |
19 |
दिल्ली |
5.47 |
20 |
लक्षद्वीप |
0.75 |
21 |
पुडुचेरी |
0.03 |
22 |
चंडीगढ़ |
2.00 |
23 |
अन्य |
0.79 |
|
कुल |
2970.66 |
भारत में ग्रामीण तथा साथ ही शहरी क्षेत्रों में जेएनएनएसएम की सौर ऑफ-ग्रिड अनुप्रयोग योजना के अंतर्गत सौर रोशनी प्रणालियां, सौर पीवी विद्युत संयंत्र और सौर पंप जैसी एसपीवी अनुप्रयोग की स्थापना करने के लिए 30 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी प्रदान कर रहा है।
स्रोत: स्थानीय समाचार, पत्र सूचना कार्यालय
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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