आम तौर पर 10 से 16 वर्ष में एक मानव शरीर में यौवन शुरू होता है। यह एक बच्चे की परिपक्व होने की क्रमिक प्रक्रिया है। प्रत्येक व्यक्ति में समय-समय पर परिवर्तन होते रहते हैं। शरीर, व्यवहार, और जीवन शैली में परिवर्तन उनमें से कुछ हैं। इस प्रक्रिया के दौरान होने वाले परिवर्तन शरीर, हाथों, पैरों और कमर के आसपास दिखाई देते हैं।
यहां शरीर की अच्छी तरह से देखभाल करने के लिए कुछ आवश्यक, सरल और बुनियादी बातें दी गई हैं:
किशोरावस्था मनुष्य के जीवन काल का एक ऐसा समय है जहां युवा और उनके माता-पिता के सामने कई समस्याएं आती हैं। कुछ बातों पर युवाओं को हमेशा ध्यान देना चाहिए, ये बातें हैं:
कई मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देर से बचपन और किशोरावस्था में उभर सकती हैं, किंतु प्रयास यह होना चाहिए कि सामाजिक कौशल, समस्याएं सुलझाने के कौशल और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी से इसका समाधान निकालना चाहिए। इस तरह के आचरण,विकार, चिंता, अवसाद के साथ ही यौन व्यवहार में भी परिवर्तन का कारक हो सकते हैं। इसलिए सामाजिक कौशल एवं आत्मविश्वास जैसे व्यवहार के रूप मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।
अवैध पदार्थ, तम्बाकू और शराब, स्वस्थ विकास की स्थिति के लिए बड़ी बाधा साबित हो सकते है। कानून के अलावा अन्य साथियों का दबाव और एक स्वस्थ तरीके से तनाव का प्रबंधन करने की क्षमता मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ीं समस्याओं को कम करने में प्रभावी होते हैं।
सड़क यातायात दुर्घटनाओं को कम करने, गंभीर चोट, दुर्घटनाग्रस्त किशोर और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण हैं-लागू गति सीमा। यातायता के नियमों के पालन में गति सीमा दुर्घटना को कम करने में काफी प्रभावी है।
जीवन कौशल बच्चों एवं किशोरों में सामाजिक विकास कार्यक्रमों के एक महत्वपूर्ण भाग के रुप में हिंसक व्यवहार को कम करने में महत्वपूर्ण है। इस कौशल के निर्माण में शिक्षक और माता पिता को सहायक बनाने की कोशिश की जा सकती है। जिससे समस्या को सुलझाने और अहिंसक होते हुए भी अनुशासित रखने में प्रभावी हुआ जा सकता है और इससे हिंसा में कमी आती है।
यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में किशोरों को शिक्षित करने के उद्देश्य से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, जिससे कि वे अपने जीवन में 'क्या सीखा है' को लागू करने के लिप्रेरित हो सकें। साथ ही ऐसा करने के उद्देश्य को कार्यक्रम के साथ जोड़ा जा सकता है। इससे आसानी से किशोरों और स्वास्थ्य कर्मियों को इन मामलों में जागरुक किया जा सकता है। किशोरावस्था में यौन बलात्कार के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर लड़ा जाना चाहिए।
एचआईवी संक्रमण से युवा लोगों के सामने खड़े जोखिम को यौन कैरियर की शुरुआती उम्र के साथ जोड़ा जाता है। यौन साथी के चयन और यौन व्यवहार करने के लिए सही समय, कंडोम उपयोग की जानकारी एवं एचआईवी संक्रमण रोकथाम की शिक्षा युवा लोगों के लिए अनिवार्य की जानी चाहिए।
स्रोत: RCH II
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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